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UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - UGC NET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB)

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UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 1

प्रकाशन वर्ष के अनुसार पहले से बाद के क्रम में नाटकों को लगाएं-

A. लहरों के राजहंस  

B. आलमगीर  

C. मादा कैक्टस  

D. सेतुबंध  

E. कोर्ट मार्शल  

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन करें-

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 1

सही उत्तर है- C, A, D, E, B

Key Points

Important Pointsमोहन राकेश- 

  • जन्म- 1925 - 1972 ईo
  • नाटक-
    • लहरों के राजहंस(1963 ई.)
    • आधे-अधूरे(1969 ई.) आदि। ​

लक्ष्मीनारायण लाल-

  • जन्म-1927-1987ई.
  • हिन्दी नाटककार,एकांकीकार एवं समीक्षक होने के साथ-साथ कहानीकार एवं उपन्यासकार भी थे।
  • मुख्य नाटक-
    • अंधा कुआँ(1955ई.)
    • मादा कैक्टस(1959ई.)
    • सूखा सरोवर(1960ई.)
    • सूर्यमुख(1968 ई.)
    • मिस्टर अभिमन्यु(1971ई.)
    • कर्फ्यू(1972ई.)
    • दूसरा दरवाजा(1972ई.) आदि।

सुरेन्द्र वर्मा-

  • जन्म-1941-2021 ई. 
  • नाटक-
    • सूर्य की अंतिम किरण से सूर्य की पहली किरण तक(1972 ई.)
    • द्रौपदी(1972 ई.)
    • नायक खलनायक विदूषक(1972 ई.)
    • आठवाँ सर्ग(1976 ई.)
    • छोटे सैयद बड़े सैयद(1978 ई.)
    • क़ैद-ए-हयात(1983 ई.)
    • शकुंतला की अंगूठी(1990 ई.) आदि।

भीष्म साहनी-

  • नाटक-
    • हानूश (1977)
    • कबिरा खड़ा बजार में (1981)
    • माधवी (1985)
    • मुआवज़े (1993)
    • रंग दे वसंती चोला (1998)
    • आलमगीर (1999) आदि।

स्वदेश दीपक-

  • नाटक -
    • बाल भगवान (1989) 
    • कोर्ट मार्शल (1991) 
    • जलता हुआ रथ (1998) 
    • सबसे उदास कविता (1998) 
    • काल कोठरी (1999) आदि। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 2

'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में आए गीतों को पहले से बाद के क्रम में लगाएं-

A. अस्ताचल पर युवती सन्ध्या की खुली अलक घुँघराली है।
लो, मानिक मदिरा की धारा अब बहने लगी निराली है।

B. यौवन! तेरी चंचल छाया। 
इसमें बैठ घूँट भर पी लूँ जो रस तू है लाया। 

C. यह कसक अरे आँसू सह जा।
बनकर विनम्र अभिमान मुझे
मेरा अस्तित्व बता, रह जा। 

D. पैरों के नीचे जलधर हों, बिजली से उनका खेल चले।
संकीर्ण कगारों के नीचे, शत-शत झरने बेमेल चलें ॥

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 2

'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में आए गीतों का पहले से बाद का सही क्रम है -

  • C. यह कसक अरे आँसू सह जा।
    बनकर विनम्र अभिमान मुझे
    मेरा अस्तित्व बता, रह जा। 
  • D. पैरों के नीचे जलधर हों, बिजली से उनका खेल चले।
    संकीर्ण कगारों के नीचे, शत-शत झरने बेमेल चलें ॥
  • B. यौवन! तेरी चंचल छाया। 
    इसमें बैठ घूँट भर पी लूँ जो रस तू है लाया।
  • A. अस्ताचल पर युवती सन्ध्या की खुली अलक घुँघराली है।
    लो, मानिक मदिरा की धारा अब बहने लगी निराली है।

Key Pointsध्रुवस्वामिनी-

  • रचनाकार-जयशंकर प्रसाद 
  • प्रकाशन वर्ष-1933 ई.
  • विषय-
    • यह नाटक 3 अंकों में विभक्त है।
    • इसमें स्त्री-पुनर्विवाह का चित्रण किया गया है।
    • साथ ही स्त्री-पात्रों की सशक्तिकरण का चित्रण भी किया गया है।
  • पुरुष पात्र-
    • चन्द्रगुप्त,रामगुप्त,शिखरस्वामी,शकराज आदि।
  • स्त्री पात्र-
    • ध्रुवस्वामिनी,मन्दाकिनी,कोमा आदि।

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937ई.
  • अन्य नाटक-
    • सज्जन(1910 ई.)
    • कल्याणी परिणय(1912 ई.)
    • करुणालय(1912 ई.)
    • विशाख(1921 ई.)
    • कामना(1927 ई.) आदि। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 3

स्कंदगुप्त नाटक के संबंध में सही है-

A. ‘स्कन्दगुप्त’ नाटक 1929 में प्रकाशित एक ऐतिहासिक नाटक है।

B. स्कंदगुप्त नाटक में गुप्तवंश के सन् 455 से लेकर सन् 467 तक के 12 वर्षों का वर्णन है।

C. स्कंदगुप्त हूणों के आक्रमण (455 ई०) से हूण युद्ध की समाप्ति (466) तक की कहानी है। गुप्त राजवंश का समय 275 ई० से 540 ई० तक रहा।

D. यह नाटक देशभक्त, वीर, साहसी, प्रेमी स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित ऐतिहासिक नाट्यकृति है।

E. नाटक का आरम्भ स्कंदगुप्त के इस कथन से होता है- “अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन है।”  

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 3

सही उत्तर है- केवल C, D, E

  • C. स्कंदगुप्त हूणों के आक्रमण (455 ई०) से हूण युद्ध की समाप्ति (466) तक की कहानी है। गुप्त राजवंश का समय 275 ई० से 540 ई० तक रहा।
  • D. यह नाटक देशभक्त, वीर, साहसी, प्रेमी स्कंदगुप्त विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित ऐतिहासिक नाट्यकृति है।
  • E. नाटक का आरम्भ स्कंदगुप्त के इस कथन से होता है- “अधिकार सुख कितना मादक और सारहीन है।”  

Key Pointsस्कंदगुप्त-

  • रचनाकार- जयशंकर प्रसाद
  • प्रकाशन वर्ष- 1928 ई.
  • विधा- नाटक
  • विषय-
    • भारतीय व यूरोपीय नाटकों का समन्वय किया गया है। 
    • कुमारगुप्त के विलासी साम्राज्य की आंतरिक स्थिति का चित्रण किया है। 
  • पात्र-
    • स्कंदगुप्त, कुमारगुप्त, पर्णदत्त, चक्रपालित, देवकी, आनंतदेवी, देवसेना, विजया आदि।

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म- 1889 ई. 
  • प्रसिद्ध नाटककार है। 
  • नाटक-
    • सज्जन(1910 ई.)
    • कल्याणी परिणय(1912 ई.)
    • करुणालय(1912 ई.)
    • विशाख(1921 ई.)
    • कामना(1927 ई.) आदि। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 4
ऐसा कभी नहीं हुआ था..." किस रचना की शुरुआत इस वाक्य से होती है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 4

"ऐसा कभी नहीं हुआ था..." भोलाराम का जीव रचना की शुरुआत इस वाक्य से होती है। Key Pointsभोलाराम का जीव- 

