Class 10 Exam  >  Class 10 Notes  >  Hindi Class 10  >  पाठ का सार: बड़े भाई साहब

पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10 PDF Download

लेखक परिचय

प्रेमचंद का असली नाम धनपत राय था। उनका जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के पास लमही गाँव में हुआ था। वे उर्दू में नवाब राय और हिंदी में प्रेमचंद नाम से लिखते थे। उन्होंने स्कूल में शिक्षक, इंस्पेक्टर और पत्रिका संपादक का काम भी किया। कुछ समय उन्होंने फिल्मी दुनिया में भी काम किया, लेकिन उन्हें वहाँ अच्छा नहीं लगा। प्रेमचंद आम लोगों की परेशानियों को अपनी कहानियों और उपन्यासों में दिखाते थे। उन्हें कथा सम्राट कहा जाता है। उनके प्रसिद्ध उपन्यास हैं – गोदान, गबन, सेवासदन, निर्मला आदि। उनका निधन 8 अक्टूबर 1936 को हुआ।

पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10प्रेमचंद

मुख्य बिंदु

  • बड़े भाई साहब का स्वभाव:
    • लेखक के बड़े भाई साहब उससे 5 साल बड़े हैं, लेकिन स्कूल में सिर्फ 3 कक्षा आगे।
    • वे पढ़ाई को बहुत महत्व देते थे और जल्दबाजी नहीं करते थे।
    • शिक्षा की नींव मजबूत करने के लिए एक कक्षा में 2-3 साल भी लगाते थे।
  • लेखक का स्वभाव:
    • लेखक को पढ़ाई में मन नहीं लगता था, उसे खेलकूद पसंद था।
    • वह मैदान में कंकरियाँ उछालता, तितलियाँ उड़ाता, या दोस्तों के साथ खेलता था।
    • भाई साहब की डाँट से डरता था, लेकिन खेलना नहीं छोड़ता था।
  • भाई साहब की डाँट और उपदेश:
    • भाई साहब लेखक को हमेशा पढ़ाई के लिए डाँटते और मेहनत की सलाह देते।
    • वे कहते कि अंग्रेजी पढ़ना आसान नहीं, इसके लिए बहुत मेहनत चाहिए।
    • वे अपनी मेहनत का उदाहरण देते और लेखक को आलसी कहते।
  • लेखक का समय सारणी बनाने का प्रयास:
    • भाई साहब की डाँट के बाद लेखक समय सारणी बनाता, जिसमें खेल का समय नहीं होता।
    • लेकिन वह इसे फॉलो नहीं कर पाता और खेलने चला जाता।
    • मैदान की हरियाली और खेल उसे पढ़ाई भुला देते।
  • परीक्षा का परिणाम:
    • सालाना परीक्षा में भाई साहब फेल हो गए, लेकिन लेखक पास होकर अपनी कक्षा में प्रथम आया।
    • अब दोनों के बीच सिर्फ 2 कक्षा का अंतर रह गया।
    • लेखक को अपने ऊपर घमंड हुआ, और वह भाई साहब से कम डरने लगा।
  • भाई साहब का घमंड पर उपदेश:
    • भाई साहब ने लेखक के घमंड को भाँप लिया और उसे डाँटा।
    • उन्होंने रावण, शैतान, और शाहेरूम जैसे उदाहरण देकर बताया कि घमंड से नुकसान होता है।
    • कहा कि लेखक की सफलता मेहनत से नहीं, बल्कि किस्मत से हुई।
  • शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य:
    • भाई साहब ने शिक्षा प्रणाली की आलोचना की, जैसे जामेट्री और इतिहास की कठिनाई।
    • कहा कि परीक्षक बेकार की चीजें रटवाते हैं, जो बिना मतलब की हैं।
    • समय की पाबंदी जैसे विषय पर 4 पन्ने लिखना बेवकूफी है, क्योंकि यह समय का दुरुपयोग है।
  • भाई साहब की सलाह:
    • भाई साहब ने लेखक को चेतावनी दी कि उनकी कक्षा में पढ़ाई बहुत कठिन है।
    • उन्होंने अनुभव के आधार पर सलाह दी कि लेखक उनकी बात माने, नहीं तो पछताएगा।

पाठ का सार

इस पाठ में दो भाइयों की कहानी है – एक बड़े भाई साहब हैं और एक उनके छोटे भाई (जो खुद लेखक हैं)। भाई साहब थोड़े ही बड़े हैं, लेकिन लोग उनसे बहुत उम्मीदें रखते हैं। खुद भाई साहब भी चाहते हैं कि उनका व्यवहार छोटे भाई के लिए एक मिसाल बने। वे लेखक से पाँच साल बड़े हैं लेकिन केवल तीन कक्षा ही आगे हैं, क्योंकि वे हर कक्षा को अच्छी तरह से समझना चाहते थे। इसलिए कभी-कभी एक कक्षा में दो या तीन साल भी लगा देते थे। वे हमेशा किताबों में डूबे रहते थे।

