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परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - UPSC MCQ


Test Description

20 Questions MCQ Test यूपीएससी सीएसई के लिए भूगोल (Geography) - परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2

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परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 1

हम जनसंख्या वितरण और घनत्व के बारे में क्या चर्चा करते हैं?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 1

जनसंख्या वितरण और घनत्व के बारे में चर्चा करते समय हमें निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए:

  • आकृतियाँ: जनसंख्या वितरण यह दर्शाता है कि लोग किसी भौगोलिक क्षेत्र में कैसे फैले हुए हैं। जनसंख्या वितरण की आकृति विविध हो सकती है, जैसे समूहबद्ध, बिखरी हुई, या रेखीय।
  • डिज़ाइन: जनसंख्या घनत्व किसी विशेष क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की संख्या है। इसे अक्सर भूमि क्षेत्र के प्रति व्यक्तियों की संख्या के रूप में दर्शाया जाता है। जनसंख्या घनत्व के विभिन्न डिज़ाइन शहरी, उपनगरीय, या ग्रामीण क्षेत्रों को दर्शा सकते हैं।
  • रेखाएँ: जनसंख्या वितरण को मानचित्र पर रेखाओं के माध्यम से दर्शाया जा सकता है ताकि उच्च और निम्न जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों को दिखाया जा सके। ये रेखाएँ किसी क्षेत्र में जनसंख्या वितरण के पैटर्न की पहचान करने में मदद कर सकती हैं।
  • पैटर्न: जनसंख्या वितरण और घनत्व में पैटर्न शहरीकरण, प्रवासन, और आर्थिक विकास जैसे रुझानों को प्रकट कर सकते हैं। इन पैटर्नों को समझने से नीति निर्माताओं को संसाधनों के आवंटन और अवसंरचना विकास के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 2

किसने कहा कि एशिया में कई स्थान हैं जहां लोग कम हैं और कुछ स्थान हैं जहां लोग बहुत अधिक हैं?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 2

किसने कहा कि एशिया में कई ऐसे स्थान हैं जहाँ लोग कम हैं और कुछ स्थान हैं जहाँ लोग बहुत अधिक हैं?



  • जॉर्ज बी. क्रेसी: जॉर्ज बी. क्रेसी वह हैं जिन्होंने कहा कि एशिया में कई ऐसे स्थान हैं जहाँ लोग कम हैं और कुछ स्थान हैं जहाँ लोग बहुत अधिक हैं। वह जनसंख्या वितरण और बस्तियों के पैटर्न पर अपने अध्ययन के लिए जाने जाते थे।

  • फ्रैंक जी. क्रेसी: इस मामले में फ्रैंक जी. क्रेसी सही उत्तर नहीं हैं। वह इस कथन के लिए प्रसिद्ध नहीं हैं।

  • अरस्तू: प्राचीन ग्रीक दार्शनिक अरस्तू ने एशिया में जनसंख्या वितरण के बारे में यह विशेष कथन नहीं किया।

  • फ्रांसिस बैबकॉक: फ्रांसिस बैबकॉक इस उद्धरण से संबंधित नहीं हैं। वह शहरी भूगोल पर अपने काम के लिए जानी जाती थीं।


इसलिए, सही उत्तर है जॉर्ज बी. क्रेसी, क्योंकि वह एशिया में जनसंख्या वितरण के बारे में इस अवलोकन के लिए श्रेयित हैं।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 3

विश्व जनसंख्या का कितना प्रतिशत लगभग 10 प्रतिशत भूमि क्षेत्र में निवास करता है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 3

जनसंख्या वितरण:

  • विश्व जनसंख्या: कुल विश्व जनसंख्या लगभग 7.9 अरब है।

भूमि क्षेत्र:
  • कुल भूमि क्षेत्र: विश्व का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 148.94 मिलियन वर्ग किलोमीटर है।
  • भूमि क्षेत्र का प्रतिशत: कुल भूमि क्षेत्र का 10% लगभग 14.89 मिलियन वर्ग किलोमीटर है।

