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प्रागैतिहासिक काल और प्राचीन इतिहास के स्रोत Video Lecture | इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

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FAQs on प्रागैतिहासिक काल और प्राचीन इतिहास के स्रोत Video Lecture - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi

1. प्रागैतिहासिक काल क्या होता है?
उत्तर: प्रागैतिहासिक काल एक ऐसा काल होता है जो लिखित इतिहास से पहले का होता है। इस काल में मनुष्य लिखित प्रमाण नहीं छोड़ता था लेकिन इस पर्यावरण, खंडहर, उपकरणों और संकेतों के आधार पर उनका अध्ययन किया जा सकता है। यह काल प्राचीन इतिहास की शुरुआती अवधि होती है।
2. प्राचीन इतिहास के स्रोत क्या हैं?
उत्तर: प्राचीन इतिहास के स्रोत विभिन्न हो सकते हैं। कुछ मुख्य स्रोतों में शास्त्रीय ग्रंथ, यात्राओं के विवरण, राजनीतिक और सामाजिक नगरों के खंडहर, सिक्के, लेख, विज्ञान, कला और संस्कृति के आधार पर बनी वस्तुएं शामिल हो सकती हैं। इन स्रोतों का अध्ययन करके हम प्राचीन इतिहास के बारे में ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
3. प्रागैतिहासिक काल में कौन-कौन से संकेत मिलते हैं?
उत्तर: प्रागैतिहासिक काल में हमें कई संकेत मिलते हैं जो हमें उस समय के मनुष्यों के जीवन के बारे में बताते हैं। इन संकेतों में अवशेष, खंडहर, उपकरण, रंग, चित्रकारी, औषधीय पौधे, संगठन और संस्कृति के प्रतीक शामिल हो सकते हैं। ये संकेत हमें प्राचीन मानव सभ्यता के विकास और जीवन की विविधता के बारे में बताते हैं।
4. प्राचीन इतिहास के स्रोतों का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: प्राचीन इतिहास के स्रोतों का अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे हमें प्राचीन सभ्यताओं के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। यह हमें उनके जीवन, राजनीति, सामाजिक व्यवस्था, धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं के बारे में समझने में मदद करता है। इसके अलावा, इससे हमें अपनी भूमि के इतिहास और उनकी प्रभावशाली योगदान को समझने में भी सहायता मिलती है।
5. प्रागैतिहासिक काल और प्राचीन इतिहास में क्या अंतर है?
उत्तर: प्रागैतिहासिक काल और प्राचीन इतिहास दो अलग-अलग अवधियां हैं। प्रागैतिहासिक काल लिखित इतिहास से पहले की अवधि होती है, जबकि प्राचीन इतिहास लिखित इतिहास की शुरुआती अवधि होती है। प्रागैतिहासिक काल में मनुष्य लिखित प्रमाण नहीं छोड़ता था लेकिन उसके जीवन के बारे में हमें अवशेष, खंडहर, उपकरणों और संकेतों के आधार पर ज्ञान प्राप्त होता है। प्राचीन इतिहास में हमें लिखित और अर्थशास्त्रीय स्रोतों का अध्ययन करना पड़ता है जो हमें उन समय के व्यापार, संघर्षों, राजनीति और समाज के बारे में बताते हैं।
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