UPSC Exam  >  UPSC Videos  >  UPSC Audio Notes  >  Audio Notes: भारतीय वास्तुकला

Audio Notes: भारतीय वास्तुकला Video Lecture | UPSC Audio Notes

44 videos

FAQs on Audio Notes: भारतीय वास्तुकला Video Lecture - UPSC Audio Notes

1. भारतीय वास्तुकला की प्रमुख शैलियाँ कौन-कौन सी हैं ?
Ans. भारतीय वास्तुकला की प्रमुख शैलियाँ मुख्यत: चार प्रकार की हैं: हिंदू वास्तुकला, इस्लामी वास्तुकला, औपनिवेशिक वास्तुकला और आधुनिक वास्तुकला। हिंदू वास्तुकला में मंदिरों की विशेषताएँ शामिल हैं, जैसे कि शिखर और मंडप। इस्लामी वास्तुकला में मस्जिदें और मकबरे होते हैं, जिनमें गुंबद और मेहराब की विशेषताएँ होती हैं। औपनिवेशिक वास्तुकला में ब्रिटिश राज के दौरान निर्मित भवन शामिल हैं, जैसे कि विक्टोरिया टर्मिनस। आधुनिक वास्तुकला में नवीनतम तकनीक और डिज़ाइन का उपयोग किया जाता है।
2. भारतीय वास्तुकला में मंदिरों के लिए प्रमुख तत्व क्या हैं ?
Ans. भारतीय मंदिर वास्तुकला में कुछ प्रमुख तत्व होते हैं, जैसे कि गर्भगृह (मुख्य पूजा कक्ष), मंडप (सभा कक्ष), शिखर (मंदिर की ऊँचाई) और प्रवेश द्वार (गेट)। मंदिरों में अक्सर देवताओं की मूर्तियाँ होती हैं, और उनके चारों ओर जटिल नक्काशी और चित्रण होते हैं। इसके अतिरिक्त, मंदिरों के निर्माण में वास्तु शास्त्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है, जो दिशा और स्थान की महत्ता को दर्शाता है।
3. भारतीय वास्तुकला का ऐतिहासिक विकास कैसे हुआ ?
Ans. भारतीय वास्तुकला का विकास विभिन्न कालखंडों में हुआ। प्रारंभ में, बौद्ध वास्तुकला ने स्तूपों और वiharas के माध्यम से अपनी पहचान बनाई। इसके बाद, गुप्त काल (लगभग 320-550) में मंदिर निर्माण की नई शैलियाँ विकसित हुईं। मध्यकाल में, राजपूत और चोल राजाओं ने भव्य मंदिरों का निर्माण किया। इस्लामी वास्तुकला ने ताजमहल जैसे अद्वितीय स्मारकों के निर्माण के साथ एक नया मोड़ लिया। औपनिवेशिक काल में, ब्रिटिश वास्तुकला ने भारतीय स्थापत्य पर प्रभाव डाला।
4. ताजमहल की वास्तुकला की विशेषताएँ क्या हैं ?
Ans. ताजमहल एक उत्कृष्ट उदाहरण है मुग़ल वास्तुकला का, जिसमें सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ हैं: केंद्रीय गुंबद, चारों ओर के छोटे गुंबद, और बगीचों का सुगठित डिज़ाइन। ताजमहल में संगमरमर की जटिल नक्काशी, इनक्रस्टेशन, और जल की विशेषता भी है, जो इसे एक अद्वितीय और आकर्षक स्मारक बनाती है। यह प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है।
5. भारतीय वास्तुकला में तत्वों का समावेश कैसे किया गया है ?
Ans. भारतीय वास्तुकला में विभिन्न तत्वों का समावेश सांस्कृतिक, धार्मिक और भौगोलिक कारकों के आधार पर किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय सामग्रियों और तकनीकों का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए, दक्षिण भारत में चोल और पल्लव वास्तुकला में पत्थर की नक्काशी होती है, जबकि उत्तर भारत में मिट्टी और ईंटों का अधिक उपयोग होता है। धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं ने भी वास्तुकला के डिज़ाइन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे कि हिंदू और इस्लामी प्रतीकों का समावेश।
Related Searches

Viva Questions

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Important questions

,

Sample Paper

,

Semester Notes

,

study material

,

shortcuts and tricks

,

Audio Notes: भारतीय वास्तुकला Video Lecture | UPSC Audio Notes

,

mock tests for examination

,

video lectures

,

past year papers

,

ppt

,

pdf

,

Audio Notes: भारतीय वास्तुकला Video Lecture | UPSC Audio Notes

,

practice quizzes

,

MCQs

,

Objective type Questions

,

Exam

,

Free

,

Extra Questions

,

Summary

,

Audio Notes: भारतीय वास्तुकला Video Lecture | UPSC Audio Notes

;