CTET & State TET Exam  >  CTET & State TET Tests  >  CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - CTET & State TET MCQ

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi)

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) for CTET & State TET 2024 is part of CTET & State TET preparation. The CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) MCQs are made for CTET & State TET 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) below.
Solutions of CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) questions in English are available as part of our course for CTET & State TET & CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) solutions in Hindi for CTET & State TET course. Download more important topics, notes, lectures and mock test series for CTET & State TET Exam by signing up for free. Attempt CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) | 150 questions in 150 minutes | Mock test for CTET & State TET preparation | Free important questions MCQ to study for CTET & State TET Exam | Download free PDF with solutions
CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 1

सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) का मुख्य उद्देश्य ________ है।

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 1

सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) का मुख्य उद्देश्य आवश्यक सुधार करने के लिए सीखने के तरीकों को रिकॉर्ड करना है।
सतत और व्यापक मूल्यांकन, जिसे आमतौर पर 'सीसीई' के रूप में जाना जाता है, सीबीएसई द्वारा 2009 में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अधिनियमन के साथ मूल्यांकन की एक स्कूल-आधारित प्रणाली के रूप में पेश किया गया है। सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) का मुख्य उद्देश्य विचार प्रक्रिया पर जोर देना और याद रखने पर जोर देना है क्योंकि सीसीई में छात्रों के विकास के सभी पहलू शामिल हैं। सीसीई के अन्य उद्देश्य:

  • मूल्यांकन की निरंतरता और नियमितता पर जोर देना।
  • एक बच्चे के विकास के शैक्षिक और सह-शैक्षिक दोनों पहलुओं का आकलन करना।
  • छात्रों के मात्रात्मक और गुणात्मक शैक्षणिक विकास दोनों पर ध्यान केंद्रित करना।
  • आवश्यक सुधार करने के लिए सीखने के तरीकों को रिकॉर्ड करना।
  • नैदानिक और उपचारात्मक शिक्षण के माध्यम से मूल्यांकन को सीखने का एक अभिन्न अंग बनाना।
  • संज्ञानात्मक, साइकोमोटर और भावात्मक डोमेन सहित छात्रों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करना।
CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 2

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. 'क्षितिज' किसे कहते हैं?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 2

क्षितिज तक, जहाँ धरती और आकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं ।

1 Crore+ students have signed up on EduRev. Have you? Download the App
CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 3

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. यदि किसी का ओर-छोर नहीं है, तो-

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 3

यदि किसी का ओर-छोर नहीं है, तो उसकी सीमा नहीं है ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 4

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. बर्नार्ड शॉ ने जीवन की उपमा किससे ली है?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 4

बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 5

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. हम बहुत बड़ा अन्याय कर रहे होते हैं, यदि

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 5

वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 6

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. प्रकृति और खुला आसमान बता रहे हैं कि सबको

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 6

यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भूमंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 7

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. आसमान हमें दिलाता है

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 7

यह आसमान हमें भय से छुटकारा दिलाता है ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 8

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. किस शब्द में 'इक' प्रत्यय का प्रयोग नहीं किया जा सकता?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 8

प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर, अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 9