10% भूमि क्षेत्र में रहने वाली जनसंख्या:
  • विश्व जनसंख्या का प्रतिशत: लगभग 90% विश्व जनसंख्या लगभग 10% भूमि क्षेत्र में निवास करती है।
  • गणना: (7.9 अरब * 90%) = 7.11 अरब लोग 10% भूमि क्षेत्र में रहते हैं।

निष्कर्ष:
  • उत्तर: विकल्प B: 90% विश्व जनसंख्या लगभग 10% भूमि क्षेत्र में निवास करती है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 4

विश्व की कुल जनसंख्या में से कितने प्रतिशत जनसंख्या विश्व के दस सबसे जनसंख्या वाले देशों में है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 4

गणना:

  • पहले, हमें दुनिया की कुल जनसंख्या का पता लगाना होगा।

  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्तमान में दुनिया की जनसंख्या लगभग 7.8 अरब है।

  • अगला, हमें दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले दस देशों की कुल जनसंख्या का पता लगाना होगा।

  • सबसे अधिक जनसंख्या वाले दस देश हैं चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, ब्राज़ील, नाइजीरिया, बांग्लादेश, रूस, और मेक्सिको

  • इन देशों की कुल जनसंख्या लगभग 5.7 अरब है।

  • अब, हम दुनिया की जनसंख्या में सबसे अधिक जनसंख्या वाले दस देशों की प्रतिशतता की गणना कर सकते हैं।

  • इसके लिए, हम सबसे अधिक जनसंख्या वाले दस देशों की कुल जनसंख्या को दुनिया की कुल जनसंख्या से विभाजित करते हैं और 100 से गुणा करते हैं।

  • (5.7 अरब / 7.8 अरब) * 100 ≈ 73.08%


उत्तर:

  • दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले दस देशों में दुनिया की जनसंख्या का प्रतिशत लगभग 73.08% है।

  • इसलिए, विकल्प A (60%) सही उत्तर नहीं है।


परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 5

दुनिया के दस सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में से कितने एशिया में स्थित हैं?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 5

दुनिया के सबसे अधिक जनसंख्या वाले देशों में शामिल हैं: चीन, भारत, अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस, और मेक्सिको, जापान।
एशिया में शामिल हैं: चीन, भारत, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और जापान।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 6

किस प्रकार के क्षेत्र बहुत कम जनसंख्या वाले होते हैं?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 6

बहुत कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में पहाड़ शामिल होते हैं। पहाड़ी क्षेत्रों की जनसंख्या अक्सर कम होती है क्योंकि यह क्षेत्र कठिन भूभाग, कठोर मौसम और मानव निवास के लिए सीमित संसाधनों के कारण जनसंख्या को आकर्षित नहीं करते।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 7

एक अत्यधिक जलवायु जैसे कि बहुत गर्म या ठंडी रेगिस्तान कैसी होती है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 7

अत्यधिक जलवायु जैसे बहुत गर्म या ठंडे रेगिस्तान



  • असुविधाजनक: अत्यधिक जलवायु जैसे बहुत गर्म या ठंडे रेगिस्तान आमतौर पर असुविधाजनक माने जाते हैं क्योंकि ये कठोर परिस्थितियाँ प्रस्तुत करते हैं।

  • गर्म रेगिस्तान: गर्म रेगिस्तानों में, दिन के समय तापमान चरम स्तरों तक बढ़ सकता है, जिससे मनुष्यों के लिए ठंडा और आरामदायक रहना मुश्किल हो जाता है।

  • ठंडे रेगिस्तान: इसी प्रकार, ठंडे रेगिस्तान में ऐसे ठंडे तापमान हो सकते हैं जो अधिकांश व्यक्तियों के लिए सहन करना असंभव होता है।

  • पानी की कमी: गर्म और ठंडे दोनों ही रेगिस्तानों में अक्सर पर्याप्त जल संसाधनों की कमी होती है, जिससे जीवित प्राणियों के लिए जीवित रहना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

  • अत्यधिक परिस्थितियाँ: इन जलवायु में अत्यधिक परिस्थितियाँ स्वास्थ्य और भलाई के लिए जोखिम पैदा कर सकती हैं, जिससे व्यक्तियों को सुरक्षित रहने के लिए एहतियात बरतने की आवश्यकता होती है।

  • अनुकूलन: जो जीव इन अत्यधिक जलवायु में निवास करते हैं, उन्होंने जीवित रहने के लिए अद्वितीय अनुकूलन विकसित किए हैं, लेकिन मनुष्यों के लिए ये वातावरण बहुत असुविधाजनक हो सकते हैं।


अत्यधिक जलवायु जैसे बहुत गर्म या ठंडे रेगिस्तानों की प्रकृति को समझकर यह स्पष्ट हो जाता है कि इन्हें अधिकांश व्यक्तियों के लिए असुविधाजनक क्यों माना जाता है। संसाधनों की कमी, अत्यधिक तापमान, और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ इन वातावरणों में जीवित रहने को कठिन बना देती हैं।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 8

कौन लोगों को कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में रहने के लिए या भीड़भाड़ वाले स्थानों से दूर जाने के लिए प्रोत्साहन देता है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 8

क्यों सरकारें लोगों को प्रोत्साहन प्रदान करती हैं

  • जनसंख्या वितरण: सरकारें जनसंख्या वितरण की समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती हैं। कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों को बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक वृद्धि में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अधिक जनसंख्या वाले स्थानों में आवास की कमी और सार्वजनिक सेवाओं पर अधिक बोझ जैसी चुनौतियाँ होती हैं।
  • आर्थिक विकास: कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में लोगों को जाने के लिए प्रोत्साहित करके, सरकारें उन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकती हैं। इससे नए रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं, निवेश आकर्षित हो सकते हैं, और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिल सकता है।
  • संसाधनों का उपयोग: लोगों को कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में रहने के लिए प्रोत्साहित करने से प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सकता है, पर्यावरणीय क्षति को रोका जा सकता है, और अधिक जनसंख्या वाले स्थानों में बुनियादी ढांचे पर दबाव को कम किया जा सकता है।
  • सामाजिक कल्याण: सरकारें निवासियों की जीवन गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर सकती हैं। अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों से लोगों को स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करके, वे भीड़भाड़ को कम कर सकते हैं, सेवाओं तक पहुँच में सुधार कर सकते हैं, और समग्र कल्याण को बढ़ा सकते हैं।

सरकारों द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रोत्साहनों के प्रकार

  • कर में छूट: सरकारें कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में जाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कर प्रोत्साहन, जैसे कि आयकर में कमी या संपत्ति कर में छूट, प्रदान कर सकती हैं।
  • सबसिडी: आवास, परिवहन, या उपयोगिताओं के लिए सबसिडी कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में रहने को व्यक्तियों और परिवारों के लिए अधिक सस्ती और आकर्षक बना सकती है।
  • रोजगार के अवसर: सरकारें रोजगार कार्यक्रम बना सकती हैं या कंपनियों को कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में संचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर सकती हैं, जिससे स्थानांतरित होने वालों के लिए रोजगार के अवसर मिलते हैं।
  • बुनियादी ढांचे का विकास: सड़कों, स्कूलों, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं और मनोरंजन सुविधाओं जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करना कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में रहने को अधिक आकर्षक बना सकता है।

इन प्रोत्साहनों को प्रदान करके, सरकारों का उद्देश्य जनसंख्या वितरण को अधिक संतुलित बनाना, सतत विकास को बढ़ावा देना, और अपने नागरिकों की समग्र भलाई में सुधार करना है।

क्यों सरकारें लोगों को प्रोत्साहन देती हैं

  • जनसंख्या वितरण: सरकारें जनसंख्या वितरण की समस्याओं को हल करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती हैं। कम आबादी वाले क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास और आर्थिक वृद्धि में कठिनाई हो सकती है, जबकि अधिक जनसंख्या वाले स्थानों में आवास की कमी और सार्वजनिक सेवाओं पर बोझ जैसे समस्याएँ होती हैं।
  • आर्थिक विकास: लोगों को कम आबादी वाले क्षेत्रों में जाने के लिए प्रोत्साहित करके, सरकारें उन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को उत्तेजित कर सकती हैं। इससे नई नौकरी के अवसर पैदा हो सकते हैं, निवेश आकर्षित हो सकते हैं, और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिल सकता है।
  • संसाधनों का उपयोग: लोगों को कम आबादी वाले क्षेत्रों में रहने के लिए प्रोत्साहित करने से प्राकृतिक संसाधनों का बेहतर उपयोग करने, पर्यावरणीय गिरावट को रोकने, और अधिक जनसंख्या वाले स्थानों में बुनियादी ढांचे पर दबाव कम करने में मदद मिल सकती है।
  • सामाजिक कल्याण: सरकारें निवासियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रोत्साहन दे सकती हैं। अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों से लोगों को हटाने के लिए प्रोत्साहित करके, वे भीड़भाड़ को कम कर सकते हैं, सेवाओं तक पहुंच को बेहतर बना सकते हैं, और समग्र कल्याण को बढ़ा सकते हैं।

सरकारों द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहनों के प्रकार

  • कर में छूट: सरकारें, कम आयकर या संपत्ति कर की छूट जैसे कर प्रोत्साहन प्रदान कर सकती हैं, ताकि लोगों को कम आबादी वाले क्षेत्रों में जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
  • सहायता: आवास, परिवहन, या उपयोगिताओं के लिए सब्सिडी कम आबादी वाले क्षेत्रों में रहने को अधिक किफायती और आकर्षक बना सकती है।
  • नौकरी के अवसर: सरकारें रोजगार कार्यक्रम बना सकती हैं या कंपनियों को कम आबादी वाले क्षेत्रों में संचालन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन दे सकती हैं, ताकि जिन लोगों ने स्थानांतरित किया है उनके लिए नौकरी के अवसर उपलब्ध हो सकें।
  • बुनियादी ढांचे का विकास: बुनियादी ढांचे के परियोजनाओं में निवेश, जैसे कि सड़कें, स्कूल, स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएँ, और मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण, कम आबादी वाले क्षेत्रों में रहने को अधिक आकर्षक बना सकता है।

इन प्रोत्साहनों को प्रदान करके, सरकारों का उद्देश्य जनसंख्या वितरण को अधिक संतुलित बनाना, सतत विकास को बढ़ावा देना, और अपने नागरिकों की समग्र भलाई में सुधार करना है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 9

जनसंख्या के आकार में परिवर्तन का एक तरीका क्या है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 9

जनसंख्या के आकार में परिवर्तन का एक तरीका आप्रवासन है। आप्रवासन का अर्थ है व्यक्तियों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर 이동 करना। यह या तो आव्रजन (जनसंख्या में आना) या प्रवासन (जनसंख्या से जाना) हो सकता है। जब व्यक्तियों का एक जनसंख्या में प्रवास होता है, तो जनसंख्या का आकार बढ़ता है। इसके विपरीत, जब व्यक्तियों का एक जनसंख्या से प्रवास होता है, तो जनसंख्या का आकार घटता है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 10

नए स्थान पर जाने वाले प्रवासियों को क्या कहा जाता है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 10

आप्रवासी कौन हैं?

  • परिभाषा: आप्रवासी वे व्यक्ति हैं जो बेहतर जीवन स्थितियों या अवसरों की खोज में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं।

  • आप्रवासन के कारण: आप्रवासी विभिन्न कारणों से स्थानांतरित हो सकते हैं जैसे आर्थिक अवसर, राजनीतिक शरण, शिक्षा, या पारिवारिक पुनर्मिलन।


आप्रवासियों के प्रकार

  • आप्रवासी: आप्रवासी वे व्यक्ति होते हैं जो स्थायी रूप से एक नए देश में बसने के इरादे से जाते हैं।

  • निर्वासी: निर्वासी वे व्यक्ति होते हैं जो अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में बसने जाते हैं।

  • शरणार्थी: शरणार्थी वे व्यक्ति होते हैं जो उत्पीड़न, युद्ध, या हिंसा के कारण अपने देश से भागने के लिए मजबूर होते हैं।


आप्रवासियों की कानूनी स्थिति

  • कानूनी आप्रवासी: कानूनी आप्रवासी वे होते हैं जिन्होंने किसी देश में कानूनी रूप से प्रवेश और निवास के लिए आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर लिए हैं।

  • गैर-कानूनी आप्रवासी: गैर-कानूनी आप्रवासी वे होते हैं जो उचित अनुमति के बिना किसी देश में प्रवेश करते हैं और उन्हें कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।


परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 11

गति को प्रभावित करने वाले कारकों के कितने सेट हैं?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 11

गति को प्रभावित करने वाले कारक:
पुश कारक: ये वे कारक हैं जो व्यक्तियों को उनकी वर्तमान स्थिति छोड़ने और नए स्थान पर प्रवासित होने के लिए मजबूर करते हैं। कुछ सामान्य पुश कारक हैं राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक कठिनाई, नौकरी के अवसरों की कमी, प्राकृतिक आपदाएँ, और संघर्ष।
पुल कारक: ये वे कारक हैं जो व्यक्तियों को नए स्थान की ओर आकर्षित करते हैं और प्रवास को प्रोत्साहित करते हैं। पुल कारकों में बेहतर नौकरी के अवसर, उच्च वेतन, राजनीतिक स्थिरता, बेहतर जीवन स्थिति, और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच शामिल हो सकते हैं।
गति को प्रभावित करने वाले अतिरिक्त कारक:
सामाजिक कारक: सामाजिक नेटवर्क और संबंध प्रवास की प्रवृत्तियों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। व्यक्तियों को परिवार के सदस्यों या दोस्तों के निकट होने के लिए प्रवास करने का निर्णय ले सकते हैं, या वे उन लोगों के अनुभवों से प्रभावित हो सकते हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक प्रवास किया है।
संस्कृतिक कारक: देशों के बीच सांस्कृतिक भिन्नताएँ भी प्रवास के निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं। व्यक्तियों को किसी नए स्थान की ओर आकर्षित किया जा सकता है क्योंकि उसकी सांस्कृतिक विशेषताएँ, भाषा, परंपराएँ, या धार्मिक प्रथाएँ हैं।
पर्यावरणीय कारक: जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएँ, या पर्यावरणीय गिरावट जैसे पर्यावरणीय परिवर्तन भी प्रवास के पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। व्यक्तियों को उन पर्यावरणीय कारकों के कारण प्रवास करने के लिए मजबूर किया जा सकता है जो उनकी वर्तमान स्थिति को अस्थायी बना देते हैं।
इन विभिन्न कारकों पर विचार करते हुए, यह स्पष्ट होता है कि प्रवास को पुश और पुल कारकों के जटिल परस्पर क्रिया, साथ ही सामाजिक, सांस्कृतिक, और पर्यावरणीय प्रभावों से प्रभावित किया जाता है। इस वैश्विक घटना से उत्पन्न चुनौतियों और अवसरों को संबोधित करने के लिए प्रवास की बहुपरक प्रकृति को समझना महत्वपूर्ण है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 12

विकसित देशों में जनसंख्या वृद्धि विकासशील देशों की तुलना में क्या है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 12

विकसित देशों में जनसंख्या वृद्धि की दर विकासशील देशों की तुलना में सामान्यतः कम होती है।

विकसित और विकासशील देशों में जनसंख्या वृद्धि की दरों में अंतर कई कारकों के कारण होता है, जैसे स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा, परिवार नियोजन, और आर्थिक अवसरों की पहुंच।

विकासशील देशों में जन्म दरें आमतौर पर उच्च होती हैं, जिसका कारण गर्भनिरोधक की पहुंच की कमी, सांस्कृतिक मानदंड, और शिशु मृत्यु दर का अधिक होना हो सकता है।

विकासशील देशों में शहरीकरण भी जनसंख्या वृद्धि में योगदान कर सकता है, क्योंकि लोग बेहतर अवसरों की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर बढ़ते हैं।

परिवार नियोजन और जनसंख्या नियंत्रण पर सरकारी नीतियों का भी जनसंख्या वृद्धि की दरों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।

विकसित और विकासशील देशों के बीच जनसंख्या वृद्धि की दरों में अंतर संसाधन आवंटन, आर्थिक विकास, और पर्यावरणीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकता है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 13

आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि के बीच क्या संबंध है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 13

आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि के बीच संबंध:

  • नकारात्मक संबंध: आर्थिक विकास और जनसंख्या वृद्धि के बीच अक्सर एक नकारात्मक संबंध होता है।
  • संसाधन प्रतिबंध: जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती है, संसाधनों पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे आर्थिक विकास में कमी आ सकती है।
  • आधारभूत संरचना पर दबाव: तेजी से बढ़ती जनसंख्या आधारभूत संरचना पर दबाव डाल सकती है, जो आर्थिक विकास को बाधित कर सकती है।
  • बेरोजगारी: उच्च जनसंख्या वृद्धि उच्च बेरोजगारी दरों का कारण बन सकती है, जो आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
  • आय असमानता: तेजी से बढ़ती जनसंख्या आय असमानता को बढ़ा सकती है, जो समग्र आर्थिक प्रगति को बाधित कर सकती है।
  • पर्यावरणीय अवनति: बढ़ती जनसंख्या पर्यावरणीय अवनति का कारण बन सकती है, जो आर्थिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 14

थॉमस माल्थस ने अपना सिद्धांत किस वर्ष में प्रस्तुत किया?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 14

थॉमस मॉल्थस का सिद्धांत


  • सिद्धांत का वर्ष: 1798

विस्तृत व्याख्या


  • पृष्ठभूमि: थॉमस मॉल्थस एक अंग्रेजी पादरी और विद्वान थे, जिन्होंने अपने काम "An Essay on the Principle of Population" में जनसंख्या वृद्धि का सिद्धांत तैयार किया।
  • सिद्धांत का कथन: मॉल्थस का सिद्धांत, जो 1798 में प्रकाशित हुआ, यह तर्क करता है कि जनसंख्या वृद्धि अंततः खाद्य उत्पादन को पार कर जाएगी, जिससे व्यापक अकाल और गरीबी उत्पन्न होगी।
  • प्रभाव: मॉल्थस के सिद्धांत ने जनसंख्या वृद्धि और संसाधनों के बीच संबंध पर बहसों को जन्म दिया, जिससे अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और पर्यावरणीय अध्ययन जैसे क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ा।
  • महत्व: मॉल्थस का सिद्धांत वैश्विक जनसंख्या वृद्धि और स्थिरता की चुनौतियों के संदर्भ में अध्ययन और बहस का विषय बना हुआ है।
परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 15

दूसरे चरण की शुरुआत में क्या उच्च रहता है लेकिन समय के साथ घटता है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 15

दूसरे चरण की शुरुआत में प्रजनन कार्य उच्च रहता है लेकिन समय के साथ घटता है। इसमें प्रजनन की क्षमता और संतानों का उत्पादन शामिल है। उर्वरता दूसरे चरण की शुरुआत में उच्च होती है लेकिन समय के साथ घटती है। उर्वरता का अर्थ है गर्भधारण करने और गर्भावस्था को पूरा करने की क्षमता। बांझपन का सवाल में उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन यह उर्वरता का विपरीत है और एक साल की कोशिश के बाद गर्भधारण करने में असमर्थता को संदर्भित करता है। कोई नहीं विकल्प गलत है क्योंकि उर्वरता वास्तव में समय के साथ घटती है, विशेष रूप से जब व्यक्ति की उम्र बढ़ती है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 16

भारत में वर्तमान वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर क्या है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 16

भारत में वर्तमान वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर



  • जनसंख्या वृद्धि दर: 1.64 प्रतिशत


विस्तृत व्याख्या



  • जनसंख्या वृद्धि दर की गणना: भारत में वर्तमान वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 1.64 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि भारत की जनसंख्या हर वर्ष 1.64 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।

  • जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कारक: जनसंख्या वृद्धि दर पर जन्म दर, मृत्यु दर, प्रवासन और सरकारी नीतियों जैसे कारकों का प्रभाव पड़ता है।

  • जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव: उच्च जनसंख्या वृद्धि दर संसाधनों पर दबाव, बढ़ती बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे पर दबाव जैसी चुनौतियों का कारण बन सकती है। सरकार के लिए इन मुद्दों को नीतियों और कार्यक्रमों के माध्यम से संबोधित करना महत्वपूर्ण है।

  • अन्य देशों के साथ तुलना: भारत की जनसंख्या वृद्धि दर कई विकसित देशों की तुलना में अधिक है, लेकिन कुछ अन्य विकासशील देशों की तुलना में कम है।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 17

एक स्थान से बाहर जाने वाले प्रवासियों को क्या कहा जाता है?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 17

प्रवासी:



  • परिभाषा: प्रवासी वे व्यक्ति होते हैं जो एक देश या क्षेत्र को छोड़कर दूसरे में बसने के लिए जाते हैं।

  • प्रवास के कारण: प्रवास के विभिन्न कारण हो सकते हैं, जैसे बेहतर आर्थिक अवसरों की तलाश, उत्पीड़न या युद्ध से भागना, या परिवार के सदस्यों के साथ पुनर्मिलन करना।

  • अतिथि देश पर प्रभाव: प्रवासी सांस्कृतिक विविधता, कौशल, और श्रम लाते हैं, जो अतिथि देश की अर्थव्यवस्था और समाज में योगदान करते हैं।

  • प्रवासियों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियाँ: प्रवासी भाषा की बाधाओं, सांस्कृतिक समायोजन, और अतिथि देश में भेदभाव जैसी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।

  • कानूनी स्थिति: प्रवासियों को अतिथि देश में निवास या नागरिकता प्राप्त करने के लिए कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।


परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 18

जनसंख्या संक्रमण सिद्धांत का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया जा सकता है?

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जनसांख्यिकीय संक्रमण सिद्धांत: उद्देश्य और अनुप्रयोग



  • भविष्य की जनसंख्या की भविष्यवाणी: जनसांख्यिकीय संक्रमण सिद्धांत का एक प्रमुख उद्देश्य किसी देश या क्षेत्र की भविष्य की जनसंख्या प्रवृत्तियों की भविष्यवाणी करना है। जन्म दर, मृत्यु दर, और जनसंख्या वृद्धि के पैटर्न का अध्ययन करके, यह सिद्धांत यह जानने में मदद कर सकता है कि जनसंख्या समय के साथ कैसे बदल सकती है।

  • जनसंख्या गतिशीलता को समझना: यह सिद्धांत जनसंख्या परिवर्तन की गतिशीलता को समझने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसमें प्रजनन दर, मृत्यु दर, और प्रवासन पैटर्न जैसे कारक शामिल हैं। यह समझ नीति निर्माताओं को संसाधनों के आवंटन और सामाजिक कार्यक्रमों के बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकती है।

