Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  NCERT Solutions: शुक्रतारे के समान

शुक्रतारे के समान NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

पृष्ठ संख्या: 76

प्रश्न अभ्यास 

मौखिक 

निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए -

प्रश्न 1. महादेव भाई अपना परिचय किस रूप में देते थे?
 उत्तर 

महादेव भाई अपना परिचय गांधीजी के 'हम्माल' तथा 'पीर-बावर्ची-खर' के रूप में देते थे। 

प्रश्न 2. 'यंग इंडिया' साप्ताहिक में लेखों की कमी क्यों रहने लगी थी?
 उत्तर 

'यंग  इंडिया' साप्ताहिक के मुख्य लेखक हार्नीमैन को अंग्रेज़ सरकार ने देश निकाला  इंग्लैंड भेज दिया इसलिए लेखों की कमी रहने लगी थी।

प्रश्न 3.गांधीजी ने 'यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में क्या निश्चय किया?
उत्तर
गांधीजी ने 'यंग इंडिया' प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि यह हफ्ते में दो बार छपेगी।

प्रश्न 4. गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई कहाँ नौकरी करते थे?
उत्तर
गांधीजी से मिलने से पहले महादेव भाई सरकार के अनुवाद विभाग में नौकरी करते थे।

प्रश्न 5. महादेव भाई के झोलों में क्या भरा रहता था?
उत्तर
महादेव भाई के झोलों में समाचार पत्र, मासिक पत्रिकाएँ पत्र और पुस्तकें भरी रहती थीं।

प्रश्न 6. महादेव भाई ने गांधीजी की कौन-सी प्रसिद्ध पुस्तक का अनुवाद किया था?
उत्तर
महादेव जी ने गांधीजी द्वारा लिखित 'सत्य के प्रयोग' का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।

प्रश्न 7. अहमदाबाद से कौन-से दो साप्ताहिक निकलते थे?
उत्तर
अहमदाबाद से यंग इंडिया और नवजीवन नामक दो साप्ताहिक निकलते थे।

प्रश्न 8. महादेव भाई दिन में कितनी देर काम करते थे?
उत्तर
महादेव भाई दिन में 17-18 घंटे काम करते थे।

प्रश्न 9. महादेव भाई से गांधीजी की निकटता किस वाक्य से सिद्ध होती है?
उत्तर
महादेव भाई से गांधीजी की निकटता निम्न वाक्य से सिद्ध होती है −'ए रे जख्म जोगे नहि जशे' − यह घाव कभी योग से भरेगा नहीं।

लिखित

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (25-30) शब्दों  लिखिए -

प्रश्न 1. गांधीजी ने महादेव को अपना वारिस कब कहा था? 
 उत्तर

गांधीजी जब 1919 में जलियाँ वाल बाग हत्याकांड के बाद पंजाब जा रहे थे तो पलवल रेलवे स्टेशन पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तभी गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।

प्रश्न 2. गाँधीजी से मिलने आनेवालों के लिए महादेव भाई क्या करते थे?
उत्तर
गाँधीजी से मिलने आनेवालों से महादेव जी खुद मिलते थे, उनकी समस्याएँ सुनते, उनकी संक्षिप्त टिप्पणी तैयार करते और गांधीजी को बताते। इसके बाद वे आने वालों को गांधीजी से मिलवाते थे।

प्रश्न 3. महादेव भाई की साहित्यिक देन क्या है?
उत्तर
महादेव भाई ने 'सत्य का प्रयोग' का अंग्रेज़ी अनुवाद किया जो कि गांधीजी की आत्मकथा थी। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे। शरद बाबू, टैगोर आदि की कहानियों का भी अनुवाद किया, 'यंग इंडिया' में लेख लिखे।

प्रश्न 4. महादेव भाई की अकाल मृत्यु का कारण क्या था?
उत्तर
महादेव भाई भरी गर्मी में वर्घा से पैदल चलकर सेवाग्राम आते थे और जाते थे। 11 मील रोज़ गर्मी में पैदल चलने से स्वास्थय पर बुरा प्रभाव पड़ा और उनकी अकाल मृत्यु हो गई।

प्रश्न 5. महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी क्या कहते थे?
उत्तर
महादेव भाई के लिखे नोट के विषय में गांधीजी कहते थे कि वे सटीक होते हैं। उनमें कभी कोमा तक की गलती भी नहीं होती है। अगर किसी की टाइप करवाई हुई बातचीत में खामियां निकल जाती तो गांधीजी  उन्हें कहते महादेव के लिखे नोट से मिलान कर लेना चाहिए था ना।