  • रचनाकार-  हरिशंकर परसाई। 
  • विधा- व्यंग्यात्मक कहानी। 
  • भोलाराम का जीव’ कहानी का प्रकाशन- 1967 ई. में हुआ था।
  • भोलाराम का जीव’ कहानी संग्रह का प्रकाशन- 2016 ई. वाणी प्रकाशन, दिल्ली से हुआ।
  • यह कहानी ‘भोलाराम का जीव’ ‘परसाई रचनावली’, भाग -1 में भी संकलित है।
  • परसाई रचनावली’ के छः खंड हैं। इसका प्रकाशन नई दिल्ली से हुआ है।
  • उद्देश्य-
    • यह कहानी सामाजिक, व्यंग्यात्मक और फैंटसी शैली में रचित है।
    • भोलाराम का जीव’ उस जनता का प्रतीक है, जो भ्रष्ट नौकरशाही, लाल-फीताशाही पर कटु व्यंग्य है।
    • सरकारी कर्मचारियों की अमानवीयता, संवेदनहीनता पर भी इस कहानी में प्रहार किया गया है।
  • विषय वस्तु-
    • नारद भोलाराम के जीव से कहते हैं, 'मै तुम्हें लेने आया हूँ। चलो, स्वर्ग में तुम्हारा इन्तजार हो रहा है' पर भोलाराम के जीव की विवशता है कि वह पेंशन की दरख्वास्ते छोड़कर नहीं जा सकता।
    • इसी कथा - सूत्र के व्यंग्यात्मक उपयोग द्वारा लेखक ने भ्रष्टाचार के अमानवीय रूप पर मार्मिक चोट की है।
  • कहानी के पात्र- 
  • भोलाराम- 
    • जबलपुर शहर के धामलपुर मोहल्ले का निवासी था। उम्र 60 वर्ष, रिटायर हुए 5 वर्ष हो गए थे। मृत्यु का 5 वां दिन।
  • अन्य पात्र-
    • चित्गुप्त, धर्मराज, यमदूत, नारद, भोलाराम का परिवार (पत्नी दो लड़के एक लड़की), दफ्तर का बाबू, बड़े साहब, चपरासी आदि।

Important Pointsठकुरी बाबा- 

  • रचनाकार- महादेवी
  • विधा-  रेखाचित्र
  • प्रकाशन वर्ष-  ठकुरी बाबा’ स्मृति की रेखाएँ (1943 ई) में संकलित है।
  • प्रमुख पात्र- भक्तिन (महादेवी वर्मा की परिचारिका), वृद्धा ठकुराइन, सहुआइन, विधुर काछी, ब्राहमण दम्पत्ति।
  • मुख्य तथ्य- 
    • महादेवी ने अपने रेखाचित्र में, अपने संपर्क में आनेवाले शोषित व्यक्तियों, दीन-हीन नारियों, साहित्यकारों, जीव-जंतुओं आदि का संवेगात्मक चित्रण किया है।
  • स्मृति की रेखाएँ में संकलित निम्नलिखित संस्मरण हैं –
    • भक्तिन, चीनीफेरीवाला, पर्वत पुत्र, मुन्नु की माई, ठकुरी बाबा, बिबिया, गुंगिया आदि है।
    • सात संस्मरणों में से यह ‘ठकुरी बाबा’ पाँचवाँ संस्मरण है।
    • ‘ठकुरी बाबा’ का चरित्र ग्रामीण वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है। जिसे रसिया, बिरहा इत्यादि गाने, आल्हा, आलाप या नौटंकी आदि में भाग लेने और भाँति-भाँति के स्वांग रचने के कारण उन्हें समाज हेय दृष्टि से देखता है।
  • लेखक का उद्देश्य भारतीय ग्रामीण समाज के सबसे दरिद्र, उत्पीड़ित लोगों के प्रति सहानुभूति जागृत करना है।
  • ठकुरी बाबा से महादेवी वर्मा की भेंट प्रयाग के कल्पवास के दौरान हुई थी।
  • ठकुरी बाबा भाट वंश में पैदा हुए थे।
  • ठकुरी बाबा के पुत्री का नाम बेला था।

इंस्पेक्टर मातादीन चाँद पर- 

  • रचनाकार-  हरिशंकर परसाई 
  • विधा-  कहानी
  • प्रकाशन वर्ष-  1970 ई.
  • विषय वस्तु-
    • इंस्पेक्टर माता दिन चाँद’ पर कहानी हरिशंकर परसाई जी की लोकप्रिय व्यंग्य रचना है।
    • इस कहानी में पुलिस के अत्याचारों की ओर लोगों का ध्यानाकर्षण किया गया है।
    • यह एक फैंटसी शैली में लिखी गई रचना है।
  • कहानी के पात्र-
    • मातादीन-  कहानी का मुख्य पात्र, यह सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर है जो पुलिस विभाग का प्रतिनिधित्व करता है।
    • पुलिस मंत्री-  पुलिस विभाग का नाम हो ऐसा कुछ करने के लिए मातादीन को सलाह देता है।
    • यान चालाक- माता दिन को जो चाँद से लेने आया था।
    • कोतवाल और इंस्पेक्टर- ये चाँद के पुलिस और सिपाही है।

एक कहानी यह भी- 

  • रचनाकार - मन्नू भंडारी।
  • प्रकाशन वर्ष- 2007 ई.
  • विधा- आत्मकथा।
  • यह आत्मकथात्मक कहानी है।
  • इस आत्मकथात्मक कहानी के निम्न चार भाग है-
  • मन्नू भंडारी की कहानी- 
    • मध्यप्रदेश के भानपुरा गाँव में हुआ था। मन्नू भंडारी 5 भाई बहन थे। मन्नू भंडारी सबसे छोटी थी।
    • साहित्य से इनका परिचय कॉग्रेसी नेता जीतमल लूणिय के माध्यम से हुआ था।
    • इन्हें जैनेन्द्र की रचनाएँ, भगवती बाबू का चित्रलेखा और अज्ञेय की रचनाएँ पसंद थी।
    • इनका प्रिय लेखक यशपाल थे। मन्नू भंडारी भाषा विज्ञान और काव्यशास्त्र में कमजोर थी।
    • उनकी पहली कहानी ‘मैं हार गयी’ है। वे 1957 ई. के अधिवेशन में शामिल हुई थी।
    • इनका राजेन्द्र यादव से विवाह हुआ था।
    • इनकी पुत्री का नाम ‘टिंकू’/’रचना’ था।
  • मन्नू भंडारी के पिता से जुड़ी कहानी- 
    • पहले इंदौर में रहते थे बाद में अजमेर (राजस्थान) के ब्रहमपुरी में रहने लगे थे।
    • वे कांग्रेसी एवं समाजसुधारक थे। विद्यार्थियों को अपने घर पर पढ़ाते थे।
    • शकी स्वभाव के थे। 
    • पति राजेन्द्र यादव से संबंधित जुड़ी कहानी-  
    • राजेन्द्र यादव से उनकी पहली मुलाक़ात सावित्री गर्ल्स हाई स्कूल अजमेर के पुस्तकालय में हुई थी।
    • 22 नवंबर को उनका विवाह हुआ। 35 वर्षों के बाद उनका विवाह विच्छेद हो गया था। 
    • शीला अग्रवाल से संबंधित कहानी-
    • शीला अग्रवाल सावित्री गर्ल्स कॉलेज अजमेर में हिंदी की प्राध्यापिका थी।
  • प्रमुख पात्र-  
    • जीतमल लूणिय
    • सुशीला (मन्नू भंडारी की बहन)
    • शीला अग्रवाल
    • डॉ अंबालाल जी, मिस्टर सेठी, कोमल कोठारी, पुष्प्मयी बोस, निर्माजा जैन, अजित जी, निर्मल हेमंत, डॉ शैल कुमारी, अर्चना वर्मा आदि।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 5

"'झूठा सच' यशपाल जी के उपन्यासों में सर्वश्रेष्ठ है। उसकी गिनती हिन्दी के नये पुराने श्रेष्ठ उपन्यासों में होगी-यह निश्चित है। यह उपन्यास हमारे सामाजिक जीवन का एक विशद् चित्र उपस्थित करता है। इस उपन्यास में यथेष्ट करुणा है, भयानक और वीभत्स दृश्यों की कोई कमी नहीं । श्रंगार रस को यथासम्भव मूल कथा-वस्तु की सीमाओं में बाँध कर रखा गया है। हास्य और व्यंग्य ने कथा को रोचक बनाया है और उपन्यासकार के उद्देश्य को निखारा है।"

'झूठा-सच' उपन्यास के संदर्भ में उपर्युक्त कथन किसने कहा है?

