Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9)  >  Worksheet Solutions: कारक और विभक्‍ति

Worksheet Solutions: कारक और विभक्‍ति | संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9) PDF Download

अधोलिखितेषु प्रश्नेषु उचित विकल्पस्य चयनं कुरुत।

1. नीलकमलम् इति कः समासः ?
(i)
अव्ययीभाव
(ii) तत्पुरुष
(iii) कर्मधारय
(iv) द्विगु
उत्तरम्: (iii) कर्मधारय

2. राजपुरुषः समासस्य विग्रहः –
(i) 
राज्ञः पुरुषः
(ii) राजा पुरुषः
(iii) पुरुष राज्ञः
(iv) राजपुरुषम्
उत्तरम्: (i) राज्ञः पुरुषः

3. पीताम्बरः इत्यस्मिन् समासे प्रधानः पदार्थः कः ?
(i) 
पीतम्
(ii) अम्बरम्
(iii) विष्णुः
(iv) वस्त्रम्
उत्तरम्: (ii) अम्बरम्

4. संख्यापूर्वो द्विगुः इत्यस्मिन् समासे पूर्वपदं किम् ?
(i)
संज्ञा
(ii) विशेषण
(iii) संख्या
(iv) अव्यय
उत्तरम्: (iii) संख्या

5. द्वन्द्वसमासे ‘च’ उपसर्गस्य प्रयोजनम् किम् ?
(i)
पूर्वपदम्
(ii) उत्तरपदम्
(iii) उभयोः पदयोः साकांक्षा सूचनम्
(iv) समासस्य अर्थनिर्माणम्
उत्तरम्: (iii) उभयोः पदयोः साकांक्षा सूचनम्

कोष्ठकात् उचितं पदं चित्वा रिक्तस्थाने लिखत।

1. नीलम् कमलम् = _____________ (नीलकमलम् / नीलकमलम्)
उत्तरम्: नीलकमलम्

2. राज्ञः पुरुषः = _____________ (राजपुरुषः / पुरुषराजः)
उत्तरम्: राजपुरुषः

3. पीतम् अम्बरम् = _____________ (पीताम्बरः / अम्बरपीतम्)
उत्तरम्: पीताम्बरः

4. संख्यापूर्वो द्विगुः = _____________ (द्विगुः / संख्यावाचि)
उत्तरम्: द्विगुः

5. धर्मः च अर्थः च = _____________ (धर्मार्थी / अर्थधर्मी)
उत्तरम्: धर्मार्थौ

अधोलिखितानि प्रश्नानि उत्तराणि एकपदेन लिखत।

1. अव्ययीभावसमासस्य प्रथमपदं किम् ?
उत्तरम्: अव्ययम्

2. त्पुरुषसमासे उत्तरपदं प्रधानं किम् ?
उत्तरम्: उत्तरपदं

3. कर्मधारयसमासे पूर्वपदं प्रधानं किम् ?
उत्तरम्: पूर्वपदं

4. बहुव्रीहि समासे अन्यपदार्थस्य प्रधानता अस्ति वा नास्ति ?
उत्तरम्: अस्ति

5. द्वन्द्वसमासे ‘च’ उपसर्गस्य कार्यं किम् ?
उत्तरम्: साकांक्षा-सूचना

अधोलिखितानि प्रश्नानि उत्तराणि ३–४ पङ्क्तिषु पूर्णवाक्यरूपेण लिखत।

1. समास इत्यस्य परिभाषा कथं ?
उत्तरम्: समासः इति द्वयोः वा अधिकपदानां संयोगः येन एकं नूतनं पदं निर्मीयते।
समासेन वाक्यं संक्षिप्यते, अर्थः च स्पष्टः भवति।
उदाहरणम् – “राजपुरुषः” इति शब्दः “राज्ञः पुरुषः” इत्यस्य संक्षिप्तरूपम् अस्ति।

2. अव्ययीभावसमासे कः पदः पूर्वपदं भवति ?
उत्तरम्: अव्ययीभावसमासे अव्ययपदं पूर्वपदं भवति।
यथा – “उपग्रामं गच्छति” इत्यत्र “उपग्रामम्” इति अव्ययीभावसमासः।
अत्र “उप” इत्यव्ययम् पूर्वपदं अस्ति, यत् सम्पूर्णपदस्य अर्थं नियंत्रयति।

