Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)  >  पाठ का सार: पद

पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

कवि परिचय


- मीराबाई

मीराबाई का जन्म सन 1498 ई॰ में पाली के कुड़की गांव में दूदा जी के चौथे पुत्र रतन सिंह के घर हुआ। ये बचपन से ही कृष्णभक्ति में रुचि लेने लगी थीं। मीरा का विवाह मेवाड़ के सिसोदिया राज परिवार में हुआ। चित्तौड़गढ़ के महाराजा भोजराज इनके पति थे जो मेवाड़ के महाराणा सांगा के पुत्र थे।

पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

मीरा के पद पाठ प्रवेश

  • लोक कथाओं के अनुसार अपने जीवन में आए कठिन दुखों से मुक्ति पाने के लिए मीरा घर – परिवार छोड़ कर वृन्दावन में जा बसी थी और कृष्ण प्रेम में लीन हो गई थी।  इनकी रचनाओं में इनके आराध्य ( कृष्ण ) कहीं निर्गुण निराकार ब्रह्मा अर्थात  जिसका कोई रूप आकर न हो ऐसे प्रभु , कहीं सगुण  साकार गोपीवल्लभ श्रीकृष्ण और कहीं निर्मोही परदेसी जोगी अर्थात जिसे किसी की परवाह नहीं ऐसे  संत के रूप में दिखाई देते हैं।
  • प्रस्तुत पाठ में संकलित दोंनो पद मीरा के इन्ही आराध्य अर्थात श्रीकृष्ण को समर्पित हैं। मीरा अपने प्रभु की झूठी प्रशंसा भी करती है ,प्यार भी करती हैं और अवसर आने पर डांटने से भी नहीं डरती। श्रीकृष्ण की शक्तिओं व सामर्थ्य का गुणगान भी करती हैं और उनको उनके कर्तव्य भी याद दिलाती हैं। 

पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

मीरा के पद पाठ सार

इन पदों में मीराबाई श्री कृष्ण का भक्तों के प्रति प्रेम और अपना श्री कृष्ण के प्रति भक्ति – भाव का वर्णन करती है। पहले पद में मीरा श्री कृष्ण से कहती हैं कि  जिस प्रकार आपने द्रोपदी ,प्रह्लाद और ऐरावत के दुखों को दूर किया था उसी तरह मेरे भी सारे दुखों का नाश कर दो।
दूसरे पद में मीरा श्री कृष्ण के दर्शन का एक भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती , वह श्री कृष्ण की दासी बनाने को तैयार है ,बाग़ – बगीचे लगाने को भी तैयार है ,गली गली में श्री कृष्ण की लीलाओं का बखान भी करना चाहती है ,ऊँचे ऊँचे महल भी बनाना चाहती है , ताकि दर्शन का एक भी  मौका न  चुके।
श्री कृष्ण के मन मोहक रूप का वर्णन भी किया है और मीरा कृष्ण के दर्शन के लिए इतनी व्याकुल है की आधी रात को ही कृष्ण को दर्शन देने के लिए बुला रही है। 

The document पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan).
All you need of Class 10 at this link: Class 10
16 videos|201 docs|45 tests

Top Courses for Class 10

FAQs on पाठ का सार: पद - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. पद के कितने प्रकार होते हैं?
Ans. पद के दो प्रमुख प्रकार होते हैं - सर्वनाम पद और संज्ञा पद।
2. संज्ञा पद क्या होता है?
Ans. संज्ञा पद वह पद होता है जिसके द्वारा किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव का नामकरण किया जाता है। यह व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव को प्रतिष्ठित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
3. सर्वनाम पद क्या होता है?
Ans. सर्वनाम पद वह पद होता है जिसे किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव के स्थान पर प्रयोग करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसे वह शब्द कहते हैं जो संज्ञा पद की जगह पर आता है।
4. पद के उदाहरण क्या हैं?
Ans. कुछ पदों के उदाहरण हैं - राम, घर, पेड़, प्यार, आदि। ये सभी संज्ञा पद हैं जो व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव को नामित करने के लिए इस्तेमाल होते हैं।
5. पदों का उपयोग क्या है?
Ans. पदों का उपयोग भाषा में शब्दों को समझने और संवाद करने के लिए होता है। संज्ञा पद द्वारा व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव को नामित किया जाता है, जबकि सर्वनाम पद द्वारा संज्ञा पद की जगह पर प्रयोग किया जाता है। पदों के बिना हम भाषा का सही उपयोग नहीं कर सकते।
16 videos|201 docs|45 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 10 exam

Top Courses for Class 10

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

pdf

,

Summary

,

Exam

,

Important questions

,

Viva Questions

,

Semester Notes

,

study material

,

Sample Paper

,

Extra Questions

,

ppt

,

video lectures

,

mock tests for examination

,

पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

past year papers

,

practice quizzes

,

Objective type Questions

,

पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Previous Year Questions with Solutions

,

MCQs

,

shortcuts and tricks

,

पाठ का सार: पद | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

,

Free

;