न्यायिक समीक्षा की शक्ति निम्नलिखित सुनिश्चित करती है।
इनमें से कौन से संविधानिक प्रावधान न्यायपालिका को न्यायिक समीक्षा का अधिकार देते हैं?
1. अनुच्छेद 13 जो कहता है कि संविधान के विरुद्ध कानून अमान्य होंगे
2. अनुच्छेद 32 जो सर्वोच्च न्यायालय को व्रिट जारी करने का अधिकार देता है
3. अनुच्छेद 226 जो उच्च न्यायालयों को व्रिट जारी करने का अधिकार देता है
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें।
न्यायिक समीक्षा के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें
1. एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से, संसद न्यायिक निर्णय को अस्वीकार कर सकती है जब तक कि यह संविधान की मौलिक संरचना के अनुसार हो।
2. न्यायपालिका प्रशासनिक कार्यों और भारत में कुछ नियामक प्राधिकरणों द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा कर सकती है।
इनमें से कौन सा/से सही है/हैं?
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
1. न्यायपालिका संविधान की अंतिम व्याख्याता है।
2. यदि संसद द्वारा पारित कानून संविधान की मूल संरचना का उल्लंघन करते हैं, तो न्यायपालिका के पास उन्हें निरस्त करने की अंतिम शक्ति है।
उपरोक्त में से कौन सा/से सही है?
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. एक नागरिक सुप्रीम कोर्ट में जा सकता है यदि वह किसी कानून को अन्यायपूर्ण या असंवैधानिक पाता है।
2. सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय किसी कानून को पूरी तरह से निरस्त कर सकते हैं यदि वह संविधानिक ढांचे के अनुरूप नहीं है।
इनमें से कौन सा/से सही है/हैं?
न्यायिक सक्रियता के संबंध में, निम्नलिखित बयानों पर विचार करें।
1. इसने न्यायिक प्रणाली को लोकतांत्रित किया है, न केवल व्यक्तियों बल्कि समूहों को भी न्यायालयों तक पहुंच प्रदान की है।
2. इसने कार्यपालिका की जवाबदेही को मजबूर किया है।
3. न्यायिक सक्रियता इससे तनाव पैदा कर सकती है।
4. इसने न्यायालयों पर अधिक बोझ डाल दिया है।
5. इसने चुनावी प्रणाली को अधिक स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने का भी प्रयास किया है।
उपरोक्त में से कौन सा बयान गलत है?
सार्वजनिक हित मुकदमे का सिद्धांत कहाँ से उत्पन्न हुआ?
जनहित याचिकाओं (PILs) के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें।
1. इसे केवल पीड़ित पक्ष द्वारा दाखिल करना आवश्यक नहीं है।
2. इसे न्यायालय द्वारा suo moto प्रस्तुत किया जा सकता है।
3. जनहित याचिकाओं का प्रावधान भारत के संविधान में उल्लेखित है।
सही उत्तर चुनें:
जनहित याचिका (PIL) के बारे में निम्नलिखित बातों पर विचार करें।
1. यह एक कानूनी उपकरण है।
2. इसे प्रशासनिक और न्यायिक दोनों संस्थाएं स्वीकार कर सकती हैं।
3. पीड़ितों के प्रतिनिधि भी एक PIL दायर कर सकते हैं।
4. इसे केवल सामाजिक और पर्यावरणीय मामलों में दायर किया जा सकता है।
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भारत में निम्नलिखित में से कौन से कुछ प्रमुख जनहित याचिका (PIL) मामले हैं?
1. विशाखा बनाम राजस्थान राज्य
2. एम.सी. मेहता बनाम भारत संघ
3. केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य
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