UPSC Exam  >  UPSC Notes  >  पाठ 1 : बदलते रूझान

पाठ 1 : बदलते रूझान - UPSC PDF Download

बदलते रूझान


वर्ष 2008 में मैं एक लड़के को जानता था जो दक्षिण दिल्ली में किराए के एक मकान में रहते हुए पिछले दो वर्ष से सिविल सेवाओं के लिए तैयारी कर रहा था। अपने तीसरे प्रयास में उसने अखिल भारतीय स्तर पर पहले 10 में रैंक पाया। अपनी सफलता की पार्टी में उसने एक गोपनीय बात प्रकट की कि उसके दो वैकल्पिक विषयों में प्राप्त उच्च स्कोर ने उसका जीवन ही बदल दिया। उन्होंने मुझे सलाह दी कि जब भी मैं सिविल सेवाओं के लिए अध्ययन करूँ तो मुझे अपनी ऊर्जा GS से हटाकर वैकल्पिक विषयों की ओर लगानी चाहिए। चार वर्ष बाद जब मैंने सिविल सेवाओं के लिए अध्ययन शुरू किया तो परिदृश्य काफी बदल चुका था और तभी से इसका निरंतर विकासवादी रूझान रहा है।  


          दो वैकल्पिक विषयों के हटते ही वे दिन भी लद गए जब 12 घंटे का अध्यनयन करना जरुरी होता था। लगभग एक वर्ष की संपूर्ण अध्ययन अवधि के दौरान रातों की नींद हराम करने की कोई आवश्यकता नहीं रही। UPSC को अब मेहनती लोगों की नहीं अपितु स्मार्ट व्यावहारिक लोगों की जरूरत है। परीक्षा का रूझान देखने के बाद तैयार की गई स्पष्ट रणनीति के साथ काम करने वाले छात्रों के सिविल सेवाओं में सफल होने के अवसर अधिक हैं। ऐसे लोगों के लिए सिविल सेवा उत्तीर्ण करना अत्यंत कठिन कार्य हो गया है जो बिना किसी पूर्व सोच के आँख मूंदकर तैयारी करते हैं और अनेक प्रयासों के बावजूद नकारात्मक परिणाम तब तक सामने आते रहते हैं जब तक कि उन्हें अपनी गलतियों का एहसास न हो और वे समयबद्ध सुधारात्मक उपाय न कर लें।  
  

 प्यारे साथियों, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस तैयारी में IQ की अत्यधिक निर्धारण भूमिका नहीं होगी। UPSC को इस बात की कोई चिंता नहीं कि आपका IQ 150 से अधिक है या 100 से कम है। वास्तव मेंए आम धारणा के विपरीत मैं स्वीकार करता हूँ कि सिविल सेवा परीक्षाए बीच के और औसत दर्जे के छात्रों का खेल है। सिविल सेवा में सफल होने के लिए आपका विलक्षण गुण-संपन्न  व्यच्क्ति होना जरूरी नहीं। आमतौर पर 'शैक्षिक रूप से उत्तम लोग' सिविल सेवाओं को छोड़कर भिन्न स्थानों में देखे जा सकते हैं। अतः किसी भी उम्मीदवार कोए पहले से ही इस पर विश्वास नहीं करना चाहिए कि वह अपने कैरियर में किसी समय या वास्तव में अपने कैरियर के अधिकांश समय शैक्षिक रूप से उत्तम न होने के एकमात्र कारण से परीक्षा में सफल नहीं हो सकता / सकती। यहाँ तक कि शैक्षिक रूप से मामूली छात्र भी चमत्कार कर सकते हैं यदि इस परीक्षा में सफल होने के लिए उनकी ऊर्जा को अपेक्षित सही दिशा दी जाए। 
  

 यहां दूसरा उल्लेखनीय मुद्दा यह है कि सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से भरी जाने वाली कुल रिक्तियों में वृद्धि हो रही हैए जबकि हाल के दिनों में परीक्षा की कठिन प्रतिस्पर्घा में भी वृद्धि हुई है। वर्ष 2008 - 2009 के दौरान आई गहन मंदी की वजह से सरकारी सेवाओं में मिलने वाली सुरक्षा और स्थिरता के कारण सरकारी सेवाओं के इच्छुक छात्रों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावाए वर्ष 2011 में CSAT परीक्षाए विशेषरूप से पेपर 2, के आने से काफी अभ्यार्थी  सिविल सेवा तैयारी की ओर खिंचे चले आए। आश्चर्यजनक और चिंता की बात यह है कि वर्ष 2013 में फाउंडेशन कोर्स से लगभग 700 छूट है - अभियर्थियों ने CSE 2013 में जो पाया उससे वे संतुष्ट नहीं हुए। इसका परिणाम यह हुआ कि. वर्ष 2013 के अधिकांश सफल अभ्यरर्थी अपने रैंक में पुनः सुधार करने के लिए सिविल सेवा (प्रारंभिक) 2014 में बैठे। यह न केवल प्रतिस्पर्धा को और विशेष बनाता है अपितु यह प्रश्न भी उठाता है कि IAS निर्विवाद रूप से सर्वाधिक प्रतिष्ठित सेवा है। 
  

