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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - UGC NET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test - UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 1

जन्मवर्ष के अनुसार निम्नलिखित उपन्यासकारों को पहले से बाद के क्रम में लगाइए :

(A) हिमांशु श्रीवास्तव 

(B) शैलेश मटियानी 

(C) फणीश्वरनाथ रेणु 

(D) मंगलेश डबराल 

(E) नागार्जुन 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए : 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 1

जन्मवर्ष के अनुसार उपन्यासकारों का पहले से बाद का क्रम- (E), (C), (B), (A), (D)। अन्य विकल्प असंगत है। Key Points

Important Pointsनागार्जुन-

  • जन्म- 1911-1998 ई. 
  • पुरा नाम- वैद्यनाथ मिश्र 
  • उपन्यास-
    • रतिनाथ की चाची (1948 ई.)
    • बलचनमा (1952 ई.)
    • नयी पौध (1953 ई.)
    • बाबा बटेसरनाथ (1954 ई.)
    • दुखमोचन (1957 ई.)
    • वरुण के बेटे (1957 ई.)
    • उग्रतारा
    • कुंभीपाक
    • पारो
    • आसमान में चाँद तारे

फणीश्वरनाथ रेणु- 

  • जन्म- 1921 - 1977 ईo
  • उपन्यास- 
    • मैला आंचल (1954)
    • परती परिकथा (1957)
    • जूलूस (1965)
    • दीर्घतपा (1964) 
    • कितने चौराहे (1966)
    • पल्टू बाबू रोड (1979)

शैलेश मटियानी- 

  • जन्म- 1931- 2001 ई० 
  • उपन्यास- 
    • बोरीवली से बोरीबन्दर (1959)
    • कबूतरखाना (1960)
    • हौलदार (1963)
    • चिट्‌ठीरसैन (1961)
    • तिरिया भली न काठ की (1961)
    • मुख सरोवर के हंस (1962)
    • बेला हुई अबेर (1962)
    • जलतरंग (1963)
    • उगते सूरज की किरण (1976)
    • रामकली (1978)
    • सर्पगन्धा (1979)
    • आकाश कितना अनंत है (1979)
    • अर्द्ध कुम्भ की यात्रा' (1983)
    • मुठभेड़ (1983)
    • नागवल्लरी (1985)
    • माया सरोवर (1987)
    • चंद औरतों का शहर (1992)

हिमांशु श्रीवास्तव-

  • जन्म- 1934- 1993 ई० 
  • उपन्यास- 
    • लोहे के पंख
    •  नदी फिर बह चली
    • भित्तिचित्र की मयूरी
    • मन के वन में
    • दो आँखों की झील
    • कुहासे में जलती धूपबत्ती
    • रिहर्सल
    • परागतृष्णा
    • शोकसभा
    • प्रियाद्रोही
    • पुरुष और महापुरुष
    • पैदल और कुहासा

मंगलेश डबराल- 

जन्म- 1948 - 2020 ई०  

  • काव्य संग्रह -
    • पहाड़ पर लालटेन
    • घर का रास्ता
    • हम जो देखते हैं
    • आवाज भी एक जगह है
    • नये युग में शत्रु।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 2

रामचंद्र शुक्ल जी की सबसे प्रसिद्ध कृति कौन सी है? 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 2

रामचंद्र शुक्ल की सबसे प्रसिद्ध रचना 'हिंदी साहित्य का इतिहास' है, जिससे आज भी काल निर्धारण और पाठ्यक्रम बनाने में मदद मिलती है। रसमीमांसा, चिंतामणि और विश्वप्रपंच भी उनकी अन्य रचनायें हैं। अतः सही विकल्प ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ है।

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 3

'चन्दन विष व्यापै नहीं, लिपटे रहत भुजंग' कथन का क्या अर्थ होता है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 3

रामचंद्र शुक्ल जी पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा था। इस बीच उनकी संगति कई तरह के लोगों से हुई लेकिन वे दूसरों की संगति में बिगड़े नहीं। 'चन्दन विष व्यापै नहीं, लिपटे रहत भुजंग' कथन का अर्थ होता है कि अच्छे स्वाभाव के व्यक्ति पर बुरी संगति का कोई असर नहीं पड़ता। इस प्रकार सही विकल्प 'जो अच्छे स्वभाव के लोग होते हैं, उनको बुरी संगति भी बिगाड़ नहीं पाती' है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 4
छंगामल इंटर कॉलेज किस उपन्यास से सम्बंधित है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 4

सही उत्तर है - राग दरबारी। 

 Key Points

  • राग दरबारी उपन्यास में शिवपालगंज नामक स्थान की चर्चा है। 
  • यहीं छनगामाल इंटर कॉलेज का नाम है जिसके मैनेजर वैद्य जी हैं जो कि उपन्यास के प्रमुख पात्र हैं। 

Additional Informationराग दरबारी-

  • रचनाकार - श्रीलाल शुक्ल 
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1968 ई. 
  • विषय- पूर्वांचल के गाँव शिवपालगंज के आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन का यथार्थ चित्रण हुआ है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 5
कौन सा रामचन्द्र शुक्ल के चिंतामणि का सैद्धान्तिक समीक्षा संबंधी निबंध नहीं है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 5

