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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Uttarakhand Police SI MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 for Uttarakhand Police SI 2024 is part of Uttarakhand Police SI preparation. The Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 questions and answers have been prepared according to the Uttarakhand Police SI exam syllabus.The Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 MCQs are made for Uttarakhand Police SI 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 below.
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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 1

‘यथाशक्ति’ शब्द का समास विग्रह क्या होगा?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 1

जिस समस्त पद में कोई एक पद अव्यय या उपसर्ग हो तथा कोई दूसरा पद संज्ञा, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। जैसे कि प्रतिदिन-इसमें पूर्व पद “प्रति” अव्यय है। इसका विग्रह “ प्रत्येक दिन “ होगा। अव्ययीभाव समास के विग्रह के लिये सामासिक पद के अर्थ का प्रयोग करते है। पुनरावृति शब्द भी अव्ययीभाव समास के अन्तर्गत आते हैं। उपसर्ग युक्त पद भी अव्ययीभाव समास के अन्तर्गत आते हैं।
इसी प्रकार, ‘यथाशक्ति’ शब्द का समास विग्रह शक्ति के अनुसार होगा I
अत: विकल्प (A) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 2

‘कृत्रिम’ के लिए उचित विलोम शब्द लिखिए I

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 2

‘कृत्रिम’ शब्द का विलोम शब्द ‘नैसर्गिक’ होता है।
कृत्रिम का अर्थ बनावटी या मानव द्वारा निर्मित होता है।
नैसर्गिक का अर्थ प्रकृतिक रूप से या स्वाभाविक रूप से होगा।
अत: विकल्प (C) सही है I

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Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 3

मोहन प्रकाश जी ______ हिन्दी पढ़ाते है। इस वाक्य में रिक्त स्थान की पूर्ति अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम से करो I

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 3

मोहन प्रकाश जी उन्हें  हिन्दी पढ़ाते है।
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम:- जो व्यक्ति उपस्थित नही होता है वह वक्ता और श्रोता के लिए अन्य व्यक्ति होता है। जिन शब्दों का प्रयोग अन्य व्यक्तियों के लिए किया जाये वे सभी अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम होते हैं। अथार्त जिन शब्दों का प्रयोग बोलने वाला , सुनने वाले के अलावा जिसके लिए करता है उसे अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे :- वह , वे , उसने , यह , ये , इसने , वो , उन्हें,  उसका आदि।
अत: विकल्प (C) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 4

'वह हमेशा गलत सलाह देता रहता है' वाक्‍य के रेखांकित अंश के लिए उपयुक्‍त मुहावरा कौन सा है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 4

‘मुहावरे’ का अर्थ बोलचाल की भाषा में सांकेतिक रूप से किसी भाव को प्रकट करना होता है। जैसे- आँखों से गिरना, आकाश से बातें करना आदि।
गलत सलाह देना का अर्थ है उल्टी पट्टी पट्टी पढ़ाना। यह एक चर्चित मुहावरा है। 
अत: विकल्प (A) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 5

निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए I

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 5

दिए गए विकल्पों में से मण्डल शब्द की वर्तनी शुद्ध है। अन्य सभी शब्दों की वर्तनी त्रुटि पूर्ण हैं।
‘मण्डल’ का अर्थ गोलाई, वृत्त है। मण्डल पुल्लिंग शब्द है I
अत: विकल्प (D) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 6

"आग" शब्द का तत्सम ______ है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 6

तत्सम: ऐसे शब्द जो ,संस्कृत से आये हुए हैं , जब उनका प्रयोग हिंदी में किया जाता है , तब उन शब्दों का प्रयोग ज्यों का त्यों होता है । ऐसे शब्द को हम तत्सम शब्द कहते हैं ।
उदाहरण: ग्रह, अक्षि, कार्य, ग्राम, प्रस्तर आदि।
"आग" शब्द का तत्सम अग्नि है।
अत: विकल्प (A) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 7

