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बाज और साँप NCERT Solutions | Hindi Class 8 PDF Download

प्रश्न-अभ्यास

शीर्षक और नायक

प्रश्न: लेखक ने इस कहानी का शीर्षक कहानी के दो पात्रों के आधार पर रखा हैलेखक ने इस कहानी के लिए बाज और साँप को ही क्यों चुना होगा? क्या यही कहानी किसी और पात्रों द्वारा भी कही जा सकती है? आपस में चर्चा कीजिए
उत्तर: 'बाज़ और साँप' कहानी दो कहानियों के संयोग से मिलकर बनी है। एक कहानी का केंद्र-बिंदु साँप है, तो दूसरी कहानी का केंद्र-बिंदु बाज़ है। दोनों कहानियाँ एक-दूसरे के बिना अधूरी एवं उद्देश्यहीन-सी जान पड़ती हैं। इसलिए लेखक ने दोनों कहानियों को एक करके दोनों नायकों बाज़ और साँप के नाम पर कहानी का शीर्षक रखा, जो उचित जान पड़ता है।

कहानी से

प्रश्न 1: घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, "मुझे कोई शिकायत नहीं है?" विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर: घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि – “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि वह किसी भी कीमत पर समझौतावादी जीवन शैली पसंद नहीं करताथा। वह अपने अधिकारों के लिए लड़ने में विश्वास रखता था। उसने अपनी ज़िंदगी को भरपूर भोगा। वह असीम आकाश में जी भरकर उड़ान भर चुका था।जब तक उसके शरीर मेंताकत रही तब तक ऐसा कोई सुख नहीं बचा जिसे उसने न भोगा हो। वह अपने जीवन से पूर्णतः संतुष्ट था।

प्रश्न 2: बाज ज़िंदगी भर आकाश में ही उड़ता रहा, फिर घायल होने के बाद भी वह उड़ना क्यों चाहता था?
उत्तर: बाज़ ज़िन्दगी भर आकाश में उड़ता रहा, लेकिन घायल होने के बाद भी वह उड़ना चाहता था, क्योंकि वह कमज़ोर और लाचार जीवन नहीं जीना चाहता था। वह स्वच्छंदतापूर्वक गगन में विचरण करना चाहता था। वह साँप के समान एक स्थान पर दुबक कर नहीं रह सकता था। उसे भाग्य की अपेक्षा अपने कर्म पर विश्वास था। इसलिए वह अपनी कर्मभूमि में उड़ जाना चाहता था, जहाँ उसे किसी प्रकार की कोई रोक-टोक न हो; उसे प्रत्येक स्थान पर जाने की पूरी स्वतंत्रता हो।

प्रश्न 3: साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था। फिर भी उसने उड़ने की कोशिश क्यों की?
उत्तर: साँप उड़ने की इच्छा को मूर्खतापूर्ण मानता था, क्योंकि वह सोचता था कि उड़ने और रेंगने के बीच कोई विशेष अंतर नहीं है। अंत में सबके भाग्य में मरना ही लिखा है। लेकिन फिर साँप ने उड़ने की, कोशिश की क्योंकि उसके मन में ईर्ष्या उत्पन्न हो चुकी थी। दिल के किसी कोने में आकाश में छिपे आनंद को भोगने का लालच छिपा हुआ था। इसी कारण साँप ने उड़ने की कोशिश की, ताकि वह भी बाज़ के समान स्वतंत्रतापूर्वक विचरण कर आनंद का भोग कर सके।

प्रश्न 4: बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था?
उत्तर: बाज़ एक साहसी एवं वीर पक्षी था। उसने अपने कर्म के लिए त्याग एवं बलिदान का कार्य किया था। इन सबसे ऊपर उसने घायल अवस्था में भी हिम्मत नहीं हारी थी। वह हर स्थिति का सामना करना चाहता था। वह भाग्य के सहारे न जी कर अपने कर्मों के अनुसार भाग्य बनाना चाहता था। शायद इसलिए बाज़ की मृत्यु पर लहरें चट्टानों से टकरा-टकरा ऐसी ध्वनियाँ उत्पन्न कर रही थीं, मानो वे उसके लिए आँसू बहा रही हों। लहरों ने जान हथेली पर रखकर चलने वाले बाज़ की वीरता और शौर्य को देखकर ही गीत गाए थे।

