All questions of Design of Machine Elements for Mechanical Engineering Exam

निम्नलिखित में से कौन सी समलम्बाकार चूड़ी होती है?
  • a)
    एक्मे
  • b)
    वर्गाकार
  • c)
    बटरेस
  • d)
    सभी विकल्प सही हैं
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Lavanya Menon answered
समलम्बाकार चूड़ी प्रारूप वे चूड़ी हैं जिनकी बाह्य रेखा समलम्बाकार होती है। यह अग्रगामी चूड़ी (शक्ति चूड़ी) के रूप में प्रयुक्त सबसे सामान्य प्रकार की चूड़ी होती हैं। यह उच्च मजबूती देते हैं और इनका निर्माण आसान होता है। ये विशेषकर उच्च भार में प्रयुक्त होती हैं| एक्मे चूड़ी समलम्बाकार चूड़ी होती है।

स्क्रू चूड़ी का शीर्ष व्यास किसके समान होता है?
  • a)
    वृहद् व्यास
  • b)
    निम्न व्यास
  • c)
    पिच व्यास
  • d)
    कोर व्यास
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Sanvi Kapoor answered
स्क्रू चूड़ी विशिष्ट अनुप्रस्थ काट के सर्पिल खांचे होते हैं जिन्हें बाह्य या आंतरिक भाग में बनाया जाता है। बेलन में बनाई गई स्क्रू चूड़ी सीधी या समानांतर स्क्रू चूड़ी कहलाती है जबकि, शंकु या छिन्नक पर बनाई गई स्क्रू चूड़ी तिर्यक स्क्रू चूड़ी कहलाती है।
क्रेस्ट: पेंच का सबसे ऊँचा भाग जो की दो किनारों को जोड़ता है।
रूट: दो फ्लेंक के बीच खांचे का सबसे निचले भाग को रूट कहते हैं।
पिच: अक्ष के समानांतर और समान अक्षीय तल में और अक्ष के समान ओर एक चूड़ी के एक बिंदु और अगली चूड़ी के समान बिंदु तक की दुरी पिच कहलाती है।
वृहद् व्यास: यह चूड़ी का एक काल्पनिक अधिकतम व्यास होता है जो कि बाह्य या आंतरिक चूड़ी के शीर्ष को छूते हुए निकलता है। इसे शीर्ष व्यास भी कहते हैं।
निम्न व्यास: यह चूड़ी का एक काल्पनिक न्यूनतम व्यास होता है जो कि बाह्य चूड़ी के रूट को छूते हुए निकलता है।
पिच व्यास: यह स्क्रू चूड़ी के वृहद् और निम्न व्यास के मध्य का एक काल्पनिक व्यास है।

निम्न में से कौनसा एक अवशोषक प्रकार का डायनेमोमीटर है?
  • a)
    प्रोनी ब्रेक डायनेमोमीटर
  • b)
    एपीसाइक्लिक-ट्रेन डायनेमोमीटर
  • c)
    टॉर्शन डायनेमोमीटर
  • d)
    उल्लिखित में से कोई भी नहीं
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Avinash Sharma answered
डायनेमोमीटर एक यंत्र है जो चलित यंत्र को संचालित करने के लिए आवश्यक बलाघूर्ण और ब्रेक शक्ति का मापन करता है। यह घर्षण प्रतिरोध मापने का यंत्र है।
इंजन की ब्रेक शक्ति मापने के लिए निम्न दो प्रकार के डायनेमोमीटर उपलब्ध हैं:
1. अवशोषक डायनेमोमीटर: इंजन द्वारा उत्पादित सम्पूर्ण ऊर्जा या शक्ति ब्रेक के घर्षण प्रतिरोध द्वारा अवशोषित होती है, और मापन की प्रक्रिया के दौरान यह उष्मा में परिवर्तित हो जाती है।
उदाहरण: प्रोनी ब्रेक डायनेमोमीटर, रोप ब्रेक डायनेमोमीटर, हाइड्रोलिक डायनेमोमीटर
2. प्रेषण डायनेमोमीटर: ऊर्जा को घर्षण में व्यर्थ नहीं जाने दिया जाता है पर कार्य करने के लिए प्रयुक्त कर लिया जाता है। इंजन के द्वारा पैदा की गयी ऊर्जा डायनेमोमीटर से होकर किसी अन्य यंत्र में स्थानांतरित की जाती है जहाँ उत्पादित शक्ति समुचित तरीके से मापित की जा सकती है।
उदाहरण: एपीसाइक्लिक ट्रेन डायनेमोमीटर, पट्ट स्थानान्तरण डायनेमोमीटर, टॉर्शन  डायनेमोमीटर।