निर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्न में सबसे उचित विकल्प चुनिए ।
सारा संसार नीले गगन के तले अनंत काल से रहता आया है । हम थोड़ी दूरी पर ही देखते हैं क्षितिज तक, जहाँ धरतीऔरआकाश हमें मिलते दिखाई देते हैं । लेकिन जब हम वहाँ पहुँचते हैं, तो यह नज़ारा आगे खिसकता चला जाता है, और इस नज़ारे का कोई ओर-छोर हमें नहीं दिखाई देता है । ठीक इसी तरह हमारा जीवन भी है ।
ज़िंदगी की न जाने कितनी उपमाएँ दी जा चुकी हैं, लेकिन कोई भी उपमा पूर्ण नहीं मानी गई, क्योंकि जिदगी के इतने पक्ष हैं कि कोई भी उपमा उस पर पूरी तरह फ़िट नहीं बैठती । बर्नार्ड शॉ जीवन को एक खुली किताब मानते थे, और यह भी मानते थे कि सभी जीवों को समान रूप से जीने का हक़ है । वह चाहते थे कि इंसान अपने स्वार्थ में अंधा होकर किसी दूसरे जीव के जीने का हक न मारे । यदि इंसान ऐसा करता है, तो यह बहुत बड़ा अन्याय है । हमारे विचार स्वाभाविक रूप से एक-दूसरे से मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि हम दूसरों को उसके जीने के हक़ से वंचित करें ।
यह खुला आसमान, यह प्रकृति और यह पूरा भू -मंडल हमें दरअसल यही बता रहा है कि हाथी से लेकर चींटी तक, सभी को समान रूप से जीवन बिताने का हक़ है । जिस तरह से खुले आसमान के नीचे हर प्राणी बिना किसी डर के जीने , साँस लेने का अधिकारी है, उसी तरह से मानव-जाति का स्वभाव भी होना चाहिए कि वह अपने जीने के साथ दूसरों से उनके जीने का हक न छीने । यह आसमान हमें जिस तरह से भय से छुटकारा दिलाता है, उसी तरह से हमें मानव-जाति से उन जीवों को डर से छुटकारा दिलाकर उन्हें जीने के लिए पूरा अवसर देना चाहिए । दूसरों के जीने के हक़ को छीनने से बड़ा अपराध या पाप कुछ नहीं हो सकता ।

Q. 'अपराध' शब्द है-

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 9

जो शब्द पदार्थों की अवस्था, गुण, दोष, धर्म, दशा, स्वभाव आदि का बोध कराते हैं, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं ।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 10

'दो या दो से अधिक संप्रत्ययों में सम्बन्ध बताने वाले कथन को सिद्धांत कहते हैं' यह विचार है :

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 10

'दो या दो से अधिक संप्रत्ययों में सम्बन्ध बताने वाले कथन को सिद्धांत कहते हैं',यह विचार गैने का है।  गैने द्वारा दिये गये अधिगम के प्रकार, संकेत अधिगम, उद्दीपक-अनुक्रिया अधिगम, श्रृंखला अधिगम, शाब्दिक साहचर्य अधिगम, विभेद अधिगम, सम्प्रत्यय अधिगम है। 
अतः, यही विकल्प इस प्रश्न का सही उत्तर है।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 11

निम्न में से भाषा शिक्षण का सिद्धांत नहीं है:

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 11

शिक्षक केंद्रित सिद्धांत भाषा शिक्षण का सिद्धांत नहीं है।  बाल केन्द्रित शिक्षण के सिद्धांत
बालकों को क्रियाशील रखकर शिक्षा प्रदान करना| इससे किसी भी कार्य को करने में बालक के हाथ, पैर और मस्तिष्क सब क्रियाशील हो जाते हैं. इसके अंतर्गत बालकों को महापुरुषों, वैज्ञानिकों का उदहारण देकर प्रेरित किया जाना शामिल है। 
अतः, यही विकल्प इस प्रश्न का सही उत्तर है।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 12

भाषा शिक्षण में पाठ्य-सामग्री और उसके शैक्षिक सिद्धांतो का चुनाव निम्न में से किस आधार पर किया जाना चाहिए?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 12

भाषा शिक्षण में पाठ्य-सामग्री और उसके शैक्षिक सिद्धांतो का चुनाव छात्र की जरूरतों के आधार पर किया जाना चाहिए।  भाषा सीखते समय सभी बच्चों की स्थिति अलग-अलग होती है, जिन्हें देखकर, परखकर उन्हें पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी चाहिए, ताकि वे उसका समुचित उपयोग कर सकें।अन्यथा वह व्यर्थ सिद्ध होता है। 
अतः, यही विकल्प इस प्रश्न का सही उत्तर है।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 13

एक छात्र अपना याद किया हुआ पाठ बार-बार भूल जाता है, उसके लिए क्या आवश्यक है?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 13

