Table of contents | |
कवि परिचय | |
पाठ प्रवेश | |
पाठ सार | |
पाठ का परिप्रेक्ष्य |
प्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। उन्हें हिंदी साहित्य के स्तंभों में से एक माना जाता है। उनके द्वारा रचित कहानियाँ और उपन्यास समाज के यथार्थ चित्रण और मानव संवेदनाओं को गहराई से प्रस्तुत करने के लिए प्रसिद्ध हैं। प्रेमचंद ने अपने लेखन के माध्यम से सामाजिक असमानता, गरीबी, और शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं पर प्रकाश डाला। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'गोदान', 'गबन', 'निर्मला', और 'ईदगाह' जैसी कहानियाँ शामिल हैं।
प्रस्तुत पाठ ‘बड़े भाई साहब’ प्रेमचंद की एक अत्यंत रोचक और शिक्षाप्रद कहानी है, जो दो भाइयों के बीच के रिश्ते पर आधारित है। इस कहानी में बड़े और छोटे भाई के बीच की मानसिक और शैक्षिक खाई को दर्शाया गया है। छोटे भाई की खेलकूद और पढ़ाई से दूरी की प्रवृत्ति और बड़े भाई के कठोर अनुशासन का वर्णन करते हुए, कहानी एक व्यंग्यात्मक दृष्टिकोण से शिक्षा और ज्ञान की गहराई को उजागर करती है।
कहानी 'बड़े भाई साहब' में एक छोटे भाई द्वारा अपने बड़े भाई के अनुशासन और कठोर पढ़ाई के तौर-तरीकों का वर्णन किया गया है। बड़े भाई साहब पांच साल बड़े होने के बावजूद केवल तीन क्लास आगे हैं। बड़े भाई साहब हमेशा पढ़ाई में लगे रहते हैं और छोटे भाई को लगातार फटकारते रहते हैं, क्योंकि छोटे भाई का मन खेलकूद में अधिक और पढ़ाई में कम लगता है।
छोटा भाई खेलते-कूदते हुए भी अपनी क्लास में प्रथम आ जाता है, जबकि बड़े भाई साहब फेल हो जाते हैं। इसके बावजूद बड़े भाई साहब छोटे भाई को जीवन और पढ़ाई के महत्व का पाठ पढ़ाते रहते हैं। बड़े भाई साहब कहते हैं कि परीक्षा पास करना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि ज्ञान का गहन अध्ययन और उसके सही अर्थ को समझना भी आवश्यक है।
कहानी में शिक्षा, अनुशासन, और जीवन के व्यावहारिक पहलुओं को गहरे व्यंग्य के साथ प्रस्तुत किया गया है, जहाँ बड़े भाई की मेहनत और छोटे भाई की मासूमियत के बीच एक सुंदर संबंध दिखाई देता है।
प्रेमचंद की कहानी 'बड़े भाई साहब' शिक्षा और अनुशासन के बीच के अंतर को व्यंग्यात्मक तरीके से प्रस्तुत करती है। यह कहानी दो भाइयों के बीच के भावनात्मक और शैक्षिक संबंधों पर आधारित है। बड़े भाई शिक्षा के प्रति अत्यधिक गंभीरता और अनुशासन का पालन करते हैं, जबकि छोटा भाई सहजता और खेल-कूद के साथ अपनी पढ़ाई को संतुलित करता है। कहानी यह संदेश देती है कि मात्र रटने या कठोर अनुशासन से शिक्षा का मर्म नहीं समझा जा सकता, बल्कि जीवन के अनुभवों से भी सीखना जरूरी है।
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1. "बड़े भाई साहब" पाठ का मुख्य विषय क्या है? |
2. इस पाठ में बड़े भाई का चरित्र किस तरह से प्रस्तुत किया गया है? |
3. पाठ "बड़े भाई साहब" में छोटे भाई की भावनाएँ क्या होती हैं? |
4. "बड़े भाई साहब" पाठ का सामाजिक संदर्भ क्या है? |
5. क्या "बड़े भाई साहब" पाठ में कोई नैतिक शिक्षा है? |
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