बॉल बियरिंग प्रकार के स्क्रू किस अनुप्रयोग में पाए जाते हैं?
  • a)
    स्क्रू जैक
  • b)
    हवाई जहाज के इंजन में
  • c)
    क्रेन
  • d)
    स्टीयरिंग तंत्र में
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Sarita Yadav answered
बॉल स्क्रू को बॉल बियरिंग स्क्रू या पुनः परिचालित बॉल स्क्रू भी कहा जाता है। यह यांत्रिक रेखीय प्रवर्तक होता है जो घूर्णी गति को रेखीय गति में कुछ घर्षण के साथ बदल देता है। इसमें एक स्क्रू स्पिंडल, एक नट, बॉल और एकीकृत बॉल वापसी तंत्र होता है।
बॉल स्क्रू, हवाई जहाज और मिसाइलों में नियंत्रित सतह को गति करवाने के लिए प्रयुक्त होता है और स्वचालित वाहनों में स्टीयरिंग तंत्र में विद्युत् मोटर से प्राप्त घूर्णी गति को स्टीयरिंग रैक की रेखीय गति में परिवर्तित करने में प्रयुक्त होता है। यह यांत्रिक उपकरणों, रोबोट और परिशुद्धता असेम्बली उपकरणों में भी प्रयुक्त होते हैं।

रिवेट नाममात्र पिच किसके बराबर होती है?
  • a)
    =2d
  • b)
    =5d
  • c)
    =4d
  • d)
    =3d
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Avinash Sharma answered
बल के अनुप्रयोग की दिशा में रिवेट की दो समानांतर पंक्तियों के बीच की दुरी को पिच कहा जाता है। न्यूनतम पिच कुल व्यास के 2.5 गुना होती है।
न्यूनतम पिच, रिवेट के नाममात्र व्यास के 2.5 गुना से कम नहीं होनी चाहिए।
मुख्य नियम के अनुसार, रिवेट के नाममात्र व्यास के 3 गुना मान के बराबर के पिच को अपनाया जाता है।
अधिकतम पिच बाह्य पतले पट्ट की चौड़ाई के 32 गुना या 300 मिमी, जो भी मान न्यून है, से अधिक नहीं होनी चाहिए।

खंडयुक्त अनुप्रस्थ काट वाली बेलनाकार चकती से बनी कुंजी किस नाम से जानी जाती है?
  • a)
    वुडरफ की
  • b)
    फेदर की
  • c)
    फ्लैट सैडल की
  • d)
    गिब हेड की
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Neha Joshi answered
वुडरफ की एक आसानी से समायोज्य कुंजी है। यह बेलनाकार चकती का एक भाग होता है जिसका अनुप्रस्थ काट खंडयुक्त होता है। यह कुंजी अधिकतर यांत्रिक उपकरणों और स्वचालित निर्माण कार्य में प्रयुक्त होती है।
जोड़ी के एक अवयव से जुड़ी हुई कुंजी जो कि सापेक्ष अक्षीय गति प्रदान करती है, उसे "फेदर की" कहा जाता है। यह एक विशेष प्रकार की समानांतर की है जो कि मोड़ आघूर्ण को संचारित करती है और अक्षीय गति भी प्रदान करती है।
फ्लैट सैडल की एक तिर्यक कुंजी होती है जो कि हब में स्थित की-वे में फिट होती है और शाफ्ट में सपाट होती है। एक होलो सैडल की एक तिर्यक कुंजी है जो हब में एक की-वे में फिट होती है और कुंजी के नीचे का हिस्सा शाफ़्ट की वक्र सतह में फिट होने के लिए आकारित किया जाता है।
गिब हेड की एक आयताकार की होती है जिसका एक शीर्ष गिब शीर्ष कहलाता है। यह सामान्यतः गिब को निकालने के लिए उपलब्ध कराया जाता है।

एक्मे चूड़ी में समाविष्ट कोण का मान क्या होता है?
  • a)
    60°
  • b)
    55°
  • c)
    29°
  • d)
    इनमें से कोई नहीं
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Neha Joshi answered
एक्मे चूड़ी के लिए
चूड़ी की ऊंचाई = 1/2 पिच
चूड़ी कोण या समाविष्ट कोण = 290
यह सामान्यतः चूड़ी-कटाव खराद में प्रयुक्त होते हैं।

