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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh - Satyajit Ray

पाठ के साथ

प्रश्न 1: पथेर पांचाली फ़िल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला?
उत्तर: पथेर पांचाली फ़िल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक निम्नलिखित कारणों से चला –

  • लेखक विज्ञापन कंपनी में काम करते थे। काम से फुर्सत मिलने पर ही शूटिंग की जाती थी।
  • कलाकार को इकठ्ठा करने में समय लग जाता था।
  • पैसे का अभाव था।
  • तकनीकी पिछड़ापन आदि।

प्रश्न 2: अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करतेतो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठताउसमें से कंटिन्युइटी‘ नदारद हो जाती – इस कथन के पीछे क्या भाव है?
उत्तर: पथेर पांचाली फ़िल्म के दृश्य में अपू के साथ काशफूलों के वन में शूटिंग करनी थी। सुबह शूटिंग करके शाम तक सीन का आधा भाग चित्रित किया। निर्देशक, छायाकार, छोटे अभिनेता-अभिनेत्री सभी इस क्षेत्र में नवागत होने के कारण थोड़े बौराए हुए ही थे, बाकी का सीन बाद में चित्रित करने का निर्णय लेकर सब घर चले गए। सात दिन बाद शूटिंग के लिए उस जगह गए, बीच के सात दिनों में जानवरों ने वे सारे काशफूल खा डाले थे। उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल नहीं बैठता। उसमें से’कंटिन्युइटी’ नदारद हो जाती।

प्रश्न 3: किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शूटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है?
उत्तर: 1. पथेर पांचाली फ़िल्म के एक दृश्य में श्रीनिवास नामक घूमते मिठाईवाले से मिठाई खरीदने के लिए अपू और दुर्गा के पास पैसे नहीं हैं। वे तो मिठाई खरीद नहीं सकते, इसलिए अपू और दुर्गा उस मिठाईवाले के पीछे-पीछे मुखर्जी के घर के पास जाते हैं। मुखर्जी अमीर आदमी हैं। उनका मिठाई खरीदना देखने में ही अपू और दुर्गा की खुशी है।
इस दृश्य का कुछ अंश चित्रित होने के बाद शूटिंग कुछ महीनों के लिए स्थगित हो गई। पैसे हाथ आने पर फिर जब उस गाँव में शूटिंग करने के लिए गए, तब खबर मिली कि श्रीनिवास मिठाईवाले की भूमिका जो सज्जन कर रहे थे, उनका देहांत हो गया है। अब पहले वाले श्रीनिवास का मिलता-जुलता दूसरा आदमी ढूँढ़कर दृश्य का बाकी अंश चित्रित किया।
शॉट एक – श्रीनिवास बाँसबन से बाहर आता है।
शॉट दो (नया आदमी) – श्रीनिवास कैमरे की ओर पीठ करके मुखर्जी के घर के गेट के अंदर जाता है।
2. एक दृश्य में अपू खाते-खाते ही कमान से तीर छोड़ता है। उसके बाद खाना छोड़कर तीर वापस लाने के लिए जाता है। सर्वजया बाएँ हाथ में वह थाली और दाहिने हाथ में निवाला लेकर बच्चे के पीछे दौड़ती है, लेकिन बच्चे के भाव देखकर जान जाती है कि वह अब कुछ नहीं खाएगा। भूलो कुत्ता भी खड़ा हो जाता है। उसका ध्यान सर्वजया के हाथ में जो भात की थाली है, उसकी ओर है। इसके बाद वाले शॉट में ऐसा दिखाना था कि सर्वजया थाली में बचा भात एक गमले में डाल देती है, और भूलो वह भात खाता है। लेकिन यह शॉट हम उस दिन ले नहीं सके, क्योंकि सूरज की रोशनी और पैसे दोनों खत्म हो गए। छह महीने बाद, फिर से पैसे इकट्ठा होने पर गाँव में उस सीन का बाकी अंश चित्रित करने के लिए गए। तब भूलो मर चूका था। फिर भूलो जैसे दिखनेवाले एक कुत्ते के साथ शूटिंग पूरी की गई।

प्रश्न 4: भूलो‘ की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गयाउसने फ़िल्म के किस दृश्य को पूरा किया?
उत्तर: भूलो की मृत्यु होने की वजह से उसके साथ किए हुए अधूरे शॉट को पूरा करने के लिए उसके जैसा दिखनेवाला दूसरा कुत्ता लाया गया। सर्वजया थाली में बचा भात एक गमले में डाल देती है, और भूलो वह भात खाता है। यह दृश्य पूरा किया।