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 5

'झूठ-सच' उपन्यास के संदर्भ में उपर्युक्त कथन रामविलास शर्मा ने कहा है। Key Pointsझूठा-सच- 

  • रचनाकार- यशपाल
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1958-1960 ई.
  • भाग-
  • वतन और देश। 
  • देश का भविष्य। 
  • प्रमुख पात्र- 
    • तारा, जयदेव, कनक, गिल, डाक्टर नाथ, नैयर, सूद जी, सोमराज, रावत, ईसाक, असद और प्रधान मंत्री भी काल्पनिक पात्र हैं।
  • विषय- 
    • ‘झूठा सच’ स्वतंत्रता पूर्व और प्राप्ति के बाद के यथार्थ को चित्रित करने वाला उपन्यास है।
    • इसका पहला खण्ड ‘वतन और देश’ और दूसरा खण्ड ‘देश का भविष्य’ आज़ादी के पूर्व और अज़ादी के बाद के भारत की संघर्ष कथा को बड़ी सजीवता से रूपायित करते हैं। 
  • झूठा-सच के बारे में आलोचकों का कथन- 
  • रामविलास शर्मा के अनुसार-
    • झूठा सच' यशपाल जी के उपन्यासों में सर्वश्रेष्ठ है। उसकी गिनती हिन्दी के नये पुराने श्रेष्ठ उपन्यासों में होगी-यह निश्चित है। यह उपन्यास हमारे सामाजिक जीवन का एक विशद् चित्र उपस्थित करता है। इस उपन्यास में यथेष्ट करुणा है, भयानक और वीभत्स दृश्यों की कोई कमी नहीं । श्रंगार रस को यथासम्भव मूल कथा-वस्तु की सीमाओं में बाँध कर रखा गया है। हास्य और व्यंग्य ने कथा को रोचक बनाया है और उपन्यासकार के उद्देश्य को निखारा है।
  • नेमिचंद्र जैन के अनुसार-
    • हिन्दी उपन्यास साहित्य की सबसे महत्त्वपूर्ण कृतियों में होने पर भी 'झूठा सच' अंततः किसी आत्यन्तिक सार्थक उपलब्धि के स्तर को छूने में असफल ही रह जाता है
  • शिवकुमार मिश्र के अनुसार- 
    • 'झूठा सच' को पाठकों की व्यापक सराहना मिली। उस पर 'अखबारी कतरन' होने के आरोप भी इधर-उधर से आये परन्तु रमेश कुंतल मेघ ने उसे 'कला जैसा लिखा गया इतिहास' कह कर उसकी रचनात्मक प्रकृति की सही पहचान की। इतने विशद पट पर, आधुनिक इतिहास की एक रचनात्मक घटना इतिहास से विलग कैसे रह सकेगी? यशपाल की खूबी है कि उन्होंने उस इतिहास को कला के अपने सौष्ठव से जोड़कर प्रस्तुत किया।

Important Pointsयशपाल- 

  • जन्म- 1903 - 1976 ई. 
  • उपन्यास- 
    • दादा कामरेड (1941 ई.)
    • देशद्रोही (1943 ई.)
    • पार्टी कामरेड (1947 ई.)
    • दिव्या (1945 ई.)
    • मनुष्य के रूप (1949 ई.)
    • अमिता (1956 ई.)
    • झूठा सच (1958-1960 ई.)
    • अप्सरा का शाप (2010 ई.)
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 6

"निधरक बैठि कहइ कटु बानी। सुनत कठिनता अति अकुलानी॥
जीभ कमान बचन सर नाना। मनहुँ महिप मृदु लच्छ समाना॥"

उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कांड से ली गई है?

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 6

उपर्युक्त पंक्तियाँ अयोध्याकांड से ली गई है। 

  • "निधरक बैठि कहइ कटु बानी। सुनत कठिनता अति अकुलानी॥ जीभ कमान बचन सर नाना। मनहुँ महिप मृदु लच्छ समाना॥"
    • उपर्युक्त पंक्ति रामचरित मानस के अयोध्याकांड से ली गई है।

Key Pointsरामचरित मानस- 

  • रचनाकार- तुलसीदास
  • विधा-  महाकाव्य
  • भाषा- अवधी
  • रस- शांत रस। 
  • कुल कांड- सात 
  • सात काण्ड का सही क्रम- 
    • बालकाण्ड
    • अयोध्याकाण्ड
    • अरण्यकाण्ड
    • किष्किन्धाकाण्ड
    • सुन्दरकाण्ड
    • लंकाकाण्ड
    • उत्तरकाण्ड
  • प्रकाशन वर्ष- 
    • रामचरितमानस की रचना विक्रमी संवत् 1631 (1574 ई०) चैत्र मास शुक्लपक्ष दिन मंगलबार को हुआ था।
    • इसका प्रमाण स्वयं तुलसीदास जी ने अपने इस दोहे में लिखा है-
      • “संवत् सोलह सौ इकतीसा। करौं कथा हरिपद धरि सीसा।।
      • नौमी भौम वार मधुमासा। अवधपुरी यह चरित प्रकासा।।”
    • मानस की रचना संवत 1631 ई० में चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, मंगलवार को (रामचरितमानस) पूर्ण हुई थी।
    • रामचरितमानस 2 वर्ष 7 माह 11 दिन में पूर्ण हुआ था।
  • कथानक- 
    • इस महाकाव्य में राम के संपूर्ण जीवन चरित का वर्णन है।
    • श्रीरामचरितमानस के नायक श्रीराम हैं जिनको एक मर्यादा पुरोषोत्तम के रूप में दर्शाया गया है जोकि मान्यताओं के अनुसार अखिल ब्रह्माण्ड के स्वामी हरि नारायण भगवान के अवतार है। 
  • महत्वपूर्ण तथ्य- 
    • नागरी प्रचारिणी सभा के द्वारा प्रकाशित मानस में कूल 27 श्लोक, 4647 चौपाइयाँ, 1193 दोहे, 87 सोरठे, 214 अन्य कूल मिलाकर 6168 छन्द हैं। 
    • इसमें सभी रसो का चित्रण है। शांत रस की प्रधानता है। इसमें कूल 18 तरह के छंदों का प्रयोग है।
    • रामचरितमानस की शैली की प्रेरणा जायसी के ‘पद्मावत’ से प्राप्त हुई थी।
    • बालकाण्ड सबसे बड़ा है। किष्किन्धा काण्ड सबसे छोटा है। अयोध्याकाण्ड हृदयस्थल है।
    • सुन्दरकाण्ड धार्मिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण है।
    • उत्तरकाण्ड में राम राज्य की कल्पना, तुलसी के दार्शनिक और कलयुग का वर्णन है।
  • रामचरितमानस में चार वक्ता और चार श्रोता है- 
    • सबसे पहले कागभुसुंडी ने गरुड़ जी को रामकथा सुनाया   
    • शिवजी ने पार्वती जी को रामकथा सुनाई  
    • याज्ञवल्क्य जी ने भारद्वाज जी को और
    • तुलसीदास ने संतों के समूह को रामकथा सुनाई।
  • रामचरितमानस के मार्मिक स्थल- 
    • राम का अयोध्या त्याग कर तपस्वी के भेष में वनगमन
    • चित्रकूट में राम-भरत मिलन
    • शबरी का आतिथ्य, लक्षमण को शक्तिवाण लगने पर राम का विलाप आदि।

