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भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (1773-1857) Video Lecture | भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) for UPSC CSE in Hindi

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FAQs on भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (1773-1857) Video Lecture - भारतीय राजव्यवस्था (Indian Polity) for UPSC CSE in Hindi

1. भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
उत्तर: भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (1773-1857) भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अवधि है जब भारतीयों का साम्राज्यवादी आंदोलन और दिल्ली सल्तनत के अधीनस्थ शासन के खिलाफ विरोध गतिविधियों ने महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया। इस अवधि में कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं जैसे कि बंगाल प्रेस अधिनियम, सिपाही मुतिन्यू और 1857 की क्रांति।
2. 1773 और 1857 के बीच क्या महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं?
उत्तर: 1773 और 1857 के बीच भारतीय राजनीति में कई महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं जैसे कि बंगाल प्रेस अधिनियम का प्रारंभ, जिसके अंतर्गत अंग्रेज़ों ने भारतीय पत्रकारों की प्रकाशन स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया। इसके अलावा, 1857 की क्रांति भी इस अवधि की महत्वपूर्ण घटना थी, जिसमें सिपाही मुतिन्यू ने अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह किया।
3. भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में दिल्ली सल्तनत का क्या योगदान था?
उत्तर: दिल्ली सल्तनत भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण योगदान रखती है। यह अवधि मुग़ल साम्राज्य के पूर्व और बाद के शासनकाल में आती है, जब दिल्ली सल्तनत ने भारत को विभाजित किया और अपने शासनकाल में नए शासन प्रणाली को स्थापित किया। इसके अलावा, दिल्ली सल्तनत से प्रभावित होकर बंगाल, गुजरात और दक्षिण भारतीय राज्यों का नेतृत्व भी बदल गया।
4. भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में क्रांतिकारी गतिविधियों का क्या महत्व था?
उत्तर: भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में क्रांतिकारी गतिविधियाँ महत्वपूर्ण थीं क्योंकि इनके माध्यम से भारतीय लोगों ने अपनी स्वतंत्रता और आज़ादी की लड़ाई को जोड़ा। सिपाही मुतिन्यू, जो 1857 में हुआ, भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण आंदोलन था जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की।
5. बंगाल प्रेस अधिनियम क्या था और इसका क्या महत्व है?
उत्तर: बंगाल प्रेस अधिनियम एक अवधि का अंग्रेज़ी कानून था जिसके अंतर्गत अंग्रेज़ों ने भारतीय पत्रकारों की प्रकाशन स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया। इस अधिनियम के माध्यम से अंग्रेज़ सरकार ने भारतीय मीडिया पर नियंत्रण बढ़ाया और स्वतंत्रता को दबाया। यह अधिनियम भारतीय राजनीति की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में एक महत्वपूर्ण घटना है जो इस अवधि के दौरान हुई।
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