यदि MUMBAI के लिए कूट है LSJXVC, तो DELHI के लिए कूट है।
यदि RAMON को 12345 के रूप में तथा DINESH को 675849 के रूप में लिखा जाता है, तो HAMAM को किस रूप में लिखा जाएगा?
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यदि X, -3 और -1 के बीच में है तथा Y, -1 और 1 के बीच में है, तो X2 - Y2 निम्नलिखित में से किनके बीच में होगा?
X और Y, 1 के अलावा धन पूर्णांक हैं तथा Y, X से बड़ा है। निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे बड़ी संख्या को निरूपित करता है?
निम्नलिखित जानकारी को पढ़िए और उसके पश्चात् आने वाले दो प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए।
छ: अधिकारियों A, B, C, D, E और F के लिए किसी कार्यालय खंड की योजना इस प्रकार हैं : B और C दोनों के कार्यालय, इस कार्यालय खंड में प्रवेश करते गलियारे की दाई और हे, और A का कार्यालय गलियारे की बाई और है। E ओर F के कार्यालय गलियारे के विपरीत पार्श्वों पर हैं किन्तु उनके कार्यालय आमने - सामने नहीं हैं। C और D के कार्यालय आमने-सामने हैं। E का कार्यालय किनारे पर नहीं है। F का कायालय गलियारे में A के कार्यालय के और आगे किन्तु उसी पार्श्वों में है।
प्रश्न: यदि E अपने कार्यालय में गलियारे की ओर मुंह करके बैठता है, तो उसकी बायीं ओर किसका कार्यालय है?
निम्नलिखित जानकारी को पढ़िए और उसके पश्चात् आने वाले दो प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए।
छ: अधिकारियों A, B, C, D, E और F के लिए किसी कार्यालय खंड की योजना इस प्रकार हैं : B और C दोनों के कार्यालय, इस कार्यालय खंड में प्रवेश करते गलियारे की दाई और हे, और A का कार्यालय गलियारे की बाई और है। E ओर F के कार्यालय गलियारे के विपरीत पार्श्वों पर हैं किन्तु उनके कार्यालय आमने - सामने नहीं हैं। C और D के कार्यालय आमने-सामने हैं। E का कार्यालय किनारे पर नहीं है। F का कायालय गलियारे में A के कार्यालय के और आगे किन्तु उसी पार्श्वों में है।
प्रश्न: F का/ के निकटतम पड़ोसी कौन है?
नीचे दिए गए परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
मरुभवन (डेज़र्टिफिकेशन)' किसी पारितंत्र की जैव उत्पादकता के हास की उस प्रक्रिया की व्याख्या करने वाला शब्द है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता की संपूर्ण हानि हो जाती है। यद्यपि यह घटना प्रायः शुष्क, अर्थशुष्क और अल्पादें पारितंत्रों से जुड़ी हुई । है, तथापि आलू उष्णकटिबंधों में भी इसका प्रभाव अत्यंत नाटकीय हो सकता है। मानवप्रभावित स्थलीय पारितंत्रों का दरिद्रण (इंपोवरिशमेंट) विविध रूपों में दिख सकता है और त्वरित अपरदन जैसा कि के पर्वतीय क्षेत्रों में है देश , भूमि का, लवणीभवन जैसा कि देश के अर्धशुष्क और शुष्क हरितक्रांति' क्षेत्रों, उदाहरणार्थ हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है और स्थल गुणता हासजो कि भारत के सभी मैदान पर वनस्पतिआच्छादन के और धान/गेहूँ की एकरस एकधान्य कृषि के कारण होने वाली एक आम घटना है। वनोन्मूलन का एक प्रमुख दुष्परिणाम जलविज्ञान में प्रतिकूल परिवर्तनों और संबंधित मृदा और पोषकों की हानियों से संबंधित है। वनोन्मूलन के दुष्परिणाम निरपवाद रूप से अपरदनकारी हानियों के माध्यम से होने वाले स्थल अवक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं। उष्णकटिबंधीय एशियाअफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में अपरदन उच्चतम स्तर पर हैं। उष्णकटिबंधों पर पहले से ही इसकी उच्च दरें वनोन्मूलन के, और वनों के नष्ट हो जाने के उपरांत किए जाने वाले बेमेल भूमि-प्रबंधन प्रणालियों के कारण चिंताजनक दर से बढ़ रही हैं (उदाहरणार्थ भारतीय संदर्भ में प्रमुख नदीतंत्र गंगा और ब्रह्मपुत्र के माध्यम से)। पर्वत के संदर्भ में, पर्वतीय मदा का कम होता जा रहा आर्द्रता-धारण, हिमालयी क्षेत्र में अंतर्गम झरनों और अपेक्षाकृत छोटी नदियों के सूखते जाने का श्रेय बन-आच्छादन में आए उन परिवर्तनों को