3. तत्पुरुषसमासस्य विशेषः कः ?
उत्तरम्: तत्पुरुषसमासे उत्तरपदं प्रधानं भवति।
पूर्वपदं तस्य विशेषणरूपेण कार्यं करोति।
उदाहरणम् – “राजपुरुषः” इत्यत्र “राज्ञः सेवकः” इत्यर्थः भवति, अत्र “पुरुषः” प्रधानं पदम्।

4. द्विगु समासे पूर्वपदं कस्य प्रकारस्य भवति ?
उत्तरम्: द्विगु समासे पूर्वपदं संख्यावाचकं भवति।
अर्थात् यत्र संख्या प्रथमं पदं भवति, तत्र सः द्विगुसमासः।
उदाहरणम् – “त्रिलोकः” (तीन लोक), “चतुर्वेदः” (चार वेद) इत्यादयः।

5. बहुव्रीहि समासस्य प्रयोगः कथं भवति ?
उत्तरम्: बहुव्रीहि समासे उभयपदयोः अपि अन्यस्य अर्थे प्रधानता भवति।
अर्थात् यः समासः तयोः पदयोः अर्थं न वदति, किन्तु तेन सम्बद्धस्य व्यक्तेः सूचनां करोति।
उदाहरणम् – “पीताम्बरः” (यस्य अम्बरं पीतम् अस्ति सः — विष्णुः)।

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FAQs on Worksheet Solutions: कारक और विभक्‍ति - संस्कृत कक्षा 9 (Sanskrit Class 9)

1. कारक क्या है और इसके प्रकार कौन-कौन से हैं ?
Ans. कारक शब्द का अर्थ है 'कारण' या 'कार्य'। संस्कृत व्याकरण में, कारक वह तत्व है जो किसी क्रिया या कार्य का संबंध दर्शाता है। इसके मुख्य प्रकार पाँच हैं: कर्म कारक, करण कारक, संप्रदान कारक, अपादान कारक और अधिकरण कारक।
2. विभक्ति का क्या अर्थ है और यह कैसे कार्य करती है ?
Ans. विभक्ति का अर्थ है 'विभाजित करना' या 'विभाजन'। यह एक व्याकरणिक तत्व है जो संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के रूप को बदलता है, जिससे उसका वाक्य में उपयोग स्पष्ट होता है। विभक्तियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं, जैसे कि प्रथमा, द्वितीया, तृतीया आदि, जो वाक्य में शब्दों के संबंध को निर्दिष्ट करती हैं।
3. कर्म कारक क्या है और इसे कैसे पहचानें ?
Ans. कर्म कारक वह कारक है जो क्रिया के कार्य को दर्शाता है या उसके प्रति जो वस्तु प्रभावित होती है, उसे इंगित करता है। इसे पहचानने के लिए, वाक्य में उस शब्द को देखना होता है जो क्रिया का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रभाव दर्शाता है, जैसे 'राम ने सीता को बुलाया' में 'सीता' कर्म कारक है।
4. विभक्तियों और कारकों का वाक्य में महत्व क्या है ?
Ans. विभक्तियाँ और कारक वाक्य में शब्दों के बीच संबंध को स्पष्ट करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये वाक्य की संरचना को व्यवस्थित करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि वाक्य का अर्थ स्पष्ट और सटीक हो। इनके अभाव में वाक्य में भ्रम पैदा हो सकता है।
5. क्या विभक्ति और कारक एक ही चीज हैं या उनके बीच कोई अंतर है ?
Ans. विभक्ति और कारक एक ही चीज नहीं हैं, बल्कि ये एक-दूस complement करती हैं। विभक्ति शब्द के रूप में परिवर्तन करती है, जबकि कारक क्रिया के संबंध को दर्शाता है। दोनों मिलकर वाक्य की स्पष्टता और संरचना को सुनिश्चित करते हैं।
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