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "मानस की धर्मभूमि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

  • मानस की धर्म भूमि व्यावहारिक आलोचनात्मक निबंध है।, 
  • यह सैद्धान्तिक समीक्षा संबंधी निबंध नहीं है।
Key Points
  • मानस की धर्म भूमि व्यावहारिक आलोचनात्मक निबंध है।
  • रामचंद्र शुक्ल के :- भारतेंदु हरिश्चंद्र, तुलसी का भक्ति मार्ग, मानस की धर्म भूमि आदि निबंध व्यावहारिक आलोचना के अंतर्गत आते हैं।
Additional Information
  • मनोवैज्ञानिक निबंधों में करुणा, श्रद्धा, भक्ति, लज्जा, ग्लानि, क्रोध, लोभ और प्रीति आदि भावों तथा मनोविकारों पर लिखे गए निबंध आते हैं। 
  • चिन्तामणि के प्रमुख निबन्ध हैं- भाव या मनोविकार, उत्साह, श्रद्धा और भक्ति, करुणा, लज्जा और ग्लानि, घृणा, ईर्ष्या, भय, क्रोध, कविता क्या है, काव्य में लोक मंगल की साधनावस्था।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 6
भोलाराम का जीव' का यह कथन " राजनीतिक दलों के नेता विरोधी नेता को उड़ा कर कहीं बंद कर देते हैं" - किसका है ? 
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 6

'भोलाराम का जीव' का यह कथन " राजनीतिक दलों के नेता विरोधी नेता को उड़ा कर कहीं बंद कर देते हैं" - चित्रगुप्त का है।Key Pointsभोलाराम का जीव- 

  • रचनाकार-  हरिशंकर परसाई। 
  • विधा- व्यंग्यात्मक कहानी। 
  • 'भोलाराम का जीव' कहानी का प्रकाशन-  1967 ई. में हुआ था।
  • 'भोलाराम का जीव' कहानीसंग्रह का प्रकाशन-  2016 ई. वाणी प्रकाशन, दिल्ली से हुआ।
  • यह कहानी ‘भोलाराम का जीव’ ‘परसाई रचनावली’, भाग -1 में भी संकलित है।
  • परसाई रचनावली’ के छः खंड हैं। इसका प्रकाशन नई दिल्ली से हुआ है।
  • उद्देश्य-
    • यह कहानी सामाजिक, व्यंग्यात्मक और फैंटसी शैली में रचित है।
    • भोलाराम का जीव’ उस जनता का प्रतीक है, जो भ्रष्ट नौकरशाही, लाल-फीताशाही पर कटु व्यंग्य है।
    • सरकारी कर्मचारियों की अमानवीयता, संवेदनहीनता पर भी इस कहानी में प्रहार किया गया है।
  • विषय वस्तु-
    • नारद भोलाराम के जीव से कहते हैं, 'मै तुम्हें लेने आया हूँ। चलो, स्वर्ग में तुम्हारा इन्तजार हो रहा है' पर भोलाराम के जीव की विवशता है,
    • कि वह पेंशन की दरख्वास्ते छोड़कर नहीं जा सकता।
    • इसी कथा - सूत्र के व्यंग्यात्मक उपयोग द्वारा लेखक ने भ्रष्टाचार के अमानवीय रूप पर मार्मिक चोट की है।
  • कहानी के पात्र- 
  • भोलाराम- 
    • जबलपुर शहर के धामलपुर मोहल्ले का निवासी था। उम्र 60 वर्ष, रिटायर हुए 5 वर्ष हो गए थे। मृत्यु का 5 वां दिन।
  • अन्य पात्र-
    • ​चित्गुप्त, धर्मराज, यमदूत, नारद, भोलाराम का परिवार (पत्नी दो लड़के एक लड़की), दफ्तर का बाबू, बड़े साहब, चपरासी आदि।

Important Pointsहरिशंकर परसाई-

  • जन्म- 1924 - 1995 ईo
  • कहानी संग्रह- 
    • हँसते हैं रोते हैं
    • जैसे उनके दिन फिरे
    • भोलाराम का जीव
    • दो नाकवाले लोग
  • निबंध संग्रह-
    • तब की बात और थी
    • भूत के पाँव पीछे
    • बेईमानी की परत
    • पगडण्डियों का जमाना
    • शिकायत मुझे भी है
    • सदाचार का ताबीज
    • और अंत मे
    • प्रेमचन्द के फटे जूते
    • माटी कहे कुम्हार से
    • काग भगोड़ा
  • उपन्यास-
    • रानी नागफनी की कहानी
    • तट की खोज
    • ज्वाला और जल
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 7
प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से भीष्म साहनी के नाटकों का सही अनुक्रम है :
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 7

प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से भीष्म साहनी के नाटकों का सही अनुक्रम है :

