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पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - UPSC MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2

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पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 1

परिच्छेद-1

जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों की उपज में रूकावट और कीमतों में वृद्धि होने की वजह से, पूरे विश्व में बहुत सारे लोग पहले से ही भुखमरी का शिकार हैं। और जलवायु परिवर्तन के कारण केवल खाद्य ही नहीं बल्कि पोषक तत्व भी अपर्याप्त होते  जा रहे हैं। जैसे-जैसे फसलों की उपज और जीविका पर खतरे की स्थिति बन रही है, सबसे गरीब समुदायों को ही, भु खमरी और कुपोषण के बढ़ने के समेत, जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से ग्रस्त होना पड़ेगा। दूसरी ओर, गरीबी जलवायु परिवर्तन की कारक है, क्योंकि निराशोन्मत समुदाय  अपनी वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संसाधनों के अधारणीय (अनसंस्टेनबल) उपयोग का आश्रय लेते हैं।

निम्नलिखित में से कौन सा, उपर्युक्त परिच्छेद का संर्वाधिक तार्किक उपनिगमन (कोरोलरी) है?

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(b) उपसिद्धांत एक प्रस्ताव है जो पहले से ही प्रमाणित होता है (b) ज्यादा प्रासंगिक है क्योंकि परिच्छेद का कथन है कि निर्धनता तथा जलवायु प्रभाव एक दूसरे को बढ़ावा देती हैं। निर्धनता जलवायु विकृति को बढ़ावा देती हैं, संसाधनों के असधरणीय उपभोग के कारण (अंतिम पंक्ति को देखें) तथा जलवायु परिवर्तन के कारण गरीबी बढ़ती है।

(a) तथा (c) गलत हैं क्योंकि ये गरीबी-उन्मूलन तथा खाद्य-उपदान में वृद्धि इत्यादि के बारे में उल्लेख करते हैं। इनका जलवायु परिर्वतन से कोई संबंध् नहीं है।

(d) गलत है, क्योंकि यह जलवायु परिर्वतन को नियंत्रित करने (असंधरणीय कृषि कार्यों को रोकना) तथा गरीबी-उन्मूलन (खाद्य मूल्य नियंत्राण) हेतु समाधन का सुझाव प्रस्तुत करता है। यह आपसी निर्भरता के बारे में उल्लेख नहीं करता है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 2

परिच्छेद-2

विश्व वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट) ने पाया है कि उन्नत अर्थव्यवस्थाओं से, उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के कुल ऋण और ईक्विटी निवेशों में, किया गया पोर्टफोलियो निवेश का अंश पिछले दशक में दुगुना होकर 12 प्रतिशत हो गया है। इस घटना से भारतीय नीति निर्माताओं पर प्रभाव संभावित है क्योंकि ऋण तथा ईक्विटी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश बढ़ता रहा है। इस घटना को एक आशंका भी बताया जा रहा है कि यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल रिजर्व की ‘‘मात्रात्मक ढील (क्वांटिटेटिव ईंजिगं )  नीति में आसन्न उत्क्रमण (इम्मिनेंट रिवर्सल) होने की दशा में, एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया के रूप में विश्व की वित्तीय स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
उपर्युक्त परिच्छेद से, निम्नलिखित में से कौन सा सर्वाधिक तर्कसंगत आरै निणार्य क अनुमान (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 2

यह परिच्छेद अत्यधिक प्रासंगिक तथा समालोचनात्मक अनुमान का उल्लेख करता है। (a) गलत है क्योंकि यह परिच्छेद के केवल एक भाग का उल्लेख करता है। पोर्टफोलियो निवेश का लाभदायक तथा हानिकारक दोनों प्रभाव पड़ता है। (a) गलत है क्योंकि परिच्छेद पोर्टफोलियो निवेश से आशंका का सुझाव देता है।

परिच्छेद के आधर पर यह नहीं कहा जा सकता कि विकसित अर्थव्यवस्थाएँ हमेशा वैश्विक वित्तीय स्थिरता को खोखला करती हैं। कई अन्य बाह्य कारक हैं जो एक साथ कार्य करते हैं। समान कारणों के लिए (c) गलत है। (d) ज्यादा प्रासंगिक तथा समीक्षात्मक अनुमान है। क्योंकि पोर्टफोलियो निवेश निश्चित रूप से विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को कुछ मामलों में प्रभावित करते हैं। अतः खतरा है।

विशेष: पोर्टफोलियो निवेश - पोर्टफोलियो निवेश निष्क्रिय निवेश हैं क्योंकि ये सक्रिय व्यवस्थापन के लिए आवश्यक नहीं होते हैं अथवा उत्पादक कम्पनी को नियंत्रित नहीं करते हैं। बल्कि निवेश का उद्देश्य मात्रा आर्थिक लाभ है। यह विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के विपरीत है जो निवेशक को कुछ सीमा तक कम्पनी के ऊपर व्यवस्थापन नियंत्राण की अनुमति देता है। अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के लिए, शेयर निवेश जहाँ मालिक कम्पनी के हिस्से का 10ः से कम भाग को प्राप्त करता है, पोर्टपफोलियो निवेश की श्रेणी में आता है। ये लेन-देन पोर्टफोलियो प्रवाह भी कहलाते हैं तथा राष्ट्रीय संतुलन भुगतान के वित्तीय लेखा में सूचीबद्ध होते हैं। पोर्टफोलियो निवेश में शेयर सुरक्षा के लेन-देन भी सम्मिलित होते हैं जैसे - उभयनिष्ठ स्टाॅक तथा ऋण सुरक्षा (जैसे - बैंकनोट, बाँड तथा डिवेंचर) 