एक छात्र अपना याद किया हुआ पाठ बार-बार भूल जाता है, उसके लिए अभ्यास आवश्यक है। जब छात्र किसी पाठ को याद करते हैं, तो अक्सर ज्यादातर छात्रों के साथ यह समस्या आती है कि वे जो याद करते हैं, भूल जाते हैं। अतः वैसी स्थिति में उन्हें उसको लिखकर तथा बोलकर अभ्यास करना चाहिए। 
अतः, यही विकल्प इस प्रश्न का सही उत्तर है।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 14

कक्षा में भाषा शिक्षण के समय किस प्रकार के छात्रों पर ध्यान देना आवश्यक है?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 14

कक्षा में  भाषा शिक्षण के समय निम्नलिखित प्रकार के छात्रों पर ध्यान देना आवश्यक है-

  • जो शीघ्र सीखते हैं। 
  • जो बार-बार सिखाने पर सीखते हैं। 
  • जिनको सीखना अत्यंत कठिन है। अतः, यही विकल्प इस प्रश्न का सही उत्तर है।
CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 15

पठन कौशल को सफल बनाने से संबंधित नहीं है-

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 15

विभिन्न प्रकार के पठन कौशल-
डिकोडिंग

  • डिकोडिंग उन शब्दों को समझने की क्षमता है जो बच्चों ने पहले सुने हैं, लेकिन लिखे हुए नहीं देखे हैं। यह पढ़ने की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह अन्य पठन कौशल की नींव बनाता है।
  • डिकोडिंग एक प्रारंभिक भाषा कौशल पर बहुत अधिक निर्भर करता है जिसे ध्वन्यात्मक जागरूकता कहा जाता है।
  • ध्वन्यात्मक जागरूकता विभिन्न ध्वनियों को शब्दों में सुनने और हेरफेर करने की क्षमता है।
  • अक्षरों, शब्दों और ध्वनियों (स्वनिम) के बारे में सीखते समय बच्चे इस जागरूकता को विकसित करते हैं।

स्वनिम

  • ध्वन्यात्मकता ध्वनियों और उनके द्वारा बनाए गए अक्षरों के बीच संबंध को पहचानने की क्षमता है।
  • शब्दों में ध्वनियों को लिखित शब्दों में मैप करने की यह प्रक्रिया एक बहुत ही महत्वपूर्ण पठन कौशल है।
  • बच्चे पहले शब्दों को ध्वनियों में डिकोड करते हैं और जब वे लिखते और वर्तनी करते हैं तो ध्वनियों को शब्दों में कूटबद्ध करते हैं।

शब्दावली

  • एक अच्छी शब्दावली अकादमिक सफलता का एक मूलभूत हिस्सा है। शब्दों के अर्थ, उनकी परिभाषा और उनके संदर्भ को समझने के लिए यह पठन कौशल आवश्यक है।
  • एक बच्चा जितने अधिक शब्दों को जानता है, वह अपने द्वारा पढ़े गए पाठ को पढ़ने और समझने में उतना ही बेहतर होता है।

धाराप्रवाह पठन

  • धाराप्रवाह समझ, सटीकता और गति के साथ जोर से पढ़ने की क्षमता है।
  • यह अच्छी पठन समझ के लिए आवश्यक कौशल है।
  • पढ़ने में पारंगत बच्चे आसानी से, अच्छी गति से, उचित स्वर का उपयोग करते हुए और अपेक्षाकृत कम त्रुटियां करते हुए पढ़ता है।

वाक्य निर्माण और सामंजस्य

  • वाक्य निर्माण और सामंजस्य एक लेखन कौशल की तरह लग सकता है, लेकिन यह एक आवश्यक पठन कौशल है।
  • वाक्यों के बीच और भीतर विचारों को जोड़ने को सामंजस्य कहा जाता है, और ये कौशल पढ़ने की समझ के लिए आवश्यक हैं।