Key Pointsहानूश-

  • विधा-नाटक 
  • विषय-
    • चेकोस्लोवाकिया में प्रचलित लोक कथा पर आधारित है। 
    • एक श्रमशील कलाकार के संघर्ष को चित्रित किया है। 

माधवी-

  • विधा-नाटक 
  • विषय-
    • गालव ऋषि और माधवी की पौराणिक कथा को आधार बनाया गया है। 
    • इसमें भारतीय नारी की पीड़ा को वर्णित किया गया है। 

मुआवजे-

  • विधा-नाटक 
  • विषय-
    • समकालीन जीवन में व्याप्त घोर अनैतिकता, भ्रष्टाचार और दायित्वहीनता की ओर संकेत किया गया है। 

आलमगीर-

  • विधा-नाटक 
  • विषय-
    • औरंगजेब और दारा इन दो ऐतिहासिक पात्रों को सामने रखकर उदार मानवीय दृष्टि और कट्टर मजहबी जोश का द्वंद्व दिखाया गया है। 

Important Pointsभीष्म साहनी-

  • जन्म-1915-2003 ई. 
  • अन्य नाटक-
    • कबीर खड़ा बाजार में(1981 ई.)
    • रंग दे बसंती चोला(1998 ई.) आदि। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 8

निम्नलिखित उपन्यासों का उनके लेखकों के साथ सही मिलान कीजिए :

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 8

उपन्यासों का उनके लेखकों के साथ सही मिलान है-

Key Pointsटोपी शुक्ला-

  • रचनाकार-राही मासूम रजा
  • विधा-उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष-1969 ई.
  • विषय-
    • राजनीतिक समस्या पर आधारित चरित प्रधान उपन्यास है।

पहला गिरमिटिया-

  • रचनाकार-गिरिराज किशोर
  • विधा-उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष-1999 ई.
  • विषय-
    • महात्मा गाँधी के दक्षिण अफ्रीका के जीवन संघर्ष पर आधारित है।

तमस-

  • रचनाकार-भीष्म साहनी
  • विधा-उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष-1999 ई.
  • विषय-
    • इसमें लाहौर के आस-पास के पाँच दिनों की कहानी वर्णित है।

अलग-अलग वैतरणी-

  • रचनाकार-शिवप्रसाद सिंह
  • विधा-उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष-1967 ई.
  • विषय-
    • इसमें पूर्वांचल के ग्रामीण जीवन की नाटकीयता का चित्रण है।

Additional Informationराही मासूम रज़ा-

  • जन्म-1925-1992 ई.
  • उपन्यास-
    • आधा गाँव(1966 ई.)
    • ओस की बूँद(1970 ई.)
    • दिल एक सादा कागज(1973 ई.) आदि।

गिरिराज किशोर-

  • जन्म-1920-2014 ई.
  • उपन्यास-
    • लोग(1966 ई.)
    • चिड़ियाघर(1968 ई.)
    • जुगलबंदी(1973 ई.)
    • परिशिष्ट(1984 ई.) आदि।

भीष्म साहनी-

  • जन्म-1915-2003 ई.
  • उपन्यास-
    • झरोखा(1967 ई.)
    • कड़ियाँ(1970 ई.)
    • बसंती(1980 ई.)
    • मय्यादास की माड़ी(1988 ई.) आदि।

शिवप्रसाद सिंह-

  • जन्म-1928-1998 ई.
  • उपन्यास-
    • गली आगे मुड़ती है(1974 ई.)
    • नीला चाँद(1988 ई.)
    • दिल्ली दूर है(1993 ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 9
मोहन राकेश के किस नाटक का नायक प्रवृत्ति और निवृत्ति से उत्पन्न तनाव से ग्रस्त है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 9

मोहन राकेश के आधे अधूरे नाटक का नायक प्रवृत्ति और निवृत्ति से उत्पन्न तनाव से ग्रस्त है।

Key Points

आधे-अधूरे-

  • रचनाकार-मोहन राकेश
  • विधा-नाटक
  • प्रकाशन वर्ष-1969 ई.
  • मुख्य पात्र-
    • सावित्री, किन्नी, बिन्नी, अशोक, महेन्द्रनाथ, जगमोहन आदि।
  • विषय-
    • इसमें स्त्री-पुरुष संबंधों के खोखलेपन और पारिवारिक विघटन की समस्या को चित्रित किया गया है।

Important Pointsमोहन राकेश-

  • नाटक-
    • आषाढ़ का एक दिन(1958 ई.)
    • लहरों के राजहंस(1963 ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 10

"प्यासा-प्राणी श्रवण करके वारि के नाम ही को।
क्या होता है पुलकित कभी जो उसे पी न पावे।"

उपर्युक्त पंक्ति 'प्रियप्रवास' के किस सर्ग से ली गई है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 10

उपर्युक्त पंक्ति 'प्रियप्रवास' के दशम सर्ग से ली गई है।

Key Pointsप्रियप्रवास-

  • रचनाकार-अयोध्यासिंह उपध्याय 'हरिऔध'
  • प्रकाशन वर्ष-1914 ई.
  • विधा-प्रबंध काव्य
  • सर्ग-17
  • विषय-
    • यह खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।
    • अन्य नाम- ब्रजांगना विलाप
    • इसमें कृष्ण के बचपन से लेकर मधुरा प्रस्थान तक का वर्णन किया गया है।