पृष्ठ संख्या: 77

(ख) निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर (50-60) शब्दों  लिखिए -

प्रश्न 1. पंजाब में फ़ौजी शासन ने क्या कहर बरसाया?
उत्तर
पंजाब में फ़ौजी शासन ने अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार करके, जन्म-क़ैद की सजाएँ देकर कालापानी भेज दिया। राष्ट्रीय दैनिक पत्र 'ट्रिब्यून' के संपादक को 10 साल की सज़ा मिली।

प्रश्न 2. महादेव जी के किन गुणों ने उन्हें सबका लाड़ला बना दिया था?
उत्तर
महादेव जी प्रतिभा संपन्न व्यक्ति थे। वे कर्तव्यनिष्ठ थे, विन्रम स्वभाव के थे, आने वालों के साथ सहयोग करते थे। उनकी लेखन शैली का सभी लोहा मानते थे। वे कट्टर विरोधियों के साथ भी सत्यनिष्ठता और विवेक युक्त बात करते थे। देश में ही नहीं विदेश में भी लोकप्रिय थे। इन्हीं सब करणों से वे सबके लाडले थे।

प्रश्न 3. महादेव जी की लिखावट की क्या विशेषताएँ थीं ?
उत्तर
महादेव जी की लिखावट बहुत सुंदर थी। उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। उनके लिखे नोटों में कॉमा- हलंत तक की गलती नही होती थी। वाइसराय को जाने वाले पत्र गांधीजी हमेशा महादेव जी से ही लिखाते थे। उनका लेखन सबको मंत्रमुग्ध कर देता था। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में उनके समान अक्षर लिखने वाला कोई नहीं था।

(ग) निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए −

प्रश्न 1. 'अपना परिचय उनके 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देने में वे गौरवान्वित महसूस करते थे।'
उत्तर
महादेव जी गांधीजी के मंत्री थे। वे गांधीजी के छोटे-बड़े सभी कार्य कुशलता पूर्वक करते थे। इसी कारण वे स्वयं को गांधीजी के 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' कहते थे और उसमें गौरव का अनुभव करते थे।

प्रश्न 2. इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।
उत्तर
वकालत पेशे का काम झूठ को सच और सच को झूठ सिद्ध करना होता है। इसमें पूरी सच्चाई से काम नहीं होता था ।

प्रश्न 3. देश और दुनिया को मुग्ध करके शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए।
उत्तर
जिस तरह शुक्रतारा थोड़े समय में ही अपनी छटा से  मोहित कर देता है और फिर छिप जाता है उसी प्रकार महादेव जी भी थोड़े ही समय में अपनी कार्यकुशलता से सबके लाडले बन गए परन्तु अकाल मृत्यु को प्राप्त हुए।

प्रश्न 4. उन पत्रों को देख देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस उसाँस लेते रहते थे।
उत्तर
गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव जी की लिखावट में लिखे जाते थे। जिन पत्रों को गांधीजी दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय को भेजते उन पत्रों की लिखावट की सुन्दरता देखकर वे भी दांग रह जाते।

भाषा अध्यन

प्रश्न 1. 'इक' प्रत्यय लगाकर शब्दों का निर्माण कीजिए − 

सप्ताह-साप्ताहिक
साहित्य-..............
व्यक्ति-..............
राजनीति-..............
अर्थ-..............
धर्म-..............
मास-..............
वर्ष-..............

 

उत्तर

1.सप्ताह-साप्ताहिक
2.साहित्य-साहित्यिक
3.व्यक्ति-वैयक्तिक
4.राजनीति-राजनीतिक
5.अर्थ-आर्थिक
6.धर्म-धार्मिक
7.मास-मासिक
8.वर्ष-वार्षिक


प्रश्न 2. नीचे दिए गए उपसर्गों का उपयुक्त प्रयोग करते हुए शब्द बनाइए − अ, नि, अन, दुर, वि, कु, पर, सु, अधि

आर्य-..............आगत-..............
डर-..............आकर्षण-..............
क्रय-..............मार्ग-..............
उपस्थित-..............लोक-..............
नायक-..............भाग्य-..............