निम्नलिखित में से कौनसी की भार के अंतर्गत अपरूपण की जगह संपीडन में होती है?
  • a)
    सैडल
  • b)
    बार्थ
  • c)
    फेदर
  • d)
    केनेडी
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

Shruti Bose answered
की एक यांत्रिक सदस्य होती है जो कि दो वृत्तीय अनुप्रस्थ काट के मेल और फीमेल सदस्यों के मिलने वाले जोड़े के अन्तरापृष्ठ पर इनकी सापेक्ष कोणीय गति को रोकने के लिए लगाई जाती है। की जुड़ने वाले भागों में बने की-वे में फिट हो जाती है और की में अपरूपण के द्वारा बलाघूर्ण को स्थानांतरित करती है।
बार्थ की, आयताकार की का संशोधन है जिसमें दो असमकोणित सतहें होती हैं। असमकोणित सतहें यह सुनिश्चित करती हैं कि, की ठीक प्रकार फिट होगी। यह की सामान्यतः अपरूपण की जगह संपीडन में होती है।

एकसमान लम्बाई के बोल्ट में क्या होता है?
  • a)
    नट के नीचे कई मुक्त चूड़ीयां होती हैं
  • b)
    चूड़ी का रन आउट कोण 15 डिग्री से ज्यादा नहीं होता है
  • c)
    शैंक का व्यास चूड़ी के मूल वृत्त के व्यास के बराबर हो जाता है
  • d)
    शैंक में चूड़ी के ठीक नीचे गोलीय परिधीय खांचे होते हैं
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Debolina Menon answered
सामान्य परिस्थिति जहाँ, बोल्ट में झटके या संघात भार आरोपित होता है, बोल्ट के चूड़ी किए हुए हिस्से में शैंक की तुलना में अधिक तनाव होता है। इसलिए ऊर्जा का एक बड़ा भाग चूड़ी किए हुए हिस्से में अवशोषित हो जाता है जो कि चूड़ी किए हुए हिस्से को इसकी छोटी लम्बाई के कारण तोड़ सकता है।
यदि बोल्ट के शैंक को मूल व्यास के बरावर या उससे थोडा कम कर दिया जाये तो इस पर तनाव बहुत अधिक हो जाएगा। अर्थात शैंक ऊर्जा का एक बड़ा भाग अवशोषित कर लेता है इस प्रकार चूड़ी के पास के भाग पर पदार्थ को मुक्त कर देता है। इस प्रकार बोल्ट मजबूत और हल्का हो जाता है और तन्यता गुणांक बढ़ने से यह इसकी अवशोषण क्षमता को बढ़ा देता है। यह हमें एकसमान मजबूती का बोल्ट देता है।
घटे हुए शेंक व्यास के साथ एक समान मजबूती का बोल्ट
एक समान मजबूती के बोल्ट को प्राप्त करने का अन्य तरीका यह है कि शीर्ष से चूड़ी क्षेत्र तक एक अक्षीय छिद्र इस प्रकार बनाया जाए कि शैंक का क्षेत्र चूड़ी के मूल क्षेत्र के बराबर हो जाए।
 
वेधित छिद्र के साथ एक समान मजबूती का बोल्ट

एक लीड पेंच जिसके आधे नट खराद में हैं, और जो दोनों दिशाओं में घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है, उस में निम्न में से क्या होता है?
  • a)
    वि - चूड़ी
  • b)
    व्हिटवर्थ चूड़ी
  • c)
    बट्रेस चूड़ी
  • d)
    एक्मे चूड़ी
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

लीड पेंच एक बड़ा पेंच होता है जिस में प्रति इंच कुछ चूड़ीयाँ होती हैं और इसे चूड़ी काटने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें आधे नट की आसान नियुक्ति और रिहाई के लिए 29o के कोण के साथ एक्मे चूड़ीयाँ होती हैं।

निम्न में से कौन सा क्लच धनात्मक क्लच है?
  • a)
    अपकेंद्री क्लच
  • b)
    डॉग क्लच
  • c)
    एकल पट्ट क्लच
  • d)
    शंकु क्लच
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