मात्रात्मक ढील - यह एक प्रकार की मौद्रिक नीति़ है जिसे केन्द्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को उत्साहित करने के लिए करते हैं, जब मानक माैि द्रक नीति अप्रभावी हो जाती है। एक केन्द्रीय बैंक मात्रात्मक ढील का उपयोग वाणिज्यिक बैंको तथा अन्य वित्तीय संस्थानों से वित्तीय सम्पत्ति को खरीदकर करता है। इस प्रकार उन वित्तीय परिसम्पत्तियों का मूल्य बढ़ जाता है तथा उनका उत्पादन घट जाता है, साथ ही साथ मौद्रिक आपूत्र्ति बढ़ जाती है। मात्रात्मक ढ़ील यह सुनिश्चित कर सकती है कि मुद्रा स्फीति लक्ष्य से नीचे न गिरे। इसमें इस बात की आशंका रहती है कि मुद्रा अवमूल्यन की तुलना में नीति ज्यादा प्रभावी रहे। मौद्रिक आपूर्ति में वृद्धि के कारण, दीर्घ अवधि में उच्च मुद्रा स्फीति का होना पर्याप्त प्रभावी नहीं होते हैं। यदि अतिरिक्त रिजर्व को ऋण में प्रदान नही करते हैं।

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पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 3

परिच्छेद-3

खुले में मलत्याग अनर्थकारी हो सकता है, जब यह अति सघन आबादी वाले क्षेत्रें में व्यवहार में लाया जा रहा हो, जहां मानव मल को फसलों, कुओं, खाद्य सामग्रियों और बच्चों के हाथों से दरू रखना असंभव होता है। भामै जल (ग्राउन्डवाटर) भी खुले में किए गए मलत्याग से संदूषित हो जाता है। आहार में गए अनेक रोगाणु और कृमियां बीमारियां फैलाते हैं। वे शरीर को कैलोरियों और पोषक तत्वों का अवशोषण करने लायक नहीं रहने देते। भारत में लगभग आधो बच्चे कुपोषित बने रहते हैं। उनमें से लाखों, उन रोग दशाओं से मर जाते हैं जिनसे बचाव सम्भव था। अतिसार (डायरिया) के कारण भारतीयों के शरीर औसत रूप से उन लोगों से छोटे हैं जो अपेक्षाकृत गरीब देशों के हैं, जहां लोग खाने से अपेक्षाकृत कम कैलोरियाँ लेते हैं। न्यून-भार (अंडरवेट) माताएँ ऐसे अविकसित (स्टंटेड) बच्चे पैदा करती है जो आसानी से बीमारी का शिकार हो सकते हैं और अपनी पूरी संज्ञानात्मक संभावनाओं (कोग्निटिव पोटेंशियल) को विकसित करने में असफल रह सकते हैं। जो रोगाणु पर्यावरण में निर्मुक्त हो जाते हैं वे न केवल अमीर और गरीब, बल्कि शौचालयों का प्रयोग करने वालों को भी, एक समान हानि पहुँचाते हैं।

उपर्युक्त परिच्छदे से निम्नलिखित में से कानै सा,सबसे निर्णायक अनुमान (इनफेरेंस) निकाला जा सकता है?

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(a) परिच्छेद के संदर्भ से बाहर है, क्योंकि यह परिच्छेद प्रत्येक घर के लिए शौचालय हेतु संसाधन प्रदान करने का उल्लेख नही करता है।

(c) गलत है, क्योंकि परिच्छेद यह उल्लेख नहीं करता है कि भारत के कार्यबल की मानव पूंजी में ह्रास होता है।

(d) गलत है, क्योंकि परिच्छेद का कथन है कि खुले में मलत्याग सभी विकासशील देशों की लोक स्वास्थ्य समस्या है। अंतिम तीसरा वाक्य को देखें। अतिसार के कारण  _______ कम कैलोरी लेते हैं।

(b) अधिक समीक्षात्मक अनुमान है। क्योंकि इसमें कुपोषण, अतिसार, न्यूनभार माताएँ आदि का विकट प्रभाव भारतीय जनसंख्या पर प्रदर्शित करता है तथा शीघ्र ध्यान देने की बात करता है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 4

परिच्छेद-4

हम सामान्यतः लोकतंत्र की बात करते हैं पर जब किसी विशेष विशेष पर बात आती है, तो हम अपनी जाति या समुदाय या धर्म से सम्बन्ध रखना ज्यादा पसन्द करते हैं। जब तक हम इस तरह के प्रलोभन से ग्रस्त रहेंगे, हमारा लोकतंत्र एक बनावटी लोकतंत्र बना रहेगा। हमें इस स्थिति में होना चाहिए कि मनुष्य को मनुष्य की इज्जत मिले और विकास के अवसर उन तक पहुचें जो उसके योग्य है न कि उन्हें जो अपने समुदाय या प्रजाति के हैं। हमारे देश में पक्षपात का यह तथ्य बहुत असंतेाष और दुर्भावना के लिए उत्तरदायी रहा है।

निम्नलिखित कथनों में से कानै सा एक, उपर्युक्त परिच्छदे का सर्वोत्तम सारांश प्रस्तुत करता है?

