Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि

पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

पाठ का सार

लेखक के घर एक अतिथि आए। अतिथि के सत्कार में लेखक और उनकी पत्नी की ओर से कोई कमी नहीं की गई। इस उम्मीद से कि अतिथि आते ही हैं शीघ्र जाने के लिए। लेकिन अतिथि जा नहीं रहे हैं। लेखक को अब शंका हो रही है कि अतिथि न जाने कितने दिन ठहरेंगे। लेखक अतिथि के कुछ दिन टिकने और स्थायी होने की आशंका से डर ही रहे थे कि अतिथि ने और अधिक ठहरने का संकेत दिया। अतिथि ने कपड़े गंदे होने की बात कही और उसकी धुलाई के लिए धोबी की चर्चा की। लेखक तिलमिला तेा गए लेकिन लाण्ड्री से कपडे़ धुलाकर घर ला देना उचित समझा। लेकिन अब भी अतिथि चले जाएँगे, इसकी कोई गारंटी न थी। लेखक आरै उनकी पत्नी अतिथि से परेशान हो चुके थे।

पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)
कल तक जिस अतिथि के प्रति यह भाव था कि अतिथि देवतुल्य होते हैं, अब यह स्थिति हो गई वही कि अतिथि राक्षस प्रतीत होने लगे। इस व्यंग्य के माध्यय से लेखक ने आज के अतिथियों की निर्लज्जता को स्पष्ट किया है। प्रतिष्ठा माँगने से नहीं मिलती बल्कि जब प्रतिष्ठित व्यक्ति जैसा आचरण किया जाता है तब उस व्यवहार से मुग्ध होकर अन्य लोग स्वयं ही उस व्यक्ति को प्रतिष्ठा देते हैं।

लेखक ने यह भी दिखाया है कि अल्प अवधि तक के अतिथि शानदार आतिथ्य के भागीदार होते हैं, लेकिन दीर्घकाल तक आतिथ्य का सुख-भोग करने का जिनका इरादा होता है वैसे अतिथि मेजबान के द्वारा अपमानित भी होते हैं। लेखक ने एक और बात स्पष्ट कर दी है कि दूसरों के घर में रहकर सत्कार पाना सबको अच्छा लगता है। इसका यह अर्थ नहीं कि सभी अपना घर छोड़कर दूसरे के घर ही रहना आरम्भ कर दें। 

लेखक ने यह भी बताया है कि इज्जत मिलने का यह मतलब नहीं कि इज्जत जहाँ मिले, वहाँ और सिर चढ़ जाए। इज्जत माँगने से नहीं मिलती है। अगर अतिथि बिना माँगे इज्जत चाहते हैं तो उन्हें यह सावधानी बरतनी होगी कि अल्प समय में ही किसी का दरवाशा छोड़ दें । अतिथि द्वारा फूहड़ आचरण किए जाने का दुष्परिणाम एक दिन यह भी हो सकता है कि मेज़बान द्वारा उन्हें ‘गेट आउट’ भी कह दिया जा सकता है। यह व्यंग्य-रचना सही मायने में मेहमान और मेज़बान की संयुक्त आचार संहिता है।

लेखक परिचय

शरद जोशी

इनका जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में 21 मई 1931 को हुआ। इनका बचपन कई शहरों में बिता। कुछ समय तक यह सरकारी नौकरी में रहे फिर इन्होने लेखन को ही आजीविका के रूप में अपना लिया। इन्होंने व्यंग्य लेख , व्यंग्य उपन्यास , व्यंग्य कॉलम के अतिरिक्त हास्य-व्यंग्यपूर्ण धारावाहिकों की पटकथाएँ और संवाद भी लिखे। सन  1991 में इनका देहांत हो गया।

प्रमुख कार्य

  •  व्यंग्य-कृतियाँ - परिक्रमा , किसी महाने , जीप पर सवार इल्लियाँ , तिलस्म , रहा किनारे बैठ , दूसरी सतह , प्रतिदिन।
  • व्यंग्य नाटक: अंधों का हाथी और एक था गधा।
  • उपन्यास - मैं,मैं,केवल मैं, उर्फ़ कमलमुख बी.ए.।

कठिन शब्दों के अर्थ

  1. निस्संकोच – बिना संकोच के
  2. सतत – लगातार
  3. आतिथ्य – आवभगत
  4. अंतरंग – घनिष्ठ या गहरा
  5. छोर – किनारा 
  6. आघात – चोट 
  7. मार्मिक – हृदय को छूने वाला
  8. भावभीनी – प्रेम से ओतप्रोत 
  9. अप्रत्याशित – आकस्मिक
  10. सामीप्य – निकटता
  11. कोनलों – कोनों से 
  12. ऊष्मा – गरमी 
  13. संक्रमण – एक स्थिति या अवस्था से दूसरी में प्रवेश 
  14. निर्मूल – मूल रहित 
  15. सौहार्द – मैत्री 
  16. गुँजायमान – गूँजता हुआ 
  17. एस्ट्रॉनाट्‍स – अंतरिक्ष यात्री

प्रश्न उत्तर 

The document पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 9 Course Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
15 videos|160 docs|37 tests

FAQs on पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. अतिथि कौन होता है?
उत्तर. अतिथि वह व्यक्ति होता है जो हमारे घर में आकर हमारे साथ समय बिताता है और हमारी मदद करता है।
2. अतिथि को बुलाने के लिए कौन-कौन से तरीके हो सकते हैं?
उत्तर. अतिथि को बुलाने के लिए हम उन्हें कॉल कर सकते हैं, उन्हें एक आमंत्रण पत्र भेज सकते हैं या उन्हें व्हाट्सएप या ईमेल करके आमंत्रित कर सकते हैं।
3. अतिथि के आने के पश्चात उनका स्वागत कैसे किया जाता है?
उत्तर. अतिथि के आने के पश्चात हम उनका स्वागत करते हैं, हम उन्हें खाने-पीने के लिए आमंत्रित करते हैं और उन्हें आराम के लिए सुविधाएं प्रदान करते हैं।
4. तुम कब जाओगे अतिथि कहानी का केंद्रीय पात्र कौन है?
उत्तर. अतिथि कहानी का केंद्रीय पात्र राम नामक एक गांव में रहने वाला बच्चा है।
5. अतिथि आने पर क्या होता है?
उत्तर. अतिथि आने पर हमें खुशी होती है और हम तैयारी करते हैं उनके आगमन के लिए। हम उनका स्वागत करते हैं और उनकी देखभाल करते हैं।
Related Searches

practice quizzes

,

Exam

,

study material

,

video lectures

,

Free

,

Objective type Questions

,

Semester Notes

,

Viva Questions

,

ppt

,

past year papers

,

shortcuts and tricks

,

पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

Sample Paper

,

Important questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

pdf

,

MCQs

,

Extra Questions

,

mock tests for examination

,

Summary

,

पाठ का सार: तुम कब जाओगे अतिथि | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

;