प्रश्न 5: घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?
उत्तर: घायल बाज़ को देखकर साँप इसलिए खुश हुआ होगा क्योंकि अब उसे बाज़ से कोई खतरा नहीं था। उसे बाज़ पर हँसने और उस पर ताने मारने का अवसर मिल चुका था। खुश होने का सबसे बड़ा कारण यह भी था कि पहले बाज़ आकाश में उड़ते हुए नीचे धरती पर रेंगने वाले साँप आदि जीवों को मारकर खा जाता था, लेकिन आज वह धरती पर पड़ा धूल चाट रहा था। बाज़ की इस भयानक दशा को देखकर साँप खुश हो रहा था।

कहानी से आगे

प्रश्न 1: कहानी में से वे पंक्तियाँ चुनकर लिखिए जिनसे स्वतंत्रता की प्रेरणा मिलती हो
उत्तर: स्वतंत्रता की प्रेरणा देने वाली पंक्तियाँ:

  • दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को पंखों से नाप आया हूँ
  • आह ! काश, मैं सिर्फ एक बार आकाश में उड़ पाता।
  • “यदि तुम्हें स्वतंत्रता इतनी प्यारी है तो इस चट्टान के किनारे से ऊपरक्यों नहीं उड़ने की कोशिश करते
  • उसने गहरी साँस ली और अपने पंख फैलाकर हवा में कूद पड़ा
  • कम-से-कम उस आकाश का स्वाद तो चख लूंगा
  • हमारा यह गीत उन साहसी लोगों के लिए है जो अपने प्राणों को हथेली पर लिए घूमते हैं
  • हमारा गीत ज़िंदगी के उन दीवानों के लिए है जो मर कर भी मृत्यु से नहीं डरते हैं

प्रश्न 2: लहरों का गीत सुनने के बाद साँप ने क्या सोचा होगा? क्या उसने फिर से उड़ने की कोशिश की होगी? अपनी कल्पना से आगे की कहानी पूरी कीजिए।
उत्तर: 
लहरों का गीत सुनने के बाद साँप के मन में अवश्य एक झंकार उत्पन्न हुई होगी। उस झंकार से साँप के मन में बाज़ के लिए सम्मान और आदर की भावना पैदा हुई होगी। वह उसकी मृत्यु को त्याग और बलिदान समझने लगा होगा। बाज़ के विषय में इस प्रकार से सोचने पर साँप की संकीर्ण मनोवृत्ति विस्तृत हुई होगी और वह समझ गया होगा कि प्रकृति ने सभी को अलग-अलग गुण प्रदान किए हैं;
जैसे: पक्षी आकाश में उड़ेंगे, जानवर धरती पर रहेंगे, नदियाँ कल-कल करती बहेंगी, समुद्र अपनी लहरों से मधुर गीत गाएगा आदि। अंत में साँप मान जाएगा कि स्वतंत्रता एवं स्वच्छंदता जीवन के आवश्यक आधार हैं, लेकिन साँप की स्वच्छंदता धरती पर घूमने-फिरने में है। इस गूढ़ बात को समझने के बाद साँप उड़ने की बजाए धरती पर अपनी गुफा से बाहर निकलकर स्वछंद घूमना शुरू कर दिया।

प्रश्न 3: क्या पक्षियों को उड़ते समय सचमुच आनंद का अनुभव होता होगा या स्वाभाविक कार्य में आनंद का अनुभव होता ही नहीं? विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर: 
पक्षियों का आकाश में उड़ना उनके लिए स्वाभाविक कार्य है। यदि कार्य को पूरी इच्छा या मन से किया जाए, तो स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव किया जा सकता है। इसका प्रयत्न उदाहरण 'बाज़ और साँप' की कहानी में बाज है। बाज़ को उड़ने में अद्भुत आनंद की अनुभूति होती है। इसी अनुभूति के कारण उसे आकाश में उड़ना अच्छा लगता है। उसका मन और आत्मा उसे आकाश में उड़ने के लिए सदैव प्रेरित करती है। इस प्रकार की प्रेरणा जिस किसी भी व्यक्ति, पशु, पक्षी, जीव, जंतु आदि को मिलती है, वह अपने स्वाभाविक कार्य में भी आनंद का अनुभव करने लगता है।