Important Pointsतुलसीदास-

  • जन्म- 1511- 1623 ई.
  • भक्तिकाल के सगुण काव्य धारा के प्रमुख रामभक्त कवि है।
  • रचना-
    • गीतावली (1571 ई.)
    • कृष्ण-गीतावली (1571 ई.)
    • रामचरितमानस (1574 ई.)
    • पार्वती-मंगल (1582 ई.)
    • विनय-पत्रिका (1582 ई.)
    • जानकी-मंगल (1582 ई.)
    • रामललानहछू (1582 ई.)
    • दोहावली (1583 ई.)
    • वैराग्यसंदीपनी (1612 ई.)
    • रामाज्ञाप्रश्न (1612 ई.)
    • बरवै रामायण (1612 ई.)
    • कवितावली (1612 ई.)
    • हनुमान बाहुक
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 7
आलोचक का स्वदेश' जीवनी किस लेखक के द्वारा रचित है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 7

'आलोचक का स्वदेश' जीवनी विजय बहादुर मिश्र लेखक के द्वारा रचित है। Key Pointsआलोचक का स्वदेश- 

  • लेखक- विजय बहादुर मिश्र 
  • प्रकाशन वर्ष- 2008 ई. 
  • अन्य महत्वपूर्ण तथ्य- 
    • आलोचक का स्वदेश आचार्य नंददुलारे वाजपेयी की जीवनी है। 
    • यह जीवनी 'नंददुलारे वाजपेयी रचनावली' के प्रथम खंड में भी यथावत् संकलित है।

Important Pointsअन्य विकल्प- 

Additional Informationजीवनी

  • किसी व्यक्ति के जीवन का लिखित विवरण है।
  • यह किसी और ने लिखा हो, स्वयं उस व्यक्ति ने नहीं।
  • एक जीवनी में आम तौर पर व्यक्ति के अनुभवों, रिश्तों और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं और उपलब्धियों के बारे में जानकारी शामिल होती है।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 8
निम्न में से कौन-सा निबंधकार ग्रामीण चेतना से संबंध नहीं रखता है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 8

'अज्ञेय' निबंधकार ग्रामीण चेतना से संबंध नहीं रखता है।Key Pointsअज्ञेय- 

  • जन्म- 1911 - 1987 ईo
  • अज्ञेय ने चिंतन प्रधान निबंध लिखे है।
  • प्रमुख निबंध- 
    • त्रिशंकु(1945)
    • सब रंग और कुछ राग (1956)
    • आत्मनेपद (1960)
    • आलबाल (1971)
    • स लिखी कागद कोरे (1972)
    • अद्यतन (1977)
    • जोग लिखी (1977)
    • स्रोत और सेतु (1978)
    • युग संधियों पर (1982)
    • धार और किनारे (1982)
    • कहाँ है द्वारका (1982)
    • केंद्र और परिधि (1984)
    • छाया का जंगल (1984)
    • सर्जना और संदर्भ (1985)
    • स्मृति छंदा (1989)

Important Pointsरामदरश मिश्र- 

  • जन्म- 1924 ईo
  • प्रमुख निबंध- 
    • कितने बजे हैं (1982)
    • बबूल और कैक्टस (1998)
    • घर-परिवेश
    • छोटे-छोटे सुख​

विवेकी राय- 

  • जन्म- 1924- 2016 ईo
  • यह ललित निबनधकार है। 
  • निबंध संग्रह- 
    • किसानों का देश (1956)
    • गाँवों की दुनियाँ (1957)
    • फिर बैतलवा डाल पर (1962)
    • गंवई गंध गुलाब (1980)
    • नया गाँवनाम (1984)
    • यह आम रास्ता नहीं है (1988)
    • जगत् तपोवन सो कियो (1995)
    • वन तुलसी की गंध (2002)
    • जीवन अज्ञात का गणित है (2004)
    • उठ जाग मुसाफ़िर (2012)

कृष्ण बिहारी मिश्र- 

  • जन्म- 1936 - 2023 ईo  
  • प्रमुख निबंध- 
    • बेहया का जंगल (1981)
    • मकान उठ रहे हैं (1990)
    • आँगन की तलाश
    • अराजक उल्लास
    • गौरैया
    • ससुराल गया
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 9
नन्ददास कृत 'नायक भेद' विषय पर रचित रचना है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 9

नन्ददास कृत 'नायक भेद' विषय पर रचित रचना है- रसमंजरी।Key Pointsनन्ददास-

  • जन्म- 1513 - 1583 ईo 
  • गोसाईं विट्ठलनाथ के शिष्य थे। 
  • 'अष्टछाप' के प्रमुख कवियों में से एक थे, जो सूरदास के बाद सबसे अधिक प्रसिद्ध हुए।
  • काव्य कृतियाँ- 
    • रासपंचाध्यायी
    • भागवत दशमस्कंध
    • रुक्मिणीमंगल
    • सिद्धांत पंचाध्यायी
    • रूपमंजरी
    • मानमंजरी
    • विरहमंजरी
    • नामचिंतामणिमाला
    • अनेकार्थनाममाला
    • दानलीला
    • मानलीला
    • अनेकार्थमंजरी
    • ज्ञानमंजरी
    • श्यामसगाई
    • भ्रमरगीत
    • सुदामाचरित्र
  • गद्यरचना- 
    • हितोपदेश
    • नासिकेतपुराण

Important Pointsअष्टछाप-

  • वल्लभाचार्य के पुत्र विट्ठलनाथ ने सन् 1565 ई. में 'अष्टछाप' की स्थापना की।
  • अष्टछाप कवियों में चार शिष्य वल्लभाचार्य के तथा चार शिष्य विट्ठलनाथ के थे।
  • वल्लभाचार्य के शिष्य- 
    • कुंभनदास 
    • सूरदास 
    • परमानंद दास
    • कृष्णदास
  • विट्ठलनाथ के शिष्य- 
    • गोविंद स्वामी
    • छीतस्वामी 
    • चतुर्भुजदास 
    • नंददास
  • ये आठों भक्त श्रीनाथ जी की नित्य लीला में अंतरंग सखाओं के रूप में सदैव इनके साथ रहते थे, इसकी कारण इन्हें 'अष्टसखा' भी कहते हैं।
  • गोवर्धन में श्रीनाथ जी की प्रतिष्ठा के बाद ये आठों सखा वहाँ सेवा के लिये प्रस्तुत हो गए।
  • अष्टछाप के कवि पुष्टिमार्गीय सेवा-विधि में भी पूर्ण सहयोग देते थे।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 10
हिन्दी साहित्य में अमरकांत किस कवि को कहा जाता है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 10

हिन्दी साहित्य में अमरकांत श्रीराम शर्मा  को कहा जाता है। Key Pointsश्रीराम शर्मा- 

  • जन्म- 1896 - 27 फरवरी, 1967 ई0
  • हिन्दी साहित्य में अमरकांत श्रीराम शर्मा को कहा जाता है?
  • हिंदी में शिकार-साहित्य का आरम्भ श्रीराम शर्मा ने ही किया था। वे स्वयं बहुत बड़े शिकारी थे।
  • शर्माजी हिंदी-साहित्य में रेखाचित्र-संस्मरण (रिपोर्ताज) विधाओं के जन्मदाता माने जाते हैं।
  • प्रमुख रचनाएं-
    • शिकार (1932 ई0)
    • बोलती प्रतिमा (1937 ई0)
    • प्राणों का सौदा (1939 ई0)
    • रानी लक्ष्मीबाई (1939 ई0)
    • हमारी गायें (1941 ई0)
    • नेताजी सुभाषचंद्र बोस (अंग्रेजी में 1948 ई0)
    • जंगल के जीव (1949 ई0)
    • रुद्रप्रयाग का आदमखोर बघेरा (1957 ई0)
    • देवालय का शेर (1957 ई0)
    • संघर्ष और समीक्षा (1959 ई0)
    • भारत के जंगली जीव (1961 ई0)
    • वे जीते कैसे हैं (1965 ई0)
    • संस्मरण और आखेट (1980 ई0)
    • हमारे पक्षी (1980 ई0)
    • संस्मरण-सीकर (1996 ई0)