उत्तर

आर्य-अनार्य
डर-निडर
क्रय-विक्रय
उपस्थित-अनुपस्थित
नायक-अधिनायक
आगत-स्वागत
आकर्षण-अनाकर्षण
मार्ग-कुमार्ग
लोक-परलोक
भाग्य-सौभाग्य

 

पृष्ठ संख्या: 78

प्रश्न 3.निम्नलिखित मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए −

आड़े हाथों लेनाअस्त हो जाना
दाँतों तले अँगुली दबानामंत्र मुग्ध करना
लोहे के चने चबाना 

उत्तर
1. आड़े हाथों लेना - पुलिस ने चोर को आड़े हाथों ले लिया।
2. दाँतों तले अँगुली दबाना − पाँच वर्ष के बालक को कम्प्यूटर पर काम करते देखा तो सबने दाँतों तले अँगुली दबा ली।
3. लोहे के चने चबाना − आतंकवादियों ने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश को भी लोहे के चने चबवा दिए।
4. अस्त हो जाना − बहुत मेहनत के बाद भारतीय अंग्रेजी राज्य के सूर्य को अस्त करने में सफल रहे।
5. मंत्र-मुग्ध करना − उसने अपने भाषण से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रश्न 4. निम्नलिखित शब्दों के पर्याय लिखिए −

वारिस-..............जिगरी-..............कहर-..............
मुकाम-..............रूबरू-..............फ़र्क-..............
तालीम-..............गिरफ़्तार-..............   


उत्तर

वारिस-वंश, उत्तराधिकारी
मुकाम-लक्ष्य, मंज़िल
तालीम-शिक्षा, ज्ञान, सीख
जिगरी-पक्का, घनिष्ठ
फ़र्क-अंतर, भेद
गिरफ़्तार-कैद, बंदी

 

प्रश्न 5. उदाहरण के अनुसार वाक्य बदलिए − उदाहरण : गाँधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कहा था।
गाँधीजी महादेव भाई को अपना वारिस कहा करते थे।

1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में देते थे।
 2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे।
 3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलते थे।
 4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते थे।
 5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाते थे।


उत्तर
1. महादेव भाई अपना परिचय 'पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर' के रूप में दिया करते थे।
2. पीड़ितों के दल-के-दल ग्रामदेवी के मणिभवन पर उमड़ा करते थे।
3. दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकला करते थे।
4. देश-विदेश के समाचार-पत्र गांधीजी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी किया करते थे।
5. गांधीजी के पत्र हमेशा महादेव की लिखावट में जाया करते थे।

The document शुक्रतारे के समान NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 9 Course Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
15 videos|161 docs|37 tests

Top Courses for Class 9

FAQs on शुक्रतारे के समान NCERT Solutions - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. What is the importance of the title "Shukratare Ke Saman" in the poem?
Ans. The title "Shukratare Ke Saman" is significant because the speaker compares the stars to grains of rice to highlight their abundance and importance. The title also reflects the speaker's gratitude towards the stars for their beauty and guidance.
2. What is the theme of the poem "Shukratare Ke Saman"?
Ans. The theme of the poem "Shukratare Ke Saman" is the beauty and significance of nature. The speaker admires the stars for their beauty and uses them as a metaphor to highlight the importance of even the smallest things in life.
3. What is the poetic device used in the line "Jaise dhan ki boondein shukratare ke saman"?
Ans. The poetic device used in the line "Jaise dhan ki boondein shukratare ke saman" is a simile. The speaker compares the stars to grains of rice to highlight their abundance and importance.
4. How does the speaker convey his gratitude towards the stars in the poem?
Ans. The speaker conveys his gratitude towards the stars in the poem by admiring their beauty and using them as a metaphor to highlight the importance of even the smallest things in life. The speaker also uses the title "Shukratare Ke Saman" to reflect his gratitude towards the stars.
5. What is the significance of the title "Shukratare Ke Saman" in the context of the Hindi language?
Ans. The title "Shukratare Ke Saman" is significant in the context of the Hindi language because it reflects the use of metaphor and simile in Hindi poetry. The title also highlights the importance of nature in Hindi literature and the use of nature as a metaphor to convey deeper meanings.
15 videos|161 docs|37 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

shortcuts and tricks

,

Important questions

,

Summary

,

Previous Year Questions with Solutions

,

pdf

,

Semester Notes

,

Free

,

शुक्रतारे के समान NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

शुक्रतारे के समान NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

Objective type Questions

,

study material

,

शुक्रतारे के समान NCERT Solutions | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

past year papers

,

Exam

,

video lectures

,

Extra Questions

,

practice quizzes

,

MCQs

,

Sample Paper

,

Viva Questions

,

mock tests for examination

,

ppt

;