समझ कर पढ़ना

  • कहानी की किताबों और सूचना पुस्तकों दोनों में पाठ का अर्थ समझने की क्षमता।
  • फिक्शन किताबों में बच्चे पात्रों की कल्पना करते हैं और उनके साथ एक भावनात्मक और साहसिक यात्रा साझा करते हैं।
  • नॉन-फिक्शन किताबों में बच्चों को नई जानकारी मिलती है, जिससे नए विषयों और अवधारणाओं की उनकी समझ गहरी होती है।
  • पठन एक जटिल कौशल है जिसे पूरी तरह से विकसित करने के लिए समय और अभ्यास की आवश्यकता होती है।

तर्क और पृष्ठभूमि ज्ञान

  • यह कौशल बच्चे को निष्कर्ष निकालने और निष्कर्ष निकालने के लिए पृष्ठभूमि ज्ञान का उपयोग करने में मदद करता है।
  • अधिकांश पाठक जो कुछ उन्होंने पढ़ा है उसे वे जो जानते हैं उससे संबंधित कर सकते हैं।
  • जब वे पाठ में शाब्दिक रूप से नहीं लिखे जाते हैं, तो वे जानकारी को बाहर निकालने के लिए पंक्तियों के बीच पढ़ सकते हैं।

कार्य स्मृति और ध्यान

  • ये कौशल निकटता से संबंधित हैं लेकिन अलग हैं और कार्यकारी कार्य के रूप में जाने वाली क्षमताओं के समूह का हिस्सा हैं।
  • जब बच्चे पढ़ते हैं, तो ध्यान उन्हें पाठ से जानकारी को अवशोषित करने में मदद करता है, और कार्यशील स्मृति उन्हें उस जानकारी को बनाए रखने की अनुमति देती है।
  • इससे उन्हें अर्थ प्राप्त करने और जो वे पढ़ते हैं उससे ज्ञान का निर्माण करने में मदद मिलती है।

अतः निष्कर्ष निकलता है कि उपरोक्त सभी पठन कौशल को सफल बनाने के लिए आवश्यक कौशल हैं। अतः पठन कौशल को सफल बनाने से संबंधित नहीं है प्रश्न का सही उत्तर उपरोक्त में से कोई नहीं होगा।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 16

"बच्चों का बगीचा" पद्धति के जन्मदाता हैं:

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 16

किंडरगार्टन पद्धति- फ्रेडरिक फ्रोबेल एक जर्मन शिक्षाविद् थे, जिन्हें सबसे पहले 'किंडरगार्टन सिस्टम' के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है। जर्मन भाषा में किंडरगार्टन का शाब्दिक अर्थ है "बच्चों का बगीचा" (बालवाड़ी)।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 17

अतुल्यकालिक अधिगम (असिंक्रोनस) का उदाहरण है

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 17

अतुल्यकालिक संचार एक संचार माध्यम है जिसके लिए यह आवश्यक नहीं है कि दोनों पक्ष एक ही समय में एक ही स्थान पर मौजूद हों (उदाहरण के लिए ई-मेल)।

  • अतुल्यकालिक संचार तब होता है जब सूचनाओं का समय से स्वतंत्र रूप से आदान-प्रदान किया जा सकता है।
  • इसे प्राप्तकर्ता के तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, जिससे वे अपनी सुविधानुसार संदेश का जवाब दे सकें।
  • अतुल्यकालिक संचार के उदाहरण ईमेल, समाचार पत्र, ऑनलाइन फ़ोरम और सहयोगी दस्तावेज़ हैं।
  • एक समाचार पत्र एक आवधिक प्रकाशन है जिसमें वर्तमान घटनाओं के बारे में लिखित जानकारी होती है और इसे अक्सर सफेद या ग्रे पृष्ठभूमि के साथ काली स्याही से टाइप किया जाता है। इसे प्राप्तकर्ता के तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है, जिससे वे अपनी सुविधानुसार संदेश का जवाब दे सकें। यह अतुल्यकालिक संचार का एक उदाहरण है।

इस प्रकार, यह निष्कर्ष निकाला गया है कि अतुल्यकालिक संचार का एक उदाहरण ई-मेल है।

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 18

I build walls
Walls that protect,
Walls that shield,
Walls that say I shall not yield
Or reveal
Who I am and how I feel

I build walls
Walls that hide,
Walls that cover what’s inside,
Walls that stare or smile or look away,
Silent lies,
Walls that even block my eyes
From the tears I might have cried.