दिया जा सकता है। एक अप्रत्यक्ष परिणाम, जल के माध्यम से होने वाले उच्चभूमि निम्नभूमि की अन्योन्यक्रिया में आया उग्र बदलाव है। असम के चायरोषण करने वालों की तात्कालिक चिंता ब्रह्मपुत्र के कछारों के साथ आने वाले बारम्बार आप्लावन के कारण चाय बागानों को होने वाली क्षति के बारे में है, एवं चाय-बागान की क्षति और परिणामस्वरूप होने वाली चाय उत्पादकता की हानि, नदीतंत्र के बदलते मार्ग और गाद-भराई सिल्टेशन) के कारण नदीतल के बढ़ते जाते स्तर के कारण हैं। स्थल मरुभवन के अंतिम परिणाम हैं : मृदा निम्नीकरण, उपलब्ध जल और उसकी गुणता में नि, और इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण समुदाय के आर्थिक कल्याण के आवश्यक खाद्य, चारा और ईंधन-काष्ठ उत्पादन लिए । वाला हास।
प्रश्न: इस परिछेद के अनुसार, निम्नलिखित में से कौन-से ' ' वनआच्छादन में आए हास के परिणाम हैं?
1. उपरिमृदा की हानि
2. अपेक्षाकृत छोटी नदियों की हानि
3. कृषि उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव
4. भौमजल की हानि
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
नीचे दिए गए परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
मरुभवन (डेज़र्टिफिकेशन)' किसी पारितंत्र की जैव उत्पादकता के हास की उस प्रक्रिया की व्याख्या करने वाला शब्द है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता की संपूर्ण हानि हो जाती है। यद्यपि यह घटना प्रायः शुष्क, अर्थशुष्क और अल्पादें पारितंत्रों से जुड़ी हुई । है, तथापि आलू उष्णकटिबंधों में भी इसका प्रभाव अत्यंत नाटकीय हो सकता है। मानवप्रभावित स्थलीय पारितंत्रों का दरिद्रण (इंपोवरिशमेंट) विविध रूपों में दिख सकता है और त्वरित अपरदन जैसा कि के पर्वतीय क्षेत्रों में है देश , भूमि का, लवणीभवन जैसा कि देश के अर्धशुष्क और शुष्क हरितक्रांति' क्षेत्रों, उदाहरणार्थ हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है और स्थल गुणता हासजो कि भारत के सभी मैदान पर वनस्पतिआच्छादन के और धान/गेहूँ की एकरस एकधान्य कृषि के कारण होने वाली एक आम घटना है। वनोन्मूलन का एक प्रमुख दुष्परिणाम जलविज्ञान में प्रतिकूल परिवर्तनों और संबंधित मृदा और पोषकों की हानियों से संबंधित है। वनोन्मूलन के दुष्परिणाम निरपवाद रूप से अपरदनकारी हानियों के माध्यम से होने वाले स्थल अवक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं। उष्णकटिबंधीय एशियाअफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में अपरदन उच्चतम स्तर पर हैं। उष्णकटिबंधों पर पहले से ही इसकी उच्च दरें वनोन्मूलन के, और वनों के नष्ट हो जाने के उपरांत किए जाने वाले बेमेल भूमि-प्रबंधन प्रणालियों के कारण चिंताजनक दर से बढ़ रही हैं (उदाहरणार्थ भारतीय संदर्भ में प्रमुख नदीतंत्र गंगा और ब्रह्मपुत्र के माध्यम से)। पर्वत के संदर्भ में, पर्वतीय मदा का कम होता जा रहा आर्द्रता-धारण, हिमालयी क्षेत्र में अंतर्गम झरनों और अपेक्षाकृत छोटी नदियों के सूखते जाने का श्रेय बन-आच्छादन में आए उन परिवर्तनों को दिया जा सकता है। एक अप्रत्यक्ष परिणाम, जल के माध्यम से होने वाले उच्चभूमि निम्नभूमि की अन्योन्यक्रिया में आया उग्र बदलाव है। असम के चायरोषण करने वालों की तात्कालिक चिंता ब्रह्मपुत्र के कछारों के साथ आने वाले बारम्बार आप्लावन के कारण चाय बागानों को होने वाली क्षति के बारे में है, एवं चाय-बागान की क्षति और परिणामस्वरूप होने वाली चाय उत्पादकता की हानि, नदीतंत्र के बदलते मार्ग और गाद-भराई सिल्टेशन) के कारण नदीतल के बढ़ते जाते स्तर के कारण हैं। स्थल मरुभवन के अंतिम परिणाम हैं : मृदा निम्नीकरण, उपलब्ध जल और उसकी गुणता में नि, और इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण समुदाय के आर्थिक कल्याण के आवश्यक खाद्य, चारा और ईंधन-काष्ठ उत्पादन लिए । वाला हास।
प्रश्न: इस परिच्छेद से, निम्नलिखित में से कौन-सा /से सही निष्कर्ष (इंफेरेंस) निकाला जा सकता हैनिकाले जा सकते हैं?