निम्न में से कौन सा शब्द पुल्लिंग है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 7

पुल्लिंग : जिन शब्दों से पुरुष जाति का बोध होता है उन्हें पुल्लिंग शब्द कहते हैं ।
जैसे - पिता, भाई, लड़का, पेड़, सिंह शिव, हनुमान, बैल आदि।
उपर्युक्त विकल्पों में से 'शीशम' शब्द पुल्लिंग है। अन्य विकल्प स्त्रीलिंग हैं। 
अत: विकल्प (A) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 8

जंगल का पर्यायवाची शब्द क्या है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 8

किसी शब्द के समान अथवा लगभग समान अर्थ का बोध कराने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं।
जंगल का पर्यायवाची शब्द- वन, अरण्य, कानन, कांतार, अख़्य इत्यादि हैं।
अत: विकल्प (A) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 9

निर्देश: गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
पिछले रविवार को में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला देखने गया। यह प्रदर्शनी प्रगति मैदान में लगाई गई थी। इसे लघु उद्योग विभाग ने आयोजित किया थाl यहाँ पर लोगों की बहुत भीड़ थी। उन लोगों ने अच्छे परिधान धारण किये हुए थे। ये एक बड़े मेले जैसा दिखाई देता है। अधिकांश राज्यों ने अपने-अपने पवैलियन स्थापित किये थे। यहाँ पर हस्तशिल्प, होजरी और बने - बनाये वस्त्र, खेलों का सामान और प्लास्टिक के खिलोने थे। खाने की वस्तुओं के स्टालों पर बहुत अधिक भीड़ थी। बच्चों के लिए अप्पू घर विशेष आकर्षण का केंद्र था। मैंने यहाँ पर प्रसन्नतापूर्वक समय व्यतीत किया। यह प्रदर्शिनी दर्शाती थी कि ग्रामों के उत्थान से ही भारत एक विकसित देश बन सकता है।

Q. गद्यांश में मेलें का अर्थ क्या है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 9

"शहर की नई तकनीक को गावों तक पहुंचना" सही है क्योंकि व्यापारिक मेले का उद्देश्य ही यही होता है कि नई -नई वस्तुओं को आम जनता तक पहुंचना, जिससे गावों तथा शहरों में सामान विकास हो सके।
अत: विकल्प (C) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 10

निर्देश: गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
पिछले रविवार को में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला देखने गया। यह प्रदर्शनी प्रगति मैदान में लगाई गई थी। इसे लघु उद्योग विभाग ने आयोजित किया थाl यहाँ पर लोगों की बहुत भीड़ थी। उन लोगों ने अच्छे परिधान धारण किये हुए थे। ये एक बड़े मेले जैसा दिखाई देता है। अधिकांश राज्यों ने अपने-अपने पवैलियन स्थापित किये थे। यहाँ पर हस्तशिल्प, होजरी और बने - बनाये वस्त्र, खेलों का सामान और प्लास्टिक के खिलोने थे। खाने की वस्तुओं के स्टालों पर बहुत अधिक भीड़ थी। बच्चों के लिए अप्पू घर विशेष आकर्षण का केंद्र था। मैंने यहाँ पर प्रसन्नतापूर्वक समय व्यतीत किया। यह प्रदर्शिनी दर्शाती थी कि ग्रामों के उत्थान से ही भारत एक विकसित देश बन सकता है।

Q. उत्थान का आशय क्या है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 10

उत्थान का आशय विकास है I उपरोक्त विकल्पों में विकास ही सटीक विकल्प है जो कि भारत के सम्पूर्ण विकास के बारे में जानकारी दे रहा है I
अत: विकल्प (A) सही है I

