Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)  >  NCERT Solutions: साँवले सपनों की याद

साँवले सपनों की याद NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij) PDF Download

प्रश्न अभ्यास 

प्रश्न 1:  किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया ? 
उत्तर. एक बार बचपन में सालिम अली की एयरगन से एक गौरैया घायल होकर गिर पड़ी । इस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया ।  वे गौरैया की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में जुट गए | उसके बाद उनकी रूचि पूरे पक्षी-संसार की और मुड़ गयी। वे पक्षी-प्रेमी बन गए।


प्रश्न 2: सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्याबरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं?
उत्तर. 
सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह के सामने केरल की साइलेंट-वैली संबन्धी खतरों की बात उठाई होगी। उस समय केरल पर रेगिस्तानी हवा के झोंको का खतरा मंडरा रहा था। वहाँ का पर्यावरण दूषित हो रहा था। प्रधानमंत्री को वातावरण की सुरक्षा का ध्यान था। पर्यावरण के दूषित होने के खतरे के बारे में सोचकर उनकी आँखे नम हो गई।


प्रश्न 3:  लॉरेंस की पत्नी फ्रीदा ने ऐसा क्यों कहा होगा की "मेरी छत पर बैठने वाली गोरैया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?"
उत्तर. 
लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा जानती थी कि लॉरेंस को गौरैया से बहुत प्रेम था। वे अपना काफी समय गौरैया के साथ बिताते थे। गौरैया भी उनके साथ अंतरंग साथी जैसा व्यवहार करती थी। उनके इसी पक्षी-प्रेम को उद्घाटित करने के लिए उन्होंने यह वाक्य कहा।

प्रश्न 4: आशय स्पष्ट कीजिए -
(क) वो लारेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।
(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा !
(ग) सलीम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।
उत्तर 

(क) लॉरेंस का जीवन बहुत सीधा-साधा था, प्रकृति के प्रति उनके मन में जिज्ञासा थी। सालिम अली का व्यक्तित्व भी लॉरेंस की तरह ही सुलझा तथा सरल था।
(ख) यहाँ लेखक का आशय है कि मृत व्यक्ति को कोई जीवित नहीं कर सकता। हम चाहे कुछ भी कर लें पर उसमें कोई हरकत नहीं ला सकते।
(ग) सलीम अली प्रकृति के खुले संसार में खोंज करने के लिए निकले । उन्होंने स्वयं को किसी सीमा में कैद नहीं किया । वे एक टापू की तरह किसी स्थान विशेष या पशु-पक्षी विशेष में सीमित नहीं थे । उन्होंने अथाह सागर की तरह प्रकृति में जो-जो अनुभव आयी, उन्हें सँजोया । उनका कार्यक्षेत्र बहुत विशाल था ।

प्रश्न 5: इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
उत्तर. 

लेखक की भाषा-शैली की विशेषताएँ:

  • इनकी शैली चित्रात्मक है। पाठ को पढ़ते हुए इसकी घटनाओं का चित्र उभर कर हमारे सामने आता है।
  • लेखक ने भाषा में हिंदी के साथ-साथ कहीं-कहीं उर्दू तथा कहीं-कहीं अंग्रेज़ी के शब्दों का प्रयोग भी किया है।
  • इनकी भाषा अत्यंत सरल तथा सहज है
  • अपने मनोभावों को प्रस्तुत करने के लिए लेखक ने अभिव्यक्ति शैली का सहारा लिया है।

प्रश्न 6: इस पाठ में लेखक ने सलीम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर. 

  • सलीम अली अनन्य प्रकृति-प्रेमी थे। प्रकृति तथा पक्षियों के प्रति उनके मन में कभी न खत्म होने वाली जिज्ञासा थी। लेखक के शब्दों में, "उन जैसा 'बर्ड-वाचर' शायद कोई हुआ है।
  • "उन्हें दूर आकाश में उड़ते पक्षियों की खोंज करने का तथा उनकी सुरक्षा के उपाय खोजने का असीम चाव था । वे स्वभाव से परम घुमक्कड़ और यायावर थे । 
  • लम्बी यात्राओं ने उनके शरीर को कमज़ोर कर दिया था। व्यवहार में वे सरल-सीधे और भोले इंसान थे। वे बाहरी चकाचौंध और विशिष्टता से दूर थे।

प्रश्न 7:  "साँवले सपनों की याद" शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिये।
उत्तर. 