Important Pointsनाथुराम शर्मा-

  • जन्म- 1859- 1935 ई0
  • प्रमुख रचना- 
    • अनुराग रत्न
    • शंकर सरोज
    • गर्मरण्डा-रहस्य
  • जैनेंद्र कुमार का बचपन का नाम आनंदीलाल था।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 11
वेद समाज' के संस्थापक है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 11
'वेद समाज' के संस्थापक है- श्री धरलू नायडू। इसकी स्थापना मद्रास में 1864 ई. में हुई थी। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 12
निम्नलिखित में से किसने जाति समानता का प्रचार करने के लिए 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 12

ज्योतिबा फुले ने जाति समानता का प्रचार करने के लिए 'सत्यशोधक समाज' की स्थापना की। Key Pointsसत्यशोधक समाज- 

  • अर्थ - सत्य अर्थात सच की खोज करने वाला समाज
  • स्थापना-  24 सितम्बर 1873 में ज्योतिबा फुले द्वारा स्थापित एक पन्थ है।
  • संस्थापक- ज्योतिबा फुले। 
  • यह एक छोटे से समूह के रूप में शुरू हुआ और इसका उद्देश्य शूद्र एवं अस्पृश्य जाति के लोगों को विमुक्त करना था।
  • सत्य शोधक समाज के प्रमुख उद्देश्य- 
    • शूद्रों-अतिशूद्रों को पुजारी, पुरोहित, सूदखोर आदि की सामाजिक-सांस्कृतिक दासता से मुक्ति दिलाना, धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यों में पुरोहितों की अनिवार्यता को खत्म करना,
    • शूद्रों-अतिशूद्रों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना, ताकि वे उन धर्मग्रंथों को स्वयं पढ़-समझ सकें
    • इनका विचार "गुलामगिरी, सार्वजनिक सत्यधर्म " में निहित है। बोधिसत्व डॉ. भीमराव अंबेडकर जी इनके विचारो से बहुत प्रभावित थे ।

Important Pointsज्योतिबा फुले-

  • जन्म- 1827 - 1890 ई.
  • महाराष्ट्र में सर्वप्रथम अछूतोद्धार और महिला शिक्षा का काम आरंभ करने वाले महान् भारतीय विचारक, समाज सेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे।
  • ज्योतिबा फुले का जन्म पुणे में हुआ था।
  • उनका परिवार कई पीढ़ी पहले सतारा से पुणे फूलों के गजरे आदि बनाने का काम करने लगा था। इसलिए माली के काम में लगे ये लोग 'फुले' के नाम से जाने जाते थे। 
  • ज्योतिबा फुले का विवाह 1840 में सावित्री बाई से हुआ था।
  • ज्योतिबा की संत-महत्माओं की जीवनियाँ पढ़ने में बड़ी रुचि थी। उन्हें ज्ञान हुआ कि जब भगवान के सामने सब नर-नारी समान हैं तो उनमें ऊँच-नीच का भेद क्यों होना चाहिए।
  • स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा ने 1854 में एक स्कूल खोला। यह इस काम के लिए देश में पहला विद्यालय था।
  • लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो उन्होंने कुछ दिन स्वयं यह काम करके अपनी पत्नी सावित्री को इस योग्य बना दिया। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 13

यशपाल कृत सिंहावलोकन आत्मकथा कितने भागों में प्रकाशित हुई?

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 13

यशपाल कृत सिंहावलोकन आत्मकथा तीन भागों में प्रकाशित हुई। 

Key Points

  • यशपाल कृत सिंहावलोकन आत्मकथा 3 भागों में प्रकाशित हुई।
    • प्रथम भाग का प्रकाशन- 1951
    • द्वितीय भाग का प्रकाशन-1952
    • तृतीय भाग का प्रकाशन- 1955

आत्मकथा-

  • किसी लेखक द्वारा अपने ही जीवन का वर्णन करने वाली कथा को कहते हैं। यह संस्मरण से मिलती-जुलती लेकिन भिन्न है।
  • जहाँ संस्मरण में लेखक अपने आसपास के समाज, परिस्थितियों व अन्य घटनाओं के बारे में लिखता हैं वहाँ आत्मकथा में केन्द्र लेखक स्वयं होता है।
  • उदाहरण-
    • हिंदी की श्रेष्ठ आत्मकथा में से एक डॉ हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखी गयी, क्या भूलूँ, क्या याद करूँ, बसेरे से दूर, नीड़ का निर्माण फिर, और दशद्वार से सोपान तक(चार भागों मे)है। 

Important Points
यशपाल-

  • जन्म- 1903 - 1976 ई. 
  • उपन्यास- 
    • दादा कामरेड (1941 ई.)
    • देशद्रोही (1943 ई.)
    • पार्टी कामरेड (1947 ई.)
    • दिव्या (1945 ई.)
    • मनुष्य के रूप (1949 ई.)
    • अमिता (1956 ई.)
    • झूठा सच (1958-1960 ई.)
    • अप्सरा का शाप (2010 ई.)
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 14
भारतेन्दु का कौन - सा नाटक लास्य रूपक है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 14

भारतेन्दु का भारत-दुर्दशा नाटक लास्य रूपक है। Key Pointsभारत दुर्दशा-

  • रचनाकार- भारतेंदु हरिश्चंद्र
  • विधा- नाटक
  • प्रकाशन वर्ष- 1880 ई. 
  • अंक- 6
  • मुख्य बिंदु- 
    • यह राष्ट्रीय चेतना का पहला हिन्दी नाटक है।
    • इस नाटक को मानवीकरण करते हुए प्रतीकात्मक ढ़ंग से प्रयोग किया गया है।
    • भारतेंदु जी ने अपने इस नाटक को ‘नाट्य-रासक’ मानते है।
    • यह नाटक वीर, श्रृंगार और करुण रस पर आधारित है।    
    • इस नाटक में भारतेंदु जी ने प्रतीकों के माध्यम से तत्कालीन स्थिति का वर्णन किया है।
    • वे भारतीयों से भारत की दुर्दशा पर रोने और इस दुर्दशा का अंत करने का आह्वान करते है।
    • वे ब्रिटिश राज और भारत के आपसी कलह को इस दुर्दशा का कारण मानते है।    
  • मुख्य पात्र-
    • योगी, भारत, भारत-भाग्य, आशा बुद्धिजीवी वर्ग नाटक के पाँचवा अंक (किताब खाना) सभापति बंगाली,
    • महाराष्ट्रीय, एडिटर, कवि, एक देशी महाशय, दूसरा देशी महाशय। 
  • विलेन में-
    • भारत-दुर्दैव, निर्लज्जता, सत्यानाश, फौजदार,
    • रोग, आलस्य, अन्धकार और डिसलॉयलटी। 
    • नाटक का कथानक-
    • इस नाटक में भारत मुख्य पात्र है।
    • इस प्रतीकात्मक नाटक में भारतेंदु ने भारत की दुर्दशा के सभी पक्षों को काल्पनिक प्रतीकों के माध्यम से स्पष्ट किया है। 
  • प्रथम अंक-
    • स्थान बीथी एक योगी मंगलाचरण गाते हुए प्रवेश करता है।
    • “रोअहू सब मिलिकै आवहु भारत भाई। हा हा! भारत दुर्दशा न देखी जाई।”
    • वह अपने गीत में भारत के प्राचीन वैभव का गुणगान करते हुए वर्तमान दशा पर दुःख प्रकट करता है और भारत के दुर्दशा के कारणों पर प्रकाश डालता है।
  • दूसरा दृश्य-
    • दूसरेअंक में दीन भारत बिलख-बिलख कर अपनी दुर्दशा का वर्णन करके मुर्छित होता है।
    • उसी अवस्था में निर्लज्जता और आशा उसे उठाकर ले जाती हैं।
  • तीसरा दृश्य-
    • तीसरे अंक में भारत दुर्दैव भारत की दुर्दशा और अपनी सफलता पर प्रसन्न होता है।
  • चौथा दृश्य-
    • चौथे अंक में पुनः भारत दुर्दैव रोग, आलस्य, मदिरा, अहंकार आदि की सहायता से भारत की रही सही दशा को भी नष्ट करने की योजना बनाता है।
  • पाँचवा अंक-
    • पाँचवें अंक में सात सभ्यों की कमिटी भारत दुर्दैव से भारत की रक्षा के उपायों पर विचार करती है।
    • उसी समय ‘डिसलॉयलटी’ प्रवेश कर सबको गिरफ्तार कर ले जाती है।
  • छठा अंक-
    • छठे अंक में भारत भाग्य मुर्छित भारत को जगाने का प्रयत्न करता है।
    • वह उसे प्राचीन गौरव की स्मृति दिलाता है।
    • अंग्रेजी राज्य में उन्नति की संभावनाओं पर प्रकाश डालता है।
    • जब उधर से भी उसकी आशा नष्ट हो जाती है, तब वह अंत में निराश होकर सीने में कटार मार लेता है।