Important Pointsअयोध्यासिंह उपध्याय 'हरिऔध'-

  • जन्म-1865-1947 ई.
  • द्विवेदी युगीन प्रमुख कवि है।
  • रचनाएँ-
    • कृष्ण शतक(1882 ई.)
    • रसिक रहस्य(1899 ई.)
    • प्रेम प्रपंच(1900 ई.)
    • चुभते चौपदे(1924 ई.)
    • पद्म प्रसून(1925 ई.)
    • रस कलश(1931 ई.)
    • चौखे चौपदे(1932 ई.) आदि।
  • प्रबंध काव्य-
    • पारिजात(1937 ई.)
    • वैदेही वनवास(1941 ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 11

गोदान' उपन्यास को गद्य में प्रस्तुत महाकाव्य कहा जाता है, क्योंकि उसमें -

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 11

इस प्रश्न का सही उत्तर इनमे से सभी है

Key Points
'गोदान' उपन्यास को गद्य में प्रस्तुत महाकाव्य कहा जाता है,क्योंकि उसमें-

  • भारतीय जनजीवन का यथार्थ चित्रण है।
  • सामान्य आदमी की अच्छाइयों का विवेचन है।
  • सामाजिक संस्कारों का सूक्ष्म अभिनिवेश है।

Additional Information

Important Points


UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 12

'राजा निरबंसिया' कहानी के संदर्भ में सही कथन है-

A. 'राजा निरबंसिया' कहानी संग्रह में कुल पाँच कहानियाँ संकलित है।

B. यह कहानी किस्सागोई शैली में लिखी गई है।

C. लोककथा के आधार पर आखेट पर गया राजा दो सप्ताह से नहीं लौटा है।

D. दाम्पत्य जीवन के बिखराव के साथ साथ मध्यवर्गीय जीवन की आर्थिक लाचारगी भी दिखाई गई है।

E. चन्दा औरत नहीं रही, वह देवी बन गयी है।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 12

'राजा निरबंसिया' कहानी के संदर्भ में सही कथन है-

  • A. 'राजा निरबंसिया' कहानी संग्रह में कुल पाँच कहानियाँ संकलित है।
  • B. यह कहानी किस्सागोई शैली में लिखी गई है।
  • D. दाम्पत्य जीवन के बिखराव के साथ साथ मध्यवर्गीय जीवन की आर्थिक लाचारगी भी दिखाई गई है।

Key Pointsसही है-

  • C. लोककथा के आधार पर आखेट पर गया राजा नहीं लौटता है, सात दिन से अधिक हो गए है।
  • E. तो क्या चन्दा औरत नहीं रही, वह जरूर औरत थी पर स्वयं मैंने उसे नरक में डाल दिया।

Important Pointsराजा निरबंसिया-

  • रचनाकार-कमलेश्वर
  • प्रकाशन वर्ष-1957ई.
  • विधा-कहानी
  • विषय-
    • 'राजा निरबसिया' कहानी कस्बाई जीवन पर आधारित है, जो आम आदमी की ही कथा कहती है।
    • कमलेश्वर ने दो भिन्न युगों की कहानियों को निरबंसिया कहानी आर्थिक विवशताओं, निरुपताओं द्वारा दांपत्य सम्बन्धों की समान्तर रूप से इस कहानी में रख दिया है।
    • एक ही समय में पुराने तथा आधुनिक युग की दो कहानियाँ साथ चलती है।

Additional Informationकमलेश्वर-

  • जन्म-1932-2007ई.
  • कमलेश्वर हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक एवं सशक्त लेखकों में से एक हैं।
  • इन्होने कहानी, उपन्यास, पत्रकारिता, स्तंभ लेखन, फिल्म पटकथा जैसी अनेक विधाओं में रचनाएँ की।
  • प्रमुख रचनाएँ-
  • नीली झील
  • तलाश
  • बयान
  • नागमणि
  • अपना एकांत
  • आसक्ति
  • ज़िंदा मुर्दे
  • जॉर्ज पंचम की नाक
  • मुर्दों की दुनिया
  • कस्बे का आदमी आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 13
उठ जाग मुसाफिर' निबंध में उनके विद्यालय के प्राचार्य का नाम क्या था?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 13

'उठ जाग मुसाफिर' निबंध में उनके विद्यालय के प्राचार्य का नाम शरदचंद्र था। Key Pointsउठ जाग मुसाफिर-

  • रचनाकार- विवेकीराय
  • प्रकाशन- 2012 ई.
  • विधा- निबंध
  • निबंध संग्रह- उठ जाग मुसाफिर।
  • इस निबंध संग्रह में कुल 10 निबन्ध हैं-
    • मेरी दिनचर्या : कुछ आयाम
    • नमो वक्षेभ्यः
    • उठ जाग मुसाफ़िर
    • केना
    • ग्रीष्म बहार
    • ततः किम्
    • तिनडंडिया चोट से उभरा समय और सवाल
    • चिन्ता भारत के उजडते गांवो की
    • गांव पर बनाम गांव में
    • सवाल जीवन का
  • उद्देश्य-
    • उठ जाग मुसाफिर' के ललित-निबंधों में पग-पग पर पाठकों को उल्लास-उमंग भरी शब्द-सुगंध का प्रसार मिलेगा, और वह भी वैचारिक छुअन के साथ।
    • सृजित ललित-प्रसार अनुरंजन के साथ-साथ टूटते-बिखरते और सिमटते हताश जनों को जीने के प्रति आश्‍वस्त करता है।
    • कसौटी है तृप्‍ति की, जो पाठकों को भरपूर रूप में मिलेगी।
  • प्रमुख पात्र-
    • लेखक और मास्टर साहब।

Important Pointsविवेकी राय-

  • जन्म- 1924- 2016 ईo
  • यह ललित निबनधकार है।
  • निबंध संग्रह-
    • किसानों का देश (1956)
    • गाँवों की दुनियाँ (1957)
    • फिर बैतलवा डाल पर (1962)
    • गंवई गंध गुलाब (1980)
    • नया गाँवनाम (1984)
    • यह आम रास्ता नहीं है (1988)
    • जगत् तपोवन सो कियो (1995)
    • वन तुलसी की गंध (2002)
    • जीवन अज्ञात का गणित है (2004)
    • उठ जाग मुसाफ़िर (2012)
  • कहानी संग्रह-
    • जीवन-परिधि (1952)
    • नयी कोयल (1975)
    • गूंगा जहाज (1977)
    • बेटे की बिक्री (1981)
    • कलातीत (1982)
    • चित्रकूट के घाट पर (1988)
    • श्वेत पत्र (1996)
    • सर्कस (2005)
  • उपन्यास-
    • मंगल भवन (1944)
    • पुरुष पुराण (1975)
    • लोकऋण (1977)
    • श्वेत पत्र (1979)
    • सोनमाटी (1983)
    • समर शेष है (1988)
    • मंगल भवन (1994)
    • नमामि ग्रामम् (1997)
    • देहरी के पार (2003)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 14

निम्नलिखित काव्य-पंक्तियों को उनकी काव्य-रचनाओं के साथ सुमेलित कीजिएः


इनमें से कौन-सा विकल्प सही है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 14

सही सुमेलन है- (a - 2), (b - 1), (c - 4), (d - 3)

Key Points
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 15

निम्नलिखित दोहा के रचयिता कौन हैं ?

अभिधा उत्तम काव्य है, मध्य लक्षणालीन।

अधम व्यंजना रस कुटिल, उलटी कहत नवीन।।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 15

निम्नलिखित दोहा के रचयिता हैं- देवKey Pointsदेव-

  • जन्म- 1673 - 1768 ईo
    • वे रीतिकाल के रीतिग्रंथकार कवि हैं। उनका पूरा नाम देवदत्त था।
    • औरंगजेब के पुत्र आलमशाह के संपर्क में आने के बाद देव ने अनेक आश्रयदाता बदले, किन्तु उन्हें सबसे अधिक संतुष्टि भोगीलाल नाम के सहृदय आश्रयदाता के यहाँ प्राप्त हुई।
    • जिसने उनके काव्य से प्रसन्न होकर उन्हें लाखों की संपत्ति दान की।
  • रचना-
    • रसविलास
    • भावविलास
    • भवानीविलास
    • कुशलविलास
    • अष्टयाम
    • सुमिल विनोद
    • सुजानविनोद
    • काव्यरसायन

Important Pointsकेशवदास-

  • जन्म- 1555 - 1617 ईo
    • केशवदास को डॉ नगेंद्र ने रीतिकाल का प्रथम कवि माना है।
    • केशवदास रीतिबद्ध कवि है।
  • रचना-
    • रसिकप्रिया (1591 ई.)
    • कविप्रिया (1601 ई.)
    • रामचंद्रिका (1601 ई.)
    • रतनबावनी (1607 ई.)
    • वीरसिंहदेवचरित (1607 ई.)
    • विज्ञानगीता (1610 ई.)
    • जहाँगीरजसचंद्रिका (1612 ई.)

बिहारीलाल-

  • जन्म- 1565 - 1663 ई.
    • रीतिकाल के रीतिसिद्ध काव्यधारा के प्रमुख कवि है ।
  • रचना-
    • बिहारी सतसई।

भिखारीदास-

  • जन्म- 1565 - 1663 ई.
    • भिखारीदास रीतिकाल के श्रेष्ठ हिन्दी कवि थे।
  • रचना-
    • रससारांश
    • छंदार्णव पिंगल
    • काव्यनिर्णय
    • श्रृंगार निर्णय
    • नामप्रकाश कोश
    • विष्णुपुराण भाषा
    • छंद प्रकाश
    • शतरंजशतिका
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 16

प्रेमचंद के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से सत्य कथन है :