  • "साँवले सपनों की याद" एक रहस्यात्मक शीर्षक है। यह रचना लेखक जाबिर हुसैन द्वारा अपने मित्र सलीम अली की याद में लिखा गया संस्मरण है। साँवले सपने" मनमोहक इच्छाओं के प्रतीक हैं।  ये सपने प्रसिद्द पक्षी-प्रेमी सलीम अली से संबंधित हैं।  
  • सलीम अली जीवन-भर सुनहरे पक्षियों की दुनिया में खोए रहे।  वे उनकी सुरक्षा और खोंज के सपनों में खोए रहे।  ये सपने हर किसी को नहीं आते।  हर कोई पक्षी-प्रेम में इतना नहीं डूब सकता।  इसलिए आज जब सलीम अली नहीं रहे तो लेखक को उन साँवले सपनों की याद आती है जो सलीम अली की आँखों में बसते थे।
  • ये शीर्षक सार्थक तो है किन्तु गहरा रहस्यात्मक है।  चन्दन की तरह घिस-घिस कर इसके अर्थ तथा प्रभाव तक पहुँचा जा सकता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8:  प्रस्तुत पाठ सलीम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं ?

उत्तर.
पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित योगदान दे सकते हैं:

  • हमें पेड़ों की कटाई को रोकना होगा।
  • वायु को शुद्ध करने के लिए पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
  • प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कम-से-कम प्रयोग करेंगे।
  • जल प्रदूषित नहीं होने देना चाहिए।
  • हमें आस पास के वातावरण को साफ़ सुथरा रखने के लिए कूड़ेदान का प्रयोग करना चाहिये।

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FAQs on साँवले सपनों की याद NCERT Solutions - Hindi Class 9 (Kritika and Kshitij)

1. "साँवले सपनों की याद" लेख का मुख्य विषय क्या है?
Ans. "साँवले सपनों की याद" लेख में मानव जीवन की यादों और अनुभवों की गहराई को दर्शाया गया है। यह लेख सपनों, आकांक्षाओं और उनके पीछे की भावनाओं के बारे में बात करता है, जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं।
2. इस लेख में किस प्रकार की भावनाओं का वर्णन किया गया है?
Ans. इस लेख में मुख्य रूप से प्रेम, nostalgia, और आशा की भावनाओं का वर्णन किया गया है। लेखक ने उन अनुभवों को साझा किया है जो जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
3. "साँवले सपनों की याद" का लेखक कौन है और उनकी लेखनी की विशेषताएँ क्या हैं?
Ans. "साँवले सपनों की याद" का लेखक एक प्रसिद्ध हिंदी लेखक हैं, जिनकी लेखनी में संवेदनशीलता और गहराई होती है। उनकी विशेषताएँ हैं सरल भाषा, गहन भावना, और मानव अनुभवों का सजीव चित्रण।
4. इस लेख में दिए गए विचारों का जीवन में क्या महत्व है?
Ans. इस लेख में दिए गए विचार हमें यह समझाने में मदद करते हैं कि हमारे सपने और यादें हमें कैसे आकार देते हैं। ये विचार जीवन में सकारात्मकता और प्रेरणा का संचार करते हैं, जो हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
5. "साँवले सपनों की याद" के प्रमुख पात्र कौन हैं और उनका क्या योगदान है?
Ans. "साँवले सपनों की याद" में मुख्य पात्र वे लोग हैं जो लेखक के जीवन में महत्वपूर्ण रहे हैं। ये पात्र उनके सपनों और यादों के माध्यम से लेखक की भावनाओं और अनुभवों को जीवंत करते हैं, जो पाठक को एक गहरी सोच में डालते हैं।
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