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(a) गलत है, क्योंकि यह एक सामान्य कथन है। तथ्य परिच्छेद के मूल भाव को व्यक्त करता है।

(c) गलत है, क्योंकि परिच्छेद की प्रारम्भिक पंक्ति का कथन है कि लोग लोक तंत्र की बात करते हैं लेकिन वे अपने जाति या समुदाय या धर्म का पक्ष लेने में समर्थ नहीं हैं।

(d) गलत है, क्योंकि यह चरम सीमा को व्यक्त करता है जो कि परिच्छेद के आशय से बाहर है।

(b) अधिक प्रासंगिक है। क्योंकि यह सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने की बात करता है। चाहे व्यक्ति किसी जाति या समुदाय का हो, यह है वास्तविक लोकतंत्र।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 5

परिच्छेद-5

बचत संग्रहण हेतु, सुरक्षित, विश्वसनीय और वैकल्पिक वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इन्स्टूमेंटस्) प्रदान करने वाली औपचारिक वित्तीय संस्थाओं का होना/स्थापित किया जाना मूलभूत रूप से आवश्यक है। बचत करने के लिए, व्यक्तियों को बैंक जैसी सुरक्षित और विश्वसनीय वित्तीय संस्थाओं के सुलभ होने की, और उपयुक्त वित्तीय साधनों और पर्याप्त वित्तीय प्रोत्साहनों की आवश्यकता होती है। इस तरह की सलु भता भारत जैसे विकासशील देशों में, और उस पर भी ग्रामीण क्षेत्रों में, सभी लोगों को हमेशा उपलब्ध नहीं है। बचत से गरीब परिवारों को नकदी प्रवाह की अस्थिरता के प्रबंधन में मदद मिलती है, उपभागे में आसानी होती है, और र्कायशील पूंजी के निर्माण में मदद मिलती है। औपचारिक बचत तंत्र के सुलभ न होने से गरीब परिवारों में तुरन्त खर्च कर देने के प्रलोभनों को बढ़ावा मिलता है।

उपर्युक्त परिच्देद के सन्दर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

1. भारतीय वित्तीय संस्थाएं ग्रामीण परिवारों को अपनी बचत के संग्रहण के लिए कोई वित्तीय साधन उपलब्ध नहीं करातीं।
2. गरीब परिवार, उपयुक्त वित्तीय साधनों के सुलभ न होने के कारण अपनी आय/बचत को व्यय करने की आरे प्रवृत्त होते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कानै -सा/से सही है/हैं?

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स्पष्टतया (2) सत्य है। (1) गलत है क्योंकि परिच्छेद का कथन है कि भारत जैसे विकासशील देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे अवसर की उपलब्ध्ता सम्भव नहीं है। इसका आशय है कि यह कभी-कभी उपलब्ध होता है। (2) सत्य है क्योंकि परिच्छेद के अंतिम वाक्य में यह उल्लेखित है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 6

परिच्छेद-5

बचत संग्रहण हेतु, सुरक्षित, विश्वसनीय और वैकल्पिक वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इन्स्टूमेंटस्) प्रदान करने वाली औपचारिक वित्तीय संस्थाओं का होना/स्थापित किया जाना मूलभूत रूप से आवश्यक है। बचत करने के लिए, व्यक्तियों को बैंक जैसी सुरक्षित और विश्वसनीय वित्तीय संस्थाओं के सुलभ होने की, और उपयुक्त वित्तीय साधनों और पर्याप्त वित्तीय प्रोत्साहनों की आवश्यकता होती है। इस तरह की सलु भता भारत जैसे विकासशील देशों में, और उस पर भी ग्रामीण क्षेत्रों में, सभी लोगों को हमेशा उपलब्ध नहीं है। बचत से गरीब परिवारों को नकदी प्रवाह की अस्थिरता के प्रबंधन में मदद मिलती है, उपभागे में आसानी होती है, और र्कायशील पूंजी के निर्माण में मदद मिलती है। औपचारिक बचत तंत्र के सुलभ न होने से गरीब परिवारों में तुरन्त खर्च कर देने के प्रलोभनों को बढ़ावा मिलता है।

इस परिच्छेद के द्वारा क्या महत्वपूर्ण संदेश दिया गया है?

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परिच्छेद का निर्णयात्मक संदेश यह है कि वित्तीय संस्थाओं को प्रोत्साहन मिले जिससे देश के प्रत्येक नागरिक को बैंक खाते का लाभ मिल सके तथा मुद्रा संग्रह को बढ़ावा मिले। अधिक बैंकों की स्थापना से वित्तीय समावेश को रास्ता मिलता है। बैंक के बचत योजनाओं पर अधिक ब्याज देने से बचत को बढ़ावा मिलेगा। अतः (d) सही है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 7