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 11

निर्देश: दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए -
साहित्य की शाश्वतता का प्रश्न एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। क्या साहित्य शाश्वत होता है? यदि हाँ, तो किस मायने में? क्या कोई साहित्य अपने रचनाकाल के सौ वर्ष बीत जाने पर भी उतना ही प्रासंगिक रहता है, जितना वह अपनी रचना के समय था? अपने समय या युग का निर्माता साहित्यकार क्या सौ वर्ष बाद की परिस्थितियों का भी युग-निर्माता हो सकता है। समय बदलता रहता है, परिस्थितियाँ और भावबोध बदलते हैं, साहित्य बदलता है और इसी के समानांतर पाठक की मानसिकता और अभिरुचि भी बदलती है।
अत: कोई भी कविता अपने सामयिक परिवेश के बदल जाने पर ठीक वही उत्तेजना पैदा नहीं कर सकती, जो उसने अपने रचनाकाल के दौरान की होगी। कहने का तात्पर्य यह है कि एक विशेष प्रकार के साहित्य के श्रेष्ठ अस्तित्व मात्र से वह साहित्य हर युग के लिए उतना ही विशेष आकर्षण रखे, यह आवश्यक नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान युग में इंगला-पिंगला, सुषुम्ना, अनहद, नाद आदि पारिभाषिक शब्दावली मन में विशेष भावोत्तेजन नहीं करती।
साहित्य की श्रेष्ठता मात्र ही उसके नित्य आकर्षण का आधार नहीं है। उसकी श्रेष्ठता का युगयुगीन आधार हैं, वे जीवन-मूल्य तथा उनकी अत्यंत कलात्मक अभिव्यक्तियाँ जो मनुष्य की स्वतंत्रता तथा उच्चतर मानव-विकास के लिए पथ-प्रदर्शक का काम करती हैं। पुराने साहित्य का केवल वही श्री-सौंदर्य हमारे लिए ग्राह्य होगा, जो नवीन जीवन-मूल्यों के विकास में सक्रिय सहयोग दे अथवा स्थिति-रक्षा में सहायक हो। कुछ लोग साहित्य की सामाजिक प्रतिबद्धता को अस्वीकार करते हैं।
वे मानते हैं कि साहित्यकार निरपेक्ष होता है और उस पर कोई भी दबाव आरोपित नहीं होना चाहिए। किंतु वे भूल जाते हैं कि साहित्य के निर्माण की मूल प्रेरणा मानव-जीवन में ही विद्यमान रहती है। जीवन के लिए ही उसकी सृष्टि होती है। तुलसीदास जब स्वांत:सुखाय काव्य-रचना करते हैं, तब अभिप्राय यह नहीं रहता कि मानव-समाज के लिए इस रचना का कोई उपयोग नहीं है, बल्कि उनके अंत:करण में संपूर्ण संसार की सुख-भावना एवं हित-कामना सन्निहित रहती है। जो साहित्यकार अपने संपूर्ण व्यक्तित्व को व्यापक लोक-जीवन में सन्निविष्ट कर देता है, उसी के हाथों स्थायी एवं प्रेरणाप्रद साहित्य का सृजन हो सकता है।

Q. निम्नलिखित में से साहित्य की श्रेष्ठता का युगयुगिन आधार है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 11

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "कलात्मक अभिव्यक्ति" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

  • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार साहित्य की श्रेष्ठता का युगयुगिन आधार कलात्मक अभिव्यक्ति है।
  • साहित्य की श्रेष्ठता मात्र ही उसके नित्य आकर्षण का आधार नहीं है। उसकी श्रेष्ठता का युगयुगीन आधार हैं, वे जीवन-मूल्य तथा उनकी अत्यंत कलात्मक अभिव्यक्तियाँ जो मनुष्य की स्वतंत्रता तथा उच्चतर मानव-विकास के लिए पथ-प्रदर्शक का काम करती हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 12