1. वनोन्मूलन के कारण नदियों के मार्ग में परिवर्तन हो सकता है।
2. भूमि का लवणीभवन केवल मानवीय क्रियाकलाप के कारण होता है।
3. मैदानों में गहन एकधान्य कृषि-प्रथा, उष्णकटिबंधीय एशियाअफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में मरुभवन का प्रमुख कारण है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
नीचे दिए गए परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
मरुभवन (डेज़र्टिफिकेशन)' किसी पारितंत्र की जैव उत्पादकता के हास की उस प्रक्रिया की व्याख्या करने वाला शब्द है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकता की संपूर्ण हानि हो जाती है। यद्यपि यह घटना प्रायः शुष्क, अर्थशुष्क और अल्पादें पारितंत्रों से जुड़ी हुई । है, तथापि आलू उष्णकटिबंधों में भी इसका प्रभाव अत्यंत नाटकीय हो सकता है। मानवप्रभावित स्थलीय पारितंत्रों का दरिद्रण (इंपोवरिशमेंट) विविध रूपों में दिख सकता है और त्वरित अपरदन जैसा कि के पर्वतीय क्षेत्रों में है देश , भूमि का, लवणीभवन जैसा कि देश के अर्धशुष्क और शुष्क हरितक्रांति' क्षेत्रों, उदाहरणार्थ हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है और स्थल गुणता हासजो कि भारत के सभी मैदान पर वनस्पतिआच्छादन के और धान/गेहूँ की एकरस एकधान्य कृषि के कारण होने वाली एक आम घटना है। वनोन्मूलन का एक प्रमुख दुष्परिणाम जलविज्ञान में प्रतिकूल परिवर्तनों और संबंधित मृदा और पोषकों की हानियों से संबंधित है। वनोन्मूलन के दुष्परिणाम निरपवाद रूप से अपरदनकारी हानियों के माध्यम से होने वाले स्थल अवक्रमण के कारण उत्पन्न होते हैं। उष्णकटिबंधीय एशियाअफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में अपरदन उच्चतम स्तर पर हैं। उष्णकटिबंधों पर पहले से ही इसकी उच्च दरें वनोन्मूलन के, और वनों के नष्ट हो जाने के उपरांत किए जाने वाले बेमेल भूमि-प्रबंधन प्रणालियों के कारण चिंताजनक दर से बढ़ रही हैं (उदाहरणार्थ भारतीय संदर्भ में प्रमुख नदीतंत्र गंगा और ब्रह्मपुत्र के माध्यम से)। पर्वत के संदर्भ में, पर्वतीय मदा का कम होता जा रहा आर्द्रता-धारण, हिमालयी क्षेत्र में अंतर्गम झरनों और अपेक्षाकृत छोटी नदियों के सूखते जाने का श्रेय बन-आच्छादन में आए उन परिवर्तनों को दिया जा सकता है। एक अप्रत्यक्ष परिणाम, जल के माध्यम से होने वाले उच्चभूमि निम्नभूमि की अन्योन्यक्रिया में आया उग्र बदलाव है। असम के चायरोषण करने वालों की तात्कालिक चिंता ब्रह्मपुत्र के कछारों के साथ आने वाले बारम्बार आप्लावन के कारण चाय बागानों को होने वाली क्षति के बारे में है, एवं चाय-बागान की क्षति और परिणामस्वरूप होने वाली चाय उत्पादकता की हानि, नदीतंत्र के बदलते मार्ग और गाद-भराई सिल्टेशन) के कारण नदीतल के बढ़ते जाते स्तर के कारण हैं। स्थल मरुभवन के अंतिम परिणाम हैं : मृदा निम्नीकरण, उपलब्ध जल और उसकी गुणता में नि, और इसके परिणामस्वरूप, ग्रामीण समुदाय के आर्थिक कल्याण के आवश्यक खाद्य, चारा और ईंधन-काष्ठ उत्पादन लिए । वाला हास।
प्रश्न: मरूभवन' के संदर्भ , जैसा कि परिच्छेद में वर्णन किया गया है, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं :
1. मरुभवन, केवल उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की एक घटना है।
2. बाढ़ और मरुभवन, वनोन्मूलन के अनिवार्य परिणाम हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ वैध है/हैं?