परिच्छेद - 6

सरकारों को ऐसे कदम उठाने पड़ सकते हैं जो अन्यथा व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों का अतिलंघन करने हैं, जैसे किसी व्यक्ति की इच्छा के विरूद्ध उसकी भूमि का अधिग्रहण करना, या किसी भवन-निर्माण की अनुमति देने से इनकार करना, किन्तु जिस वृहत्तर लोकहित के लिए ऐसा किया जाता है, उसे जनता (ससंद) द्वारा प्राधिकतृ किया जाना आवश्यक है। प्रशासन के विवेकाधिकार को समाप्त किया जा सकता है। चूंकि, सरकार को अनेकों कार्य करने पड़ रहे हैं, इस अधिकार को सीमा में रखना निरन्तर कठिन  होता जा रहा है। जहां विवेकाधिकार का प्रयोग करना होता है, वहां उस अधिकार के दुरूपयोग को रोकने के लिए नियम एवं रक्षोपाय अवश्य होने चाहिए। ऐसी व्यवस्था की युक्ति करनी होगी, जो विवेकाधिकारों के दुरूपयोग को, यदि रोक न सके, तो न्यूनतम ही कर सके। सरकारी कार्य मान्य नियमों और सिद्धांतों  के ढाँचे के अन्तर्गत ही किए जाने चाहिए, तथा निर्णय समान रूप तथा पूर्वानुमेय (प्रिडिक्टेबल) होने चाहिए।

उर्पयुक्त परिच्छेद से निम्नलिखित में से कौन-सी, सर्वाधिक तार्किक धारणा बनाई जा सकती है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 7

(a) स्पष्टतया गलत है क्योंकि परिच्छेद में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि प्रशासन के सभी मामलों में विवेकाधिकार सुनिश्चित हो। प्रथम वाक्य में उल्लेखित तथ्य यह है कि कुछ परिस्थितियों में यह क्रियान्वित हो।

(b) सही है। क्योंकि परिच्छेद में नियमों तथा सुरक्षामानदंडों की सर्वोच्चता का उल्लेख है (अंतिम वाक्य को देखें)। आगे तीसरे वाक्य में - "जहाँ विवेकाधिकार ..................... न्यनूतम ही कर सके।" - नियमों तथा सुरक्षामानदंडों की प्रभावीकरण पर बल दिया गया है जो कि प्राध्किरण के विशेष विवेकाध्किार के विपरीत है।

(c) गलत है, क्योंकि यह परिच्छेद में वर्णित संसदीय लोकतंत्र (लोगों द्वारा अधिकृत) को अस्वीकार करता है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 8

प्रधानाचार्य के एक पद और उप-प्रधानाचार्य के दो पदों के लिए चयन होना है। साक्षात्कार के लिए बुलाए गए 6 उम्मीदवारों में सेकेवल दो उम्मीदवार प्रधानाचार्य के पद के लिए पात्र है जबकि उप-प्रधानाचार्य के पद के लिए वे सभी उम्मीदवार पात्र हैं। चुनेजाने वाले उम्मीदवारों के सभी संभव संयोजनों की संख्या क्या है?

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प्रधानाचार्य के पद के चयन का तरीका = 2C1

उप-प्रधानाचार्य के पद के चयन का तरीका = 5C2

कुल चयन का तरीका  =
= 10 + 2 = 12

चुने जाने वाले उम्मीदवारों के संभव संयोजनों की कुल संख्या = 10 x 2 = 20

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 9

एक विद्यार्थी को एक पाठयक्रम के लिए 5 विषयों, नामतः वाणिज्य, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, गणित I और गणित II में से 2 विषयों कोचुनना है। गणित II केवल तभी चुना जा सकता है जब गणित I भी चुना गया हो। दो विषयों के चुने जा सकने वाले संभव संयोजनों की संख्या क्या है?

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यदि गणित I को नहीं चुना जाता है तो दो विषयों के चयन का तरीका = (4 x 3) / 6

यदि गणित I को चुना जाता है तो गणित प्प् तभी चुना जायेगा इसलिए दो विषयों की चयन का कुल तरीका = 6 +1 = 7

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 10

एक व्यक्ति ने 5 जोडे़ काले मोजे और कुछ जोड़े भूरे मोजे का आर्डर दिया। एक काले जोडे़ की कीमत एक भूरे जोड़े की कीमत से तीन गुनी थी। बिल बनाते समय, बिल क्लर्क ने काले और भूरे जोड़ों की संख्या को गलती से आपस में बदल दिया जिसके कारण बिल 100 प्रतिशत बढ़ गया। मूल आर्डर में भूरे मोजे के जोड़ों की संख्या क्या थी?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 10

माना कि, भूरे रंग के जोड़ों की संख्या = y
भूरे रंग के प्रत्येक जोड़ो की कीमत = x
काले रंग के प्रत्येक जोड़ों की कीमत = 3x 

प्रश्न से,

5 काले जोड़े और ल भूरे रगं की कुल कीमत = 5x3x + yx = 15x+ yx

परंतु, बिल क्लर्क ने काले और भूरे जोड़ों की संख्या आपस में बदल देने पर, कीमत 100%  बढ़ जाती है। अब,

= 3xy +5x = 30x + 2xy = xy = 25x
y = 25

अतः प्रारंभ आर्डर में भूरे रंग के मोजे की कुल संख्या = 25

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 11

सिर्फ पत्रिका X पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या, पत्रिका Y पढ़ने वाले व्यक्ति कि संख्या की तीन गुनी है। सिर्फ पत्रिका Y पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या, पत्रिका X पढने़ वाले व्यक्तियों की संख्या की तीन गुनी है। तब, निम्नलिखित में से कौन सा/ से निष्कर्ष निकाला/निकाले जा सकता/सकते है/ हैं?