निर्देश: दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का सही उत्तर दीजिए -
साहित्य की शाश्वतता का प्रश्न एक महत्वपूर्ण प्रश्न है। क्या साहित्य शाश्वत होता है? यदि हाँ, तो किस मायने में? क्या कोई साहित्य अपने रचनाकाल के सौ वर्ष बीत जाने पर भी उतना ही प्रासंगिक रहता है, जितना वह अपनी रचना के समय था? अपने समय या युग का निर्माता साहित्यकार क्या सौ वर्ष बाद की परिस्थितियों का भी युग-निर्माता हो सकता है। समय बदलता रहता है, परिस्थितियाँ और भावबोध बदलते हैं, साहित्य बदलता है और इसी के समानांतर पाठक की मानसिकता और अभिरुचि भी बदलती है।
अत: कोई भी कविता अपने सामयिक परिवेश के बदल जाने पर ठीक वही उत्तेजना पैदा नहीं कर सकती, जो उसने अपने रचनाकाल के दौरान की होगी। कहने का तात्पर्य यह है कि एक विशेष प्रकार के साहित्य के श्रेष्ठ अस्तित्व मात्र से वह साहित्य हर युग के लिए उतना ही विशेष आकर्षण रखे, यह आवश्यक नहीं है। यही कारण है कि वर्तमान युग में इंगला-पिंगला, सुषुम्ना, अनहद, नाद आदि पारिभाषिक शब्दावली मन में विशेष भावोत्तेजन नहीं करती।
साहित्य की श्रेष्ठता मात्र ही उसके नित्य आकर्षण का आधार नहीं है। उसकी श्रेष्ठता का युगयुगीन आधार हैं, वे जीवन-मूल्य तथा उनकी अत्यंत कलात्मक अभिव्यक्तियाँ जो मनुष्य की स्वतंत्रता तथा उच्चतर मानव-विकास के लिए पथ-प्रदर्शक का काम करती हैं। पुराने साहित्य का केवल वही श्री-सौंदर्य हमारे लिए ग्राह्य होगा, जो नवीन जीवन-मूल्यों के विकास में सक्रिय सहयोग दे अथवा स्थिति-रक्षा में सहायक हो। कुछ लोग साहित्य की सामाजिक प्रतिबद्धता को अस्वीकार करते हैं।
वे मानते हैं कि साहित्यकार निरपेक्ष होता है और उस पर कोई भी दबाव आरोपित नहीं होना चाहिए। किंतु वे भूल जाते हैं कि साहित्य के निर्माण की मूल प्रेरणा मानव-जीवन में ही विद्यमान रहती है। जीवन के लिए ही उसकी सृष्टि होती है। तुलसीदास जब स्वांत:सुखाय काव्य-रचना करते हैं, तब अभिप्राय यह नहीं रहता कि मानव-समाज के लिए इस रचना का कोई उपयोग नहीं है, बल्कि उनके अंत:करण में संपूर्ण संसार की सुख-भावना एवं हित-कामना सन्निहित रहती है। जो साहित्यकार अपने संपूर्ण व्यक्तित्व को व्यापक लोक-जीवन में सन्निविष्ट कर देता है, उसी के हाथों स्थायी एवं प्रेरणाप्रद साहित्य का सृजन हो सकता है।

Q. समय के साथ निम्नलिखित में से क्या बदलता है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 12
  • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार समय के साथ साहित्य बदलता है।
  • समय बदलता रहता है, परिस्थितियाँ और भावबोध बदलते हैं, साहित्य बदलता है और इसी के समानांतर पाठक की मानसिकता और अभिरुचि भी बदलती है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 13

‘भाववाच्य’ वाला विकल्प चुनिए:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 13

दिए गए विकल्पों में ‘गर्मियों में रोज़ नहाया जाता है’ में भाववाच्य है। अतिरिक्त विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प ‘गर्मियों में रोज़ नहाया जाता है’ है।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 14

दिए गए विकल्पों में से ‘लिखाई’ शब्द में प्रत्यय है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 14

विकल्प 3 ‘आई’ इस प्रश्न का सही उत्तर है। अन्य विकल्प त्रुटि पूर्ण हैं।
लिख क्रिया शब्द में ‘आई’ प्रत्यय के योग से ‘लिखाई’ शब्द बना है।
विशेष:
प्रत्यय- वे शब्दांश, जो यौगिक शब्द बनाते समय बाद में लगते हैं। जैसे-