नीचे दिए गए परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-2
जलवायु परिवर्तन का सामना करने और उत्पादक कृषि, वानिकी तथा मत्स्यपालन को सुनिश्चित करने के लिए प्राकृतिक परिसम्पत्तियों की विविधता की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, ऐसी फसल किस्मों की आवश्यकता है जो सूखागर्मी और बढ़ी हुई COA के अंतर्गत अच्छा निष्पादन करें। लेकिन फसलों को चुनने के लिए निजीक्षेत्र और किसान-प्रेरित प्रक्रिया अतीत अथवा वर्तमान दशा में अपनाई गई एकरूप किस्मों का समर्थन करती है न कि उन किस्मों का जो अपेक्षाकृत गर्म, आर्ट्स अथवा शुष्क दशाओं में सतत उच्च उत्पादन देने में समर्थ हैं। वर्तमान फसलों, नस्लों और उनके वन्य संबंधियों के आनुवंशिक संसाधनों की अपेक्षाकृत व्यापक निकायों (पूल) को संरक्षित रखने के लिए वरित प्रजनन कार्यक्रमों की आवश्यकता है। अपेक्षाकृत अक्षुण्ण पारितंत्रों, जैसे कि वनारोपित जलग्रहणक्षेत्र, मैंग्रोव, आर्टेमियाँ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोक सकते हैं। बदलती हुई जलवायु के अंतर्गत ये पारितंत्र स्वयं संकट में हैं और प्रबंधन उपागों को अपेक्षाकृत अधिक पूर्वसक्रिय और अनुकूली बनाना होगा। प्राकृतिक क्षेत्रों के बीच के संयोजनों, जैसे कि प्रवासन गलियारों, की आवश्यकता जातियों की गतिशीलता सुकर बनाने के लिए होगी जिससे कि जलवायु परिवर्तन का सामना किया जा सके।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-से, जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए सहायक होंगे?
1. प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण
2. अपेक्षाकृत व्यापक जीन पूल का संरक्षण
3. विद्यमान फसल प्रबंधन पद्धतियाँ
4. प्रवासन गलियारे
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
नीचे दिए गए परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-2
जलवायु परिवर्तन का सामना करने और उत्पादक कृषि, वानिकी तथा मत्स्यपालन को सुनिश्चित करने के लिए प्राकृतिक परिसम्पत्तियों की विविधता की आवश्यकता होगी। उदाहरण के लिए, ऐसी फसल किस्मों की आवश्यकता है जो सूखागर्मी और बढ़ी हुई COA के अंतर्गत अच्छा निष्पादन करें। लेकिन फसलों को चुनने के लिए निजीक्षेत्र और किसान-प्रेरित प्रक्रिया अतीत अथवा वर्तमान दशा में अपनाई गई एकरूप किस्मों का समर्थन करती है न कि उन किस्मों का जो अपेक्षाकृत गर्म, आर्ट्स अथवा शुष्क दशाओं में सतत उच्च उत्पादन देने में समर्थ हैं। वर्तमान फसलों, नस्लों और उनके वन्य संबंधियों के आनुवंशिक संसाधनों की अपेक्षाकृत व्यापक निकायों (पूल) को संरक्षित रखने के लिए वरित प्रजनन कार्यक्रमों की आवश्यकता है। अपेक्षाकृत अक्षुण्ण पारितंत्रों, जैसे कि वनारोपित जलग्रहणक्षेत्र, मैंग्रोव, आर्टेमियाँ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोक सकते हैं। बदलती हुई जलवायु के अंतर्गत ये पारितंत्र स्वयं संकट में हैं और प्रबंधन उपागों को अपेक्षाकृत अधिक पूर्वसक्रिय और अनुकूली बनाना होगा। प्राकृतिक क्षेत्रों के बीच के संयोजनों, जैसे कि प्रवासन गलियारों, की आवश्यकता जातियों की गतिशीलता सुकर बनाने के लिए होगी जिससे कि जलवायु परिवर्तन का सामना किया जा सके।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गई हैं
1. जीविका का विविधीकरण, जलवायु परिवर्तन का सामना करने की एक योजना के रूप में कार्य करता है।
2. एकधान्य फसलपद्धति को अपनाने से पादप किस्में और उनके वन्य संबंधी, समाप्ति की ओर अग्रसर होते हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएँ वैध है/ हैं?