जब धनात्मक चालन आवश्यक होता है तो धनात्मक क्लच प्रयुक्त होते हैं। सबसे सामान्य प्रकार के धनात्मक क्लच एक जॉ क्लच या क्लॉ क्लच होता है।
घर्षण क्लच: एक चलित शाफ़्ट को विराम अवस्था से चालू करने के लिए एक घर्षण बल का उपयोग किया जाता है और यह बल घर्षण सतहों के अत्यधिक फिसलन के बिना इसे क्रमशः उचित गति तक लाता है। उदाहरणार्थ: चकती या पट्ट क्लच, शंकु क्लच, अपकेंद्री क्लच।

पाइप पर चूड़ीकार्य करते समय कटाव तेल का मुख्य कार्य क्या होता है?
  • a)
    यह शीतलता प्रदान करता है
  • b)
    यह डाई को स्नेहन प्रदान करता है
  • c)
    यह छीलन हटता है
  • d)
    सभी विकल्प सही हैं
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Asha Basu answered
मशीनिंग में कटाव घोल के प्राथमिक कार्य निम्न रूप से हैं:
  • मुख्य रूप से कम कटाव गति पर कटाव प्रक्रिया को स्नेहन प्रदान करना
  • मुख्य रूप से तीव्र कटाव गति पर कार्यवस्तु को शीतलता प्रदान करना
  • कटाव के कार्यक्षेत्र से छीलन हटाना
  • संक्षारण के खिलाफ मशीन उपकरण और कार्यक्षेत्र को संरक्षण प्रदान करना

दो शॉफ्ट की धुरी एक सीधी रेखा में नहीं हैं और सामानांतर भी नहीं हैं, बल्कि एक दुसरे को प्रतिच्छेद कर रही हैं। इस प्रकार के शॉफ्ट के लिए इनमें से कौन सा युग्मन इस्तेमाल किया जा सकता है?
  • a)
    लचीला युग्मक
  • b)
    युनिवर्सल युग्मक
  • c)
    ओल्डम युग्मक
  • d)
    सख्त युग्मक
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

Mansi Kulkarni answered
लचीले युग्मक आमतौर पर बलाघूर्ण को एक शॉफ्ट से दुसरे शॉफ्ट में प्रेषित करने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं जब दो शॉफ्ट पूरी तरीके से संरेखित नहीं होते हैं। ये 3° तक के विभिन्न डिग्रियों के गैर-संरेखण एवं कुछ सामानांतर गैर-संरेखण को समायोजित कर सकते हैं।
युनिवर्सल युग्मक एक सख्त युग्मक है जो दो शॉफ्टों को जोड़ता है, जिसकी धुरी विस्तारित होने पर प्रतिच्छेद करती हैं।
ओल्डम युग्मक दो समांतर शॉफ्टों को जोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसकी धुरी थोड़े अंतर पर होती हैं।

बी.एस.डब्ल्यू. चूड़ी का चूड़ी कोण डिग्री में क्या होगा?
  • a)
    55
  • b)
    60
  • c)
    47.5
  • d)
    29
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Suyash Patel answered
ब्रिटिश मानक व्हिटवर्थ (बी.एस.डब्ल्यू.) चूड़ी प्रकार की मुख्य विशेषता यह है कि, चूड़ी के फ्लेंक के मध्य कोण 55 डिग्री होता है और चूड़ी के शीर्ष और गर्त दोनों भाग त्रिज्यीय होते हैं।

वह की जिसके निचले भाग को शाफ्ट से मैच करवाने के लिए वक्रीय किया जाता है, किस नाम से जानी जाती है?
  • a)
    संक-की
  • b)
    फेदर-की
  • c)
    सपाट सैडल की
  • d)
    खोखली सैडल की
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Arnav Menon answered
संक की का आधा भाग शाफ्ट के की-वे में जाता है और आधा भाग पुली के बॉस या हब के की-वे में जाता है।
जोड़ी के एक सदस्य से जुड़ने वाली और सापेक्ष अक्षीय गति की अनुमति देने वाली "की" फेदर की कहलाती है। यह एक विशेष प्रकार की समानांतर की होती है जो कि मोड़ आघूर्ण को स्थानांतरित करती है और अक्षीय गति को अनुमति देती है।
सपाट सैडल की एक तिर्यक की होती है जो कि हब के की-वे में फिट होती है और शाफ्ट पर सपाट होती है। भार के अंतर्गत इसकी शाफ्ट से फिसलने की प्रवृत्ति होती है। इसलिए इसे अपेक्षाकृत हल्के भार के लिए प्रयुक्त किया जाता है। 
खोखली सैडल की एक तिर्यक की होती है जो कि हब के की-वे में फिट होती है और  की का निचला भाग शाफ्ट पर ठीक प्रकार से बैठाने के लिए वक्रीय किया जाता है। चूँकि, खोखली सैडल की घर्षण के द्वारा रूकती है, इसलिए ये हल्के भार के लिए उपयुक्त होती है। इसे सामान्यतः उत्केंद्रित, कैम इत्यादि के अस्थायी जोड़ के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

