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Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Class 10 MCQ


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10 Questions MCQ Test - Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1

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Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 1

‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ पाठ के लेखक कौन हैं?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 1

प्रस्तुत पाठ ‘तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र’ के लेखक प्रहलाद अग्रवाल हैं। इनका जन्म भारत की आज़ादी के साल मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। प्रहलाद अग्रवाल हिंदी फ़िल्मों के इतिहास, फ़िल्मकारों के जीवन और उनके अभिनय पर विस्तार से जानने और लिखने का शौक रखते हैं, जैसा कि इस पाठ में शैलेंद्र के जीवन और उनकी फ़िल्म ‘तीसरी कसम’ के निर्माण पर विस्तृत चर्चा से स्पष्ट होता है।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 2

प्रहलाद अग्रवाल का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 2

लेखक परिचय के अनुसार, प्रहलाद अग्रवाल का जन्म 1947 में, जिस साल भारत आज़ाद हुआ था, मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ था। उन्होंने हिंदी से एम.ए. तक शिक्षा प्राप्त की है और फ़िल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों तथा फ़िल्मों पर बहुत कुछ लिखा है। यह जानकारी लेखक की पृष्ठभूमि और उनके लेखन के मुख्य विषय से पाठकों को परिचित कराती है।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 3

प्रहलाद अग्रवाल किस क्षेत्र को अपने लेखन का विषय बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 3

प्रहलाद अग्रवाल को किशोर वय से ही हिंदी फ़िल्मों के इतिहास, फ़िल्मकारों के जीवन और उनके अभिनय के बारे में विस्तार से जानने तथा उस पर चर्चा करने का शौक रहा है। वे फ़िल्म क्षेत्र से जुड़े लोगों और फ़िल्मों पर बहुत कुछ लिख चुके हैं और इसी क्षेत्र को अपने लेखन का विषय बनाए रखने के लिए कृतसंकल्प हैं। उनकी कृतियाँ जैसे ‘राजकपूर : आधी हकीकत आधा फ़साना’ इसी को दर्शाती हैं।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 4

‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को कौन-सी महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई थी?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 4

‘तीसरी कसम’ फ़िल्म को अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण बंगाल फ़िल्म जर्नलिस्ट एसोसिएशन द्वारा सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म का पुरस्कार और राष्ट्रपति स्वर्ण पदक शामिल था। यह उपलब्धि फ़िल्म की कलात्मकता और उसकी संवेदनशीलता को दर्शाती है, जिसने उसे व्यावसायिक सफलता न मिलने के बावजूद एक उत्कृष्ट कृति का दर्जा दिलाया।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 5

‘तीसरी कसम’ फ़िल्म किसकी कहानी पर आधारित थी?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 5

‘तीसरी कसम’ फ़िल्म फणीश्वरनाथ रेणु की मार्मिक आंचलिक कहानी ‘मारे गए गुलफाम’ पर आधारित थी। रेणु हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध आंचलिक कथाकार हैं, और उनकी कहानियों में ग्रामीण जीवन का यथार्थवादी और संवेदनशील चित्रण मिलता है। शैलेंद्र ने इस कहानी को पर्दे पर उतारने के लिए अत्यधिक लगन और ईमानदारी दिखाई।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 6

शैलेंद्र को ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म बनाने में क्या मुश्किल आ रही थी?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 6

शैलेंद्र को ‘तीसरी कसम’ फ़िल्म बनाने में सबसे बड़ी समस्या निर्माता ढूंढने की थी। उनकी अपनी कोई पूंजी नहीं थी और कोई बड़ा निर्माता उस समय ‘कला-फ़िल्म’ माने जाने वाली इस फ़िल्म में पैसा लगाने को तैयार नहीं था। अंततः उन्होंने खुद ही निर्माता बनने का जोखिम उठाया, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 7

शैलेंद्र को ‘कवि’ क्यों कहा गया है, इस पाठ के संदर्भ में?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 7

शैलेंद्र को इस पाठ में ‘शिल्पकार’ और ‘कवि’ दोनों कहा गया है। उन्हें ‘कवि’ इसलिए कहा गया क्योंकि वे केवल गीतकार ही नहीं थे, बल्कि उनमें एक कवि की स्वाभाविक संवेदनशीलता, भावुकता और आत्म-संतुष्टि की भावना थी। वे व्यावसायिक फ़िल्मों की उथलेपन से दूर, कलात्मकता और मानवीयता को महत्व देते थे, जो एक सच्चे कवि का गुण होता है।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 8

राज कपूर ने शैलेंद्र को अपनी कौन-सी फ़िल्म के लिए गाने लिखने को कहा था?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 8

राज कपूर ने पहली बार अपनी फ़िल्म ‘बरसात’ के लिए शैलेंद्र से गीत लिखवाए थे। इस फ़िल्म के गीतों ने, जिनमें ‘बरसात में तुमसे मिले हम’ जैसे गाने शामिल थे, अपार सफलता हासिल की और शैलेंद्र को एक गीतकार के रूप में स्थापित किया। यहीं से राज कपूर और शैलेंद्र की अटूट दोस्ती की शुरुआत भी हुई।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 9

राज कपूर शैलेंद्र को क्या कहकर संबोधित करते थे?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 9

राज कपूर, शैलेंद्र को ‘कविराज’ कहकर संबोधित करते थे। यह संबोधन राज कपूर के शैलेंद्र के प्रति गहरे सम्मान और उनकी साहित्यिक प्रतिभा की पहचान को दर्शाता है। राज कपूर जानते थे कि शैलेंद्र एक असाधारण गीतकार होने के साथ-साथ एक संवेदनशील कवि भी हैं, जो उनके गीतों में गहराई और अर्थ भर देते हैं।

Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 10

राज कपूर और शैलेंद्र के बीच अटूट संबंध का आधार क्या था?

Detailed Solution for Test: तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेंद्र - 1 - Question 10

राज कपूर और शैलेंद्र के बीच की दोस्ती व्यावसायिक नहीं थी, बल्कि यह समान विचारधारा, कलात्मक संवेदनशीलता और गहरी आत्मिक समझ पर आधारित थी। राज कपूर शैलेंद्र की कला का सम्मान करते थे, और शैलेंद्र भी राज कपूर की लगन तथा काम के प्रति ईमानदारी के कायल थे। उनकी दोस्ती सिर्फ़ व्यावसायिक नहीं, बल्कि गहरी मानवीय थी।

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