नीचे दिए गए परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-3
आज शीर्ष पर्यावरणीय चुनौती जन तथा इनकी आकांक्षाओं की समुच्चय है। यदि आकांक्षाएँ द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद की किफ़ायती प्रकार की हों, तब बहुत अधिक संभावनाएँ बनती हैं, उस दृष्टिकोण की तुलना में जो पृथ्वी को एक विशालकाय शॉपिंग मॉल की। भाँति देखता है। हमें चमक-दमक के आकर्षण के परे जाना चाहिए तथा यह समझना चाहिए कि पृथ्वी एक जैविक तंत्र की भांति कार्य करती है।
प्रश्न: उपर्युक्त परिच्छेद से, निम्नलिखित में से कौन-सा सर्वाधिक निर्णायक और तार्किक निष्कर्ष (इंफेरेंस) निकाला जा सकता है?
नीचे दिए गए चार परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-4
कुछ लोगों का विश्वास है कि नेतृत्व एक ऐसा गुण है जो या तो जन्म से होता है या बिलकुल नहीं होता। यह सिद्धांत मिथ्या है, क्योंकि नेतृत्व की कला अर्जित की जा सकती है और अवश्य ही सिखाई जा सकती है। यह खोज युद्ध के समय में की गईहै और प्राप्त परिणाम प्रशिक्षकों को भी आश्चर्य में डाल सकते हैं। बायें जाने या दायें जाने के विकल्पों का सामना होने परहर सैनिक जल्दी ही समझ जाता है कि किसी भी तरफ जाने का एक त्वरित निर्णय लेना अंतहीन चर्चा में लगे रहने से बेहतर है। किसी भी दिशा का एक दृढ़ चुनाव कर लें तो उसमें सही होने का तब भी लगभग निश्चित पर हो सकता है जबकि कुछ न करना तौर गलत है।
प्रश्न: इस परिच्छेद के लेखक का यह मत है कि
नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) पर विचार कीजिये:
प्रश्न: निम्नलिखित में से कौन-सा कथन ऊपर दिए गए। आलेख के संदर्भ में सही नहीं है?
एक खेल प्रतियोगिता के लिए लकड़ी के तीन खण्डकों को मिलाकर बने विजेतामंच का आकार नीचे दिया गया है:
प्रश्न: उपलब्ध छ: विभिन्न रंगों में से रंग चुनने हैं और लकड़ी के तीनों खण्डकों में से प्रत्येक को इस प्रकार रंगा जाना है कि कोई भी दो खण्डकों का रग एकसमान न हो। विजेता-मंच को कितने अलग-अलग तरीकों से रंगा जा सकता है?
नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) पर विचार कीजिये जिसमे किसी देश की जन्मदर और मृत्यु दर दी गयी हैं, और उसके आगे आने वाले दो प्रश्नांशों के उत्तर दीजिये:
प्रश्न: आलेख को देखकर यह निष्कर्ष निकाला जा सकता हैं की वर्ष 1990 से 2010 तक
नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) पर विचार कीजिये जिसमे किसी देश की जन्मदर और मृत्यु दर दी गयी हैं, और उसके आगे आने वाले दो प्रश्नांशों के उत्तर दीजिये:
प्रश्न: ऊपर दिए गए आलेख के सन्दर्भ में, 1970 को आधार वर्ष मानकर निम्नलिखित कथनो पर विचार कीजिए:
1. 35 वर्षो के पश्चात् जनसँख्या स्थिर हो गयी हैं।
2. 35 वर्षो के पश्चात् जनसँख्या वृद्धि - दर स्थिर हो गयी हैं।
3. पहले 10 वर्षो में मृत्युदर में 10% की गिरावट हुई हैं।
4. 35 वर्षो के बाद जन्मदर स्थिर हो गयी हैं।
उपर्युक्त में से कौन - से सर्वाधिक तार्किक एवं तर्कसंगत कथन हैं जो कि इस आलेख से बनाए जा सकते हैं?