वह तनाव जो कि धातु पर बिना भंग के अनिश्चित काल के लिए आरोपित किया जा सकता है, क्या कहलाता है?
  • a)
    सहनशीलता सीमा
  • b)
    सुरक्षित तनाव
  • c)
    नम्य बिंदु
  • d)
    अधिकतम तनाव
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

सहनशीलता सीमा (Se), श्रम सीमा के नाम से भी जानी जाती है। इस तनाव सीमा के नीचे कार्यवस्तु पर चक्रीय तनाव को बिना किसी असफलता के अनिश्चित काल के लिए आरोपित किया जा सकता है।

हुक संयोजन किसे जोड़ने के लिए प्रयुक्त किया जाता है?
  • a)
    दो समानांतर शाफ़्ट को
  • b)
    दो प्रतिच्छेदी शाफ़्ट को
  • c)
    दो असमानंतर प्रतिच्छेदी शाफ्ट को
  • d)
    दो असमानांतर, अप्रतिच्छेदी शाफ्ट को
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Suyash Kumar answered
हुक संयोजन सामान्यतः युनिवर्सल जोड़ के नाम से जाना जाता है, जिसे दो असमानंतर प्रतिच्छेदी शाफ्ट को जोड़ने हेतु प्रयुक्त किया जाता है। इसे कोणीय रूप से असंरेखित शाफ़्ट के साथ भी प्रयुक्त किया जाता है। इसका एक सामान्य अनुप्रयोग स्वचालित वाहनों में देखा जाता है, जहाँ इसे इंजन के गियर बॉक्स से पार्श्व एक्सल तक शक्ति स्थानान्तरण के लिए प्रयुक्त किया जाता है।

एक पंक्ति में रखे दो क्रमागत रिवेटों के केंद्र से केंद्र तक की दुरी क्या कहलाती है?
  • a)
    पिच
  • b)
    बैकलैश
  • c)
    मार्जिन
  • d)
    केन्द्रीय दुरी
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Stuti Mishra answered
पिच: यह एक पंक्ति में रखे दो क्रमागत कीलकों के केंद्र से केंद्र तक की दुरी होती है
बैक पिच: यह बहु रिवेट जोड़ में दो क्रमागत पंक्तिओं के बीच की न्यूनतम दुरी होती है।
विकर्णीय पिच: यह ज़िगज़ैग रिवेट जोड़ की आसन्न पंक्तिओं के रिवेटों के केंद्र के बीच की दुरी है।
मार्जिन और मार्जिनल पिच: यह कीलक छिद्र के केंद्र की, पट्ट के निकटतम किनारे तक की दुरी होती है।

इनमें से कौन एक स्थायी बंधक है?
  • a)
    बोल्ट
  • b)
    कुंजी
  • c)
    पेंच
  • d)
    रिवेट
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Anu Deshpande answered
रिवेटों का इस्तेमाल प्लेटों के बीच स्थायी बंधन बनाने के लिए होता है जैसे संरचनात्मक कार्यों में, जहाज निर्माण, पुल, टैंकों और बॉयलर खोल में।
एक पेंच से कसे हुए जोड़ के मुख्य रूप से दो अंग होते हैं, एक बोल्ट और नट। ये जोड़ वहां व्यापक रूप से इस्तेमाल किये जाते हैं जहाँ मशीन के हिस्सों को सहज से व बिना मशीन या बंधक को नुक्सान पहुचाये जोड़ने और अलग करने की ज़रूरत पड़ती है।
कुंजी सौम्य इस्पात का एक टुकड़ा है जो शॉफ्ट और पुली के हब या बॉस को जोड़ने के लिए इनके बीच में डाला जाता है, ताकि इनके बीच की सापेक्ष गति को रोका जा सके। यह हमेशा शॉफ्ट की धुरी के समानांतर डाला जाता है। कुंजी अस्थायी बंधक के रूप में उपयोग किया जाता है और पर्याप्त संदलन और अपरूपण तनाव के अधीन होता है।

