उत्तर:
सही उत्तर है B: अंग्रेजी, डच, और फ्रेंच।
व्याख्या:
ईस्ट इंडिया कंपनियों का गठन यूरोपीय शक्तियों की पूर्व में, विशेष रूप से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में, अपने वाणिज्यिक गतिविधियों का विस्तार करने की इच्छा से प्रेरित था। यहाँ ईस्ट इंडिया कंपनियों के गठन का एक विस्तृत विवरण है:
1. अंग्रेजी: इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी, जिसे ईस्ट इंडिया ट्रेडिंग कंपनी के नाम से भी जाना जाता है, का गठन 1600 में हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करना था। इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत के उपनिवेशीकरण और ब्रिटिश शासन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. डच: डच ईस्ट इंडिया कंपनी, जिसे आधिकारिक रूप से यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी (Vereenigde Oost-Indische Compagnie या VOC) कहा जाता है, का गठन 1602 में हुआ। यह खोज के युग के दौरान सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यापारिक कंपनियों में से एक थी। डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय महासागर क्षेत्र, जिसमें भारत और इंडोनेशिया शामिल हैं, में व्यापार, उपनिवेशीकरण, और सैन्य गतिविधियों में संलग्न किया।
3. फ्रेंच: फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी, जिसे फ्रेंच ईस्ट इंडीज कंपनी के नाम से भी जाना जाता है, का गठन 1664 में हुआ। इसका प्राथमिक लक्ष्य डच और अंग्रेजों के साथ लाभदायक मसाले के व्यापार में प्रतिस्पर्धा करना और भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में फ्रेंच उपनिवेश स्थापित करना था। हालांकि, फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और अंततः 1769 में भंग कर दी गई।
अंत में, अंग्रेजों, डचों, और फ्रेंचों ने पूर्व में अपने वाणिज्यिक गतिविधियों का विस्तार करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनियों का गठन किया, जिसमें विशेष ध्यान भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया पर था।
उत्तर:
सही उत्तर है B: अंग्रेज़ी, डच, और फ्रेंच।
व्याख्या:
पूर्वी भारत कंपनियों का गठन यूरोपीय शक्तियों की पूर्व में, विशेष रूप से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में, अपने वाणिज्यिक गतिविधियों का विस्तार करने की इच्छा से प्रेरित था। पूर्वी भारत कंपनियों के गठन की विस्तृत व्याख्या इस प्रकार है:
1. अंग्रेज़ी: अंग्रेज़ी पूर्वी भारत कंपनी, जिसे पूर्वी भारत व्यापार कंपनी के नाम से भी जाना जाता है, 1600 में स्थापित हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करना था। अंग्रेज़ी पूर्वी भारत कंपनी ने भारत के उपनिवेशीकरण और ब्रिटिश शासन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
2. डच: डच पूर्वी भारत कंपनी, जिसे आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड ईस्ट इंडिया कंपनी (Vereenigde Oost-Indische Compagnie या VOC) के नाम से जाना जाता है, 1602 में स्थापित हुई। यह खोज के युग के दौरान सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यापार कंपनियों में से एक थी। डच पूर्वी भारत कंपनी ने भारतीय महासागर क्षेत्र में, जिसमें भारत और इंडोनेशिया शामिल हैं, व्यापार, उपनिवेशीकरण, और सैन्य गतिविधियों में संलग्नता दिखाई।
3. फ्रेंच: फ्रेंच पूर्वी भारत कंपनी, जिसे फ्रेंच ईस्ट इंडीज कंपनी के नाम से भी जाना जाता है, 1664 में स्थापित हुई। इसका प्राथमिक उद्देश्य डच और अंग्रेज़ों के साथ लाभदायक मसाले के व्यापार में प्रतिस्पर्धा करना और भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया में फ्रांसीसी उपनिवेश स्थापित करना था। हालाँकि, फ्रेंच पूर्वी भारत कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा और अंततः 1769 में भंग कर दी गई।
अंत में, अंग्रेज़ी, डच, और फ्रेंच ने पूर्वी भारत कंपनियों का गठन अपने वाणिज्यिक गतिविधियों के विस्तार के लिए किया, जिसका विशेष ध्यान भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया पर था।