उत्तर:
राज्य जिसने पूरे राज्य में सभी घरों के लिए छत पर वर्षा जल संचयन संरचना को अनिवार्य किया है, वह तमिलनाडु है।
कारण:
तमिलनाडु अपने जल संरक्षण और प्रबंधन के प्रयासों के लिए जाना जाता है। राज्य सरकार ने जल संकट के मुद्दे से निपटने के लिए कई पहलों की शुरुआत की है, जिनमें से एक सभी घरों के लिए छत पर वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाना है।
छत पर वर्षा जल संचयन के लाभ:
- भूजल स्तर को पुनः भरने में मदद करता है: वर्षा जल को एकत्र करके और उसे भूमिगत भंडारण टैंकों में Redirect करने के द्वारा, छत पर वर्षा जल संचयन भूजल स्तर को रिचार्ज करने में मदद करता है, जिससे जल संसाधनों के कमी को रोकने में सहायता मिलती है।
- बाहरी जल स्रोतों पर निर्भरता को कम करता है: छत पर वर्षा जल संचयन के साथ, परिवार विभिन्न उद्देश्यों के लिए वर्षा जल पर निर्भर रह सकते हैं, जैसे कि बागवानी, धोने, और यहां तक कि पीने के पानी के लिए। इससे बाहरी जल स्रोतों पर बोझ कम होता है और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है।
- सूखे के प्रभाव को कम करता है: तमिलनाडु सूखों के प्रति संवेदनशील है, और छत पर वर्षा जल संचयन सूखे के प्रभावों से निपटने के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करता है, जिससे मानसून के दौरान वर्षा जल का संरक्षण किया जा सके।
- लागत-कुशल और पारिस्थितिकीय अनुकूल: छत पर वर्षा जल संचयन को लागू करना एक लागत-कुशल और पारिस्थितिकीय अनुकूल विधि है क्योंकि इसमें जटिल बुनियादी ढांचे की स्थापना या ऊर्जा-खपत करने वाले जल आपूर्ति प्रणालियों पर निर्भरता की आवश्यकता नहीं होती है।
तमिलनाडु सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
- तमिलनाडु सरकार ने सभी नए भवनों के लिए छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाओं को अनिवार्य बना दिया है।
- मौजूदा भवनों को भी एक निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर वर्षा जल संचयन प्रणाली में रेट्रोफिट करना आवश्यक है।
- सरकार ने परिवारों को वर्षा जल संचयन अपनाने के लिए प्रोत्साहन और वित्तीय सहायता प्रदान की है।
- तमिलनाडु जल आपूर्ति और नाली बोर्ड (TWAD) ने राज्य भर में वर्षा जल संचयन परियोजनाओं को सक्रिय रूप से बढ़ावा और लागू किया है।
इसलिए, तमिलनाडु ने जल संकट से निपटने और स्थायी जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाओं के व्यापक कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
उत्तर:
राज्य जिसने पूरे राज्य में सभी घरों के लिए छत पर वर्षा जल संचयन संरचना को अनिवार्य बनाया है, वह तमिलनाडु है।
कारण:
तमिलनाडु अपने जल संरक्षण और प्रबंधन के प्रयासों के लिए जाना जाता है। राज्य सरकार ने पानी की कमी की समस्या का समाधान करने के लिए कई पहलों को अपनाया है, और उनमें से एक है सभी घरों के लिए छत पर वर्षा जल संचयन को अनिवार्य बनाना।
छत पर वर्षा जल संचयन के लाभ:
- भूजल स्तर को पुनः भरने में मदद करता है: वर्षा के पानी को एकत्रित करके और उसे地下 जल भंडारण टैंकों में पुनर्निर्देशित करके, छत पर वर्षा जल संचयन भूजल स्तर को पुनः चार्ज करने में मदद करता है, जो कि जल संसाधनों के क्षय को रोकता है।
- बाहरी जल स्रोतों पर निर्भरता कम करता है: छत पर वर्षा जल संचयन के साथ, परिवार विभिन्न उद्देश्यों जैसे बागवानी, धोने, और यहां तक कि पीने के पानी के लिए वर्षा के पानी पर निर्भर रह सकते हैं। इससे बाहरी जल स्रोतों पर बोझ कम होता है और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है।
- सूखे के प्रभाव को कम करता है: तमिलनाडु सूखे के प्रति संवेदनशील है, और छत पर वर्षा जल संचयन सूखे के प्रभावों से निपटने के लिए एक सतत समाधान प्रदान करता है, जो मानसून के दौरान वर्षा के पानी को संरक्षित करके होता है।
- लागत-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल: छत पर वर्षा जल संचयन को लागू करना एक लागत-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल तरीका है क्योंकि इसके लिए जटिल बुनियादी ढांचे या ऊर्जा-खपत करने वाले जल आपूर्ति प्रणालियों पर निर्भरता की आवश्यकता नहीं होती।
तमिलनाडु सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
- तमिलनाडु सरकार ने सभी नए भवनों के लिए छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाओं को अनिवार्य बना दिया है।
- मौजूदा भवनों को भी एक निर्धारित समय सीमा के भीतर वर्षा जल संचयन प्रणालियों को स्थापित करने की आवश्यकता है।
- सरकार ने परिवारों को वर्षा जल संचयन अपनाने के लिए प्रोत्साहन देने के लिए सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए हैं।
- तमिलनाडु जल आपूर्ति और नाली बोर्ड (TWAD) ने राज्य भर में वर्षा जल संचयन परियोजनाओं को सक्रिय रूप से बढ़ावा और लागू किया है।
इसलिए, तमिलनाडु ने जल संकट से निपटने और सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए छत पर वर्षा जल संचयन संरचनाओं के व्यापक कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।