
कहानी से
प्रश्न 1: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से क्यों जाता था और बदलू को 'बदलू मामा' न कहकर 'बदलू काका' क्यों कहता था?
उत्तर: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव चाव से इसलिए जाता था क्योंकि लेखक के मामा के गाँव में लाख की चूड़ियाँ बनाने वाला कारीगर बदलू रहता था। लेखक को बदलू काका से अत्यधिक लगाव था। वह लेखक को ढेर सारी लाख की रंग-बिरंगी गोलियाँ देता था इसलिए लेखक अपने मामा के गाँव चाव से जाता था। गाँव के सभी लोग बदलू को ‘बदलू काका’ कहकर बुलाते थे इस कारण लेखक भी ‘बदलू मामा’ न कहकर ‘बदलू काका’ कहता था।
प्रश्न 2: वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?
उत्तर: ‘वस्तु विनिमय’ में एक वस्तु को दूसरी वस्तु देकर लिया जाता था। वस्तु के लिए पैसे नहीं लिए जाते थे। वस्तु के बदले वस्तु ली-दी जाती थी। किन्तु अब मुद्रा के चलन के कारण वर्तमान परिवेश में वस्तु का लेन-देन मुद्रा के द्वारा होता है। विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसा है।
प्रश्न 3: ' मशीनी युग' ने कितने हाथ काट दिए हैं।' - इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यवस्था की ओर संकेत किया है?
उत्तर: इस पंक्ति में लेखक ने कारीगरों की व्यथा की ओर संकेत किया है कि मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथ से काम-धंधा छिन गया। मानो उनके हाथ ही कट गए हों। उन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धन्धों से ही चलता था। उसके अलावा उन्होंने कभी कुछ नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस कला को बढ़ाते चले आ रहे हैं और साथ में रोज़ी रोटी भी चला रहें हैं। परन्तु मशीनी युग ने जहाँ उनकी रोज़ी रोटी पर वार किया है, मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया।
प्रश्न 4: बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर: बदलू लाख की चूड़ियाँ बनाकर उन्हें बेचकर अपना घर चलाता था, लेकिन जब मशीनों का आगमन हुआ, तो लोग कांच की चूड़ियों को ज्यादा पसंद करने लगे। इससे बदलू का काम बंद हो गया। अपने काम की इस हालत को देखकर बदलू अंदर ही अंदर उदास रहने लगा। वह सोचने लगा कि मशीनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण उसके जैसे कई और कारीगरों को भी अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा होगा। अब लोग कारीगरों के हाथों से बनाई चीजों के बजाय मशीनों से बनी चीजें ज्यादा पसंद करने लगे थे। बदलू की यह तकलीफ लेखक से छिपी नहीं रही।
प्रश्न 5: मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?
उत्तर: मशीनी युग से बदलू के जीवन में यह बदलाव आया कि बदलू का व्यवसाय बंद हो गया। वह बेरोजगार हो गया। काम न करने से उसका शरीर भी ढल गया, उसके हाथों-माथे पर नसें उभर आईं। अब वह बीमार रहने लगा।
प्रश्न 6: लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीज़ें बनती है?
उत्तर: लाख की वस्तुओं का निर्माण सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में होता है। लाख से चूड़ियाँ, मूर्तियाँ, गोलियाँ तथा सजावट की वस्तुओं का निर्माण होता है।
कहानी से आगे
प्रश्न 1: आपने मेले-बाज़ार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा, आपके मन में किसी चीज़ को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।उत्तर: मैंने मेले और बाजारों में हाथ से बने रंग-बिरंगे खिलौने, रंग-बिरंगी और सफेद मोमबत्तियाँ, हाथ के पंखे, और जूट से बने सामान देखे हैं। ये सभी चीजें बहुत आकर्षक और मनमोहक होती हैं। मैंने एक कलाकार के पास जाकर जूट से बने सामानों को बनाना सीखना शुरू किया। लगभग छह महीने की मेहनत के बाद मैं खुद से सामान बनाकर बेचने लगा। इससे मुझे अतिरिक्त आमदनी होने लगी, जो मेरे लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ।
प्रश्न 2: लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजें बनती हैं? ज्ञात कीजिए।उत्तर: लाख से बनी वस्तुओं का निर्माण भारत के राजस्थान, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश आदि में होता है। लाख से सुंदर-सुंदर खिलौने, घर की सजावटी वस्तुएँ, आभूषण, मूर्तियाँ, चूड़ियाँ, डाकखाने में मुहर तथा पैकिंग सील बनाई जाती हैं।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1: घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?उत्तर: घर में मेहमान आने पर, मैं उन्हें यथोचित प्रणाम कर बैठक में बिठाऊँगा। उन्हें जलपान कराकर, आने का कारण पूछूँगा। यदि उन्हें पिताजी से काम है, तो बताऊँगा कि वे कब तक आएँगे। अगर वे रुककर इंतजार करते हैं, तो उनके साथ प्रेमपूर्वक बातें करूँगा और उनकी सुविधा का ध्यान रखूँगा।