  1. अक- पाठक
  2. आई- पढ़ाई
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 15

'थाली का बैगन' मुहावरे का अर्थ है:

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 15

एक पंथ दो काज मुहावरे का अर्थ है - कभी एक पक्ष और कभी दूसरे पक्ष में रहना। अतः सही विकल्प 3 'कभी एक पक्ष और कभी दूसरे पक्ष में रहना' है।

  • 'थाली का बैगन' मुहावरे का अर्थ - कभी एक पक्ष और कभी दूसरे पक्ष में रहना। 
  • वाक्य प्रयोग - आजकल के नए-नए नेता तो थाली के बैंगन हैं।
  • अन्य विकल्प असंगत हैं।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 16

निम्‍नलिखित प्रश्‍न में, चार विकल्‍पों में से, उस विकल्‍प का चयन करें जो सही संधि-विच्‍छेद वाला विकल्‍प है।

Q. 'निष्काम' 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 16
  • 'निष्काम' का संधि विच्छेद है- नि: + काम। 
  • यह विसर्ग संधि का उदाहरण है। 
  • विसर्ग का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 17

नैसर्गिक शब्द का विलोम शब्द ज्ञात कीजिए। 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 17
  • दिए गए विकल्पों में से 'नैसर्गिक' शब्द का उचित विलोम शब्द 'कृत्रिम' होगा। 
  • नैसर्गिक के पर्यायवाची शब्द हैं - वास्तविक, स्वाभाविक, प्राकृतिक।
  • कृत्रिम के पर्यायवाची शब्द हैं- नकली, बनावटी, जाली। 

अन्य विकल्प: 

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 18

'मैने घर जाना था।' वाक्य में अशुद्ध अंश है-

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 18
  • दिये गए विकल्पों में से 'मैने घर जाना था' वाक्य अशुद्ध है। इसमें सर्वनाम संबंधी अशुद्धि है. 
  • 'मैंने' के स्थान पर 'मुझे' का प्रयोग होना चाहिए. 
  • अन्य सभी विकल्पों में कोई त्रुटि नहीं है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 19

'साधु' शब्द का बहुवचन रूप हैं

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 19

'साधु' शब्द का बहुवचन रूप साधु है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 4) साधु होगा ।

  • साधु, संस्कृत शब्द है जिसका सामान्य अर्थ 'सज्जन व्यक्ति' से है।
  • वर्तमान समय में साधु उनको कहते हैं जो सन्यास दीक्षा लेकर गेरुए वस्त्र धारण करते है
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 20

‘नहाया-धोया’ शब्द में निम्न में से कौन-सा समास है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 20
  • नहाया-धोया शब्द युग्म में द्वंद्व समास है। जिस समास में मध्य में दो बातों को जोड़ने के लिए योजक चिह्न का प्रयोग किया जाता है वो द्वंद समास कहलाता है। 
  • जैसे – नहाया-धोया = नहाया और धोया, खाया-पिया = खाया और पिया आदि। अतः सही विकल्प द्वंद्व समास है।
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 21

‘निरोग’ का उपयुक्त संधि-विच्छेद क्या होगा?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 21

निरोग’ का संधि-विच्छेद ‘निः + रोग’ होगा। इसलिए इसका सही उत्तर ‘निः + रोग’ होगा। अन्य विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं।
विसर्ग संधि:

  • विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे- दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट
  • ‘निः+रोग’ में विसर्ग से पहले ‘इ’ या ‘उ’ हो और बाद में ‘र’ आए तो विसर्ग का लोप हो जाएगा और ‘इ’ तथा ‘उ’ दीर्घ ‘ई’, ‘ऊ’ में बदल जाता है। इसलिए यहा पर विसर्ग संधि होगी।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 22

‘से’ (सहायता से के अर्थ में) किस कारक की विभक्ति है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 22

