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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Uttarakhand Police SI MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 1

‘कर्मवीर’ में कौन सा तत्पुरुष समास होगा?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 1

‘कर्मवीर’ में करण तत्पुरुष समास होगा।

  • कर्मवीर का समास विग्रह :- ‘कर्म से वीर’ होगा।
  • इसका सही उत्तर विकल्प करण तत्पुरुष होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
  • चूंकि तत्पुरुष समास में उत्तर पद प्रधान होता है और विग्रह करने पर दो शब्दों के बीच करण कारक की विभक्ति ‘से’ का लोप हो जाता है।
  • तत्पुरुष समास: जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। 
  • जैसे: राम का अनुज= रामानुज,
  • धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत आदि।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 2

निम्नलिखित में नामधातु क्रिया है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 2

नामधातु क्रिया :  ऐसी धातु जो क्रिया को छोड़कर किन्ही अन्य शब्दों जैसे संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि से बनती है वह नामधातु क्रिया कहते हैं। जैसे: अपनाना, गर्माना आदि।

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 3

निम्‍नलिखित प्रश्‍न में, चार विकल्‍पों में से, उस विकल्‍प का चयन करें जो सही संधि-विच्‍छेद वाला विकल्‍प है।

‘सच्चिदानंद’

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 3

सच्चिदानंद’ का संधि-विच्छेद  सत् + चित् + आनंद होगा, बाकी के विकल्प गलत हैं | अतः सही विकल्प ‘सत् + चित् + आनंद’ होगा|  

स्पष्टीकरण –

सच्चिदानंद व्यंजन संधि का उदहारण है| व्यंजन संधि के एक नियम के अनुसार ‘त्’ से परे ‘च्’ या ‘छ्’ होने पर ‘च,’ ‘ज्’ या ‘झ्’ होने पर ‘ज्,’ ‘ट्’ या ‘ठ्’ होने पर ‘ट्’, ‘ड्’ या ‘ढ्’ होने पर ‘ड्’ और ‘ल’ होने पर ‘ल्’ हो जाता है।

विशेष –

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 4

निम्नलिखित विकल्पों में से ‘अम्बु’ किसका पर्यायवाची शब्द है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 4
  • ‘अम्बु’ का पर्यायवाची ‘नीर’ है।
  • ‘नीर’ के अन्य पर्यायवाची शब्द - वारि, जल, तोय,उदक, पानी, सलिल, पय, मेघपुष्प।

अन्य विकल्प:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 5

शुद्ध वाक्य का चयन कीजिए-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 5
  • ‘वाक्य’ भाषा की महत्त्वपूर्ण इकाई है, अत: वाक्य को बोलते व लिखते समय उसकी शुद्धता, स्पष्टता और सार्थकता का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • यदि वाक्य में किसी तरह की अशुद्धि होती है तो आपके बोले गए वाक्य अर्थ भी बदल सकता है।
  • सामने वाले व्यक्ति को आसानी से और सही-सही समझ आ सके उसके लिए आवश्यक है कि व्याकरण के नियमों की दृष्टि से ‘वाक्य’ को शुद्ध हो।
  • अत: वाक्य को व्याकरण के नियमों के अनुसार शुद्ध करना ही ‘वाक्य अशुद्धि शोधन’ कहलाता है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 6

'ओछे की प्रति बालू की भीति' का भाव है

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 6
  • ओछे की प्रीत बालू की भीत हिन्दी का एक प्रसिद्ध लोकोक्ति है जिसका प्रयोग अक्सर हिन्दी के लेख,निबंध आदि में किया जाता है।
  • भाषा की समृद्धि और उसकी अभिव्यक्ति क्षमता के विकास हेतु मुहावरों एवं कहावतों का प्रयोग उपयोगी होता है। 
  • लोकोक्ति शब्द का निर्माण दो शब्दों-“लोक’ और “उक्ति” से मिल कर हुआ है।
  • भाषा शास्त्र की दृष्टि से लोकोक्ति उस कथन को कहते हैं,जिसमें किसी प्रसंग विशेष का अर्थ स्पष्ट करने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं।
  • लोकोक्तियाँ समाज के मूल सिद्धांतों को प्रतिपादित करती हैं और यही कारण है की वे लोक-मानस में प्रसिद्ध और प्रचलित हो जाती हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 7

'लिखावट' शब्द में किस प्रकार का प्रत्यय है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 7
  • लिखावट में आवट प्रत्यय का प्रयोग होता है। 
  • प्रत्यय' वह शब्दांश होते हैं, जिनका स्वतंत्र रूप में तो कोई अर्थ नहीं होता परंतु जो किसी शब्द के अंत में लगाए जाते हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 8