(A) प्रेमचंद का पहला कहानी संग्रह 'सप्त सरोज' 1916 में प्रकाशित हुआ।

(B) लखनऊ में हुए प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम अधिवेशन के अध्यक्ष प्रेमचंद थे।

(C) प्रेमचंद ने 'कर्बला' नाटक लिखा ।

(D) प्रेमचंद की मासिक पत्रिका हंस का पहला अंक 10 मार्च 1930 को प्रकाशित हुआ।

(E) भारतेन्दु ने कहानी के बारे में लिखा है, "सबसे उत्तम कहानी वही होती है, जिसका आधार किसी सत्य पर आधारित होता है।"

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 16
प्रेमचंद के संबंध में सही कथन है - केवल (B), (C), (D)
  • लखनऊ में हुए प्रगतिशील लेखक संघ के प्रथम अधिवेशन के अध्यक्ष प्रेमचंद थे।
  • प्रेमचंद ने 'कर्बला' नाटक लिखा ।
  • प्रेमचंद की मासिक पत्रिका हंस का पहला अंक 10 मार्च 1930 को प्रकाशित हुआ।
Key Pointsप्रेमचंद-
  • जन्म - 31 जुलाई 1880 ई.को वाराणसी के लमही गांव में हुआ
  • मृत्यु - 8 अक्टूबर 1936 ई., वाराणसी उत्तर प्रदेश
  • मुख्य - पिता ने इनका नाम 'धनपतराय' और ताऊ ने इनका नाम 'नवाबराय' रखा
    • मुंशी दया नारायण निगम के सुझाव पर अपना छद्म नाम प्रेमचंद रखा
    • प्रेमचंद की पहली कहानी 'बड़े घर की बेटी' है जो उर्दू मासिक पत्रिका 'जमाना' के दिसंबर 1910ई.के अंक में प्रकाशित हुई
    • उनकी पहली हिंदी कहानी 'सौत' हिंदी की प्रसिद्ध पत्रिका 'सरस्वती' के दिसंबर 1915 ई.के अंक में प्रकाशित हुई
    • इनका प्रथम हिंदी कहानी संग्रह 'सप्तसरोज' जून 1917 में प्रकाशित हुआ
    • इन्होंने कल 15 उपन्यास, 300 से कुछ अधिक कहानियाँ लिखी जो मानसरोवर के आठ खंडो में प्रकाशित हैv और इन्होंने तीन नाटक लिखे
Important Pointsप्रेमचंद के मुख्य कहानी संग्रह -
  • सप्त सरोज (1917 ई.),नवनिधि (1917 ई.),प्रेम पूर्णिमा (1918 ई.),प्रेम पच्चीसी (1923 ई.),प्रेमप्रसून (1924 ई.),प्रेम द्वादशी (1926 ई.),प्रेम प्रतिभा 1926 ई.),प्रेमप्रतिज्ञा (1929 ई.),प्रेम चतुर्थी (1929 ई.),प्रेमकुंज (1930 ई.),सप्तसुमन (1930 ई.),कफन 1936 ई.)
नाटक-
  • संग्राम (1922 ई.) ,कर्बला (1928 ई.) ,प्रेम की बेदी
उपन्यास -
  • देवस्थान रहस्य (1905 ई.) ,प्रेमा (1907 ई.),सेवासदन (1918 ई.), वरदान (1921 ई.) ,प्रेमाश्रम (1922 ई.), रगभूमि (1925 ई.),निर्मला (1927 ई.) ,प्रतिज्ञा (1929 ई.),गबन (1931ई.),कर्मभूमि (1932 ई.), गोदान (1936 ई.), मंगलसूत्र (1936 ई.)
Additional Information
  • प्रेमचंद के पहले कहानी संग्रह 'सप्तसरोज' का प्रकाशन वर्ष (1917 ई.) है
  • प्रेमचंद ने कहानी के बारे में लिखा है, " सबसे उत्तम कहानी वहीं होती है जिसका आधार किसी सत्य पर आधारित होता है!"
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 17
साधारणीकरण' की उद्भावना किस आचार्य ने की ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 17

'साधारणीकरण' की उद्भावना भट्ट नायक ने की। Key Pointsभट्ट नायक-

  • प्राचीन भारतीय साहित्य के सन्दर्भ में, साधारणीकरण रस-निष्पत्ति की वह स्थिति है जिसमें दर्शक या पाठक कोई अभिनय देखकर या काव्य पढ़कर उससे तादात्मय स्थापित करता हुआ उसका पूरा-पूरा रसास्वादन करता है।
  • भट्ट नायक ने सर्वप्रथम ‘साधारणीकरण’ की अवधारणा प्रस्तुत की, इसीलिए उन्हें साधारणीकरण का प्रवर्तक माना जाता है।
  • उनके अनुसार विभाव, अनुभाव और स्थायीभाव सभी का साधारणीकरण होता है।
  • उनके अनुसार ‘साधारणीकरण’ विभावादि का होता है, जो भावकत्व का परिणाम है अर्थात भावकत्व ही ‘साधारणीकरण’ है।