चित्र A और B में एक फर्म में श्रमिकों की प्रति वर्ष औसत प्रति घंटा आय (E) निरूपित की गयी हैं
चित्रों से यह देखा जा सकता हैं की
निम्नलिखित चित्रों A और B पर विचार कीजिए:
क्रमशः चित्र A और B में किसी उत्पाद की निर्माण लागत और प्रक्षेपित बिक्री दिखाई गयी हैं। कम - से - कम कितने अददो का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि हानि न हो?
एक लिफ्ट में 18 वयस्क या 30 बच्चो को ले जाने की क्षमता हैं। लिफ्ट में 12 वयस्कों के साथ कितने बच्चे आ सकते हैं?
किसी व्यक्ति ने ₹ 22,800 कीमत का रेफ्रीजरेटर 12.5% चक्रवृद्धि ब्याज (वार्षिक) पर खरीदा। पहले वर्ष के अंत पर उसने ₹ 8,650 एवं दूसरे वर्ष के अंत पर ₹ 9,125 चुकाए। ऋण पूरा चुकाने के लिए उसे तीसरे वर्ष के अंत में कितने रूपये का भुगतान करना होगा?
निम्नांकित चित्रों पर विचार कीजिए:
ऊपर चित्र (I) से (VI) तक में कुछ भाग नियमित दिशाओ में अपनी स्थितियां बदलते हुए दिखाए गए हैं। उसी अनुक्रम का अनुसरण करते हुए नीचे दिए गए चित्रों में से कौन सा चरण (VII) में आएगा?
निम्नांकित आलेखों पर विचार कीजिए। आलेखों में दिए गए वक्र कुछ दशकों की अवधि में दो देशो A और B की जनसँख्या में विभिन्न आयु - वर्गों को प्रदर्शित करते हें:
उपर्युक्त आलेखों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-से सर्वाधिक तार्किक और तर्कसंगत निष्कर्ष (इंफेरेंस) निकाले जा सकते हैं?
1. पिछले ढाई दशकों में देश B के निर्भरता अनुपात में में कमी आई है।
2. अगले ढाई दशकों के अंत में, देश में का निर्भरता अनुपात, देश B के निर्भरता अनुपात की तुलना में बहुत कम हो जाएगा।
3. अगले दो दशकों में, देश A की तुलना में देश B में कुल जनसँख्या के सापेक्ष कार्यशील जनसँख्या बढ़ जाएगी।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
लक्ष्मी, उसका भाई, उसकी पुत्री तथा उसका पुत्र बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। एक युगल (डबल्स) खेल प्रारंभ होने वाला है:
(i), लक्ष्मी का भाई उसकी पुत्री से नेट के पार ठीक ' सम्मुख है।
(ii) उसका पुत्र सबसे खराब खिलाड़ी के सहोदर से नेट के पार विकर्णतः सम्मुख है।
(iii) सबसे अच्छा खिलाड़ी तथा सबसे खराब खिलाड़ी नेट के एक ही तरफ हैं।
सबसे अच्छा खिलाड़ी कौन है?
नीचे दिए गए आलेख में एक वर्ष की अवधि में केंद्रीय बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दरों में अनेक बार किए गए परिवर्तनों को दिखाया गया हैं :
प्रमुख नीतिगत दरें, % में
निम्नलिखित में से कौन-सा एक केन्द्रीय बैंक की इस कार्रवाई का सबसे संभव कारण है?
नीचे दी गयी तालिका में किसी विशेष वर्ष में किसी देश के विभिन्न राज्यों की ज़ी.डी.पी. वृद्धि-दर और दूरसंचार सघनता आँकड़े दिखाए गए हैं। इस तालिका का अध्ययन कीजिए और आगे आने वाले दो प्रश्नांशों के उत्तर दीजिये।
ऊपर दी गई तालिका के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तार्किक और तर्कसंगत निष्कर्ष (इंफेरेंस) निकाला जा सकता हैनिकाले जा सकते हैं?