1. दोनों पत्रिकाएँ पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या, सिर्फ पत्रिका X पढ़ने वाले व्यक्तियों की संख्या की दुगुनी है।
2. उन व्यक्तियों की कुल संख्या जो या तो कोई एक पत्रिका पढते़ हैं या दोनों पत्रिकाएँ पढते़ हैं, दोनों पत्रिकाएं पढने़ वाले
व्यक्तियों की संख्या की दुगनी है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 12

नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) में A और B का वर्ष 2000-2010 अवधि का उपार्जन दिखाया गया हैः

इस आलेख से, निम्नलिखित में से कौन सा एक निष्कर्ष निकाला जा सकता है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 12

दिए गया वर्ष, 2000 से 2007 तक A के द्वारा उपार्जन > B के द्वारा उपार्जन

अब A का औसत > B का औसत

इसलिए निष्कर्ष यह निकलता है कि औसत रूप से A ने B से अधिक उपार्जित किया

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 13

दो नल A और B किसी टंकी को अलग-अलग क्रमशः 20 और 30 मिनट में पूरा भर सकते हैं। यदि दोनों नल एक साथ खोल दिए जाएं, तो टंकी को पूरी तरह भरने में उन्हें कितना समय लगेगा?

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दोनों नलों द्वारा टंकी को पूरी तरह से भरने में लगा समय

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 14

एक घन के छः विभिन्न फलकों में से प्रत्येक को भिन्न रंग, अर्थात, V, I, B, G, Y और O से रंगा गया है। निम्नलिखित सूचना दी गई हैः

1. रंग Y, O और B संलग्न फलकों पर है।
2. रंग I, G और Y संलग्न फलकों पर है।
3.  रंग B, G और Y संलग्न फलकों पर है।
4. रंग O, V और B संलग्न फलकों पर है।

रंग O से रंगे फलक के प्रतिमुख फलक पर कौन सा रंग है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 14

2 और 3 से, I और B एक दूसरे के प्रतिमुख है।
1 और 4 से Y और V एक दूसरे के साथ में है।

इसलिए G, O के प्रतिमुख है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 15

नीचे दिए गए कथनों और उनके दिए गए दो निष्कर्षों पर विचार कीजिएः

कथनः
कुछ व्यक्ति महान होते हैं।
कछु व्यक्ति बुद्धिमान होते हैं।

निष्कर्ष  I : व्यक्ति या तो महान होते हैं या बुद्धिमान।
निष्कर्ष  II: कुछ व्यक्ति न तो महान् होते  है, न ही बुद्धिमान।

निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?

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कथन I - गलत
कथन II - गलत

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 16

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः

1. कुछ लोग UFOs (अनभिज्ञात उड़न तस्तरियों) को देखे होने का दावा करते हैं।
2. दूसरे खगोलीय पिण्डों पर जीवन की संभावना मानी जाती है।
3. अंतरिक्ष यात्रा अब एक स्थापित तथ्य है।

उपर्युक्त कथनों से, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 17

यदि ABC × DEED = ABCABC; जहां A, B, C, D और E भिन्न अंक है, तो D और E के मान क्या हैं?

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ABC x DEED = ABCABC

जब हम किसी संख्या को ABCABC के रूप में लिखते है तो यह 13, 11, और 7 से विभजित होता है। या ABCABC पूर्ण
रूप से 1001 से विभाजित होगा ।
इसलिए 1001 = DEED

1001 = 13 x 11 x 7
ABC x DEED = ABCABC
ABC x 1001 = ABCABC
तब
D = 1, E = 0,

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 18

नीचे दिए गए आलेख (ग्राफ) में किसी विशेष वस्तु की कीमत का
वर्ष-वार विचरण (वैरिएशन) दिखाया गया हैः

वर्ष 1990 में  वस्तु की कीमत

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आलेख से,

वस्तु का कीमत ₹10 और ₹20 के बीच में कहीं भी रहेगी।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 19

दो परिवारों, A आरै B, द्वारा विभिन्न मदों पर किए गए खर्च का अनुपात निम्नलिखित दंड संचित्रों (बार चार्ट्स) में निरूपित किया गया हैः

इन संचित्रों से, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 19

A का खाद्य पदार्थ पर खर्च

B का खाद्य पदार्थ पर खर्च

इसलिए, A और B दोनों खाद्य पदार्थ पर समान राशि करते है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 20

ऊषा, कमला से तेज दौड़ती है; प्रीति, स्वाति से धीमे दौड़ती है;स्वाति, कमला से धीमे दौड़ती है। सबसे धीमे कौन दौड़ती है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 20

प्रश्नानुसार,

प्रीति < स्वाति < कमला < उषा

यह निष्कर्ष निकलता है कि प्रीति सबसे धीमे गति से दौड़ती है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 21

निम्नलिखित परिच्छेद को पढ़िए और उनके नीचे आने वाले प्रश्न का उत्तर दीजिए। प्रश्न का उत्तर केवल इन
परिच्छेद पर ही आधारित होने चाहिए।