I build walls
Walls that never let me
Truly touch
Those I love so very much .
Walls that need to fall !
Walls mean to be fortresses
Are prisons after all.

Q. It is not a good idea to have these walls because

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 18

It is not a good idea to have these walls because they act as prison.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 19

Read the given poem and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option.
The theme of the poem is :

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 19

The theme of the poem 'Between the Miles' is relations. It is a friendship poem, friendship is a beautiful thing. It portrays how a true friend will always be there for you. It also represents the beautiful relationship between two persons. Theme is the lesson about life or statement about human nature that the poem  expresses.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 20

Read the given poem and answer the questions that follow by selecting the most appropriate option.
The 'crystalline darkness' is :

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 20

The 'crystalline darkness' is lit up by the stars only. The speaker will become moon and guide his friend if his eyes are upon the stars only in the crystalline darkness, 'If your eye's upon the stars/in the crystalline darkness' Due to different crystal alignments and interaction of the beam used to image the material, the reflective bits appear variously light and dark.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 21

A learner's competence in English will improve when she/he receives a learning experience that is at:

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 21

A learner's competence in English will improve when she/he receives a learning experience that is at a slightly higher level. It will enhance their knowledge and will also attract them to learn new facts. If the learning experience will be of equal level, it will not increase the learner's competence at all.
Hence, the correct answer is 'a slightly higher level'.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 22

A company labels its frozen snacks 75% fat free rather than contains 25% fat so that people will view them more positively. This is an example of a:

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 22

A company labels its frozen snacks as 75% fat-free rather than contains 25% fat so that people will view them more positively. This is an example of semantic slanting. Semantic slanting is part of the art of persuasion or "spin". It is the purposeful choice of words and usages that are aimed at persuading the listener to embrace a point-of-view. In addition to basic meanings, words can also contain shades of meanings and negative or positive connotations.
Hence, the correct answer is 'semantic slanting'.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 23

Direction: Read the following passage carefully and answer the given questions.
Once upon a time, there was a greedy merchant who owned a magnificent horse. The horse was strong and fast, and the merchant was proud of it. He would often travel long distances with the horse to trade goods and make a profit.
One day, the merchant had to travel to a faraway city to sell his goods. He decided to take his horse with him as he knew it could cover the distance quickly. However, he didn't consider the fact that the horse would need rest and care along the way.
As they started their journey, the merchant pushed the horse to go faster and faster, not stopping for breaks. The horse was getting tired and was unable to keep up with the merchant's demands. The merchant didn't care and continued to ride the horse harder, thinking only of his profit.
As they travelled further, the horse began to slow down, and its breathing became laboured. The merchant didn't take notice and kept pushing the horse until it eventually collapsed on the ground, exhausted and unable to move.
The merchant was angry and frustrated that his horse had failed him. He cursed the animal and tried to force it to get up, but the horse was too weak to move. Realizing that he wouldn't be able to reach his destination without a horse, the merchant decided to leave the animal behind and continue on foot, leaving the exhausted horse on the side of the road.
Days later, the merchant finally reached his destination, but he had lost a lot of his merchandise along the way. He realized that his greed had led to his downfall, and he regretted his actions towards the horse. He wished he had taken better care of it and had considered its needs.
From that day on, the merchant vowed to treat his animals with kindness and respect and not to let his greed get in the way of his morals. The lesson he learned was that sometimes, taking a break and looking after yourself and those around you is more important than making a profit.