1. उच्चतर प्रति व्यक्ति आय सामान्यतः उच्चतर दूरसंचार सघनता से संबद्ध होती है।
2. उच्चतर जी० डी० पी० वृद्धि-दर सदा उच्चतर प्रति व्यक्ति आय को सुनिश्चित करती है।
3. उच्चतर जी० डी० पी० वृद्धि-दर उच्चतर दूरसंचार सघनता को आवश्यक रूप से सुनिश्चित नहीं करती।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
नीचे दी गयी तालिका में किसी विशेष वर्ष में किसी देश के विभिन्न राज्यों की ज़ी.डी.पी. वृद्धि-दर और दूरसंचार सघनता आँकड़े दिखाए गए हैं। इस तालिका का अध्ययन कीजिए और आगे आने वाले दो प्रश्नांशों के उत्तर दीजिये।
ऊपर दी गयी तालिका के संदर्भ में, निम्नलिखित पूर्वधारणाएँ बनाई गयी हैं:
1. आजकल, पहले से ही उच्च निष्पादन करने वाले किसी राज्य की संपत्रता दूरसंचार अवसंरचना में वृहत निवेशों को जारी रखे बिना कायम नहीं रखी जा सकती।
2. आजकल, बहुत उच्च दूरसंचार सघनता किसी राज्य में व्यवसाय एवं आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण शर्त हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सी पूर्वधारणा/पूर्वधारणाएं वैध हैं?
नीचे दिया गया आलेख दो दशकों की, अवधि में हमारे कर राजस्व के संयोजन को प्रदर्शित करता हैं:
ऊपर दिए गए आलेख के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से सर्वाधिक तार्किक और तर्कसंगत निष्कर्ष इंफेरेंस) निकाला जा सकता है/निकाले जा सकते हैं?
1. दी गई समयावधि में समग्र कर राजस्व के प्रतिशत के रूप में प्रत्यक्ष करों से राजस्व में वृद्धि हुई है। जबकि अप्रत्यक्ष करों से राजस्व में कमी आई है।
2. उत्पाद शुल्क से प्राप्त राजस्व की प्रवृत्ति प्रदर्शित करती है कि दी हुई समयावधि में निर्माण क्षेत्र का विकास ऋणात्मक रहा है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
यदि x - y = 8 है, तो निम्नलिखित में से कौन-सा /से सत्य होना/होने ही चाहिए?
1. x, y के किसी भी मान के लिए x तथा y दोनों धनात्मक होने ही चाहिए।
2. x, y के किसी भी मान के लिए यदि x धनात्मक है, तो y ऋणात्मक होना ही चाहिए।
3. x, y के किसी भी मान के लिए यदि x ऋणात्मक है, तो y धनात्मक होना ही चाहिए।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
नीचे दिए गए दो परिच्छेदों को पढ़िए और परिच्छेदों के नीचे आने वाले प्रश्नांशों के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नांशों के आपके उत्तर केवल इन परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।
परिच्छेद-1
सस्ते और प्रचुर मांस की तलाश के परिणामस्वरूप फैक्टरी फार्म बनाए गए हैं जहाँ अधिक से अधिक पशुओं को क्रूर और शोचनीय दशाओं में छोटी-छोटी ढेरियों में हँसा जाता है। इस प्रकार के प्रचलनों के परिणामस्वरूप विश्व की अनेक स्वास्थ्य संबंधी देशांतरगामी महामारियाँ उठ खड़ी हुई हैं, जैसे कि एवियन फ्लू। विश्वभर में पशुधन का पालन लगातार बढ़ती हुई क्रूर और तग दशाओं में किया जा रहा है, जहाँ पशु अपना लघु जीवन कृत्रिम प्रकाश, प्रतिजैविकों और वृद्धि हॉर्मोनों के ठसाठस इस्तेमाल के बीच वध होने के दिन तक व्यतीत करते हैं। मांस उत्पादन जल की अत्यधिक खपत माँगता है। मांस के प्रत्येक किलोग्राम के लिए 15000 लीटर जल की आवश्यकता होती है जबकि 1 किलोग्राम धान के लिए 3400 लीटर, 1 किलोग्राम अंडों के लिए 3300 लीटर और 1 किलोग्राम आलू के लिए 255 लीटर जल की आवश्यकता होती है।
प्रश्न: इस परिच्छेद द्वारा दिया गया सर्वाधिक तर्कसंगत और निर्णायक संदेश कौन-सा है?