परिच्छेद-1

भारत सतत उच्च मुद्रास्फीति से ग्रस्त रहा है। निर्देशित कीमतों में वृद्धि, मांग और पूर्ति में असंतुलन, रूपए के अवमूल्यन से बदतर हुई आयातित मुद्रास्फीति, और सट्टेबाजी- इन सबने मिलकर उच्च मुद्रास्फीति को बनाए रखा है। यदि इन सभी मे कोई एक समान तत्व है, तो वह यह है कि इनमें से कई आथिर्क सुधारों के परिणाम है। अन्तर्राष्ट्रीय कीमतों में बदलाव के प्रभावों के प्रति भारत की सुभेधता (वल्नरेबिलिटी) व्यापार उदारीकरण के साथ-साथ और बढ़ी है। उपदानों को कम करने के प्रयासों के कारण उन वस्तुओं की कीमतों में निरन्तर वृद्धि हुई है जो निर्देशित है।

उपर्युक्त परिच्छेद में अन्तर्निहित सर्वाधिक ताकिर्क, तर्कसंगत और महत्वपूर्ण संदेश क्या है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 21

यह परिच्छेद भारत में उच्च मुद्रास्फीति के बारें में वर्णन करता है तथा इसे बनाये रखने में अक्षमता को व्यक्त करता है। इसका कारण कई बाहरी कारक है, जो आर्थिक सुधरों के परिणाम है।
अतः (d) सत्य है।

(a) गलत है, क्योंकि यह पूरी तरह से व्यापार उदारीकरण की नीतियों तथा सभी उपदानों से बचने की बात करता है। जो कि मुद्रास्फीति के निराकरण का उपाय है, परन्तु यह परिच्छेद का सन्देश नहीं है।

(b) गलत है, क्योंकि यह उन कारणों के बारें में वर्णन करता है कि भारत कभी व्यापारिक उदारीकरण प्रक्रिया के लिए तैयार नहीं है।

(c) गलत है, क्योंकि परिच्छेद में गरीबी के बारे में वर्णन नही है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 22

परिच्छेद-2

कोई भी अधिकार परम, अनन्य और अनुल्लंघनीय नहीं है। इसी तरह, व्यक्तिगत सम्पत्ति के अधिकार को उसकी कल्पित वैधता के वृहत्तर सन्दर्भ में देखा जाना चाहिए। व्यक्तिगत सम्पत्ति के अधिकार में, स्वतंत्रता के सिद्धान्त का समता के सिद्धान्त के साथ, और इन दोनों का सहयोग के सिद्धान्त के साथ समन्वय होना चाहिए।

उपर्युक्त परिच्छेद में दिए गए तर्क के आलोक में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक कथन सबसे अधिक विश्वासप्रद स्पष्टीकरण है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 22

(a) गलत है, क्योंकि यह परिच्छेद के मौलिक सिद्धांत की बात नहीं करता है परिच्छेद के अनुसार कोई भी अधिकार परम अनन्य और अनुल्लंघनीय नहीं है जबकि (ं) कहता है कि व्यक्तिगत सम्पत्ति का अधिकार एक नैसर्गिक अधिकार है।

(b) गलत है, क्योंकि इसका कथन है कि व्यक्तिगत सम्पत्ति एक चोरी है तथा शोषण का उपकरण है। यह इस बात को व्यक्त नहीं
करता है कि अधिकार को उसकी कल्पित वैधता के रूप में देखा जाना चाहिए जैसा कि यहाँ पर वर्णित है।

(c) गलत है, क्योंकि इसका कथन है कि व्यक्तिगत सम्पत्ति का अध्किार वितरक न्याय का उल्लंघन है तथा सहयोग के सि(ांत
को नकारता है। यह तार्किक व्याख्या नहीं है।

(d) सही है, क्योंकि इसका कथन है कि आर्थिक न्याय का व्यापक विचार इस बात की माँग करता है कि प्रत्येक व्यक्ति के सम्पत्ति अर्जन के अधिकार के साथ सामंजस्यपूर्ण होना चाहिए। अन्तिम वाक्य में वर्णित सहयोग के सिद्धांत को देखें।

विशेष: आर्थिक न्याय समाज व्यवस्था के साथ-साथ प्रत्येक व्यक्ति को शामिल करता है तथा नैतिक सिद्धांतों को निर्देशित करता है जो हमारे वित्तीय संस्थाओं के निर्माण में मार्गदर्शन प्रदान करता है। ये संस्थाएँ इस बात का निर्धरण करती है कि प्रत्येक व्यक्ति किस प्रकार जीविका चलाए, संविदा से जुड़े, एक दूसरे के साथ वस्तुओं तथा सेवाओं का विनिमय करे तथा अपने वित्तीय जीविका हेतु स्वतंत्रा रूप से वस्तुओं का उत्पादन करें। आर्थिक न्याय का परम उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को रचनात्मकता हेतु असीमित कार्यो में स्वतंत्रा करना है जो अर्थशास्त्र के विचार तथा सार तत्त्व से परे है।

आर्थिक न्याय के तीन सिद्धांत - प्रत्येक व्यवस्था की तरह निवेश तथा उत्पादन के मध्य संतुलन कायम करने हेतु प्रतिपुष्टि का समावेश आर्थिक न्याय में है। लुइस केल्सो तथा मार्टिमर एडलर द्वारा परिभाषित आर्थिक न्याय की व्यवस्था में- तीन आवश्यक तथा अन्योन्याश्रित सिद्धांत होते हैं -
(I) सहभागी-न्याय (निवेश सिद्धांत)
(II) वितरण न्याय (निर्गत सिद्धांत)
(III) सामाजिक न्याय ;प्रतिपुष्टि सिद्धांतद्ध तीन पैर वाले स्टूल के पैर की तरह, इन सिद्धांतों में से एक भी कमजोर हुआ या टूटा तो आर्थिक न्याय की व्यवस्था बिखर (नष्ट) जाएगी। केल्सो-एडलर के तीन सिद्धांत (आर्थिक न्याय के सिद्धांत)