प्रश्न 2: आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है? लिखिए।उत्तर: मुझे छुट्टियों में अपने नाना-नानी के घर जाना सबसे अच्छा लगता है। वहाँ की दिनचर्या यहाँ की दिनचर्या से बिल्कुल अलग होती है। वहाँ मामा के लड़के और लड़की के साथ खेलते हुए खेतों की ओर जाना, बाग में पेड़ पर चढ़ना, गर्मियों में आम तोड़ना, और बाग में पेड़ों की छाया में कई तरह के खेल खेलना मुझे बहुत पसंद है। शाम को नानी से कहानियाँ सुनना और सबके साथ बैठकर गपशप करना भी बहुत अच्छा लगता है।
प्रश्न 3: मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं, आप अपने आसपास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।उत्तर: मशीनी युग में कई बदलाव हम अपने आसपास देख सकते हैं। इसका एक उदाहरण मैं अपनी कॉलोनी के पास के खेतों में देखता हूँ। कुछ समय पहले तक खेती के ज्यादातर काम बैलों और हाथों से किए जाते थे, लेकिन अब जुताई ट्रैक्टर से की जाती है, बीज बुवाई सीडड्रिल से होती है, निराई-गुड़ाई के लिए कल्टीवेटर का उपयोग होता है, खरपतवार हटाने के लिए खरपातीनाशी का मशीनों से छिड़काव किया जाता है। कटाई हारवेस्टिंग मशीन से होती है और मड़ाई का काम प्रेशर से किया जाता है। भूसा और अनाज ट्रैक्टर से ढोकर घर तक लाए जाते हैं।
प्रश्न 4: बाज़ार में बिकने वाले सामानों की डिजाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता हैआप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।उत्तर: आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है। आज नित नए आविष्कार होने से तरह-तरह की वस्तुएँ बाजार में आ रही हैं। बाजार में वस्तुएँ असीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। लोगों की रुचि, आवश्यकता तथा उनकी आय देखकर वस्तुएँ बनाई जाने लगी हैं। खाने-पहनने तथा नित्य प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं की मात्रा में विविधता बढ़ती जा रही है। नित नए फैशन के कपड़ों से बाजार भरा पड़ा है।
प्रश्न 5: हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है, इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए।उत्तर: विज्ञान के इस युग में जब सब कुछ बदल रहा है, हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़े भी इस बदलाव से अछूते नहीं हैं। इस बदलाव का असर सभी पर देखा जा सकता है। कुछ लोगों की बातचीत को आधार मानकर कहा जा सकता है कि कुछ लोगों के विचार में यह बदलाव अच्छा है, जबकि कुछ लोग इतनी तेजी से हो रहे बदलाव को शुभ संकेत नहीं मानते हैं।
इस विषय पर दो समूह बनाकर, पक्ष-विपक्ष में अपनी बात रखते हुए छात्र स्वयं चर्चा करें तथा बातचीत के आधार पर आलेख तैयार करें।
भाषा की बात
प्रश्न 1: बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूडि़यों से’ और बदलू स्वयं कहता है -” जो सुंदरता काँच की चूडि़यों में होती है लाख में कहाँ संभव है? ”ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है। हारे हुए मन से, या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यानपूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।उत्तर: व्यंग्य वाक्य:(क) “अब वो पहले वाली बात कहाँ ?” (ख) मशीन युग है न यह, लला! आजकल सब काम मशीन से होता है।
(ग) गाय कहाँ है, लला! दो साल हुए बेच दी। कहाँ से खिलाता ?
व्याख्या: (क) आजकल किसी के भी मुँह से यह सुनने को मिलता है की अब वो पहले वाली बात कहाँ ? यानि की किसी भी चीज में चाहे वह खाना हो या फिर लोग। सभी यही कहते है की अब वह पहले वाली बात कहाँ ? (ख) इन पंक्तियों में मशीन युग की बात की है कि सब काम मशीन से होता है। इसका अभिप्राय यह है कि हाथ से किया जाने वाला काम कम हो गया है और कारीगर बेकार हो गए हैं। उनके पास करने के लिए कोई काम नहीं बचा है।(ग) ‘कहाँ से खिलाता’ में आर्थिक मजबूरी की ओर संकेत किया है। इसी कारण से गाय बेच दी गई। जब तक बदलू चूड़ियाँ बनाता था, तब तक सब सुविधाएँ थीं। बेरोजगार होने से सुविधाएँ भी छूट गई हैं।प्रश्न 2: बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है –
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे – लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर: (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा – बदलू, बेलन, मचिया ,जमींदार, मामा।(ख) जातिवाचक संज्ञा – आदमी, मकान, शहर, औरतें, चारपाई, बेटी, बच्चे, चूड़ियाँ।(ग) भाववाचक संज्ञा – स्वभाव, रूचि, व्यथा, प्रसन्नता, व्यक्तित्व, शांति, पढ़ाई।प्रश्न 3: गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर: सकूल - स्कुलएतवार - इतवारबलब - बल्बगिलास - ग्लासइंसान – मनुष्य
रंज – दुख
गम – मायूसी
ज़िंदगी – जीवन
औलाद – संतान