‘से’ (सहायता से के अर्थ में)’ करण कारक के चिह्न होते हैं। इसलिए करण कारक इसका सही उत्तर है।
कारक- किसी वाक्य, मुहावरा या वाक्यांश में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया के साथ उनके सम्बन्ध के अनुसार रूप बदलना कारक कहलाता है। अर्थात् व्याकरण में संज्ञा या सर्वनाम शब्द की वह अवस्था है जिसके द्वारा वाक्य में उसका क्रिया के साथ संबंध प्रकट होता है उसे कारक कहते हैं। जो निम्नलिखित हैं-

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 23

निम्नलिखित विकल्पों में से ‘अश्व’ किसका पर्यायवाची शब्द है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 23
  • दिए गयें विकल्पों में से ‘तुरंग’ शब्द ‘अश्व’ का पर्यायवाची शब्द है।
  • ‘तुरंग’ शब्द का पर्यायवाची ‘अश्व’ है।
  • ‘अश्व’ के पर्यायवाची -  रविपुत्र, हय, घोड़ा, सैंधव
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 24

‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ लोकोक्ति का अर्थ निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प दर्शाता है?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 24

चोर की दाढ़ी में तिनका’ लोकोक्ति का अर्थ ‘अपराधी सदा शंका से घिरा रहता है’ सही है।
वाक्य: चोर का पता लगने की बात पता चलते ही रामू का चेहरा पीला पड़ गया तभी लोगों को मालूम हो गया किसने चोरी की है। अंत में, ये तो ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ वाली बात हुई।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 25

‘चन्द्रमोली’ शब्द में निम्न में से कौन सा समास है ?

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 25

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 26

सही विकल्प को चुनकर निम्नलिखित वाक्य के रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए:

Q. उग्र का विलोम______है।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 26

सौम्य, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।
उग्र का अर्थ अशांत है जबकि सौम्य का अर्थ शांतिपूर्ण है।               
अन्य विशेष-

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 27

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्न का उत्तर दीजिए।
शहर की सड़कों पर बिना किसी मानचित्र या जीपीएस की सहायता के निरुद्देश्य भटकने की तुलना एक काव्य संकलन के पन्ने पलटने के अनुभव से की जा सकती है। वैसे ही जैसे आप किसी सड़क या पृष्ठ पर एक मोड़ लेते हैं, जैसे संरचनाओं और आकृतियों के प्रति आकृष्ट होते हैं, जैसे कुछ दुकानों या कविताओं को दूसरों के लिए नजरअंदाज करते हैं। माइकल द सेर्ता अपनी 1984 की पुस्तक 'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' के एक खंड 'वाकिंग इन द सिटी' में कहते हैं, 'घूमने में भी एक प्रकार की आलंकारिक वाकपटुता है, मुहावरों और साहित्यिक अलंकारों को घुमा देने की कला किसी मार्ग की रचना करने के समान है'। ‘फ्रैंक ओ हारा’ दिशाहीन घुमक्कड़ी के आनंददायक चित्रण के लिए सुविख्यात हैं भले ही वह साहित्यिक घुमक्कड़ी हो या पैरों पर चल कर की गई। उनकी 'मेडीटेशंस इन एन इमरजेंसी' इस बात का बहुत ठोस उत्तर प्रस्तुत करती है कि क्यों कुछ कवि गाँव देहात में घूमने के बजाय शहरी घुमक्कड़ी को तरजीह देते हैं और प्रकृति की बजाय संस्कृति के माध्यम से खोजबीन करना पसंद करते हैं। वे कहते हैं, "मैंने अपने आपको कभी देहाती जीवन की प्रशस्ति या किसी चरागाह में घटित अपने निर्दोष अतीत की पथभ्रष्ट करतूतों की स्मृतियों से अवरुद्ध नहीं किया। अपनी मनपसंद हरियाली का आनंद उठाने के लिए न्यूयार्क शहर को छोड़ कर जाने की आवश्यकता भी नहीं - क्योंकि मैं तो घास की उस तीखी धार की सुंदरता का आनंद भी तब तक नहीं उठा सकता जब तक कि मुझे पता न चल जाए कि उसके एन बगल में लोगों के गुजरने की एक पगडंडी, रिकॉर्ड स्टोर या ऐसा ही कोई और संकेत उपस्थित है जिससे लोगों में जीवन के प्रति रुचि और उत्साह का पता चलता है। 