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 23

परिच्छेद-3

मानव एवं राज्य के मध्य संघर्ष उतना ही पुराना है जितना कि राज्य का इतिहास। यद्यपि सदियों से राज्य एवं व्यक्ति के प्रतिस्पर्धी दावों के बीच तालमेल बनाने के प्रयास हुए हैं, किन्तु समाधान अभी भी दूर प्रतीत होता है। यह मुख्यतः इसलिए है क्योंकि मानव समाज की प्रकृति गतिशील है जिसमें पुराने मूल्यों आरै विचारों ने निरन्तर नए मूल्यों आरै विचारों को स्थान दिया है। यह स्पष्ट है कि यदि व्यक्तियों को बाले ने और कार्य करने की निरपेक्ष स्वतन्त्रता दे दी गई, तो उसका परिणाम अव्यवस्था, विनाश एवं
अराजकता में हो सकता है।

निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक, लेखक के दृष्टिकोण का सर्वोत्तम सारांश प्रस्तुत करता है?

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(a) सत्य है क्योंकि, परिच्छेद मानव तथा राज्य के मध्य संघर्ष का वर्णन करता है तथा इस तथ्य को सुनिश्चित करता है कि यह संघर्ष उतना ही पुराना है जितना कि राज्य का इतिहास। ष्समाधन अभी भी दूर प्रतीत होता हैष् - इससे यह स्पष्ट होता है कि संघर्ष का कभी भी समाधन नहीं होगा। (b) तथा (d) गलत हैं क्योंकि ये उन विचारों को व्यक्त करते हैं जो परिच्छेद के अंतिम पंक्ति में निहित है।

(c) गलत है, क्योंकि परिच्छेद का कथन है कि प्राचीन मूल्य तथा विचार निरन्तर नए मूल्यों तथा विचारों को स्थान प्रदान करते रहते हैं। यह (c) में उल्लेखित तथ्य के विपरीत है। इसके अलावा यह लेखक का विचार नहीं है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 24

परिच्छेद-4

जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन  योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू  न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।

इस परिच्छेद के अनुसार, जलवायु परिवर्तन में विकासशील देशों की भूमिका के संदर्भ में UNFCCC के अन्तर्गत बहुपक्षीय वार्ताओं में,
निम्नलिखित में से कौन-सा/से, गहन चर्चा का/के विषय है। हैं?

1. अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण।
2. विकासशील देशों में जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली उपज की हानि।
3. विकासशील देशों में न्यूनीकरण तथा अनुकूलन कार्याें का संवर्धन करना।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 24

परिच्छेद (1) तथा (3) के बारे में उल्लेख करता है। चौथे वाक्य को देखें "जलवायु परिवर्तन पर _______ चर्चा का विषय है।" - जो (1) तथा (3) दोनों का उल्लेख करते हैं। फसल हानि जो कि जलवायु परिवर्तन के कारण होता है- का उल्लेख परिच्छेद में नहीं है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 25

जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन  योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू  न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।

इस परिच्छद में, यह सम्मेलन विकसित देशों पर वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की जिम्मेदारी किस कारण डालता है?

1. उनका प्रति व्यक्ति आय का उच्चतर स्तर।
2. उनकी GDP की अधिक मात्रा।
3. वायुमंडल में ग्रीनहास गैसों (GHGs) के जमाव में उनका वहृत् योगदान।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 25

पाचँवें वाक्य को देखें  - " यह सम्मलेन विकसित _______ जिम्मेदारी डालता है।" यह (3) का स्पष्ट उल्लेख करता है। (1) तथा (3) का परिच्छेद में उल्लेख नहीं है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 26

जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन  योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू  न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।

विकासशील देशों के सम्बन्ध में, परिच्छेद से यह अनुमान निकाला जा सकता है कि जलवायु परिवर्तन से उनके

1. घरेलू वित्त पर प्रभाव पड़ना संभावित है।
2. बहुपक्षीय व्यापार की क्षमता पर प्रभाव पड़ना संभावित है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिएः

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 26

दूसरे अंतिम वाक्य को देखें, " भारत जैसे देशों ______ निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है।"जो स्पष्ट करता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण सम्भवतः उनके घरेलू वित्त व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। (2) का उल्लेख परिच्छेद में नहीं है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 27