बॉल बियरिंग में बाह्य आवरण का क्या कार्य है?
  • a)
    घर्षण को कम करना
  • b)
    गेंद के फिसलन में सहायता देना
  • c)
    स्नेहन को बाहर निकलने से बचाने के लिए
  • d)
    गेंदों के बीच कुछ नियत दुरी पर बनाये रखना
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

एकल पंक्ति डीप ग्रूव बॉल बियरिंग में, केव इस बात को सुनिश्चित करती हैं कि गेंदें एक ही बिंदु पर जमा न हो जाएँ (अर्थात गेंदों के बीच कुछ नियत दुरी बनी रहे) और यह समुचित सापेक्ष कोणीय गति भी बनी रहे।

बायलर में लम्बवत जोड़ों के लिए किस प्रकार का जोड़ प्रयुक्त किया जाता है?
  • a)
    एक रिंग और एक दुसरे को स्लोप करते हुए जोड़ के साथ लैप जोड़
  • b)
    एकल आवरण पट्ट के साथ बट जोड़
  • c)
    द्वि आवरण पट्ट के साथ बट जोड़
  • d)
    उपरोक्त में से कोई भी
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Akshara Rane answered
बायलर खोल में लम्बवत जोड़ सामान्यतः द्वि आवरण पट्ट के साथ बट जोड़ होता है। यह जोड़ लैप जोड़ से अधिक दक्ष होता है। यह अधिक कड़ा होता है और खोल की वृत्तीयता बनाये रखने में सहायता करता है।

कौन सी की केवल घर्षण के द्वारा शक्ति स्थानांतरित करती है?
  • a)
    वुडरफ
  • b)
    कैनेडी
  • c)
    संक
  • d)
    सैडल
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

सैडल की एक ऐसी की है जो कि केवल हब में फिट होती है। इस स्थिति में शाफ्ट में कोई भी की-वे नहीं दिया जाता है और केवल शाफ़्ट, की और हब के बीच का घर्षण ही शाफ़्ट और हब के बीच की सापेक्ष गति को रोकता है और केवल घर्षण के द्वारा ही शक्ति स्थानान्तरण किया जाता है।

जिस प्रकार का रिवेट किया हुआ जोड़ चित्र में दिखाया गया है, वह जोड़ कौनसा है?
  • a)
    दोहरा रिवेट किया हुआ लैप जोड़ (चैन रिवेटिंग)
  • b)
    दोहरा रिवेट किया हुआ लैप जोड़ (ज़िग-ज़ैग रिवेटिंग)
  • c)
    दोहरा रिवेट किया हुआ बट जोड़ (चैन रिवेटिंग)
  • d)
    तिहरा रिवेट किया हुआ लैप जोड़ (ज़िग-ज़ैग रिवेटिंग)
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

एक लैप जोड़ वह है जिसमें एक प्लेट दूसरे प्लेट को अतिव्यापित कर लेता है और दोनों प्लेटों को रिवेट से जोड़ दिया जाता है।
एक बट जोड़ वह है जिसमें मुख्य प्लेटों को इस प्रकार संरेखण में रखा जाता है, कि प्लेटों के शीर्ष एक दुसरे के संपर्क में होते हैं (अर्थात स्पर्श करते हैं) और एक आवरण प्लेट (अर्थात पट्टी) को मुख्य प्लेटों के एक तरफ़ या दोनों तरफ़ रखा जाता है।
एक एन-रिवेट किया हुआ जोड़ वह है जिसमें एक लैप जोड़ में एन संख्या में रिवेटों की पंक्तियाँ होती हैं और जिसमें बट जोड़ में दोनों तरफ़ एन संख्या में रिवेट होते हैं।
प्रस्तुत चित्र दोहरा रिवेट किया हुआ लैप जोड़ दर्शाता है।
जब इन विभिन्न पंक्तियों में रिवेट एक दूसरे के सामने होते हैं, जैसा चित्र में दर्शाया गया  है, तब जोड़ को चैन रिवेटिंग कहा जाता है। दूसरी तरफ़, यदि निकटवर्ती पंक्तियों में रिवेट इस तरीके से मौजूद होते हैं कि हर रिवेट सामने वाली पंक्ति के दो रिवेटों के बीच में हो, तब जोड़ को ज़िग-ज़ैग तरीके से रिवेट से जोड़ा हुआ कहा जाता है।