Q. 'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' पुस्तक के लेखक कौन हैं? 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 27
  • ​'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' पुस्तक के लेखक माइकल द सेर्ता हैं। 
  • माइकल द सेर्ता अपनी पुस्तक 'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' के एक खंड 'वाकिंग इन द सिटी' में कहते हैं, 'घूमने में भी एक प्रकार की आलंकारिक वाकपटुता है, मुहावरों और साहित्यिक अलंकारों को घुमा देने की कला किसी मार्ग की रचना करने के समान है'। 
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 28

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्न का उत्तर दीजिए।
शहर की सड़कों पर बिना किसी मानचित्र या जीपीएस की सहायता के निरुद्देश्य भटकने की तुलना एक काव्य संकलन के पन्ने पलटने के अनुभव से की जा सकती है। वैसे ही जैसे आप किसी सड़क या पृष्ठ पर एक मोड़ लेते हैं, जैसे संरचनाओं और आकृतियों के प्रति आकृष्ट होते हैं, जैसे कुछ दुकानों या कविताओं को दूसरों के लिए नजरअंदाज करते हैं। माइकल द सेर्ता अपनी 1984 की पुस्तक 'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' के एक खंड 'वाकिंग इन द सिटी' में कहते हैं, 'घूमने में भी एक प्रकार की आलंकारिक वाकपटुता है, मुहावरों और साहित्यिक अलंकारों को घुमा देने की कला किसी मार्ग की रचना करने के समान है'। ‘फ्रैंक ओ हारा’ दिशाहीन घुमक्कड़ी के आनंददायक चित्रण के लिए सुविख्यात हैं भले ही वह साहित्यिक घुमक्कड़ी हो या पैरों पर चल कर की गई। उनकी 'मेडीटेशंस इन एन इमरजेंसी' इस बात का बहुत ठोस उत्तर प्रस्तुत करती है कि क्यों कुछ कवि गाँव देहात में घूमने के बजाय शहरी घुमक्कड़ी को तरजीह देते हैं और प्रकृति की बजाय संस्कृति के माध्यम से खोजबीन करना पसंद करते हैं। वे कहते हैं, "मैंने अपने आपको कभी देहाती जीवन की प्रशस्ति या किसी चरागाह में घटित अपने निर्दोष अतीत की पथभ्रष्ट करतूतों की स्मृतियों से अवरुद्ध नहीं किया। अपनी मनपसंद हरियाली का आनंद उठाने के लिए न्यूयार्क शहर को छोड़ कर जाने की आवश्यकता भी नहीं - क्योंकि मैं तो घास की उस तीखी धार की सुंदरता का आनंद भी तब तक नहीं उठा सकता जब तक कि मुझे पता न चल जाए कि उसके एन बगल में लोगों के गुजरने की एक पगडंडी, रिकॉर्ड स्टोर या ऐसा ही कोई और संकेत उपस्थित है जिससे लोगों में जीवन के प्रति रुचि और उत्साह का पता चलता है। 

Q. 'अवरुद्ध' का विलोम शब्द क्या होगा? 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 28

​दिए गए विकल्पों में से अवरुद्ध शब्द का विलोम शब्द निर्बाध होगा। 
निर्बाध का अर्थ होता है - बिना बाधा का। 
अन्य विकल्प: 