Important Pointsभारतेन्दु हरिश्चंद्र-

  • जन्म-  1850 - 1885 ईo
  • आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
  • वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
  • इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी।
  • भारतेन्दु के वृहत साहित्यिक योगदान के कारण ही 1857 से 1900 तक के काल को भारतेन्दु युग के नाम से जाना जाता है। 
  • मौलिक नाटक- 
    • वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति (1873)
    • विषस्य विषमौषधम् (1876)
    • प्रेम जोगिनी (1875)
    • चन्द्रावली (1876)
    • भारत-दुर्दशा (1880)
    • नीलदेवी (1881)
    • अंधेर नगरी (1881)
    • सती प्रताप (1883)
  • अनूदित नाट्य रचनाएँ- 
    • रत्नावली (1868)
    • विद्यासुंदर (1868)
    • पाखंड विडम्बन (1872)
    • धनंजय विजय (1873) 
    • मुद्रा राक्षस (1878)
    • दुर्लभ बंधु (1880)
    • कर्पूरमंजरी (1875)
    • सत्य हरिश्चन्द्र (1875)
    • भारत जननी (1877)
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 15
राजभाषा नियम, 1976 में कुल कितने नियम है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 15

राजभाषा नियम, 1976 में कुल 12 नियम है। Key Pointsराजभाषा नियम, 1976-  

  • यदि कोई कर्मचारी यह चाहता है कि सेवा संबंधी विषयों (जिनके अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाहियां भी हैं) से संबंधित कोई आदेश या सूचना, जिसका कर्मचारी पर तामील किया जाना अपेक्षित है,
  • यथास्थिति, हिन्दी या अंग्रेजी में होनी चाहिए तो वह उसे असम्यक विलम्ब के बिना उसी भाषा में दी जाएगी।
  • राजभाषा नियम, 1976 में कुल 12 नियम है।
  • राजभाषा नियम, 1976 के अधीन केन्द्रीय सरकार के कार्यालयों को तीन वर्ग क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है- क वर्ग, ख वर्ग और ग वर्ग। 
  • क वर्ग- 
    • बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़, उत्तराखंड राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्य तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र है।
  • ख वर्ग- 
    •  गुजरात, महाराष्ट्र और पंजाब राज्य तथा चंडीगढ़, दमण और दीव तथा दादरा और नगर हवेली संघ राज्य क्षेत्र है। 
  • ग वर्ग-
    • क' तथा 'ख' क्षेत्र से भिन्न राज्य, दक्षिण भारतीय राज्य तथा संघ शासित प्रदेश

Important Pointsराजभाषा आयोग-

  • राजभाषा आयोग एक भारतीय आयोग है जिसका गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद-344 में वर्णित प्रावधानों के अनुसरण में भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया गया था ।
  • इस आयोग का गठन 7 जून, 1955 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के माध्यम से किया गया था ।
  • भारत के राष्‍ट्रपति (राजेंद्र प्रसाद) ने भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 344 (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 7 जून 1955 को श्री बी.जी. खेर की अध्‍यक्षता में आयोग का गठन किया। इस आयोग में 21 सदस्य थे।
  • राजभाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष बालगंगाधर खेर थे। 
  • संघ के सरकारी कामकाज के लिए हिन्‍दी भाषा का क्रमशः अधिक से अधिक से प्रयोग। 
  • एक समग्र अनुसूची तैयार करना जिसमें ये बताया जाए कि कब और किस प्रकार संघ की राजभाषा तथा संघ एवं राज्‍यों के बीच,
  • और एक राज्‍य और दूसरे राज्‍यों के बीच संचार की भाषा के रूप में अंग्रेजी का स्‍थान धीरे-धीरे हिन्‍दी ले।

Additional Informationराजभाषा अधिनियम 1963- 

  • अनुच्छेद 343(3) के प्रावधान व जवाहर लाल नेहरू के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए राजभाषा अधिनियम बनाया गया।
  • इसके अनुसार हिन्दी संघ की राजभाषा व अंग्रेजी सह-राजभाषा के रूप में प्रयोग में लाई गई।
  • उन भाषाओं का प्रावधान करने के लिए एक अधिनियम, जिनका उपयोग संघ के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए, संसद में कामकाज के लेन-देन के लिए, 
  • केंद्रीय और राज्य अधिनियमों के लिए और उच्च न्यायालयों में कुछ उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है।
  • राजभाषा अधिनियम, 1963 में संशोधन किए गए। तदनुसार धारा 3 (4) में यह प्रावधान किया गया कि-
    • हिन्दी में या अंग्रेजी भाषा में प्रवीण संघ सरकार के कर्मचारी प्रभावी रूप से अपना काम कर सकें तथा केवल इस आधार पर कि वे दोनों ही भाषाओं में प्रवीण नहीं हैं, उनका कोई अहित न हो।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 16
निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक लक्ष्मीनारायण मिश्र का नहीं है? 
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 16

लक्ष्मीनारायण मिश्र का नाटक नहीं है- 'अलग अलग रास्ते'। 

  • 'अलग अलग रास्ते'(1954) उपेन्द्रनाथ 'अश्क' द्वारा रचित नाटक है। 

Key Pointsलक्ष्मीनारायण मिश्र- 

  • जन्म- 1903-1987 ई.
  • हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार थे।
  • नाटक- 
    • अशोक (1926)
    • राक्षस का मंदिर(1931)
    • संन्यासी(1930)
    • मुक्ति का रहस्य(1932)
    • राजयोग(1933)
    • सिंदूर की होली(1934)
    • आधी रात(1934)
    • नारद की वीणा (1946)

Important Pointsउपेन्द्रनाथ अश्क- 

  • जन्म- 1910 - 1996 ई .
  • उर्दू एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कथाकार तथा उपन्यासकार थे।
  • नाटक-  
    • जय-पराजय (1930)
    • स्वर्ग की झलक (1938)
    • छठा बेटा (1940)
    • अलग-अलग रस्ते (1943)
    • कैद (1945)
    • उड़ान (1946)
    • तकल्लुफ (1948)
    • पैंतरे (1952)
    • अंजो दीदी (1955)
    • अंधी गली (1955)
    • बड़े खिलाड़ी (1967)
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 17
निम्न में से कौन-सी रचना आत्मकथा नहीं हैं?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 17