लेखक का पढ़ाई में मन बिल्कुल नहीं लगता था। वह एक घंटे भी पढ़ ले, तो उसे पहाड़ चढ़ने जैसा लगता था। जैसे ही मौका मिलता, वह खेलने चला जाता। लेकिन जैसे ही वह कमरे में वापस आता, भाई साहब का गुस्सा देखकर डर जाता। भाई साहब उसे डाँटते और कहते कि वह उनसे कुछ नहीं सीखता। अगर उसे ऐसे ही समय खराब करना है तो घर चला जाए और वहाँ मजे से खेलता रहे। कम से कम दादाजी की मेहनत की कमाई तो बर्बाद नहीं होगी।

भाई साहब बहुत अच्छे उपदेश देते थे। उनकी बातें दिल को छूती थीं। लेकिन उनका असर ज्यादा देर तक नहीं रहता था। लेखक हर बार सोचता कि अब वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा और एक समय-सारणी भी बना लेता, लेकिन उस पर अमल करना मुश्किल था।

जब वार्षिक परीक्षा हुई तो भाई साहब फेल हो गए और लेखक पास होकर अपनी कक्षा में प्रथम आया। अब दोनों के बीच केवल दो कक्षा का अंतर रह गया था। इससे लेखक को घमंड हो गया और आत्मविश्वास भी बढ़ गया। भाई साहब ने लेखक को समझाया कि आगे की कक्षाएँ बहुत कठिन होती हैं, जहाँ अलजेबरा, ज्योमेट्री, इतिहास याद करना पड़ता है। परीक्षा में ‘समय की पाबंदी’ जैसे विषय पर लंबा निबंध भी लिखना होता है।


पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10

लेखक सोचने लगा कि जब पास होकर भी भाई साहब इतना डाँटते हैं, तो अगर वह फेल हो जाता तो शायद जान ही ले लेते। फिर भी, उसे पढ़ाई में कोई खास रुचि नहीं हुई। उसे तो खेल-कूद का हर मौका भाता था। वह बस इतना पढ़ता कि कक्षा में शर्मिंदगी न हो।

फिर सालाना परीक्षा हुई। संयोग से लेखक फिर पास हो गया और भाई साहब फिर फेल हो गए। भाई साहब रोने लगे और लेखक को भी रोना आ गया। अब भाई साहब का स्वभाव थोड़ा नरम हो गया। वे अब लेखक को पहले जैसा नहीं डाँटते थे, शायद उन्हें लगने लगा था कि अब डाँटने का हक़ भी कम रह गया है। इससे लेखक को और आज़ादी मिल गई, लेकिन उसने इसका गलत फायदा उठाया। अब वह सोचने लगा कि वह बिना पढ़े भी पास हो जाएगा, क्योंकि उसकी किस्मत अच्छी है। पहले वह भाई साहब के डर से थोड़ा-बहुत पढ़ लेता था, अब वह भी नहीं पढ़ता था।

अब लेखक को पतंगबाज़ी का नया शौक लग गया। वह ज़्यादातर समय पतंग उड़ाने में बिताने लगा। हालांकि वह अब भी भाई साहब की इज्जत करता था, इसलिए उनसे छिपकर पतंग उड़ाता था। एक दिन शाम को वह हॉस्टल से दूर एक कटी हुई पतंग पकड़ने के लिए दौड़ रहा था कि तभी उसका सामना भाई साहब से हो गया, जो शायद बाज़ार से लौट रहे थे। भाई साहब ने वहीं उसका हाथ पकड़ लिया और गुस्से से बोले कि क्या उसे शर्म नहीं आती कि वह इतने बड़े होकर भी बच्चों की तरह पतंग पकड़ने दौड़ रहा है? अब वह आठवीं कक्षा में है, और बस एक कक्षा नीचे है। उसे अपनी पदवी का ख्याल रखना चाहिए।

भाई साहब ने समझाया कि समझदारी किताबों से नहीं, दुनिया देखने से आती है। उन्होंने लेखक को घमंड निकालने को कहा और बताया कि वे उसे सही रास्ते पर रखने के लिए ज़रूरत पड़ी तो थप्पड़ भी मार सकते हैं। लेखक यह सुनकर चुपचाप सिर झुकाकर खड़ा रहा। उसे अब सच में अहसास हुआ कि वह उम्र और मन से छोटा है, और भाई साहब के लिए उसके मन में इज्जत और बढ़ गई।

लेखक ने नम आँखों से स्वीकार किया कि भाई साहब जो कह रहे हैं वह बिल्कुल सही है और उन्हें ऐसा कहने का पूरा हक़ है। भाई साहब ने लेखक को गले लगा लिया और कहा कि वे उसे पतंग उड़ाने से मना नहीं कर रहे हैं, उनका भी मन करता है, लेकिन वे खुद सही रास्ते पर नहीं रहेंगे तो लेखक की देखभाल कैसे करेंगे?

