Table of contents | |
कहानी से | |
कहानी से आगे | |
अनुमान और कल्पना | |
भाषा की बात |
उत्तर: बचपन में लेखक अपने मामा के गाँव बहुत उत्साह से जाता था क्योंकि वहाँ एक कारीगर था जिसका नाम बदलू था, जो लाख की चूड़ियाँ बनाता था। लेखक को बदलू काका से बहुत लगाव था। बदलू काका लेखक को रंग-बिरंगी लाख की गोलियाँ दिया करते थे, जो लेखक को बहुत पसंद थी। इसलिए लेखक हर बार खुशी-खुशी अपने मामा के गाँव जाता था। गाँव के सभी लोग बदलू को 'बदलू काका' कहते थे, इसलिए लेखक भी उसे 'बदलू मामा' नहीं, बल्कि 'बदलू काका' कहता था।
प्रश्न 2: वस्तु-विनिमय क्या है ? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है ?
उत्तर: ‘वस्तु विनिमय’ में एक वस्तु को दूसरी वस्तु देकर लिया जाता था। वस्तु के लिए पैसे नहीं लिए जाते थे। वस्तु के बदले वस्तु ली-दी जाती थी। किन्तु अब मुद्रा के चलन के कारण वर्तमान परिवेश में वस्तु का लेन-देन मुद्रा के द्वारा होता है। विनिमय की प्रचलित पद्धति पैसा है।
प्रश्न 3: ' मशीनी युग' ने कितने हाथ काट दिए हैं।' - इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यवस्था की ओर संकेत किया है ?
उत्तर: इस पंक्ति में लेखक ने कारीगरों की व्यथा की ओर संकेत किया है कि मशीनों के आगमन के साथ कारीगरों के हाथ से काम-धंधा छिन गया। मानो उनके हाथ ही कट गए हों। उन कारीगरों का रोजगार इन पैतृक काम धन्धों से ही चलता था। उसके अलावा उन्होंने कभी कुछ नहीं सीखा था। वे पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी इस कला को बढ़ाते चले आ रहे हैं और साथ में रोज़ी रोटी भी चला रहें हैं। परन्तु मशीनी युग ने जहाँ उनकी रोज़ी रोटी पर वार किया है। मशीनों ने लोगों को बेरोजगार बना दिया।
प्रश्न 4: बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
उत्तर: बदलू लाख की चूड़ियाँ बनाकर उन्हें बेचकर अपना घर चलाता था, लेकिन जब मशीनों का आगमन हुआ, तो लोग कांच की चूड़ियों को ज्यादा पसंद करने लगे। इससे बदलू का काम बंद हो गया। अपने काम की इस हालत को देखकर बदलू अंदर ही अंदर उदास रहने लगा। वह सोचने लगा कि मशीनों के बढ़ते इस्तेमाल के कारण उसके जैसे कई और कारीगरों को भी अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ा होगा। अब लोग कारीगरों के हाथों से बनाई चीजों के बजाय मशीनों से बनी चीजें ज्यादा पसंद करने लगे थे। बदलू की यह तकलीफ लेखक से छिपी नहीं रही।
प्रश्न 5: मशीनी युग से बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया ?
उत्तर: बदलू के जीवन में मशीनों के आगमन से यह बदलाव आया की वह अब बेरोजगार हो चूका है उसका घर चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। काम न करने से उसका शरीर भी समय से पहले बूढ़ा दिखने लगा है वह बीमार भी रहने लगा है।
प्रश्न 6: लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है? लाख से चूड़ियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीज़ें बनती है?
उत्तर: लाख की वस्तुओं का निर्माण सर्वाधिक उत्तरप्रदेश में होता है। लाख से चूड़ियाँ, मूर्तियाँ, गोलियाँ तथा सजावट की वस्तुओं का निर्माण होता है।
प्रश्न 2: बदलू’ कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है –
(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे – लला, रज्जो, आम, काँच, गाय इत्यादि
(ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे – चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा।
(ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे – सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
उत्तर: (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा – बदलू, जनार्दन, रज्जो।
(ख) जातिवाचक संज्ञा – आदमी, मकान ,शहर।
(ग) भाववाचक संज्ञा – स्वाभाव,व्यथा ,रूचि।
प्रश्न 3: गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।
उत्तर: सकूल - स्कुल
एतवार - इतवार
बलब - बल्ब
गिलास - ग्लास
इंसान – मनुष्य
रंज – दुख
गम – मायूसी
ज़िंदगी – जीवन
औलाद – संतान
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1. "लाख की चूड़ियाँ" कहानी का मुख्य विषय क्या है? |
2. इस कहानी में पात्रों का क्या महत्व है? |
3. "लाख की चूड़ियाँ" कहानी से हमें कौन-सी सीख मिलती है? |
4. क्या इस कहानी में कोई विशेष प्रतीक या रूपक है? |
5. "लाख की चूड़ियाँ" कहानी का अंत किस प्रकार होता है? |
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