'धरती लाल गुलाबी चेहरे' रचना आत्मकथा नहीं है। Key Points

  • धरती लाल गुलाबी चेहरे' कन्हैयालाल नंदन द्वारा रचित यात्रा साहित्य है।

कन्हैयालाल नंदन-

  • जन्म- 1933 - 2010 ई० 
  • वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार, मंचीय कवि और गीतकार के रूप में मशहूर रहे।
  • आत्मकथा- 
  •  कन्हैयालाल नंदन की आत्मकथा के दो भाग है। 
    • एक अंतहीन तलाश (2007)
    • कहाँ कहाँ से गुजरा (2007)

अन्य विकल्प- 

Important Pointsआत्मकथा-

  • किसी लेखक द्वारा अपने ही जीवन का वर्णन करने वाली कथा को कहते हैं। यह संस्मरण से मिलती-जुलती लेकिन भिन्न है।
  • जहाँ संस्मरण में लेखक अपने आसपास के समाज, परिस्थितियों व अन्य घटनाओं के बारे में लिखता हैं वहाँ आत्मकथा में केन्द्र लेखक स्वयं होता है।
  • उदाहरण-
    • हिंदी की श्रेष्ठ आत्मकथा में से एक डॉ हरिवंशराय बच्चन द्वारा लिखी गयी, क्या भूलूँ, क्या याद करूँ, बसेरे से दूर, नीड़ का निर्माण फिर, और दशद्वार से सोपान तक(चार भागों मे)है। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 18
मनोहर श्याम जोशी कृत संस्मरण है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 18

उपर्युक्त सभी मनोहर श्याम जोशी कृत संस्मरण है।Key Pointsमनोहर श्याम जोशी- 

  • जन्म- 1933 - 1906 ई० 
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के श्रेष्ट गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार, दूरदर्शन धारावाहिक लेखक, फिल्म पट-कथा लेखक, उच्च कोटि के संपादक, कुशल प्रवक्ता तथा स्तंभ-लेखक थे।
  • संस्मरण- 
    • लखनऊ मेरा लखनऊ (2002)
    • रघुवीर सहाय: रचनाओं के बहाने एक संस्मरण (2003)
    • बातों बातों में 
  • उपन्यास- 
    • कुरु कुरु स्वाहा (1980)
    • कसप  (1982)
    • हरिया हरक्युलिस की हैरानी (1994)
    • हमज़ाद (1996)
    • टा टा प्रोफ़ेसर (2001)
    • कयाप  (2001)
    • कौन हूँ मैं  (2006)
    • कपीशजी (2009)
    • वधस्थल (2009)

Important Pointsसंस्मरण- 

  • स्मृति के आधार पर किसी विषय पर अथवा किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है।
  • संस्मरण का सामान्य अर्थ होता है सम्यक् स्मरण
  • सामान्यतः इसमें चारित्रिक गुणों से युक्त किसी महान व्यक्ति को याद करते हुए उसके परिवेश के साथ उसका प्रभावशाली वर्णन किया जाता है।
  • इसमें लेखक स्वानुभूत विषय का यथावत अंकन न करके उसका पुनर्सृजन करता है।
  • बालमुकुंद गुप्त द्वारा सन् 1907 में प्रतापनारायण मिश्र पर लिखे संस्मरण को हिंदी का प्रथम संस्मरण माना जाता है।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 19
प्रार्थना समाज प्रारंभ किया गया था- 
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 19

प्रार्थना समाज आत्माराम पांडुरंग द्वारा प्रारंभ किया गया था। Key Pointsप्रार्थना समाज- 

  • स्थापना वर्ष- 1867 ई० 
  • स्थान-  बंबई
  • संस्थापक- 
    • आत्माराम पांडुरंग
  • भारतीय नवजागरण के दौर में धार्मिक और सामाजिक सुधारों के लिए स्थापित समुदाय है। 
  • इस समाज की स्थापना केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से की गई थी।
  • प्रार्थना समाज से संबंधित अन्य प्रमुख विचारक-
    • आर. जी.भंडारकर, महादेव गोविंद रानाडे तथा एन.जी. चंदावरकर आदि
  • प्रार्थना समाज के मुख्य नियम और सिद्धांत- 
    • ईश्वर ही इस ब्रह्मांड का रचयिता है।
    • ईश्वर की आराधना से ही इस संसार और दूसरे संसार में सुख प्राप्त हो सकता है।
    • ईश्वर के प्रति प्रेम और श्रद्धा, उसमें अनन्य आस्था-प्रेम, श्रद्धा, और आस्था की भावनाओं सहित आध्यात्मिक रूप से उसकी प्रार्थना और उसका कीर्तन। 
    • ईश्वर को अच्छे लगने वाले कार्यों को करनायह ही ईश्वर की सच्ची आराधना है। मूर्तियों अथवा अन्य मानव सृजित वस्तुओं की पूजा करना, ईश्वर की आराधना का सच्चा मार्ग नहीं है।
    • ईश्वर अवतार नहीं लेता और कोई भी एक पुस्तक ऐसी नहीं है, जिसे स्वयं ईश्वर ने रचा अथवा प्रकाशित किया हो, अथवा जो पूर्णतः दोष-रहित हो। 
  • विचारधारा- 
    • प्रार्थना समाज का उद्देश्य प्रार्थना और सेवा द्वारा ईश्वर की पूजा करना था।
    • ब्रह्म समाज की भाँति उपनिषदों और भगवद्गीता की शिक्षाएँ उद्देश्य के आधार हैं किंतु एक बात में यह ब्रह्म समाज से भिन्न है,
    • इसमें भारत के, विशेषत: महाराष्ट्र के, मध्यकालीन संतों - ज्ञानेश्वर, नामदेव, एकनाथ और तुकाराम - की शिक्षाओं को गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त है।
  • प्रमुख कार्य- 
    • प्रार्थना समाज ने रानाडे के नेतृत्व में जाति प्रथा, बाल-विवाह, मूर्ति पूजा तथा हिन्दू समाज की अन्य रीतियों के विरुद्ध आंदोलन किया।
    • 19वीं शताब्दी के नवें दशक में नारी जागरण की योजनाओं का आरंभ किया। 

Important Pointsअन्य विकल्प- 

UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 20

गोदान में झुनिया किसकी बेटी थी?

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 20
सही उत्तर है - भोला की। 
 Key Points
  • झुनिया भोला की बेटी थी। 
  • छोटी उम्र में ही वह विधवा हो गयी थी। 
  • होरी के बेटे गोबर की प्रेमिका थी। 
  • जब गोबर गर्भावस्था में उसे छोड़ गया तब धनिया और होरी ने उसे अपनाया। 
  • बाद में गोबर उसे और अपने बेटे को शहर ले जाता है। 

Additional Information गोदान-

  • रचनाकार-प्रेमचंद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई. 
  • विधा-उपन्यास
  • विषय- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 21
गोदान उपन्यास में मिस्टर खन्ना की पत्नी का नाम क्या है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 21

सही उत्तर है - गोविंदी।  

Key Points

  • गोविंदी मिस्टर खन्ना की पत्नी है। 
  • मिस्टर खन्ना बैंक के मैनेजर व शक्कर मिल के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। 
  • गोविंदी का पात्र प्रेमचंद की नारी स्वाभाव को मूर्त करने वाला है। 
  • मेहता की दृष्टि में वे आदर्श नारी हैं। 

Additional Informationगोदान-

  • रचनाकार- प्रेमचंद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई. 
  • विधा- उपन्यास
  • विषय- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है। 
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 22
भिक्षुक को एक ही द्वार पर भरपेट मिल जाये, तो वह क्यों द्वार द्वार घूमे।" गोदान में यह कथन किसका है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 22
सही उत्तर है - गोबर का। 
  •  दिया गया कथन गोबर और झुनिया के बीच हुए संवाद का अंश है। 

Key Pointsगोदान-

  • रचनाकार- प्रेमचंद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई. 
  • विधा- उपन्यास
  • विषय- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है। 
  • प्रमुख पात्र:- होरी, धनिया, झुनिया, रायसाहब, रूपा,सोना, भोला, मालती, मिस्टर मेहता, इत्यादि। 