  • सहयोग - असहयोग 
  • सजा - इनाम 
  • थकान - आराम 
  • प्रेम - घृणा 
     
Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 29

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्न का उत्तर दीजिए।
शहर की सड़कों पर बिना किसी मानचित्र या जीपीएस की सहायता के निरुद्देश्य भटकने की तुलना एक काव्य संकलन के पन्ने पलटने के अनुभव से की जा सकती है। वैसे ही जैसे आप किसी सड़क या पृष्ठ पर एक मोड़ लेते हैं, जैसे संरचनाओं और आकृतियों के प्रति आकृष्ट होते हैं, जैसे कुछ दुकानों या कविताओं को दूसरों के लिए नजरअंदाज करते हैं। माइकल द सेर्ता अपनी 1984 की पुस्तक 'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' के एक खंड 'वाकिंग इन द सिटी' में कहते हैं, 'घूमने में भी एक प्रकार की आलंकारिक वाकपटुता है, मुहावरों और साहित्यिक अलंकारों को घुमा देने की कला किसी मार्ग की रचना करने के समान है'। ‘फ्रैंक ओ हारा’ दिशाहीन घुमक्कड़ी के आनंददायक चित्रण के लिए सुविख्यात हैं भले ही वह साहित्यिक घुमक्कड़ी हो या पैरों पर चल कर की गई। उनकी 'मेडीटेशंस इन एन इमरजेंसी' इस बात का बहुत ठोस उत्तर प्रस्तुत करती है कि क्यों कुछ कवि गाँव देहात में घूमने के बजाय शहरी घुमक्कड़ी को तरजीह देते हैं और प्रकृति की बजाय संस्कृति के माध्यम से खोजबीन करना पसंद करते हैं। वे कहते हैं, "मैंने अपने आपको कभी देहाती जीवन की प्रशस्ति या किसी चरागाह में घटित अपने निर्दोष अतीत की पथभ्रष्ट करतूतों की स्मृतियों से अवरुद्ध नहीं किया। अपनी मनपसंद हरियाली का आनंद उठाने के लिए न्यूयार्क शहर को छोड़ कर जाने की आवश्यकता भी नहीं - क्योंकि मैं तो घास की उस तीखी धार की सुंदरता का आनंद भी तब तक नहीं उठा सकता जब तक कि मुझे पता न चल जाए कि उसके एन बगल में लोगों के गुजरने की एक पगडंडी, रिकॉर्ड स्टोर या ऐसा ही कोई और संकेत उपस्थित है जिससे लोगों में जीवन के प्रति रुचि और उत्साह का पता चलता है। 

Q. 'घूमने में भी एक प्रकार की आलंकारिक वाकपटुता है, मुहावरों और साहित्यिक अलंकारों को घुमा देने की कला किसी मार्ग की रचना करने के समान है'। यह कथन किस पुस्तक में है? 

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 29

माइकल द सेर्ता अपनी 1984 की पुस्तक 'द प्रैक्टिस ऑफ एवरी डे लाइफ' के एक खंड 'वाकिंग इन द सिटी' में कहते हैं, 'घूमने में भी एक प्रकार की आलंकारिक वाकपटुता है, मुहावरों और साहित्यिक अलंकारों को घुमा देने की कला किसी मार्ग की रचना करने के समान है'।

Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 30

निर्देश: रिक्त स्थान में दिए गए मुहावरे का चयन करें।
श्याम दोस्तों से अपमानित होने पर भी ____________  रह गया।

Detailed Solution for Uttarakhand Police SI Paper 1 Mock Test - 8 - Question 30

श्याम दोस्तों से अपमानित होने पर भी ‘जहर का घूंट पी कर’ रह गया। सही वाक्य है।
जहर का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ है चुपचाप सह जाना।
वाक्य प्रयोग - कभी-कभी परिस्थितियाँ ऐसी बन जाती हैं अपनी गलती न होने पर भी हमें जहर का घूंट पी कर रह जाना पड़ता है।
मुहावरा- इसका अर्थ होता है, आम बोलचाल की भाषा में सांकेतिक रूप से कोई भाव प्रकट करना।

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