Q. What is the antonym of the highlighted word 'laboured' ?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 23

The word 'laboured' means done with great effort and difficulty. 
Synonyms are strained, difficult, forced, laborious.
Example:- "his breathing was laboured"
The word 'effortless" means requiring no physical or mental exertion. 
Synonyms are easy, uncomplicated, not difficult, undemanding, etc.
​Example:- "I went up the steps in two effortless bounds"

Hence, the synonym of the highlighted word 'laboured' is 'effortless'.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 24

Direction: Read the following passage carefully and answer the given questions.
Once upon a time, there was a greedy merchant who owned a magnificent horse. The horse was strong and fast, and the merchant was proud of it. He would often travel long distances with the horse to trade goods and make a profit.
One day, the merchant had to travel to a faraway city to sell his goods. He decided to take his horse with him as he knew it could cover the distance quickly. However, he didn't consider the fact that the horse would need rest and care along the way.
As they started their journey, the merchant pushed the horse to go faster and faster, not stopping for breaks. The horse was getting tired and was unable to keep up with the merchant's demands. The merchant didn't care and continued to ride the horse harder, thinking only of his profit.
As they travelled further, the horse began to slow down, and its breathing became laboured. The merchant didn't take notice and kept pushing the horse until it eventually collapsed on the ground, exhausted and unable to move.
The merchant was angry and frustrated that his horse had failed him. He cursed the animal and tried to force it to get up, but the horse was too weak to move. Realizing that he wouldn't be able to reach his destination without a horse, the merchant decided to leave the animal behind and continue on foot, leaving the exhausted horse on the side of the road.
Days later, the merchant finally reached his destination, but he had lost a lot of his merchandise along the way. He realized that his greed had led to his downfall, and he regretted his actions towards the horse. He wished he had taken better care of it and had considered its needs.
From that day on, the merchant vowed to treat his animals with kindness and respect and not to let his greed get in the way of his morals. The lesson he learned was that sometimes, taking a break and looking after yourself and those around you is more important than making a profit.

Q. What is the synonym of the highlighted word 'rest' ?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 24

The word 'rest" means cease work or movement in order to relax, sleep, or recover strength. 
Synonyms are relax, take a rest, ease up/off, let up, slow down.
Example:- "he needed to rest after the feverish activity"
The word 'relax" means rest from work or engage in an enjoyable activity so as to become less tired or anxious. 
Synonyms are unwind, loosen up, ease up/off, let up
​Example:- "the team relax with a lot of skiing"

Hence, the synonym of the highlighted word 'rest' is 'relax'.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 25

Direction: Read the following passage carefully and answer the given questions.
Once upon a time, there was a greedy merchant who owned a magnificent horse. The horse was strong and fast, and the merchant was proud of it. He would often travel long distances with the horse to trade goods and make a profit.
One day, the merchant had to travel to a faraway city to sell his goods. He decided to take his horse with him as he knew it could cover the distance quickly. However, he didn't consider the fact that the horse would need rest and care along the way.
As they started their journey, the merchant pushed the horse to go faster and faster, not stopping for breaks. The horse was getting tired and was unable to keep up with the merchant's demands. The merchant didn't care and continued to ride the horse harder, thinking only of his profit.
As they travelled further, the horse began to slow down, and its breathing became laboured. The merchant didn't take notice and kept pushing the horse until it eventually collapsed on the ground, exhausted and unable to move.
The merchant was angry and frustrated that his horse had failed him. He cursed the animal and tried to force it to get up, but the horse was too weak to move. Realizing that he wouldn't be able to reach his destination without a horse, the merchant decided to leave the animal behind and continue on foot, leaving the exhausted horse on the side of the road.
Days later, the merchant finally reached his destination, but he had lost a lot of his merchandise along the way. He realized that his greed had led to his downfall, and he regretted his actions towards the horse. He wished he had taken better care of it and had considered its needs.
From that day on, the merchant vowed to treat his animals with kindness and respect and not to let his greed get in the way of his morals. The lesson he learned was that sometimes, taking a break and looking after yourself and those around you is more important than making a profit.

