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All questions of पानी की कहानी for Class 8 Exam

नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर स्रद्ध झाड़ी पर से मोती-सी एक बूँद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि ओस की बूँद मेरी कलाई पर से सरककर हथेली पर आ गई। मेरी दृष्टि पड़ते ही वह ठहर गई। थोड़ी देर में मुझे सितार के तारों की-सी झंकार सुनाई देने लगी। मैंने सोश्चा कि कोई बजा रहा होगा। चारों ओर देखा, कोई नहीं। फिर अनुभव हुआ कि यह स्वर मेरी हथेली से निकल रहा है। ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूँद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं।
 प्रशन: उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम इनमें से कौन-सा है?           
  • a)
    एक बूँद-रामचंद्र तिवारी
  • b)
    पानी की बूँद-पी- साईंनाथ           
  • c)
    पानी की कहानी-रामचंद्र तिवारी   
  • d)
    पानी और कहानी-पी-साईंनाथ
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Sakshi answered
Because that is the correct answer

नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
‘‘वह जो पेड़ तुम देखते हो न! वह ऊपर ही इतना बड़ा नहीं है, पृथ्वी में भी लगभग इतना ही बड़ा है। उसकी बड़ी जड़ें, छोटी जड़ें और जड़ों के रोएँ हैं। वे रोएँ बड़े निर्दयी होते हैं। मुझ जैसे असंख्य जल-कणों को वे बलपूर्वक पृथ्वी में से खींच लेते हैं। कुछ को तो पेड़ एकदम खा जाते हैं और अधिकांश का सब कुछ छीनकर उन्हें बाहर निकाल देते हैं।’’
 प्रशन: प्रथम पंक्ति के कथन में कौन-सा भाव निहित है?           
  • a)
    संतोष का   
  • b)
    उत्साह का   
  • c)
    आश्चर्य का   
  • d)
    प्रसन्नता का
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

प्रथम पंक्ति में लेखक पेड़ के आकार के बारे में बात कर रहे हैं और यह बताते हैं कि पेड़ पृथ्वी के अंदर भी इतना बड़ा होता है। यह कथन पेड़ की जड़ों के विशाल आकार और उनके कार्य करने के तरीके को लेकर आश्चर्य व्यक्त करता है। इसलिए, इस पंक्ति में "आश्चर्य का" भाव निहित है।

नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर स्रद्ध झाड़ी पर से मोती-सी एक बूँद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि ओस की बूँद मेरी कलाई पर से सरककर हथेली पर आ गई। मेरी दृष्टि पड़ते ही वह ठहर गई। थोड़ी देर में मुझे सितार के तारों की-सी झंकार सुनाई देने लगी। मैंने सोश्चा कि कोई बजा रहा होगा। चारों ओर देखा, कोई नहीं। फिर अनुभव हुआ कि यह स्वर मेरी हथेली से निकल रहा है। ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूँद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं।
 प्रशन: हिल-हिलकर स्वर उत्पन्न कर रहे हैं।- वाक्य में रेखांकित अंश है-
  • a)
    संज्ञा 
  • b)
    विशेषण   
  • c)
    सर्वनाम   
  • d)
    क्रिया-विशेषण
Correct answer is option 'D'. Can you explain this answer?

Aditya Saini answered

Explanation:

a) -
- This option is incorrect because there is a negative sign after the letter 'a'.

b) -
- This option is incorrect because there is a negative sign after the letter 'b'.

c) -
- This option is incorrect because there is a negative sign after the letter 'c'.

d) -
- This option is correct because there is a negative sign after the letter 'd'.
- The negative sign indicates subtraction, so the answer is the result of subtracting something from 'd'.

नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः
मैं आगे बढ़ा ही था कि बेर स्रद्ध झाड़ी पर से मोती-सी एक बूँद मेरे हाथ पर आ पड़ी। मेरे आश्चर्य का ठिकाना न रहा जब मैंने देखा कि ओस की बूँद मेरी कलाई पर से सरककर हथेली पर आ गई। मेरी दृष्टि पड़ते ही वह ठहर गई। थोड़ी देर में मुझे सितार के तारों की-सी झंकार सुनाई देने लगी। मैंने सोश्चा कि कोई बजा रहा होगा। चारों ओर देखा, कोई नहीं। फिर अनुभव हुआ कि यह स्वर मेरी हथेली से निकल रहा है। ध्यान से देखने पर मालूम हुआ कि बूँद के दो कण हो गए हैं और वे दोनों हिल-हिलकर यह स्वर उत्पन्न कर रहे हैं।
प्रशन: सितार के तारों-सी झंकार कहाँ से उत्पन्न हुई थी?         
  • a)
    सितार से 
  • b)
    पानी से 
  • c)
    बूँद से   
  • d)
    पेड़ की पत्तियों से
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Princess answered
पानी से क्यों कि जब वे दो भागों में विभाजित हो गया तब वह हिल - हिल कर स्वर उत्पन्न कर रहे थे।

नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः‘
‘वह जो पेड़ तुम देखते हो न! वह ऊपर ही इतना बड़ा नहीं है, पृथ्वी में भी लगभग इतना ही बड़ा है। उसकी बड़ी जड़ें, छोटी जड़ें और जड़ों के रोएँ हैं। वे रोएँ बड़े निर्दयी होते हैं। मुझ जैसे असंख्य जल-कणों को वे बलपूर्वक पृथ्वी में से खींच लेते हैं। कुछ को तो पेड़ एकदम खा जाते हैं और अधिकांश का सब कुछ छीनकर उन्हें बाहर निकाल देते हैं।
’’जड़ के रोओं वेफ लिए प्रयुक्त विशेषण कौन-सा शब्द है?           
  • a)
      निर्दयी   
  • b)
       असंख्य
  • c)
    अध्किांश   
  • d)
       बलपूर्वक
Correct answer is option 'A'. Can you explain this answer?

Kaavya Reddy answered
विशेषण की पहचान
गद्यांश में 'जड़ के रोएँ' के लिए प्रयुक्त विशेषण को पहचानना आवश्यक है। यहाँ पर विशेषण वह शब्द होता है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है।
विशेषण का अर्थ
- विशेषण शब्द उस संज्ञा के गुण, संख्या या स्थिति को दर्शाते हैं।
- उदाहरण के लिए, 'बड़ा', 'छोटा', 'लाल', 'सुंदर' आदि विशेषण हैं।
गद्यांश में विशेषण
- गद्यांश में 'जड़ों के रोएँ' के संदर्भ में जो विशेषण है, वह 'निर्दयी' है।
- 'निर्दयी' का अर्थ है कठोर या निर्दय, जो जड़ों के रोओं की विशेषता को दर्शाता है कि वे जल-कणों को बलपूर्वक खींचते हैं।
सही उत्तर का चयन
- यहाँ दिए गए विकल्पों में से 'निर्दयी' विशेषण का उल्लेख नहीं है, लेकिन यह एक महत्वपूर्ण विशेषण है जो 'जड़ों के रोएँ' की विशेषता को स्पष्ट करता है।
- यदि विकल्प 'अध्किांश' में एक विशेषण के रूप में दिया गया है, तो यह सही उत्तर बनता है, क्योंकि 'अध्किांश' का अर्थ है अधिकतर, जो जड़ों के रोओं की क्रिया को प्रभावित करता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, गद्यांश में 'जड़ के रोएँ' के लिए प्रयुक्त विशेषण 'अध्किांश' है, क्योंकि यह उनकी क्रियात्मकता को दर्शाता है।

नम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिएः‘
‘वह जो पेड़ तुम देखते हो न! वह ऊपर ही इतना बड़ा नहीं है, पृथ्वी में भी लगभग इतना ही बड़ा है। उसकी बड़ी जड़ें, छोटी जड़ें और जड़ों के रोएँ हैं। वे रोएँ बड़े निर्दयी होते हैं। मुझ जैसे असंख्य जल-कणों को वे बलपूर्वक पृथ्वी में से खींच लेते हैं। कुछ को तो पेड़ एकदम खा जाते हैं और अधिकांश का सब कुछ छीनकर उन्हें बाहर निकाल देते हैं।’’
  प्रशन: रोएँ जल-कणों को वैफसे खींचते हैं?       
  • a)
    सावधनीपूर्वक   
  • b)
    सरलता से   
  • c)
    बलपूर्वक   
  • d)
    इनमें से कोई नहीं।
Correct answer is option 'C'. Can you explain this answer?

Snehal Basak answered
विवरण
इस गद्यांश में पेड़ की जड़ों के काम करने के तरीके का वर्णन किया गया है। विशेष रूप से, यह बताया गया है कि जड़ें किस प्रकार जल-कणों को खींचती हैं।
जल-कणों का खींचना
- गद्यांश में कहा गया है कि जड़ों के रोएँ "बड़े निर्दयी" होते हैं।
- इसका अर्थ यह है कि जड़ें जल-कणों को बलपूर्वक खींचती हैं, न कि सावधानीपूर्वक या सरलता से।
विकल्पों का विश्लेषण
- सावधनीपूर्वक: यह शब्द दर्शाता है कि कोई चीज़ ध्यानपूर्वक और धीरे-धीरे की जा रही है। गद्यांश में ऐसा नहीं कहा गया है।
- सरलता से: यह विकल्प भी गलत है, क्योंकि जड़ों के रोएँ जल-कणों को खींचने में बल प्रयोग करते हैं, जो सरलता को दर्शाता है।
- निर्दयी तरीके से: यह सही विकल्प है। गद्यांश में जड़ों को निर्दयी बताया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि वे जल-कणों को बलपूर्वक खींचती हैं।
निष्कर्ष
इस प्रकार, सही उत्तर "निर्दयी तरीके से" है, जो विकल्प 'C' के रूप में दिया गया है। यह गद्यांश जड़ों की शक्ति और जल-कणों पर उनके प्रभाव को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

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