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हिमालय का प्रादेशिक विभाजन Video Lecture | भूगोल (Geography) for UPSC CSE in Hindi

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FAQs on हिमालय का प्रादेशिक विभाजन Video Lecture - भूगोल (Geography) for UPSC CSE in Hindi

1. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन क्या है?
Ans. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन विभिन्न भौगोलिक, जीवविज्ञानिक, और सांस्कृतिक प्रदेशों में होता है। इसका मतलब है कि हिमालय की विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षेत्रीय चरित्र होता है, जैसे कि पूर्वी हिमालय, पश्चिमी हिमालय, उत्तरी हिमालय, दक्षिणी हिमालय आदि। यह विभाजन भौगोलिक और जीवविज्ञानिक प्रक्रियाओं के कारण होता है जो विभिन्न भूभागों के बीच अंतर को बनाते हैं।
2. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन किन-किन कारणों से होता है?
Ans. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन कई कारणों से होता है। ये कारण भूगर्भिक और मौसमिक हो सकते हैं। भूगर्भिक कारण में भूकंप, ज्वालामुखी, भूभूकंपीय गतिविधियाँ, और खाड़ियों के निर्माण के कारण विभाजन के बीच अंतर उत्पन्न होता है। मौसमिक कारणों में वर्षा, हिमपात, ग्लेशियर, नदी और जलमग्न आदि शामिल हो सकते हैं जो विभाजन के बीच अनुभव किए जाते हैं।
3. पूर्वी हिमालय क्षेत्र की विशेषताएँ क्या हैं?
Ans. पूर्वी हिमालय क्षेत्र की कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: - इस क्षेत्र में सबसे ऊँचा पहाड़ पश्चिम बंगाल में स्थित कंचनजंघा है, जिसकी ऊँचाई 8,586 मीटर है। - इस क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा नदी सिंधु नदी है जो तिब्बत से यहाँ बहती है। - पूर्वी हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर, झीलें, और जंगलों की भी अधिकता होती है। - इस क्षेत्र में कई प्राकृतिक पार्क और वन्यजीव अभ्यारण्य स्थापित हैं जो वन्यजीवों की संरक्षण करते हैं।
4. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन कितने भौगोलिक प्रदेशों में होता है?
Ans. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन विभिन्न भौगोलिक प्रदेशों में होता है। इसे चार प्रमुख भौगोलिक प्रदेशों में विभाजित किया जा सकता है: पूर्वी हिमालय, पश्चिमी हिमालय, उत्तरी हिमालय, और दक्षिणी हिमालय। इन प्रदेशों में स्थित भौगोलिक और जीवविज्ञानिक विशेषताएँ उन्नत और अलग-अलग होती हैं।
5. हिमालय के प्रादेशिक विभाजन का महत्व क्या है?
Ans. हिमालय का प्रादेशिक विभाजन महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके माध्यम से हम प्राकृतिक प्रदेशों की समझ, अध्ययन और प्रबंधन कर सकते हैं। यह हमें भौगोलिक और जीवविज्ञानिक विशेषताओं के बारे में जानकारी प्रदान करता है और हमें विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में स्थित जीवजंतुओं, पौधों, जलस्रोतों, और अन्य प्राकृतिक संपदाओं के बारे में बेहतर समझने में मदद करता है।
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