'जो व्याकरण जानता है' वाक्यांश के लिए एक शब्द है

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 8
  • जो विज्ञान जनता है- वैज्ञानिक
  • जो बहुत जानता है- बहुज्ञ
  • जो शास्त्र जानता है- शास्त्रज्ञ
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 9

‘करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’ – इस लोकोक्ति का तात्पर्य क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 9

किसी विशेष स्थान पर प्रसिद्ध हो जाने वाले कथन को 'लोकोक्ति' कहते हैं।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 10

"अहा! आप आ गए" वाक्य में अहा शब्द है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 10
  • अहा! शब्द अव्यय है।
  • यह विस्मयादिबोधक अव्यय का भेद हर्ष बोधक अव्यय है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 11

_______ फल खाता हूँ। यहाँ का सही सर्वनाम शब्‍द है

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 11
  • सर्वनाम की परिभाषा: किसी नाम /वस्तु (संज्ञा) की जगह प्रयोग में आने वाले शब्द सर्वनाम कहे जाते है।
  • जैसे: मै, हम ,तुम, यह, इन उन आदि।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 12

निम्नलिखित में से किस तत्सम - तद्भव का युग्म सही नहीं है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 12

उपर्युक्त युग्मों में से 'उलूखल - उल्लू' युग्म सही नहीं है। 'उलूखल' का तद्भव 'ओखली'है। अन्य विकल्प तत्सम - तद्भव की दृष्टि से सही हैं। अतः सही विकल्प 'उलूखल - उल्लू' है। 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 13

दिए गए वाक्य में वाच्य ज्ञात कीजिए।

मजदूर द्वारा लकड़ी काटी जा रही है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 13

स्पष्टीकरण:

‘मजदूर द्वारा लकड़ी काटी जा रही है।’ यह वाक्य कर्म प्रधान है और उसके लिए ‘काटी’ क्रिया का विधान हुआ है। इसलिए यहाँ कर्मवाच्य है।

इस वाच्य में कर्म के लिंग, वचन और क्रिया के अनुसार प्रयोग हुआ है।

विशेष:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 14

Comprehension:

सूरदास के 'भ्रमरगीत” का तथा “जायसी ग्रन्थावली' का सम्पादन करने के साथ-साथ राम चन्द्र जी शुक्ल ने “हिन्दी साहित्य का इतिहास' भी लिखा जो नागरी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर” की भूमिका के रूप में लिखा गया था। यह भूमिका 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से छपी थी। आपके द्वारा लिखा गया यह इतिहास हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में मील का पत्थर सिद्ध हुआ जिसकी मान्यता आज भी है। शुक्ल जी की भाषा शुद्ध परिष्कृत मानक हिन्दी है। भाषा पर उनका विलक्षण अधिकार है। उनका वाक्य गठन बैजोड़ है, जिसमें से एक शब्द को भी इधर कर पाना सम्भव नहीं है उनकी निबन्ध शैली विषय के अनुरूप बदलती है। शुक्ल जी के निबन्ध हिन्दी निबन्ध कला के निकष हैं। उनमें हृदय और बुद्धि का संतुलित समन्वय है। चिन्तामणि में संकलित निबन्ध दो प्रकार के हैं--भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी। शुक्ल जी अपने विचारों को इतनी कुशलता से व्यक्त करते हैं कि पाठकों को उनके निष्कर्षों से सहमत होना ही पड़ता है परिष्कृत प्रांजल भाषा के साथ-साथ उनका शब्द चयन वाक्य विन्यास एवं सादृश्य विधान अनुपम है। उनके निबन्ध 'शैली ही व्यक्तित्व है' के उदाहरण माने जा सकते हैं। इन निबन्धों में शुक्ल जी के व्यक्तित्व की पूरी छाप विद्यमान है।

प्रश्न: गद्यांश के अनुसार भ्रमर गीत के रचनाकार कौन है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 14
  • सूरदास की अन्य रचनाएँ:- साहित्य सागर, साहित्य लहरी
  • भ्रमरगीत और जायसी ग्रन्थावली का सम्पादन आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने किया। 
  • जायसी ने- पद्मावत नामक प्रसिद्ध महाकाव्य लिखा था। 
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 15

Comprehension:

सूरदास के 'भ्रमरगीत” का तथा “जायसी ग्रन्थावली' का सम्पादन करने के साथ-साथ राम चन्द्र जी शुक्ल ने “हिन्दी साहित्य का इतिहास' भी लिखा जो नागरी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर” की भूमिका के रूप में लिखा गया था। यह भूमिका 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से छपी थी। आपके द्वारा लिखा गया यह इतिहास हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में मील का पत्थर सिद्ध हुआ जिसकी मान्यता आज भी है। शुक्ल जी की भाषा शुद्ध परिष्कृत मानक हिन्दी है। भाषा पर उनका विलक्षण अधिकार है। उनका वाक्य गठन बैजोड़ है, जिसमें से एक शब्द को भी इधर कर पाना सम्भव नहीं है उनकी निबन्ध शैली विषय के अनुरूप बदलती है। शुक्ल जी के निबन्ध हिन्दी निबन्ध कला के निकष हैं। उनमें हृदय और बुद्धि का संतुलित समन्वय है। चिन्तामणि में संकलित निबन्ध दो प्रकार के हैं--भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी। शुक्ल जी अपने विचारों को इतनी कुशलता से व्यक्त करते हैं कि पाठकों को उनके निष्कर्षों से सहमत होना ही पड़ता है परिष्कृत प्रांजल भाषा के साथ-साथ उनका शब्द चयन वाक्य विन्यास एवं सादृश्य विधान अनुपम है। उनके निबन्ध 'शैली ही व्यक्तित्व है' के उदाहरण माने जा सकते हैं। इन निबन्धों में शुक्ल जी के व्यक्तित्व की पूरी छाप विद्यमान है।

प्रश्न: भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी में........ मनोविकार का अर्थ:-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 15
  • मन के आवेग:- मन में उत्पन होने वाले सभी आवेग मनोविकार कहलाते है।
  • जैसे:- ख़ुशी, दुःख, उत्साह, करुणा सभी मन के आवेग है। 
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 16

Comprehension:

सूरदास के 'भ्रमरगीत” का तथा “जायसी ग्रन्थावली' का सम्पादन करने के साथ-साथ राम चन्द्र जी शुक्ल ने “हिन्दी साहित्य का इतिहास' भी लिखा जो नागरी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर” की भूमिका के रूप में लिखा गया था। यह भूमिका 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से छपी थी। आपके द्वारा लिखा गया यह इतिहास हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में मील का पत्थर सिद्ध हुआ जिसकी मान्यता आज भी है। शुक्ल जी की भाषा शुद्ध परिष्कृत मानक हिन्दी है। भाषा पर उनका विलक्षण अधिकार है। उनका वाक्य गठन बैजोड़ है, जिसमें से एक शब्द को भी इधर कर पाना सम्भव नहीं है उनकी निबन्ध शैली विषय के अनुरूप बदलती है। शुक्ल जी के निबन्ध हिन्दी निबन्ध कला के निकष हैं। उनमें हृदय और बुद्धि का संतुलित समन्वय है। चिन्तामणि में संकलित निबन्ध दो प्रकार के हैं--भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी। शुक्ल जी अपने विचारों को इतनी कुशलता से व्यक्त करते हैं कि पाठकों को उनके निष्कर्षों से सहमत होना ही पड़ता है परिष्कृत प्रांजल भाषा के साथ-साथ उनका शब्द चयन वाक्य विन्यास एवं सादृश्य विधान अनुपम है। उनके निबन्ध 'शैली ही व्यक्तित्व है' के उदाहरण माने जा सकते हैं। इन निबन्धों में शुक्ल जी के व्यक्तित्व की पूरी छाप विद्यमान है।

प्रश्न: चिंतामणि के प्रमुख भागो में संकलित निबन्धों के प्रकार है:-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 16
  • चिन्तामणि में संकलित निबन्ध दो प्रकार के हैं--भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी
  • समीक्षा सम्बन्धित निबन्धों का अर्थ है किसी भी विषय पर चर्चा ज्सिमे उसके गुण, दोष सभी संकलित हो समीक्षा कहलाती है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 17

Comprehension:

सूरदास के 'भ्रमरगीत” का तथा “जायसी ग्रन्थावली' का सम्पादन करने के साथ-साथ राम चन्द्र जी शुक्ल ने “हिन्दी साहित्य का इतिहास' भी लिखा जो नागरी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर” की भूमिका के रूप में लिखा गया था। यह भूमिका 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से छपी थी। आपके द्वारा लिखा गया यह इतिहास हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में मील का पत्थर सिद्ध हुआ जिसकी मान्यता आज भी है। शुक्ल जी की भाषा शुद्ध परिष्कृत मानक हिन्दी है। भाषा पर उनका विलक्षण अधिकार है। उनका वाक्य गठन बैजोड़ है, जिसमें से एक शब्द को भी इधर कर पाना सम्भव नहीं है उनकी निबन्ध शैली विषय के अनुरूप बदलती है। शुक्ल जी के निबन्ध हिन्दी निबन्ध कला के निकष हैं। उनमें हृदय और बुद्धि का संतुलित समन्वय है। चिन्तामणि में संकलित निबन्ध दो प्रकार के हैं--भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी। शुक्ल जी अपने विचारों को इतनी कुशलता से व्यक्त करते हैं कि पाठकों को उनके निष्कर्षों से सहमत होना ही पड़ता है परिष्कृत प्रांजल भाषा के साथ-साथ उनका शब्द चयन वाक्य विन्यास एवं सादृश्य विधान अनुपम है। उनके निबन्ध 'शैली ही व्यक्तित्व है' के उदाहरण माने जा सकते हैं। इन निबन्धों में शुक्ल जी के व्यक्तित्व की पूरी छाप विद्यमान है।

प्रश्न: हिन्दी निबन्ध कला में प्रमुख निबन्ध किन के द्वारा लिखे गए है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 17
  • हिन्दी निबन्ध कला में प्रमुख निबन्ध:- "शुक्ल जी के,  निबन्ध हिन्दी निबन्ध कला के निकष हैं।"
  • निकष का अर्थ:-  निचोड़
  • निकष के अन्य अर्थ:- कसौटी, हथियार की धार तेज़ करने के लिए उसे सान पर चढ़ाना
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 18

Comprehension:

सूरदास के 'भ्रमरगीत” का तथा “जायसी ग्रन्थावली' का सम्पादन करने के साथ-साथ राम चन्द्र जी शुक्ल ने “हिन्दी साहित्य का इतिहास' भी लिखा जो नागरी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर” की भूमिका के रूप में लिखा गया था। यह भूमिका 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से छपी थी। आपके द्वारा लिखा गया यह इतिहास हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में मील का पत्थर सिद्ध हुआ जिसकी मान्यता आज भी है। शुक्ल जी की भाषा शुद्ध परिष्कृत मानक हिन्दी है। भाषा पर उनका विलक्षण अधिकार है। उनका वाक्य गठन बैजोड़ है, जिसमें से एक शब्द को भी इधर कर पाना सम्भव नहीं है उनकी निबन्ध शैली विषय के अनुरूप बदलती है। शुक्ल जी के निबन्ध हिन्दी निबन्ध कला के निकष हैं। उनमें हृदय और बुद्धि का संतुलित समन्वय है। चिन्तामणि में संकलित निबन्ध दो प्रकार के हैं--भाव या मनोविकार सम्बन्धी तथा समीक्षा सम्बन्धी। शुक्ल जी अपने विचारों को इतनी कुशलता से व्यक्त करते हैं कि पाठकों को उनके निष्कर्षों से सहमत होना ही पड़ता है परिष्कृत प्रांजल भाषा के साथ-साथ उनका शब्द चयन वाक्य विन्यास एवं सादृश्य विधान अनुपम है। उनके निबन्ध 'शैली ही व्यक्तित्व है' के उदाहरण माने जा सकते हैं। इन निबन्धों में शुक्ल जी के व्यक्तित्व की पूरी छाप विद्यमान है।

प्रश्न: "भ्रमरगीत” का तथा “जायसी ग्रन्थावली" का सम्पादन किया:-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 18
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल हिन्दी के महान विद्वान और इतिहास कार है।
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने लिखा “हिन्दी साहित्य का इतिहास" भी लिखा जो नागरी सभा द्वारा प्रकाशित 'हिन्दी शब्द सागर” की भूमिका के रूप में लिखा गया था।
  • यह भूमिका 'हिन्दी साहित्य का विकास' नाम से छपी थी।  
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 19

'चरणकमल' में समास है-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 19
  • 'चरणकमल' का समास विग्रह करने पर 'कमल रुपी चरण' होगा।
  • इसमें उपमेय उपमान का संबंध होने के कारण 'कर्मधारय समास' है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 20

'बसंत के मौसम में पीले फूल खिलते है' प्रस्तुत वाक्य में विशेषण कौन सा है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 20
  • ‘पीले’ शब्द ‘गुणवाचक विशेषण’ है। 
  • वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण, धर्म, स्वाभाव आदि का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
  • जैसे- बलशाली, पुराण, नया, तीक्ष्ण, कमजोर, मोटा, दुर्बल, पठारी आदि।
  • अन्य विकल्प असंगत हैं क्योंकि 'पीले' शब्द फूल की विशेषता बता रहा है इसलिए यह विशेषण शब्द है।
  • 'फूल' शब्द विशेष्य है, क्योंकि जो शब्द विशेष्य की विशेषता बताते हैं वे विशेषण कहलाते हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 21

निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प यण संधि का उदाहरण है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 21

अभ्यर्थी का संधि-विच्छेद होगा अभि + अर्थी जिसमें इ + अ = य हुआ है जहां यण् सन्धि होती है। अत: विकल्प 1 सही होगा।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 22

‘रातोंरात’ का सामासिक विग्रह है _____ ।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 22

रात ही रात में, यहां सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है। 'रातोंरात का समास विग्रह रात ही रात में होगा। यहाँ पहला पद प्रधान तथा अव्यय है।  इसमें अव्ययीभाव समास है। अत: विकल्प 2  ‘रात ही रात में सही  उत्तर है।

स्पष्टीकरण-

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 23

'डाकिया चिट्ठी लाया' वाक्य में क्रिया का कौन-सा भेद प्रयुक्त हुआ है? 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 23

जिस क्रिया से सूचित होने वाले व्यापार का फल कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़े, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- श्याम पुस्तक पढ़ता है। - वाक्य में पढ़ता है क्रिया का व्यापार श्याम करता है, किन्तु इस व्यापार का फल पुस्तक पर पड़ता है, इसलिए पढ़ता है सकर्मक क्रिया है और पुस्तक कर्म शब्द कर्म है।

अन्य उदाहरणः

1. राम बाण मारता है।

2. राधा मूर्ति बनाती है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 24

 निम्नलिखित में से समुच्चयबोधक अव्यय का उदाहरण है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 24
  • "और" शब्द समुच्चयबोधक अव्यय है।
  • समुच्चयबोधक अव्यय
    • जिन शब्दों की वजह से दो या दो से ज्यादा वाक्य , शब्द , या वाक्यांश जुड़ते हैं उन्हें समुच्चयबोधक कहा जाता है। 
    • जहाँ पर तब , और , वरना , किन्तु , परन्तु , इसीलिए , बल्कि , ताकि , क्योंकि , या , अथवा , एवं , तथा , अन्यथा आदि शब्द जुड़ते हैं वहाँ पर समुच्चयबोधक होता है। इन समुच्चयबोधक शब्दों को योजक भी कहा जाता है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 25

सही वर्तनी वाले शब्द का चयन करें।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 25

दिए गए विकल्पों में से मौखिक सही वर्तनी वाले शब्द है, अर्थात इसका अर्थ ‘मुख संबंधी’है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही और शुद्ध वर्तनी वाला विकल्प मौखिक है।

अन्य विशेष:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 26

निम्नलिखित में से उस विकल्प का चयन करें जो अंधे के हाथ बटेर लगना’ मुहावरे का अर्थ व्यक्त करता है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 26

दिए गए विकल्पों में से अंधे के हाथ बटेर लगना मुहावरे का अर्थ बिना प्रयास के कीमती वस्तु मिल जाना है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प बिना प्रयास के कीमती वस्तु मिल जाना है।

वाक्य प्रयोगरावण सीता माता को कुछ ऐसे पाना चाहता था, मानो अंधे के हाथ बटेर

विशेष:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 27

कौन देशज प्रत्यय का उदाहरण नहीं है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 27

उच्चतर' संस्कृत के विशेषण बनाने वाले तद्धति प्रत्यय है। अत: यह देशज प्रत्यय का उदाहरण नहीं है, जबकि फर्राटा, अड़ियल, घुमक्कड़ आदि शब्द देशज प्रत्यय के उदाहरण है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 28

लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ है

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 28
  • लकीर का फकीर होना मुहावरे का अर्थ है - पुरानी बातों पर चलना। 
  • वाक्य - मेरी दादी आज भी लकीर की फकीर है कितना भी समझा लो फिर भी उनको कुछ न समझ आता है। 
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर है। 
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 29

'मिठास' कौन सी संज्ञा है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 29
  • 'मिठास' भाववाचक संज्ञा है।
  • जो संज्ञा किसी भाव, गुण, दशा आदि का बोध कराती है, वह भाववाचक संज्ञा कहलाती है।

अन्य विकल्प:

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 30

'पतनोन्मुख' का विलोम शब्द बताइये?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 2 - Question 30

पतनोन्मुख का अर्थ – जो पतन की ओर उन्मुख हो।

विकासोन्मुख का अर्थ – किसी विशेष दिशा या स्थिति की ओर जाता हुआ।

अन्य विकल्प

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