Important Pointsभट्ट लोल्लट-

  • उत्पत्तिवाद भारतीय काव्यशास्त्र में रस निष्पत्ति से संबन्धित एक विचारधारा है, जिसके प्रणेता भट्ट लोल्लट हैं।
  • भरत मुनि के ग्रंथ नाट्यशास्त्र में वर्णित रस की निष्पत्ति से संबन्धित पाँच परवर्ती प्रमुख मतों में से यह एक है।
  • इस मत के अनुसार निष्पत्ति से भरत मुनि का आशय उत्पत्ति और संयोग से सम्बन्ध था; विभाव कारण थे और रस उनके कार्य।
  • इस मत का मानना है कि रस नायक इत्यादि में रहता है।
  • रस की वास्तविक अनुभूति तो मूल नायक इत्यादि को होती है, नाटक में हिस्सा लेने वाले पात्र तो मात्र उसका अभिनय करते हैं।
  • इसे आरोपवाद अथवा उत्पत्तिवाद के नाम से भी जाना जाता है।

अभिनवगुप्त-

  • अभिनव गुप्त के अनुसार व्यञ्जना के विभावन व्यापार के द्वारा ‘साधारणीकरण’ होता है।
  • उनके कथन का सार यह है कि, “साधारणीकरण द्वारा कवि निर्मित पात्र व्यक्ति-विशेष मे रहकर सामान्य प्राणिमात्र बन जाते हैं, अर्थात वे किसी देश एवं काल की सीमा में बद्ध न रहकर सार्वदेशिक एवं सार्वकालिक बन जाते हैं, और उनके इस स्थिति में उपस्थित हो जाने पर सहृदय भी अपने पूर्वग्रहों से विमुक्त हो जाता है।"
  • अभिनव गुप्त के अनुसार-
    • सहृदय का साधारणीकरण होता है।

श्री शंकुक-

  • भरत के रससूत्र की इन्होंने जो व्याख्या की है वह "अनुमितिवाद" नाम से प्रसिद्ध है।
  • भट्ट लोल्लट के उत्पत्तिवाद का तथा सहृदयों में रसानुभव न माननेवाले सिद्धांत का इन्होंने सर्वप्रथम खंडन किया है।
  • इन्होंने विभाव आदि साधनों और रसरूप साध्य में अनुमाप्य अनुमापक भाव की कल्पना की है और रस का आस्वाद अनुमान द्वारा अनुमेय या अनुमितिगम्य बताया है।
  • इन्होंने रस की स्थिति सहृदयों में मानी है।
  • "चित्रतुरंग न्याय" की इनकी विवेचना के अनुसार नट सच्चे राम नहीं हैं, वे चित्र में लिखे अश्व की तरह हैं।
  • जैसे अश्व के चित्र को देखकर उसका अनुभव होता है, वैसे ही नट के अभिनयात्मक रूप को देखकर सहृदयों को अनुभव होता है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 18

प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से निम्नलिखित नाटकों का सही अनुक्रम हैः

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 18

सही अनुक्रम हैः कोणार्क, नारद की वीणा, अंधा कुआं, बकरी |

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 19

हिन्दी की वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली मूलतः किस भाषा की शब्दावली का अनुवाद है

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 19

हिन्दी की वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली मूलत: अंग्रेज़ी भाषा की शब्दावली का अनुवाद है |

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 20

‘कविता कवि व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति नहीं ,व्यक्तित्व से पलायन है। - यह कथन किसका है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 20

ग्यार्ग लुकाच (Gyorgy Lukacs, प्रचलित नाम- जॉर्ज लुकाच, George Lukach; 1885-1971) हंगेरियन मूल के मार्क्सवादी विद्वान थे। जॉर्ज लुकाच एक साथ दार्शनिक, साहित्यिक आलोचक एवं सक्रिय राजनीतिक कार्यकर्ता थे। कट्टरतावादी भावधारा से दूर रहते हुए उन्होंने साहित्य एवं कला की अपनी गहरी समझ से यथार्थवाद की प्रामाणिक व्याख्या उपस्थापित की।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 21

‘मुड़ मुड़ कर देखता हूँ ’ किसकी आत्मकथा है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 21

यह पुस्तक १० अध्यायों मे लिखी गई है। अध्याय को अध्याय नाम नही बल्कि सुंदर शीर्षकों से सजाया गया है। पहले अध्याय मुड़ मुड़ के देखता हूँ में ही राजेन्द्र यादव जी ने कहा कि इसे उनकी आत्मकथा नही बल्कि आत्मकथांश समझा जाये॥! शायद सही ही कहा। क्योंकि आगे चल के कई जिज्ञासाएं अधूरी ही रह जाती हैं, राजेंन्द्र जी को जानने से संबंधित।फिर दूसरा अध्याय भूमिका।तीसरा अध्याय हक़ीर कहो फक़ीर कहो में अपनी साठवीं वर्षगाँठ पर मित्रों के बीच राजेंद्र जी द्वारा आगरे में दिया गया वक्तव्य है।चौथा अध्याय है अंत से शुरुआत॥जो दुर्घटनाओं में भी बचा रहता है अर्थात संकल्प, जिसमें जिक्र किया है उन्होने दिल्ली से कानपुर गिरिराजकिशोर जी के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम मे जाते हुए हुई राजधानी ट्रेन दुर्घटना से सही सलामत आ जाने का।पाँचवा अध्याय ऐयार (इम्पोस्टर) से सावधान में अपने हम शक्लो की चर्चा के साथ अपने विभिन्न चेहरों (मुखौटों) के प्रति आगाह किया है।छठे अध्याय अपनी नज़र से में किसी प्रिय को संबोधित करते पत्र मे अपने विषय में टुकड़ों ड़ुकड़ों में लिखा है जहाँ कुछ कुछ देर के लिये कुछ लेखक मित्र मन्नू से विवाह उनसे मनोमालिन्यता और पिता की मृत्यु का भी जिक्र है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 22

