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मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए, नए लेखा मानक 2015 Video Lecture | Famous Books for UPSC CSE (Summary & Tests) in Hindi

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FAQs on मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए, नए लेखा मानक 2015 Video Lecture - Famous Books for UPSC CSE (Summary & Tests) in Hindi

1. मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए क्या होता है?
उत्तर: जीवीए (जीवीएन ईफेक्ट) का मतलब होता है "मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीएन ईफेक्ट"। इसका अर्थ होता है कि जब मूल कीमतों या कारक लागत में कोई परिवर्तन होता है, तो उसका प्रभाव उत्पादों और सेवाओं की कीमतों पर होता है। यह अर्थात्मक रूप से दर्शाता है कि किसी उत्पाद या सेवा की मूल कीमत कैसे बदलती है जब कारक लागत में परिवर्तन होता है।
2. मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए का महत्वपूर्ण कारण होता है कि यह व्यापारिक निर्णयों पर गहरा प्रभाव डालता है। जब किसी उत्पाद या सेवा की मूल कीमत बदलती है, तो उसकी बिक्री में परिवर्तन होता है और उत्पादों और सेवाओं की मांग पर असर पड़ता है। यह व्यापारियों को उत्पादन, मूल्य निर्धारण और बिक्री की रणनीतियों का विचार करने में मदद करता है।
3. मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए की गणना कैसे की जाती है?
उत्तर: मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए की गणना उत्पादों और सेवाओं की बिक्री पर आधारित होती है। इसके लिए, पहले उत्पाद या सेवा की मूल कीमत और कारक लागत को निर्धारित किया जाता है। फिर, जब कारक लागत में परिवर्तन होता है, तो उसका प्रभाव उत्पादों और सेवाओं की कीमतों पर गणना की जाती है। इस रूप में, मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए की गणना की जाती है।
4. मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए कैसे बदलता है?
उत्तर: मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए उत्पादों और सेवाओं की मूल्य निर्धारण पर प्रभाव डालता है। जब कारक लागत में परिवर्तन होता है, तो उत्पादों और सेवाओं की मूल कीमत बदलती है। इसका परिणामस्वरूप, उत्पादों और सेवाओं की बिक्री में परिवर्तन होता है और उत्पादों और सेवाओं की मांग पर असर पड़ता है। जीवीए उदाहरण के रूप में, अगर कोई सामग्री की आपूर्ति कम होती है, तो उसकी मूल कीमत बढ़ती है और उसकी बिक्री में भी बदलाव होता है।
5. मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए कैसे अध्ययन किया जा सकता है?
उत्तर: मूल कीमतों/कारक लागत पर जीवीए का अध्ययन करने के लिए, व्यापारिक और अर्थशास्त्रीय आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। इसमें व्यापारिक डेटा, बाजार की स्थिति, उत्पाद की बिक्री, मांग, विपणन रणनीति, आपूर्ति और व्यापारियों के निर्णयों की विश्लेषण शामिल होता है। इसके अलावा, अर्थशास्त्रीय मॉडल और उपन्यास के आधार पर भी मूल कीमतों/कारक लागत
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