 प्यारे  साथियों, बस एक पल के लिए सोचें। किसी गहन योजना के बिना कोई कैसे इस प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में विजयी बनकर उभर सकता है ? उम्मीदवार विशाल सागर में नाव की तरह होता है जिसे लहरों से संघर्ष करनाए वैज्ञानिक के तौर पर दिशा का पता लगाना और किनारे पहुंचना होता है! और यहाँ सामना होता है कोचिंग संस्थानों से जो इस संकट से आपको पार लगाने के लिए अपने तरीकों की पेशकश करते हैं। इसके विपरीतए उनके  'प्रयास' अभ्यािर्थियों के जीवन में और अधिक अराजकता पैदा करते हैं। इसीलिए यह आकस्मिक नहीं है कि प्रारंभिक के साथ.साथ मुख्य परीक्षा के मौजूदा रुझान की भविष्यवाणी करना बेहद मुश्किल हो रहा है। UPSC नहीं चाहता कि उम्मीदवार अब और अधिक समय तक 'प्रशिक्षण' लें! इस बात का प्रमाण आपके सामने है. CSE 2014 का प्रारंभिक पेपर देखेंए आप महसूस करेंगे कि समकालीन समय में सिविल सेवाओं के लिए आपको कोई भी नहीं 'पढ़ा'  सकता। यह पुस्तक अभ्या र्थियों को यह सिखाती है कि वे स्वयं को कैसे सिखाएँ। एक बार 'स्वयं को पढ़ाने' की प्रक्रिया सीखना वास्तव में हर विषय के लिए एड़ी से चोटी तक का जोर लगाने से बेहतर है।  
  

 प्रारंभिक परीक्षा के वर्तमान पैटर्न पर विस्तार से चर्चा की गई है। प्रारंभिक परीक्षा अनेक अभ्यांर्थियों के जीवन में बाधा बनी है! पेपर 2 के लिए सबसे उपयुक्त रणनीति विकसित करने के लिए संलग्न विवाद और विभिन्न हितधारकों के विचारों को ध्यान में रखा गया है। प्रारम्भिक परीक्षा और साथ ही मुख्य परीक्षा में पूछे गए वर्तमान GS के लिए विषय सामग्री के सही.सही ज्ञान की आवश्यकता नहींए बल्कि सामान्य समझ से भी काम चल जाएगा। मेरे प्यारे अभ्या्र्थियोंए हमें  CSE के बदलते रुझान के साथ तालमेल बनाए रखना है। यह पुस्तक वास्तव में आपको यही जानकारी देती है कि CSE की बदलती जरूरतों को आरंभ से ही अपनी तैयारियों में कैसे शामिल किया जाए। इस नोट के साथ आइए हम सिविल सेवाओं की आकर्षक दुनिया के रहस्योंय की अपनी यात्रा शुरू करें!

The document पाठ 1 : बदलते रूझान - UPSC is a part of UPSC category.
All you need of UPSC at this link: UPSC

Top Courses for UPSC

FAQs on पाठ 1 : बदलते रूझान - UPSC

1. यूपीएससी क्या है?
उत्तर: यूपीएससी (भारतीय संघ लोक सेवा आयोग) भारतीय सरकार के लिए सिविल सेवा परीक्षा है जिसका आयोजन वार्षिक रूप से किया जाता है। यह परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा और अन्य महत्वपूर्ण सरकारी नौकरियों के लिए चयन का माध्यम है।
2. किस भाषा में यूपीएससी की परीक्षा होती है?
उत्तर: यूपीएससी की परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में आयोजित की जाती है। पेपर-1 और पेपर-2 हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में उपलब्ध होते हैं।
3. यूपीएससी के लिए आवेदन कैसे करें?
उत्तर: यूपीएससी के लिए आवेदन ऑनलाइन मोड के माध्यम से किए जा सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर, आवेदकों को आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज़ों, फीस भुगतान आदि की पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। आवेदन की अंतिम तिथि के पूर्व आवेदन करना आवश्यक होता है।
4. यूपीएससी का पैटर्न क्या है?
उत्तर: यूपीएससी परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है - प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) या सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। प्रारंभिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होती है जबकि मुख्य परीक्षा निबंध और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित होती है। साक्षात्कार व्यक्तिगत अभियोग्यता और व्यक्तित्व जांच के लिए होता है।
5. यूपीएससी की परीक्षा के लिए उपयोगी पुस्तकें कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए कई उपयोगी पुस्तकें हैं। कुछ लोकप्रिय पुस्तकों में "भारतीय इतिहास" द्वारा बिपिन चंद्र, "भूगोल" द्वारा माजिद हुसैन, "भारतीय राजनीति" द्वारा लक्ष्मीकांत, "भारतीय अर्थव्यवस्था" द्वारा रमेश सिंघल, और "सामान्य ज्ञान" द्वारा अरिहंत प्रकाशन प्रकाशित होने वाली किताबें शामिल हैं।
Download as PDF
Explore Courses for UPSC exam

Top Courses for UPSC

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

shortcuts and tricks

,

पाठ 1 : बदलते रूझान - UPSC

,

Sample Paper

,

MCQs

,

Extra Questions

,

mock tests for examination

,

Summary

,

पाठ 1 : बदलते रूझान - UPSC

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Viva Questions

,

पाठ 1 : बदलते रूझान - UPSC

,

Important questions

,

Exam

,

video lectures

,

ppt

,

Objective type Questions

,

study material

,

past year papers

,

pdf

,

Semester Notes

,

Free

;