रिवेट किए हुए जोड़ की तुलना में वेल्डर जोड़ की शक्ति ____ है।
  • a)
    शून्य
  • b)
    अधिक
  • c)
    कम
  • d)
    बराबर
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

Kajal Tiwari answered
वेल्डर जोड़ स्थायी जोड़ हैं और रिवेट किए हुए जोड़ अर्द्ध स्थायी जोड़ हैं। वेल्डर जोड़ की ताकत कीलक जोड़ से अधिक है।

धीमी गति से बहुत भारी भार ले जाने के लिए सबसे उपयुक्त बेयरिंग_______है।
  • a)
    जलद्रवगतिक बियरिंग
  • b)
    बॉल बियरिंग
  • c)
    रोलर बियरिंग
  • d)
    जलस्थैतिक बियरिंग
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

एक बियरिंग को जलस्थैतिक बियरिंग कहा जाता है यदि शाफ्ट/जर्नल की सतह के साथ एक स्थिर द्रव (तरल या वायु) होता है जहाँ तरल पदार्थ की बाहरी रूप से आपूर्ति की जाती है और दबाव आमतौर पर बाहरी पंप  द्वारा बनाए रखा जाता है; इस प्रकार यह संपर्क संचालन और भार का समर्थन करने की क्षमता को सक्षम बनाता है। जलस्थैतिक बियरिंग जर्नल के घूर्णन के बिना बड़े भार का समर्थन कर सकते हैं और बड़ी (सटीक और नियंत्रित) प्रत्यक्ष कठोरता और साथ ही साथ अवमंदक (ऊर्जा अपव्यय) गुणांक प्रदान कर सकते हैं।
जलद्रवगतिक बियरिंग के लिए उच्च घूर्णन प्रति मिनट पर उच्च गति जर्नल द्वारा दबाव विकसित किया जाता है, स्नेहक की पतली परत के संचलन में यह सहायक होता है। जर्नल बियरिंग के लिए मुख्य रूप से अभिसारी तरल को नियोजित किया जाता है।

बियरिंग का चुनाव करते समय कौनसे कारक महत्वपूर्ण होते हैं?
  • a)
    आरोपित भार
  • b)
    संचालित गति सीमा
  • c)
    आवश्यक बियरिंग क्षमता
  • d)
    सभी विकल्प सत्य हैं
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Suyash Patel answered
ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण कारक:
(1) विमीय सीमाएँ: बियरिंग के लिए स्वीकार्य स्थान सामान्यतः सीमित होता है।
(2) आरोपित भार: भार की विशेषताएँ, परिमाण और दिशा महत्वपूर्ण होती हैं।
(3) घूर्णन गति: यह बियरिंग के प्रकार, आकार, सहिष्णुता, केज़ प्रकार, भार स्नेहन और प्रशीतन स्थिति पर निर्भर करती है
(4) बियरिंग सहिष्णुता
(5) दृढ़ता
(6) आंतरिक और बाह्य रेस का असंरेखन
(7) शोर और बलाघूर्ण स्तर
(8) वियोजन का अधिष्ठापन

एक भाप इंजन में वाल्व छड़ एक उत्केंद्रित छड़ से किस के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है?
  • a)
    कोटर जोड़
  • b)
    बोल्ट किए हुए जोड़
  • c)
    गाँठ जोड़
  • d)
    सामन्य युग्मन
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Soumya Basak answered
तनन भार के तहत दो छड़ों को जोड़ने के लिए एक गाँठ जोड़ का उपयोग किया जाता है। यह संयुक्त छड़ के कोणीय गैर-संरेखण को अनुमति देता है और अगर इसे निर्देशित किया जाए तो यह संकुचित लोड ले सकता है। स्वचालित इंजन पिस्टन पिस्टन पिन के माध्यम से कनेक्टिंग रॉड के छोटे छोर से जुड़ा हुआ होता है। यह गाँठ जोड़ का एक मुख्य उपयोग है। भाप इंजन में वाल्व छड़ उत्केंद्रित छड़ से एक गाँठ जोड़ के माध्यम से जुड़ा हुआ होता है।