प्रश्न 4: मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।
उत्तर: 
यह पूर्ण रूप से सत्य है कि आदिकाल से ही मानव के मन में आकाश में उड़ने की इच्छा रही है। अपनी इसी इच्छा को पूर्ण करने के लिए उसने आदिकाल से ही प्रयत्न करने प्रारंभ कर दिए थे। इसका उदाहरण हमें 'रामायण' में मिलता है, जहाँ कुबेर से छीने गए 'पुष्पक विमान' में रावण सीता माता को बैठाकर अपने देश लंका ले गया था। धीरे-धीरे इसमें सुधार होते चले गए। आज आधुनिक युग में मनुष्य ने उड़ने के लिए हवाई जहाज़, हेलीकॉप्टर, ग्लाइडर, रॉकेट, अंतरिक्ष शटल आदि साधनों का आविष्कार एवं निर्माण कर लिया है। वर्तमान समय में ये साधन मनुष्य की उड़ने की इच्छा को पूरा करते हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न:यदि इस कहानी के पात्र बाज और साँप न होकर कोई और होते तब कहानी कैसी होती? अपनी कल्पना से लिखो।
उत्तर: 
मेरे विचार में पात्रों के बदल जाने के बाद भी कहानी ऐसी ही होती; इसका भाव यही रहता। प्रत्येक प्राणी उसी वातावरण और स्वतंत्रता को पसंद करता है, जिसमें वह अपना जीवन व्यतीत करता है। हम मानव धरती पर रहकर जीवन व्यतीत करते हैं; परंतु फिर भी कभी आसमान में उड़ने की सोचते हैं, तो कभी पानी के नीचे रहने की। वैज्ञानिक उपकरणों से ऐसा करने का प्रयत्न भी करते हैं, परंतु फिर भी जीवन का वास्तविक सुख हमें धरती पर ही प्राप्त होता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1: कहानी में से अपनी पसंद के पाँच मुहावरे चुनकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

  1. भाँप लेना - दादाजी की गिरती  देखकर माताजी ने स्थिति भाँप ली व तुरन्त डाक्टर को बुलवा लिया ।
  2. हिम्मत बांधना- पुलिस के जाने पर ही घर के लोगों की हिम्मत बँधी ।
  3. अंतिम साँस गिनना- रोगी अस्पताल के बिस्तर पर अंतिम सॉसें गिन रहा है ।
  4. मन में जामा जाना- किशन की वीस्तापूर्ण बातों ने मेरे मन में आशा जगा दी ।
  5. प्राण हथेली में रखना- गौरव ने अपने भाई की जान बचाने के लिए अपने प्राणों को हथेली में रख दिया ।

प्रश्न 2: 'आरामदेह ' शब्द में 'देह' प्रत्यय है। 'देह' 'देनेवाला' के अर्थ में प्रयुक्त होता है। देने वाला के अर्थ में 'द', 'पद', 'दाता', 'दाई', आदि का प्रयोग भी होता है, जैसे- सुखद, सुखदाता, सुखदाई, सुखप्रद। उपर्युक्त समानार्थी प्रत्ययों को लेकर दो-दो शब्द बनाइए।
उत्तर: प्रत्यय  - शब्द

  • – सुखद, दुखद
  • दाता – परामर्शदाता, सुखदाता
  • दाई – सुखदाई, दुखदाई
  • देह – विश्रामदेह, लाभदेह, आरामदेह
  • प्रद – लाभप्रद, हानिप्रद, शिक्षाप्रद
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FAQs on बाज और साँप NCERT Solutions - Hindi Class 8

1. "बाज़ और साँप" पाठ का मुख्य संदेश क्या है?
Ans. "बाज़ और साँप" पाठ का मुख्य संदेश यह है कि जीवन में परिस्थितियों के अनुसार अपने कार्यों का निर्णय लेना चाहिए। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि कभी-कभी हमें अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरों की भलाई के लिए सोचना चाहिए।
2. इस पाठ में बाज़ और साँप के बीच क्या संघर्ष होता है?
Ans. इस पाठ में बाज़ और साँप के बीच संघर्ष तब होता है जब बाज़ अपने शिकार की तलाश में होता है और साँप अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष करता है। यह संघर्ष जीवन और मृत्यु के बीच की लड़ाई को दर्शाता है।
3. पाठ में बाज़ का चरित्र कैसे चित्रित किया गया है?
Ans. पाठ में बाज़ का चरित्र एक साहसी और कुशल शिकारी के रूप में चित्रित किया गया है। वह अपनी तेज़ी और चतुराई से शिकार करता है, लेकिन साथ ही उसे अपने निर्णयों के परिणामों का भी सामना करना पड़ता है।
4. इस कहानी का नैतिक क्या है?
Ans. इस कहानी का नैतिक यह है कि हमें अपने कार्यों के परिणामों के प्रति सजग रहना चाहिए। हमें दूसरों की मदद करने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जीवन में सहयोग और सहानुभूति महत्वपूर्ण होती है।
5. पाठ में साँप का संघर्ष किस प्रकार का है?
Ans. पाठ में साँप का संघर्ष अस्तित्व के लिए है। उसे अपने जीवन की रक्षा करनी होती है और इस संघर्ष में उसे अपनी चतुराई और फुर्ती का उपयोग करना पड़ता है, जिससे वह अपने शिकार से बच सके।
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