Additional Information प्रेमचंद:

  • मूल नाम:- धनपतराय श्रीवास्तव 
  • जन्म:- 31 जुलाई 1880 
  • मृत्यु:- 8 अक्टूबर 1936 
  • हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
  • प्रेमचंद ने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा।
  • प्रेमचंद ने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
  • प्रेमचंद निधनोपरांत मानसरोवर नाम से 8 खण्डों में प्रकाशित है।
  • प्रमुख रचनायें:-
    • ​प्रमुख कहानियां:- 
      • ​नमक का दरोगा,
      • पंच परमेश्वर,
      • ठाकुर का कुआँ,
      • ईदगाह,
      • पूस की रात,
      • कफ़न, इत्यादि। 
    • उपन्यास:- 
      • सेवासदन (1918) ,
      • प्रेमाश्रम (1922),
      • रंगभूमि (1925),
      • निर्मला (1925),
      • गबन (1928),
      • कर्मभूमि (1932),
      • गोदान (1936)
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 23
मैला आँचल में बलिया किस पात्र को कहा जाता है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 23

सही उत्तर है - बालदेव  

Key Points

  • उपन्यास के पहले खंड के पहले अध्याय में आयी निम्न पंक्ति से यह स्पष्ट होता है:-
    • "यादवटोली के लोगों ने खबर सुनते ही बलिया उर्फ़ बालदेव को गिरफ्तार कर लिया।"
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 24
छंगामल इंटर कॉलेज किस उपन्यास से सम्बंधित है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 24

सही उत्तर है - राग दरबारी। 

 Key Points

  • राग दरबारी उपन्यास में शिवपालगंज नामक स्थान की चर्चा है। 
  • यहीं छनगामाल इंटर कॉलेज का नाम है जिसके मैनेजर वैद्य जी हैं जो कि उपन्यास के प्रमुख पात्र हैं। 

Additional Informationराग दरबारी-

  • रचनाकार - श्रीलाल शुक्ल 
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1968 ई. 
  • विषय- पूर्वांचल के गाँव शिवपालगंज के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन का यथार्थ चित्रण हुआ है।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 25

'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के पात्र हैं?

A. निपुणिमा   

B. महामाया   

C. विग्रहवर्मा  

D. कमली  

E. महारानी  

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 25

'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के पात्र हैं-

  • A. निपुणिमा   
  • B. महामाया   
  • C. विग्रहवर्मा  

Key Pointsकमली-

  • यह मैला आँचल उपन्यास की पात्र है।  
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 26
जगदीश चन्द्र के उपन्यासों का प्रकाशन-वर्ष के अनुसार सही अनुक्रम हैं -
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 26

विकल्प 3 यादो का पहाड़, धरती धन न अपना, मुट्ठी भर कांकर, नरक कुंड में वास सही है।

Important Points

जगदीश चंद्र माथुर के उपन्यास-

  • यादों का पहाड़(1966), धरती धन अपना(1972, आधा पुल(1973)
  • कभी न छोड़े खेत(1976), मुठ्ठी भर कांकर(1976), टुंडा लाट (1978)
  • घास गोदाम(1985), नरक कुंड में वास (1994), लाट की वापसी(2000), जमीन तो अपनी थी(2001)।
Additional Information

जगदीश चंद्र माथुर के नाटक-

  • भोर का तारा (1946 ई.),कोणार्क (1951 ई.),ओ मेरे सपने (1950 ई.)
  • शारदीया (1959 ईं), दस तस्वीरें (1962 ई.), परंपराशील नाट्य (1968 ई.),
  • पहला राजा (1970 ई.), जिन्होंने जीना जाना (1972 ई.)
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 27
निम्नांकित में से कौन-सा उपन्यास व्यंग्यात्मक उपन्यास है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 27

रागदरबारी श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्यात्मक उपन्यास है।

Key Points

  •  श्रीलाल शुक्ल का यह उपन्यास 1968 में प्रकाशित हुआ।
  • राग दरबारी सिर्फ व्यंग्य-कथा नहीं है। इसमें श्रीलाल शुक्ल जी ने स्वतंत्रता के बाद के भारत के ग्रामीण जीवन की मूल्यहीनता को परत-दर-परत उघाड़ कर रख दिया है।

श्रीलाल शुक्ल (1925 - 2011) 

  • हिन्दी के प्रमुख साहित्यकार थे। वह समकालीन कथा-साहित्य में उद्देश्यपूर्ण व्यंग्य लेखन के लिये विख्यात थे।

प्रमुख रचनाएँ-

  • सूनी घाट का सूरज (1957)
  • अज्ञातवास (1962)
  • ‘राग दरबारी (1968)
  • आदमी का ज़हर (1972)
  • सीमाएँ टूटती हैं (1973)
  • ‘मकान (1976) आदि।

Additional Informationरचना और रचनाकार-

UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 28
‘मैं पाधा बन गया हूँ। करो जर्मन के बादशाह का तर्पण!’ ‘उसने कहा था’ कहानी में यह कथन किसका है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 28

वजिरासिंह, यहाँ उचित विकल्प है। अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।

  • ‘उसने कहा था’ का रचनाकाल 1915 है।
  • यह अपने समय एक मात्र सर्वर्श्रेष्ठ कहानी है।
  • इसकी रचना ‘चन्द्र धर शर्मा गूलेरी जी’ हैं।
  • त्याग और प्रेम की सबसे अद्भुत कहानी।
  • मुख्य पात्र-  लहना सिंह, वजीरा सिंह, हजारा सिंह आदि।
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 29

सुमेलित कीजिए।

Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 29

1 - ख, 2 - घ, 3 - क, 4 - ग 

  • इंदुमती --> किशोरीलाल गोस्वामी 1900
  • प्लेग की चुड़ैल  --> भगवानदास 1902
  • ग्यारह वर्ष का समय --> रामचन्द्र शुक्ल 1903
  • दुलाईवाली --> बंग महिला 1907

Additional Information

  • हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी कौन सी है, इस विषय में विद्वानों में जो मतभेद शुरू हुआ था वह आज भी जैसे का तैसा बना हुआ है।
  • हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी समझी जाने वाली कड़ी के अर्न्तगत सैयद इंशाअल्ला खाँ की 'रानी केतकी की कहानी', राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' , किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' , माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' , आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' और बंग महिला की 'दुलाई वाली' नामक कहानियाँ आती हैं।
  • परन्तु किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा कृत 'इन्दुमती' को मुख्यतः हिन्दी की प्रथम कहानी का दर्जा प्रदान किया जाता है।

Confusion Points

  • निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
    • इंदुमती → 1900 → किशोरी लाल गोस्वामी
    • एक टोकरी भर मिट्टी → 1901 → माधवराव सप्रे
    • ग्यारह वर्ष का समय → 1903 → आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 30
नीचे दी गई कहानियों में कौन-सी कहानी प्रेमचंद की है?
Detailed Solution for UGC NET Paper -2 Hindi Mock 2 (TB) - Question 30

सही उत्तर है - ‘बड़े भाई साहब’।

  • बड़े भाई साहब’ कहानी प्रेमचंद की है।

Key Points

  • बड़े भाई साहब’ कहानी जो सन् 1936 में लिखी गई पर आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।
  • पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे ख़राब’ सहित रट्टामार, कठोर अनुशासन और सुंदर लिखावट के मिथक को तोड़, खेल के महत्त्व को रेखांकित करती है।

अन्य विकल्प:

  • शरणदाता नामक कहानी के लेखक : सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन
  • परिंदे नामक कहानी के लेखक : निर्मल वर्मा
  • कोसी का घटवार नामक कहानी के लेखक : शेखर जोशी
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