द्रवस्थैतिक बियरिंग में, स्नेहन तक दाब किस प्रकार स्थानांतरित किया जाता है?
  • a)
    बाह्य स्त्रोतों द्वारा
  • b)
    आंशिक रूप से बाह्य और आंशिक रूप से जर्नल के घूर्णन से
  • c)
    यह किसी बाह्य स्त्रोत से आपूर्तित नहीं किया जाता है
  • d)
    शाफ्ट चालित पंप
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Anmol Saini answered
द्रव बियरिंग वह बियरिंग होती है जिसमें बियरिंग सतहों के मध्य भार को, तीव्रता से गति करते हुए द्रव जिस पर दाब आरोपित होता है के द्वारा आधार दिया जाता है।
ये मुख्यतः दो प्रकारों में विभाजित है:
द्रव गतिशील बियरिंग/ द्रवगतिकीय बियरिंग: इन बियरिंग में अधिकतम दाब आरोपित होता है जहाँ द्रव सामान्यतः तेल, जल या वायु होता है और दाब, पंप के द्वारा आरोपित किया जाता है।
द्रवगतिकीय बियरिंग: सतहों के मध्य द्रव को दाबित करने के लिए ये जर्नल (शाफ़्ट का वह भाग जो द्रव पर विश्राम करता है) की उच्च गति पर आधारित होती है।

निम्न में से कौन सी बियरिंग स्वतःसंरेखित बियरिंग है?
  • a)
    शंक्वाकार
  • b)
    गोलीय
  • c)
    आयताकार
  • d)
    इनमें से कोई नहीं
Correct answer is option 'B'. Can you explain this answer?

Debolina Menon answered
एक गोलीय समतल बियरिंग वह बियरिंग होती है जो कि दो आयतीय दिशाओं में एक केन्द्रीय बिंदु के मध्य कोणीय घूर्णन को अनुमति देती है। आंतरिक रिंग की बाह्य सतह और बाह्य रिंग की आंतरिक सतह गोलीय होती है और इन्हें एक साथ रेस-वे माना जाता है और वे एक दुसरे के विपरीत फिसलते हैं। बाह्य रिंग रेस-वे में गोले का केंद्र बियरिंग के अक्ष में होता है। इसलिए बियरिंग स्वतःसंरेखित होती है और हाउसिंग के सापेक्ष शाफ्ट गैर-संरेखित होने के प्रति गैर-संवेदनशील होती है जो कि उदाहरणार्थ शाफ्ट विचलन के द्वारा होती है। गोलीय रोलर बियरिंग भारी त्रिज्यीय भार के साथ - साथ भारी अक्षीय भार को सहने के लिए बनाये जाते हैं।

बहु V पट्ट संचालन में जब एक एकल पट्ट क्षतिग्रस्त होता है, तो पूर्ण सेट को ही बदलना बेहतर माना जाता है, क्योंकि?
  • a)
    कम्पन कम करने के लिए
  • b)
    सर्पण कम करने के लिए
  • c)
    एकसमान भार को सुनिश्चित करने के लिए
  • d)
    समुचित संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Saranya Saha answered
असंरेखण और अनुचित बेल्ट तनाव शीव में समय से पूर्व घिसाव ला सकता है और जब यह होता है, तो पूर्व की सपाट खांचे वाली साइडवॉल अवतल आकार ले सकती है और पट्ट से मिलती सतह क्षतिग्रस्त हो सकती है। नष्ट होती शीव साइडवॉल वी - पट्ट की क्षमता 12% तक कम कर सकती है। इसलिए इसे परिवर्जित करने के लिए जब एक पट्ट क्षतिग्रस्त होता है तो समुचित संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए सम्पूर्ण सेट को बदलना उत्तम होता है।

एकरूप वियर परिकल्पना में दाब वितरण किस प्रकार का होता है?
  • a)
    त्रिज्या के समानुपाती होता है
  • b)
    त्रिज्या के वर्ग के सीधे समानुपाती होता है
  • c)
    त्रिज्या के व्युत्क्रमानुपाती होता है
  • d)
    त्रिज्या के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Lekshmi Rane answered
माना कि, क्लच के अक्ष से r दूरी पर दाब की सामान्य तीव्रता p है।
चूँकि, एकरूप वियर परिकल्पना में दाब की तीव्रता दुरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होती है,
∴ p.r = C (एक स्थिरांक)

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