मौर्यकालीन प्रशासन
बृहत् शिलालेख और उनकी विषयवस्तु पहला - पशु हत्या तथा उत्सव समारोहों पर प्रतिबंध लगाया गया था। दूसरा - इसमें समाज कल्याण से संबंधित कुछ कार्य बताए गए हैं जो कि धम्म के कार्यों में निहित हैं । तीसरा - इसमें ब्राह्मणों तथा श्रवणों के प्रति उदारता को एक विशेष गुण बताया गया है। साथ ही माता-पिता का सम्मान करना, सोच-समझकर धन खर्करना और बचाना भी अच्छे कार्यों में बताए गए हैं । चैथा - इसमें धम्म नीति से संबंधित महत्त्वपूर्ण विचार व्यक्त किए गए हैं । इसमें कहा गया है कि धम्म की नीति के द्वारा अनैतिकता तथा ब्राह्मणों एवं श्रवणों के प्रति निरादर की प्रवृत्ति, हिंसा, मित्रों और रिश्तेदारों के साथ अशोभनीय व्यवहार तथा इसी प्रकार के अन्य गलत प्रवृत्तियों पर रोक लग सकती है। पशु हत्या भी काफी हद तक रोकी जा सकती है। पाँचवाँ -इसमें पहली बार अशोक के शासन के वर्ष में धम्म महामात्रों की नियुक्ति की चर्चा की गई है। छठा इसमें धम्म महामात्रों के लिए आदेश हैं । शिलालेख के दूसरे भाग में सजग एवं सक्रिय प्रशासन व सुचारू व्यापार का उल्लेख है। सातवाँ - इसमें सभी संप्रदायों के बीसहिष्णुता का आह्नान है। आठवाँ - इसमें कहा गया है कि सम्राट अब धम्म यात्राएँ करेंगे। अब वे आखेटन को छोड़कर जनता के विभिन्न वर्गों से सम्पर्क में लगेंगे।
नवाँ - इसमें जन्म, बीमारी, विवाह आदि के उपरांत तथा यात्रा के पूर्व होने वाले समारोहों की निन्दा की गई है। पत्नियों तथा माताओं द्वारा समारोह मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसके स्थान पर अशोक धम्म पर बल देता है और समारोहों की व्यर्थता की बात कहता है। दसवाँ - इसमें ख्याति एवं गौरव की निंदा तथा धम्म नीति की श्रेष्ठता पर विचार प्रकट किया गया है। ग्यारहवाँ - इसमें भी धम्म नीति की व्याख्या की गई है। इसमें बड़ों का आदर, पशु हत्याएँ न करने तथा मित्रों के प्रति उदारता पर बल दिया गया है। बारहवाँ - इस शिलालेख में पुनः संप्रदायों के बीसहिष्णुता का निवेदन किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि राजा विभिन्न संप्रदायों के बीसंभावित टकरावों से चिन्तित था और सौहार्द बनाए रखने के लिए निवेदन करता है। तेरहवाँ - इसमें कलिंग की लड़ाई और वहाँ के हत्याकांड का वर्णन है। यहाँ अशोक के युद्ध के विरुद्ध विचार हैं । इसमें युद्ध की त्रासदी का विस्तृत वर्णन किया गया है और इससे संकेत मिलता है कि वह युद्ध का विरोधी क्यों हो गया। चैदहवाँ - इसमें लोगों को धार्मिक जीवन व्यतीत करने के लिए लिए बार-बार प्रेरणा दी गई है। |
अशोक के शिलालेख संबंधी कुछ मुख्य तथ्य
|
स्मरणीय तथ्य
|
398 videos|676 docs|372 tests
|
1. मौर्य साम्राज्य कब स्थापित हुआ? |
2. मौर्य साम्राज्य की स्थापना की प्रमुख कारणों में से कौन-से हैं? |
3. मौर्य साम्राज्य का सबसे प्रमुख अधिकारी कौन था? |
4. मौर्य साम्राज्य की विभाजन प्रणाली क्या थी? |
5. मौर्य साम्राज्य के किस शासक द्वारा इसकी अवशिष्टें खोजी गईं? |
398 videos|676 docs|372 tests
|
|
Explore Courses for UPSC exam
|