प्रश्न 5: फ़िल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुज़र जाने के बाद किस प्रकार फ़िल्माया गया?
उत्तर: पथेर पांचाली फ़िल्म के एक दृश्य में श्रीनिवास नामक घूमते मिठाईवाले से मिठाई खरीदने के लिए अपू और दुर्गा के पास पैसे नहीं हैं। वे तो मिठाई खरीद नहीं सकते, इसलिए अपू और दुर्गा उस मिठाईवाले के पीछे-पीछे मुखर्जी के घर के पास जाते हैं। मुखर्जी अमीर आदमी हैं। उनका मिठाई खरीदना देखने में ही अपू और दुर्गा की खुशी है।
इस दृश्य का कुछ अंश चित्रित होने के बाद शूटिंग कुछ महीनों के लिए स्थगित हो गई। पैसे हाथ आने पर फिर जब उस गाँव में शूटिंग करने के लिए गए, तब खबर मिली कि श्रीनिवास मिठाईवाले की भूमिका जो सज्जन कर रहे थे, उनका देहांत हो गया है। अब पहले वाले श्रीनिवास का मिलता-जुलता दूसरा आदमी ढूँढ़कर दृश्य का बाकी अंश चित्रित किया।
शॉट एक – श्रीनिवास बाँसबन से बाहर आता है।
शॉट दो (नया आदमी) – श्रीनिवास कैमरे की ओर पीठ करके मुखर्जी के घर के गेट के अंदर जाता है।

प्रश्न 6: बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?
उत्तर: पैसों की कमी के कारण ही बारिश का दृश्य चित्रित करने में बहुत मुश्किल आई थी। बरसात के दिन आए और गए, लेकिन पास पैसे नहीं थे, इस कारण शूटिंग बंद थी। आखिर जब हाथ में पैसे आए, तब अक्टूबर का महीना शुरू हुआ। शरद ऋतु में बारिश होना तो कम ही बनता। निरभ्र आकाश के दिनों में भी शायद बरसात होगी, इस आशा से मैं अपू और दुर्गा की भूमिका करने वाले बच्चे, कैमरा और तकनीशियन को साथ लेकर हर रोज देहात में जाकर बैठे रहते थे।
आखिर एक दिन शरद ऋतु में भी आसमान में बादल छा गए और धुआँधार बारिश शुरू हुई और शॉट को चित्रित किया गया। शॉट बहुत अच्छा चित्रित हुआ है।

प्रश्न 7: किसी फ़िल्म की शूटिंग करते समय फ़िल्मकार को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, उन्हें सूचीबद्ध कीजिए।
उत्तर: फ़िल्म की शूटिंग करते समय फ़िल्मकार को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता है –

  • कलाकारों का चयन।
  • पैसों की कमी।
  • दृश्यों की निरंतरता बनाए रखने में विघ्न।
  • शूटिंग के लिए अच्छें स्थानों की खोज।
  • संगीत तैयार करवाना आदि।

पाठ के आस - पास 

प्रश्न 1: तीन प्रसंगों में राय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि… या फ़िल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि… इत्यादि। ये प्रसंग कौन से हैं, चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शूटिंग के समय की असलियत फ़िल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है।
 उत्तर:-
फ़िल्म शूटिंग के समय तीन प्रसंग प्रमुख हैं –

  • भूलो कुत्ते के स्थान पर दूसरे कुत्ते को भूलो बनाकर प्रस्तुत किया गया।
  • रेलगाड़ी से धुँआ उठवाने के लिए तीन रेलगाड़ियों का प्रयोग करना।
  • काशफूलों को जानवरों द्वारा खा जाने के बाद अगले मौसम में सीन के शेष भाग की शूटिंग पूरी करना।
  • श्रीनिवास का पात्र निभाने वाले कलाकार की मृत्यु के बाद दूसरे व्यक्ति से उसका शेष भाग की शूटिंग पूरी करवाना।

प्रश्न 2: मान लीजिए कि आपको अपने विद्यालय पर एक डॉक्यूमैंट्री फ़िल्म बनानी है। इस तरह की फ़िल्म में आप किस तरह के दृश्यों को चित्रित करेंगेफ़िल्म बनाने से पहले और बनाते समय किन बातों पर ध्यान देंगे?
 उत्तर: 
विद्यालय पर डॉक्यूमैंट्री फ़िल्म बनाने के लिए हम उसका बाहरी परिसर, आंतरिक संरचना, प्रधानाचार्य, आचार्य, शिक्षक, विद्यार्थी, दिन भर की विविध गतिविधियाँ आदि दृश्यों को चित्रित करेंगे। डॉक्यूमैंट्री फ़िल्म एक ऐसी फ़िल्म होती है जिसमें काल्पनिक कहानी और घटनाओं के लिए कोई जगह नहीं होती है, बल्कि उसमें वास्तविक घटनाओं को उसी तरह दर्शाया जाता है जैसी वह हैं। यही कारण है कि में फ़िल्म में लोगों, स्थानों और वास्तविक घटनाओं को विषय बनाया जाता है। इसलिए फ़िल्म बनाने से पहले और बाद में इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वास्तविकता के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए। कड़वे से कड़वे सत्य को उजागर किया जाए।

