Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)  >  पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान

पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

पाठ का सार

आकाश में शुक्रतारे का कोई जोड़ नहीं है। शुक्र को चंद्र का साथी माना जाता है। उसकी आभा-प्रभा बेजोड़ मानी जाती है लेकिन इसके आकाश में ठहरने का समय काफी अल्प होता है। भारत की राजनीति अथवा स्वतंत्राता आंदोलन के क्षेत्रा में शुक्रतारे की भाँति अपनी चमक दिखाने वाले व्यक्तित्व का नाम था महादेव भाई देसाई। महादेव भाई देसाई का गांधी जी से संर्पक सन 1917 में हुआ। इनकी इतनी ख्याति फैली कि देश के कोने-कोने में इनके गुणों की चर्चा होने लगी।

महादेव देसाई को संक्षेप में एम. डी. कहा जाने लगा। गांधी की प्रेम की छाँव में रहने के कारण एक दिन ऐसा भी आया कि एम.डी. सबके लाड़ले बन गए। भारत में उनके अक्षरों का कोई सानी नहीं था। वाइसराय के नाम जाने वाले गांधी जी के पत्रा हमेशा महादेव भाई देसाई की लिखावट में ही जाते थे। उन पत्रों को देख-देखकर दिल्ली और शिमला में बैठे वाइसराय लंबी साँस-उसाँस लेते रहते थे। बड़े-बड़े सिविलियन और गवर्नर कहा करते थे कि सारी ब्रिटिश सर्विसों में महादेव के समान अक्षर लिखनेवाला खोजने पर भी नहीं मिलता। उनका शुद्ध और सुंदर लेखन पढ़ने वाले को मंत्रा-मुग्ध कर देता था। लेखक कहते हैं "प्रथम-श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-संपन्न भाषा और मनोहारी लेखन-शैली की ईश्वरीय देन महादेव जी को मिली थी।"

महादेव भाई देसाई का आदर्श जीवन हमारे लिए अनुकरणीय है। लेखक ने महादेव भाई देसाई के व्यक्तित्व को शब्दबद्ध कर कहा है उनकी निर्मल प्रतिभा उनके संपर्वफ में आने वाले व्यक्ति को चंद्र-शुक्र की प्रभा के साथ दूधों नहला देती थी। उसमें सराबोर होने वाले के मन में उनकी इस मोहिनी का नशा कई-कई दिन तक उतरता न था। महादेव का समूचा जीवन और उनके सारे कामकाज गांधी जी के साथ एक रूप होकर इस तरह गुँथ गए थे कि गांधी जी से अलग करके अकेले उनकी कोई कल्पना ही नहीं की जा सकती। यह पाठ एक ऐसे व्यक्ति के जीवन-परिचय के लिए तैयार किया गया है, जो अत्यंत महत्वपूर्ण होते हुए भी गुमनाम रहा, अतः ऐसे चरित्रा को सर्वसमक्ष उजागर करने की अपेक्षा को लेखक ने निश्चित रूप से पूरा किया है।

लेखक परिचय

स्वामी आनंद
इनका जन्म गुजरात के कठियावाड़ जिले के किमड़ी गाँव में सन 1887 को हुआ। इनका मूल नाम हिम्मतलाल था। जब ये दस साल के थे तभी कुछ साधु इन्हें अपने साथ हिमालय की ओर ले गए और इनका नामकरण किया – स्वामी आनंद। १९०७ में स्वामी आनंद स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए। 1917 में गाँधे जी के संसर्ग में आने के बाद उन्हीं के निदेशन में ‘ नवजीवन’ और ‘ यंग इंडिया ’ के प्रसार व्यवस्था संभाल ली। इसी बहाने उन्हें गाँधी जी और उनके निजी सहयोगी महादेव भाई देसाई और बाद में प्यारेलाल जी को निकट से जानने का अवसर मिला।

कठिन शब्दों के अर्थ

  • नक्षत्र-मंडल – तारा समूह
  • कलगी रूप – तेज़ चमकने वाला तारा 
  • हम्माल – कुली 
  • पीर – महात्मा
  • बावर्ची – रसोइया 
  • भिश्ती – मसक से पानी ढोने वाला व्यक्ति 
  • खर – गधा
  • आसेतुहिमाचल - सेतुबंध रामेश्वर से हिमाचल तक विस्तीर्ण
  • ब्योरा – विवरण
  • रूबरू – आमने-सामने 
  • धुरंधर - प्रवीण
  • कट्टर – दॄढ़ 
  • चौकसाई - नजर रखना
  • पेशा – व्यवसाय 
  • स्याह – काला
  • सल्तनत – राज्य 
  • अद्यतन – अब तक का
  • गाद – तलछट 
  • सानी – उसी जोड़ का दूसरा
  • अनायास – बिना किसी प्रयास के
The document पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 9 Course Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
15 videos|160 docs|37 tests

Top Courses for Class 9

FAQs on पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान - Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

1. शुक्रतारे के सामान क्या होते हैं?
उत्तर: शुक्रतारे के सामान मानव द्वारा उत्पादित और प्रयोग किए जाने वाले वस्त्र, खाद्य पदार्थ, औषधि, गैजेट आदि होते हैं।
2. स्पर्श के कितने प्रकार होते हैं और वे क्या हैं?
उत्तर: स्पर्श के तीन प्रकार होते हैं - स्पर्श, दृष्टि और सुन्दरता। स्पर्श मानव द्वारा उपयोग किए जाने वाले सामान को दर्शाता है, दृष्टि मानव की आँखों के द्वारा देखे जाने वाले सामान को दर्शाता है और सुन्दरता मानव के रूप में दिखे जाने वाले सामान को दर्शाता है।
3. हिन्दी क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: हिन्दी भाषा भारत की राष्ट्रभाषा है और यह भाषा भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिन्दी भाषा का स्थानीय और राष्ट्रीय महत्व होने के कारण, इसे सीखना और समझना शिक्षा और संवाद के लिए आवश्यक है।
4. कक्षा 9 में हिन्दी का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: कक्षा 9 में हिन्दी का अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से छात्रों को भाषा के नियम, व्याकरण, पाठ्य पुस्तकों का समझने का कौशल और साहित्य के प्रमुख आयामों की जानकारी प्राप्त होती है। हिन्दी का अध्ययन छात्रों को सामान्य ज्ञान, संवादात्मक और बोधात्मक कौशल विकसित करने में मदद करता है।
5. शुक्रतारे के सामान में जीवाश्म भी शामिल होते हैं?
उत्तर: हां, शुक्रतारे के सामान में जीवाश्म भी शामिल होते हैं। जीवाश्म उत्पादित होने वाले जीवों के अवशेष होते हैं और इन्हें धातु और अच्छात बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। जीवाश्म संपादन में एक महत्वपूर्ण सामग्री होती है और इसका उपयोग विभिन्न शुक्रतारों में किया जाता है।
15 videos|160 docs|37 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

video lectures

,

Semester Notes

,

ppt

,

Extra Questions

,

study material

,

practice quizzes

,

Important questions

,

Summary

,

shortcuts and tricks

,

past year papers

,

Objective type Questions

,

Sample Paper

,

MCQs

,

Free

,

mock tests for examination

,

Exam

,

पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

Viva Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

पाठ का सार: शुक्रतारे के सामान | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan)

,

pdf

;