FAQs on हिंदी व्याकरण - Hindi Grammar Video Lecture - Class 10
1. क्रिया और क्रिया के भेद क्या हैं? |
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उत्तर: क्रिया वाक्य में किसी काम, स्थिति या घटना को प्रकट करने के लिए प्रयोग होती है। क्रिया के द्वारा किसी काम की प्राप्ति या किसी काम की घटना का वर्णन किया जाता है। क्रिया के दो भेद होते हैं: क्रिया और अकर्मक क्रिया। क्रिया में कर्ता की उपस्थिति होती है जबकि अकर्मक क्रिया में कर्ता की उपस्थिति नहीं होती है।
2. क्रिया के कितने भेद होते हैं? |
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उत्तर: हिंदी व्याकरण में क्रिया के दो भेद होते हैं: सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया। सकर्मक क्रिया में कर्ता की उपस्थिति होती है और इसमें कर्म का प्रकटन होता है। उदाहरण के लिए: राम ने किताब पढ़ी। अकर्मक क्रिया में कर्ता की उपस्थिति नहीं होती है। उदाहरण के लिए: राम पढ़ता है।
3. क्रिया के कितने मुख्य भेद होते हैं? |
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उत्तर: हिंदी व्याकरण में क्रिया के तीन मुख्य भेद होते हैं: कर्मधारय संयुक्त क्रिया, द्विगु संयुक्त क्रिया और अव्ययीभाव संयुक्त क्रिया। कर्मधारय संयुक्त क्रिया में क्रिया के बाद कर्म होता है, उदाहरण के लिए: राम बाजार जाता है। द्विगु संयुक्त क्रिया में क्रिया के बाद द्विगु होता है, उदाहरण के लिए: राम आत्मा तक सोचता है। अव्ययीभाव संयुक्त क्रिया में क्रिया के बाद अव्ययीभाव होता है, उदाहरण के लिए: राम शांति से सोता है।
4. संज्ञा क्या होती है? |
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उत्तर: संज्ञा वाक्य में जिस व्यक्ति, वस्तु, स्थान, जाति, भाव, गुण, क्रिया या अवस्था का नाम बताने के लिए प्रयोग होती है। संज्ञा के द्वारा किसी वस्तु की पहचान, वर्णन या उसकी संख्या का बोध होता है। संज्ञा के दो भेद होते हैं: सामान्य संज्ञा और विशेषण संज्ञा। सामान्य संज्ञा किसी जाति, व्यक्ति, वस्तु, स्थान, क्रिया आदि का नाम बताती है। उदाहरण के लिए: पेड़, गाय, बच्चा। विशेषण संज्ञा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, क्रिया आदि की विशेषता बताती है। उदाहरण के लिए: सफेद घोड़ा, ऊँचा पेड़, गोल गेंद।
5. सर्वनाम क्या होता है? |
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उत्तर: सर्वनाम वाक्य में व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव या जाति की जगह संज्ञा की तरह प्रयोग होने वाले शब्द होते हैं। सर्वनाम के द्वारा व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव या जाति की पुनर्निर्देशना की जाती है। सर्वनाम के दो भेद होते हैं: स्वार्थी सर्वनाम और परस्परी सर्वनाम। स्वार्थी सर्वनाम व्यक्ति के स्थान पर प्रयोग होते हैं, उदाहरण के लिए: मैं, तुम, हम। परस्परी सर्वनाम व्यक्ति के साथ व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव या जाति की पुनर्निर्देशना की जाती है, उदाहरण के लिए: