भारतीय संविधान में राजनीतिक अपदस्थता को रोकने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा संशोधन किया गया?
91वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2003 का विषय क्या है?
निम्नलिखित बयानों पर विचार करें:
उपरोक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
निम्नलिखित बयानों पर विचार करें और नीचे से सही विकल्प चुनें।
बयान- I: अनुपात-विरोधी कानून राजनीतिक दलों के अस्तित्व को पहली बार स्पष्ट संवैधानिक मान्यता देता है।
बयान- II: केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या लोकसभा की कुल शक्ति का 15% से अधिक नहीं होगी।
सांसद के लिए अयोग्यता का आधार दल बदलने की स्थिति में लागू नहीं होगा:
संविधान के निम्नलिखित अनुसूचियों में से कौन सी अनुसूची विधायकों के अयोग्यता को अपदस्थता के आधार पर शामिल करती है?
संसद के किसी सदस्य की अयोग्यता के प्रश्न का निर्णय कौन/कौन सा करता है, जो कि दलबदल के आधार पर उत्पन्न होता है?
प्रस्तावना I:तृतीय अनुसूची से संबंधित अस्वीकृति से छूट का प्रावधान, जिसमें विधान सभा पार्टी के एक-तिहाई सदस्यों के विभाजन की स्थिति में छूट दी गई थी, को 91वें संशोधन द्वारा हटा दिया गया है।
प्रस्तावना II:दिनेश गोस्वामी समिति, भारत की विधि आयोग और संविधान समीक्षा आयोग ने विभाजन की स्थिति में अस्वीकृति से छूट के प्रावधान को हटाने की सिफारिश की है।
कोड:
कौन सी समिति दसवें अनुसूची (विपक्षी-परिवर्तन) से विभाजन के मामले में अयोग्यता से छूट के लिए जिम्मेदार थी?