‘सरस्वती’ पत्रिका के सम्पादक कौन थे?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 22

सरस्वती पत्रिका के सम्पादक आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी थे | उन्होंने 1903से 1920 तक इस प्रत्रिका का सम्पादन किया |

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 23

लेखनकाल के अनुसार निम्नलिखित पाश्चात्य आलोचकों का सही अनुक्रम है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 23

जीवनकाल के अनुसार प्रश्नांकित पाश्चात्य आलोचकों का सही अनुक्रम इस प्रकार है-विलियम वर्डस्वर्थ (1770-1850 ई.), बेनेदेतो क्रोंचे (1866- 1952 ई.), टी.एस. इलिएट (1888–1965 ई.), आई. ए. रिचर्डस् (1893-1979 ई.).

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 24

द्वैतवाद के प्रणेता हैं-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 24

मध्वाचार्य ने द्वैतवाद (ब्रह्म सम्प्रदाय) का प्रवर्तन किया, जिसके अनुसार जीव ब्रह्म से उत्पन्न है. ब्रह्म स्वतंत्र और जीव परतंत्र है ।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 25

दिनकर की किस कृति का कथानायक कर्ण है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 25

राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर कृत रश्मिरथी सात सर्गों में निबद्ध वीर रस पूर्ण प्रबन्ध काव्य है. इस कृति का नायक ‘कर्ण' है. दिनकरजी ने ‘कर्ण' के माध्यम से जाति व्यवस्था से उत्पन्न अनेक विसंगतियों और सामाजिक विकृतियों को उभारा है. इसमें कर्ण के चरित्र को आधुनिक मानववाद के प्रकाश में उद्घाटित किया गया है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 26

श्रृंगारिकता के प्रति रीतिकालीन कवियों का दृष्टिकोण भोग परक था। यह कथन है -

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 26

प्रस्तुत कथन भागीरथ मिश्र का हैं।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 27

निम्न उपन्यासो को उनके लेखकों के साथ सुमेलित कीजिए।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 27

1. मैला अचिल - फणीश्वर नाम रेणु

2. राण दरबारी - श्रीलाल शुक्ल

3. वे दिन - निर्मल वर्मा

4. मुझे चांद चाहिए - सुरेन्द्र वर्मा

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 28

कौनसी रचना आलोक धन्वा की नहीं है।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 28

जनता का आदमी,उसके बाद भागी हुई लड़कियाँ,दुनियाँ रोज बनती है आदि आलोक धन्वा की रचना है।चक्रव्यूह कुँवर नारायण का पहला कविता संग्रह है

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 29

द्विवेदी युग मे ‘भारतेंदु प्रज्ञेन्दु’ की उपाधि किस कवि को मिली?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 29

द्विवेदी युग मे ‘भारतेंदु प्रज्ञेन्दु’ की उपाधि नाथूराम शर्मा शंकर को मिली |शंकर जी का रचनाकाल भारतेन्दु-युग से लेकर द्विवेदी युग तक प्रसरित है। वे वास्तव में एक प्रकार से संक्रांति युग के कवि थे। उनका रचनाकाल का सबसे अधिक उर्वत समय वह था, जब आर्य समाज एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन जोर पकड़ रहे थे। भारतेंदु-युग की परिणति द्विवेदी युग में हो रही थी। साहित्य के विषय ही नहीं, भाषा भी बदल गयी थी। उस समय पुराने के प्रति मोह भी था, विवेक के आलोक में नये को ग्रहण करने की चेष्टा भी की थी। महाकवि 'शंकर' में ये सभी प्रवृत्तियाँ बद्धमूल थीं।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 30

इंटरनेट पर बातचीत करना संचार का कौन-सा रूप है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 4 - Question 30

जब आपके पास इंटरनेट कनेक्शन है, तो इलेक्ट्रॉनिक संचार का उपयोग करने के कई तरीके हैं। सबसे आम प्रकार इलेक्ट्रॉनिक मेल होगा, जिसे आमतौर पर ईमेल के रूप में संदर्भित किया जाता है, लेकिन इसके अन्य रूप भी हैं, जैसे वीडियो चैट, चर्चा मंच, स्काइप और त्वरित संदेश।

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