निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
बाज ने एक लंबी आह भरी-‘‘ऐसा ही दिखता है कि आखिरी घड़ी आ पहुँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मेरी ख्नज्ज्द्मठ्ठगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगीभर आकाश में उडऩे का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।’
प्रश्न:’बाज ने लंबी आह क्यों भरी?
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
बाज ने एक लंबी आह भरी-‘‘ऐसा ही दिखता है कि आखिरी घड़ी आ पहुँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मेरी ख्नज्ज्द्मठ्ठगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगीभर आकाश में उडऩे का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।
’प्रश्न :ऐसा बाज ने क्यों कहा? जिंदगी भी खूब रही भाई।-
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निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
बाज ने एक लंबी आह भरी-‘‘ऐसा ही दिखता है कि आखिरी घड़ी आ पहुँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मेरी जिंदगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगीभर आकाश में उडऩे का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।
’प्रश्न: बाज के लिए सबसे बड़ा सुख क्या था?
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
बाज ने एक लंबी आह भरी-‘‘ऐसा ही दिखता है कि आखिरी घड़ी आ पहुँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मेरी जिंदगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगीभर आकाश में उडऩे का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।
प्रश्न: बाज, साँप का दुर्भाग्य किसे मानता था?
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बाज ने एक लंबी आह भरी-‘‘ऐसा ही दिखता है कि आखिरी घड़ी आ पहुँची है लेकिन मुझे कोई शिकायत नहीं है। मेरी ख्नज्ज्द्मठ्ठगी भी खूब रही भाई, जी भरकर उसे भोगा है। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे न भोगा हो। दूर-दूर तक उड़ानें भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाइयों को अपने पंखों से नाप आया हूँ। तुम्हारा बड़ा दुर्भाग्य है कि तुम जिंदगीभर आकाश में उडऩे का आनंद कभी नहीं उठा पाओगे।’
प्रश्न: आप अपने जीवन में किसवेफ चरित्रा से सीख लेना चाहेंगे?