Q. Which of the following statement is TRUE based on the given paragraph?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 25
  • The passage is based on the merchant who does not take proper care of his horse and only gives importance to money and profit. He eventually eats the fruit of his act and finally, he learns the lesson of his act and vows to treat his animals with kindness and respect and not to let his greed get in the way of his morals.
  • Read the lines of the passage,"Once upon a time, there was a greedy merchant", "The merchant didn't care and continued to ride the horse harder, thinking only of his profit.", "The merchant didn't take notice and kept pushing the horse until it eventually collapsed on the ground, exhausted and unable to move.", "the merchant decided to leave the animal behind and continue on foot" 
  • All the given statements are false except for the statement given in option 3 i.e. "The tired horse, not able to move, fell on the ground. "

​Hence, the correct answer will be Option 3.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 26

Direction: Read the following passage carefully and answer the given questions.
Once upon a time, there was a greedy merchant who owned a magnificent horse. The horse was strong and fast, and the merchant was proud of it. He would often travel long distances with the horse to trade goods and make a profit.
One day, the merchant had to travel to a faraway city to sell his goods. He decided to take his horse with him as he knew it could cover the distance quickly. However, he didn't consider the fact that the horse would need rest and care along the way.
As they started their journey, the merchant pushed the horse to go faster and faster, not stopping for breaks. The horse was getting tired and was unable to keep up with the merchant's demands. The merchant didn't care and continued to ride the horse harder, thinking only of his profit.
As they travelled further, the horse began to slow down, and its breathing became laboured. The merchant didn't take notice and kept pushing the horse until it eventually collapsed on the ground, exhausted and unable to move.
The merchant was angry and frustrated that his horse had failed him. He cursed the animal and tried to force it to get up, but the horse was too weak to move. Realizing that he wouldn't be able to reach his destination without a horse, the merchant decided to leave the animal behind and continue on foot, leaving the exhausted horse on the side of the road.
Days later, the merchant finally reached his destination, but he had lost a lot of his merchandise along the way. He realized that his greed had led to his downfall, and he regretted his actions towards the horse. He wished he had taken better care of it and had considered its needs.
From that day on, the merchant vowed to treat his animals with kindness and respect and not to let his greed get in the way of his morals. The lesson he learned was that sometimes, taking a break and looking after yourself and those around you is more important than making a profit.

Q. Why merchant travel long distances with his horse?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 26
  • The passage is based on the merchant who does not take proper care of his horse and only gives importance to money and profit. He eventually eats the fruit of his act and finally, he learns the lesson of his act and vows to treat his animals with kindness and respect and not to let his greed get in the way of his morals.
  • Read the lines of the passage,"Once upon a time, there was a greedy merchant who owned a magnificent horse. The horse was strong and fast, and the merchant was proud of it. He would often travel long distances with the horse to trade goods and make a profit." 
  • Hence, after reading the above lines we can conclude that the merchant travels long distances with his horse to trade goods and make a profit.

​Hence, the correct answer will be Option 2.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 27

One of the important aspects of language acquisition is

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 27

The understanding of language acquisition began with an idea that was very different from the behaviourist view of language as conditioned learning. As mentioned earlier, one of the questions that the behaviourist view could not answer was that learners begin to speak language structures that they have not heard before. 

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 28

A teacher showed a picture in the class and ask them what all they observe. This activity is 

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 28

Language learning is the process of learning to speak and understand a foreign language. It helps children to acquire practical commands of language.

  • Tasks and activities ensure the growth of learners' knowledge and assess their level of understanding. It is an authentic source to determine that classroom teaching is resulting in actual knowledge enhancement of the learners.
CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 29

Essay questions are commonly used to assess students. What is the biggest drawback of these types of questions?

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 29

Essay type test is known as a long answer test. Long/Essay type questions are used to measure such learning outcomes that are complex rather than simple and higher order learning rather than lower order learning demanding understanding and reflection.

CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 30

The main responsibility of a language teacher as a facilitator is

Detailed Solution for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) - Question 30

Language teaching refers to a process whereby a child gains communicative comprehension or fluency over a language. It involves practice by learners where facilitation is provided by a teacher.

  • A good language teacher has fluency in the language, is enthusiastic about it, and is someone who can deliver well and in an interesting manner.
View more questions
Information about CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) Page
In this test you can find the Exam questions for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi) solved & explained in the simplest way possible. Besides giving Questions and answers for CTET Paper-I Mock Test - 3 (Hindi), EduRev gives you an ample number of Online tests for practice

Top Courses for CTET & State TET

Download as PDF

Top Courses for CTET & State TET