जलवायु परिवर्तन एक ऐसा जटिल नीतिगत मुद्दा है जो वित्त पर व्यापक प्रभाव डालता है। जलवायु परिवर्तन से निपटने वाले हर प्रयास में अन्ततः लागत शामिल है। भारत जैसे देशों के लिए, अनुकलून (अडैप्टेशन) तथा न्यूनीकरण (मिटिगेशन) की योजनाओं और परियोजनाओं के अभिकल्पन और कार्यान्वयन के लिए निधीयन (फंडिंग) अत्यावश्यक है। निधि का अभाव अनुकूलन  योजनाओं के कार्यान्वयन में एक बड़ी बाधा है। जलवायु परिवतर्न पर संयक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूनाइटेड नेशन्स फ्रमेवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज़ ) (UNFCCC) के अन्तर्गत बहुस्तरीय वार्ताओं में, विकासशील देशों द्वारा उनके घरेलू  न्यूनीकरण तथा अनुकलू न कार्याें के संवर्धन के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता का पैमाना तथा परिमाण सघन चर्चा के विषय है। यह सम्मेलन विकसित देशों पर, वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसेां (GHGs) के जमाव में उनके योगदान के आधार पर, वित्तीय सहायता का प्रावधान करने की समान रूप से जिम्मेदारी डालता है। इस कार्य की मात्रा तथा उसके लिए निधियों की आवश्यकता को देखते हुए विकासशील देशों की मौजूदा तथा अनुमानित (प्रोजेक्टेड) आवश्यकताओं के लिए
जरूरी घरेलू वित्तीय संसाधन कम पड़ने की संभावना है। इस सम्मेलन (कन्वेंशन) की बहुपक्षीय क्रियाविधि के माध्यम से किया गया वैश्विक निधीयन, न्यूनीकरण प्रयासों के वित्तपोषण के लिए उनकी घरेलू क्षमता की वृद्धि करेगा।

इस परिच्छेद में, निम्नलिखित में से किस एक पर अनिवार्यतः विचार-विमर्श किया गया है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 27

न्यूनीकरण के संदर्भ में, यह परिच्छेद स्पष्ट करता है कि विकसित तथा विकासशील देशों के मध्य संघर्ष है। नए मानदण्ड अपनाने के लिए विकासशील देशों को वित्तीय सहायता की आवश्यकता है तथा विकासशील देश चाहते है कि विकसित देश इसके लिए होने वाले खर्च को वहन करें। (इ), (ब) तथा (क) गलत हैं क्योंकि यहाँ परिच्छेद न तो प्राकृतिक संसाधनों का दोहन, राजनैतिक इच्छा-शक्ति का अभाव अथवा शासन की समस्याओं का उल्लेख करता है।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 28

अपराह् 6 बजे से 7 बजे के बीच किस समय, किसी घड़ी की मिनट क सुई घंटे की सुई से 3 मिनट आगे होगी?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 28

मिनट की सुई '3 मिनट' आगे है। घंटे की सुई से इसका मतलब तो यह है कि घंटे की सुई और मिनट की सुई के बीच का कोण 180 है।
360व का कोण बनाती है, घंटे की सुई 12h
10 का कोण बनाती है, घंटे की सुई = 12/360 h

180 का कोण बनाती है, घंटे की सुई

इसलिए, मिनट की सुई, घंटे की सुई से 3 मिनट आगे होगी।

= 6 pm + 36 min = 6: 36 pm

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 29

5 कार्य हैं और 5 व्यक्ति हैं। कार्य-1, या तो व्यक्ति-1 को अथवा व्यक्ति-2 को नहीं दिया जा सकता। कार्य-2, या तो व्यक्ति-3 को अथवा व्यक्ति-4 को ही दिया जाना चाहिए। हर व्यक्ति को एक कार्य दिया जाना है। कार्य कितने तरीकों से दिया जा सकता है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 29

यहाँ 5 व्यक्ति है और 5 कार्य है।
शर्त I
कार्य T2 व्यक्ति 3 के लिए निश्चित है।

कार्य 1 का कुल तरीके = 2
कार्य 2 का कुल तरीके = 1
कार्य 3 का कुल तरीके = 3
कार्य 4 का कुल तरीके = 3
कार्य 5 का कुल तरीके = 3
कुल तरीके (शर्त 1 के लिए) = 2 + 1+ 3+ 3+3 =12
अब, शर्त 2 के लिए
जब कार्य T2 व्यक्ति 4 के लिए निश्चित है

कार्य 1 का कुल तरीके = 2
कार्य 2 का कुल तरीके = 1
कार्य 3 का कुल तरीके = 3
कार्य 4 का कुल तरीके = 3
कार्य 5 का कुल तरीके = 3
कुल तरीके (शर्त II के लिए( = 3+3+3+2+1 = 12
अब कुल तरीके (शर्त I + शर्त II के लिए) = 12+12 = 24

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 30

पीटर और पाॅल की मासिक आय 4: 3 के अनुपात में हैं। उनके व्यय 3: 2 के अनुपात में है। यदि मास के अंत में प्रत्येक व्यक्ति ₹ 6,000 की बचत करता है, तो उनकी मासिक आय (₹ में) क्रमशः क्या है?

Detailed Solution for पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र 2015 - UPSC Prelims Paper 2 - Question 30

माना कि, पीटर और पाॅल की मासिक आय 4x और 3x है। और
उनका व्यय का अनुपात 3y और 2y है।
प्रश्न से,

4x - 3y = 6000 ... (i)
3x - 2y = 6000 ... (ii)

अब, समीकरण (i) और (ii) को हल करने पर,
4 x - 3y = 3x - 2y
= x = y
अब ल का मान समीकरण प् में रखने पर,
4 x - 3x = 6000
= x = 6000

पीटर की मासिक आय = 4 x = 4x 6000 =₹ 24000

पाॅल की मासिक आय = 3 x = 3x 6000 =₹ 18000

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