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Test: सपनों के-से दिन - 2 - Class 10 MCQ


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10 Questions MCQ Test - Test: सपनों के-से दिन - 2

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Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 1

‘सपनों के-से दिन’ पाठ के लेखक कौन हैं?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 1

प्रस्तुत पाठ ‘सपनों के-से दिन’ के लेखक गुरुदयाल सिंह हैं। हालाँकि लेखक परिचय इस पाठ में नहीं दिया गया है, यह एक प्रसिद्ध संस्मरण है जो गुरुदयाल सिंह द्वारा लिखा गया है। वे पंजाबी और हिंदी के जाने-माने लेखक हैं, और उनकी रचनाओं में ग्रामीण परिवेश, बचपन की स्मृतियाँ और मानवीय संबंधों का गहरा चित्रण मिलता है, जैसा कि इस पाठ में उनके बचपन के अनुभवों से स्पष्ट होता है।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 2

लेखक के साथ खेलने वाले अधिकतर साथी किस प्रकार के परिवारों से थे?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 2

लेखक बताते हैं कि उनके साथ खेलने वाले अधिकतर साथी उन्हीं के जैसे साधारण परिवारों के थे। सारे मुहल्ले में बहुत परिवार तो उन्हीं की तरह आसपास के गाँवों से आकर बसे थे। दो-तीन घर ही साथ की उजड़ी-सी गली में रहने वाले लोगों के थे। यह ग्रामीण या छोटे शहरी परिवेश का चित्रण करता है जहाँ बच्चे एक-दूसरे से जुड़े होते थे।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 3

लेखक और उनके साथियों की पोशाक कैसी होती थी?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 3

लेखक अपने बचपन का वर्णन करते हुए बताते हैं कि उनके और उनके साथियों का हाल एक-सा होता था – वे नंगे पाँव, फटी-मैली सी कच्छी (अंडरवियर) और कई जगह से फटे तथा टूटे बटनों वाले कुर्ते पहने होते थे। यह उनके गरीब या साधारण मध्यवर्गीय परिवारों की आर्थिक स्थिति और उस समय के बच्चों के लापरवाह, खेलकूद में लीन बचपन को दर्शाता है।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 4

लेखक के अधिकांश साथी स्कूल क्यों नहीं जाते थे?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 4

लेखक बताते हैं कि उनके अधिकतर साथी स्कूल जाते ही नहीं थे। जो कभी गए भी, उन्हें पढ़ाई में रुचि न होने के कारण उनके माता-पिता उन्हें स्कूल से हटा लेते थे। उनके माता-पिता का मानना था कि पढ़ाई बेकार है और उनकी नज़र में बच्चे को कोई काम-धंधा सिखाना ज़्यादा ज़रूरी था। यह उस दौर के ग्रामीण समाज की शिक्षा के प्रति सोच को दर्शाता है।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 5

लेखक को बच्चों को खेलना क्यों अच्छा लगता है, यह समझ कब आया?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 5

लेखक को यह बात तब ठीक से समझ आई जब वे स्कूल अध्यापक बनने के लिए एक ट्रेनिंग करने गए और वहाँ उन्होंने बाल-मनोविज्ञान का विषय पढ़ा। तब वे जान पाए कि बच्चों को खेलना इतना अच्छा क्यों लगता है कि वे बुरी तरह पिटाई होने पर भी दूसरे दिन फिर खेलने चले आते हैं।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 6

पी.टी. सर (प्रीतमचंद) का स्वभाव कैसा था?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 6

पी.टी. सर (प्रीतमचंद) बहुत सख्त और अनुशासनप्रिय थे। वे बच्चों को ज़रा-सी गलती पर भी छड़ी से पीट देते थे। हालाँकि, वे भीतर से बच्चों के हितैषी थे और उन्हें बच्चों से बहुत प्यार भी था। वे बच्चों को शारीरिक रूप से मज़बूत और अनुशासित बनाना चाहते थे, इसलिए वे उन्हें परेड करवाते थे और खेलकूद में आगे रखते थे।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 7

हेडमास्टर शर्मा जी का स्वभाव कैसा था?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 7

हेडमास्टर शर्मा जी का स्वभाव पी.टी. सर के बिलकुल विपरीत था। वे बहुत शांत स्वभाव के थे और कभी किसी बच्चे को पीटते नहीं थे। उनकी आवाज़ भी धीमी और बहुत कम निकलती थी। बच्चे उनसे डरते नहीं थे, बल्कि उनका सम्मान करते थे।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 8

लेखक को स्कूल क्यों अच्छा नहीं लगता था?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 8

लेखक और उनके साथियों को स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता था क्योंकि उन्हें घर पर खेलने की स्वतंत्रता मिलती थी, जबकि स्कूल में उन्हें पीटना पड़ता था। मास्टर जी मारते थे और पढ़ाई भी उन्हें नीरस और उबाऊ लगती थी। वे अक्षर ज्ञान को एक ‘कैद’ समझते थे।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 9

लेखक को स्कूल जाना कब अच्छा लगने लगा?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 9

लेखक को स्कूल जाना तब अच्छा लगने लगा जब वे चौथी कक्षा में पहुँचे। तब पी.टी. सर उन्हें परेड करवाते थे, स्काउटिंग सिखाते थे, और बच्चों को खाकी वर्दी और बूट पहनने को मिलते थे। यह सब उनके लिए एक नया रोमांच था, जिससे उन्हें स्कूल में खुशी मिलने लगी।

Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 10

पी.टी. सर को हेडमास्टर ने क्यों सस्पेंड किया?

Detailed Solution for Test: सपनों के-से दिन - 2 - Question 10

पी.टी. सर को हेडमास्टर शर्मा जी ने इसलिए सस्पेंड कर दिया था क्योंकि उन्होंने बच्चों की फीस के पैसे को खुद खर्च कर दिया था। यह एक बड़ी अनुशासनहीनता थी, जिसके कारण उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, हालांकि बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया।

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