  • नीति निर्णयों को सूचित करना: जनसांख्यिकीय संक्रमण सिद्धांत स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, परिवार नियोजन, और सामाजिक कल्याण से संबंधित नीति निर्णयों को सूचित कर सकता है। जनसंख्या प्रवृत्तियों को समझकर, नीति निर्माता वृद्ध होते जनसंख्या या घटती जन्म दर जैसी समस्याओं का समाधान करने के लिए रणनीतियाँ विकसित कर सकते हैं।

  • भविष्य की आवश्यकताओं की योजना बनाना: भविष्य की जनसंख्या प्रवृत्तियों की भविष्यवाणी के लिए जनसांख्यिकीय संक्रमण सिद्धांत का उपयोग करके, सरकारें और संगठन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ, आवास, और बुनियादी ढाँचे जैसी भविष्य की आवश्यकताओं की बेहतर योजना बना सकते हैं। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है कि संसाधनों का कुशल और प्रभावी ढंग से आवंटन हो।

  • प्रगति की निगरानी: यह सिद्धांत किसी देश या क्षेत्र की उच्च जन्म और मृत्यु दर से निम्न जन्म और मृत्यु दर में संक्रमण की प्रगति की निगरानी के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जनसांख्यिकीय संकेतकों को समय के साथ ट्रैक करके, नीति निर्माता हस्तक्षेपों के प्रभाव का आकलन कर सकते हैं और जनसांख्यिकीय लक्ष्यों की ओर प्रगति को माप सकते हैं।


परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 19

2021 के अनुसार कुल विश्व जनसंख्या क्या है?

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2021 के अनुसार कुल विश्व जनसंख्या



  • वर्तमान विश्व जनसंख्या: 2021 के अनुमान के अनुसार, कुल विश्व जनसंख्या लगभग 7.9 अरब है।

  • जनसंख्या वृद्धि: वर्षों के दौरान विश्व जनसंख्या में वृद्धि निरंतर होती रही है, जिसका कारण स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता और प्रौद्योगिकी में सुधार जैसे कारक हैं।

  • भौगोलिक वितरण: जनसंख्या विभिन्न क्षेत्रों में असमान रूप से वितरित है, चीन और भारत जैसे देशों में सबसे अधिक जनसंख्या है।

  • जनसंख्या भविष्यवाणी: विशेषज्ञों का अनुमान है कि विश्व जनसंख्या बढ़ती रहेगी, 2050 तक 9 अरब से अधिक होने की संभावना है।

  • जनसंख्या वृद्धि की चुनौतियाँ: बढ़ती जनसंख्या के साथ, संसाधनों की कमी, पर्यावरणीय क्षति और सामाजिक मुद्दों के बारे में चिंताएँ हैं।

परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 20

विश्व जनसंख्या में विस्फोट किस क्रांति के बाद हुआ?

Detailed Solution for परीक्षा: विश्व जनसंख्या - 2 - Question 20

औद्योगिक क्रांति के बाद विश्व जनसंख्या में विस्फोट हुआ, जो 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में हुआ।
जनसंख्या वृद्धि: औद्योगिक क्रांति के बाद विश्व जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई।
प्रौद्योगिकी में उन्नति: औद्योगिक क्रांति के दौरान भाप इंजन और यांत्रिक उत्पादन प्रक्रियाओं जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी में उन्नति हुई, जिससे उत्पादन में वृद्धि और आर्थिक विकास हुआ।
शहरीकरण: औद्योगीकरण के कारण लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों में कारखानों और उद्योगों में रोजगार के अवसरों की तलाश में चले गए।
जीवन स्तर में सुधार: उद्योगों और शहरी केंद्रों के बढ़ने से कई लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ, जिससे जीवन प्रत्याशा बढ़ी और मृत्यु दर में कमी आई।
जनसंख्या पर प्रभाव: प्रौद्योगिकी में उन्नति, शहरीकरण, और जीवन स्तर में सुधार का संयोजन औद्योगिक क्रांति के दौरान और बाद में विश्व जनसंख्या में तेजी से वृद्धि में सहायक रहा।

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