प्रश्न 3: पथेर पांचाली फ़िल्म में इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकीं। यदि आधी फ़िल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते? चर्चा करें।
 उत्तर:-
यदि आधी फ़िल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय उनके जैसी दिखनेवाली वृद्ध महिला को ढूँढते न मिलने पर उनकी मृत्यु हो गई है दिखाकर आगे की कहानी फिर से लिखनी पड़ती।

प्रश्न 4: पठित पाठ के आधार पर यह कह पाना कहाँ तक उचित है कि फ़िल्म को सत्यजित राय एक कला-माध्यम के रूप में देखते हैंव्यावसायिक-माध्यम के रूप में नहीं?
 उत्तर:-
फ़िल्म को सत्यजित राय एक कला-माध्यम के रूप में देखते हैं, व्यावसायिक-माध्यम के रूप में नहीं यह निम्नलिखित बातों से सिद्ध होता है –

  • वे फ़िल्म की कंटीन्यूटी बरकरार रखने का प्रयास।
  • कुत्ते एवं मिठाईवाले की भूमिका निभानेवाले की मृत्यु होने पर उनसे मिलतेजुलते पात्र ढूँढने का प्रयास।
  • काश के फूल के लिए एक साल तक राह देखना आदि।

भाषा की बात

प्रश्न 1: पाठ में कई स्थानों पर तत्समतद्भव, क्षेत्रीय सभी प्रकार के शब्द एक साथ सहज भाव से आए हैं। ऐसी भाषा का प्रयोग करते हुए अपनी प्रिय फ़िल्म पर एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर: मेरी प्रिय फ़िल्म बागबान है। इस फ़िल्म में अपने बच्चों पर अपना सर्वस्व लुटा कर, उनको यथासंभव जीवनोपयोगी हर सुख-सुविधा प्रदान करने वाले माता-पिता की जिम्मेदारियाँ सम्भालने की बारी जब उन बच्चों की आती है, तो उनको किस प्रकार अपने यही माता-पिता बोझ लगने लगते है इसी सर्वकालिक सत्य को आधार बनाकर इस फिल्म का निर्देशन किया गया है। इस फ़िल्म द्वारा आज के युवापीढ़ी को उनके माता-पिता के प्रति के कर्तव्य को याद दिलाने का प्रयास किया गया है।

प्रश्न 2: हर क्षेत्र में कार्य करने या व्यवहार करने की अपनी निजी या विशिष्ट प्रकार की शब्दावली होती है। जैसे अपू के साथ ढाई साल पाठ में फ़िल्म से जुड़े शब्द शूटिंगशॉटसीन आदि। फ़िल्म से जुड़ी शब्दावली में से किन्हीं दस की सूची बनाइए।
उत्तर: 

NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh - Satyajit Ray

प्रश्न 3: नीचे दिए गए शब्दों के पर्याय इस पाठ में ढूँढ़िए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
 इश्तहार
खुशकिस्मतीसीनवृष्टिजमा
उत्तर:NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh - Satyajit Ray

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FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh - Satyajit Ray

1. कैसे सत्यजित रे एक प्रमुख भारतीय चलचित्रकार बने?
उत्तर: सत्यजित रे ने अपनी जीवन के शुरुआत में रेखाचित्रकार के रूप में काम किया और फिर उन्होंने चलचित्र निर्माण की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने अनूठे दृष्टिकोण और कला के दायरे में अपनी पहचान बनायी।
2. कौन-कौन सी फिल्में सत्यजित रे ने निर्देशित की थी?
उत्तर: सत्यजित रे ने कई महान फिल्में निर्देशित की थी, जैसे "पथेर पंचाली", "आपू त्रिपुरारी", "चरुलता", "गुपी गायन बाघा बायन", आदि।
3. क्या सत्यजित रे ने किसी अन्य क्षेत्र में भी काम किया था?
उत्तर: हां, सत्यजित रे ने लेखन और संगीत क्षेत्र में भी अपनी साहित्यिक योगदान दिया था। उन्होंने कई कहानियों और नाटकों का लेखन किया था।
4. सत्यजित रे की चलचित्र निर्मिति में कौन-कौन से विशेषताएं थीं?
उत्तर: सत्यजित रे की चलचित्र निर्मिति में अद्वितीय कला, अच्छी कहानी बताने की क्षमता और अनूठी चित्रण तकनीक थी। उन्होंने अपने फिल्मों में विभिन्न सामाजिक मुद्दों को भी समाहित किया।
5. सत्यजित रे के कौन-कौन से पुरस्कार थे?
उत्तर: सत्यजित रे को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जैसे भारत सरकार द्वारा भारत रत्न, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, और पद्म भूषण आदि।
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