उसी समय एक कटी हुई पतंग उनके ऊपर से गुज़री। भाई साहब लंबे थे, उन्होंने उछलकर डोर पकड़ ली और हॉस्टल की ओर भागे। लेखक भी उनके पीछे-पीछे दौड़ पड़ा।

पाठ से शिक्षा

इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि पढ़ाई में मेहनत और अनुशासन बहुत जरूरी है। लेखक के बड़े भाई साहब अपनी पढ़ाई को बहुत गंभीरता से लेते थे और चाहते थे कि छोटा भाई भी ऐसा ही करे। वे बताते हैं कि बिना मेहनत और समय की पाबंदी के सफलता नहीं मिलती। साथ ही, हमें घमंड से बचना चाहिए, क्योंकि घमंड इंसान को बर्बाद कर सकता है, जैसे रावण और शैतान का हुआ। लेखक की कहानी से पता चलता है कि खेलकूद और मस्ती के साथ-साथ पढ़ाई पर ध्यान देना भी जरूरी है। अगर हम मेहनत करें और समय का सही उपयोग करें, तो सफलता जरूर मिलेगी। इसके अलावा, हमें बड़ों की सलाह को मानना चाहिए, क्योंकि उनके अनुभव से हमें सही रास्ता मिल सकता है।

शब्दार्थ

  • तालीम: शिक्षा
  • पुख्ता: मजबूत
  • तम्बीह: डाँट-डपट
  • सामंजस्य: तालमेल
  • मसलन: उदाहरणतः
  • इबारत: लेख
  • चेष्टा: कोशिश
  • जमात: कक्षा
  • हर्फ़: अक्षर
  • मिहनत (मेहनत): परिश्रम
  • लताड़: डाँट-डपट
  • सूक्ति-बाण: तीखी बातें
  • स्कीम: योजना
  • अमल करना: पालन करना
  • अवहेलना: तिरस्कार
  • नसीहत: सलाह
  • फजीहत: अपमान
  • इम्तिहान: परीक्षा
  • लज्जास्पद: शर्मनाक
  • शरीक: शामिल
  • आतंक: भय
  • अव्वल: प्रथम
  • आधिपत्य: प्रभुत्व
  • स्वाधीन: स्वतंत्र
  • महीप: राजा
  • मुमतहीन: परीक्षक
  • प्रयोजन: उद्देश्य
  • खुराफात: व्यर्थ की बातें
  • हिमाकत: बेवकूफी
  • किफ़ायत: बचत
  • टास्क: कार्य
  • जलील: अपमानित
  • प्राणांतक: प्राण का अंत करने वाला
  • कांतिहीन: चेहरे पे चमक ना होना
  • सहिष्णुता: सहनशीलता
  • कनकौआ: पतंग
  • अदब: इज्जत
  • जहीन: प्रतिभावान
  • तजुरबा: अनुभव
  • बदहवास: बेहाल
  • मुहताज (मोहताज): दूसरे पर आश्रित
The document पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10 is a part of the Class 10 Course Hindi Class 10.
All you need of Class 10 at this link: Class 10
32 videos|436 docs|69 tests

FAQs on पाठ का सार: बड़े भाई साहब - Hindi Class 10

1. "बड़े भाई साहब" कहानी का मुख्य विषय क्या है?
Ans. "बड़े भाई साहब" कहानी का मुख्य विषय भाई-भाई के रिश्ते और परिवार के मूल्यों पर आधारित है। इसमें बड़े भाई की जिम्मेदारी, छोटे भाई के प्रति उसके प्यार और समर्थन को दर्शाया गया है।
2. इस पाठ में मुख्य पात्र कौन हैं?
Ans. इस पाठ में मुख्य पात्र बड़े भाई साहब और छोटे भाई हैं। बड़े भाई साहब का चरित्र जिम्मेदार और समझदार है, जबकि छोटे भाई का चरित्र नासमझ और चंचल है।
3. बड़े भाई साहब की विशेषताएँ क्या हैं?
Ans. बड़े भाई साहब की विशेषताएँ जिम्मेदारी, समझदारी, और सहानुभूति हैं। वे अपने छोटे भाई की भलाई का ख्याल रखते हैं और उसे सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
4. "बड़े भाई साहब" कहानी का संदेश क्या है?
Ans. "बड़े भाई साहब" कहानी का संदेश है कि परिवार में एक-दूसरे की मदद और समर्थन करना जरूरी है। यह भाईचारे और जिम्मेदारी के महत्व को उजागर करता है।
5. इस पाठ में दिए गए घटनाक्रम का क्या महत्व है?
Ans. इस पाठ में दिए गए घटनाक्रम का महत्व यह है कि यह जीवन में चुनौतियों का सामना करने, कर्तव्यों को निभाने और परिवार के सदस्यों के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।
Related Searches

Extra Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

,

MCQs

,

पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10

,

Exam

,

mock tests for examination

,

Free

,

Viva Questions

,

video lectures

,

Semester Notes

,

pdf

,

पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10

,

पाठ का सार: बड़े भाई साहब | Hindi Class 10

,

shortcuts and tricks

,

study material

,

Sample Paper

,

practice quizzes

,

ppt

,

Objective type Questions

,

Summary

,

past year papers

;