कविता में सीता का मुख कैसा हो गया था?a)लालb)पीलाc)सूखाd)चमकदारCorrect ...
कविता में बताया गया है कि सीता के होंठ सूख गए थे, जिससे उनका मुख सूखा दिख रहा था।
View all questions of this test
कविता में सीता का मुख कैसा हो गया था?a)लालb)पीलाc)सूखाd)चमकदारCorrect ...
सीता का मुख: एक विश्लेषण
सीता का मुख उनके भावनात्मक और मानसिक स्थिति का प्रतीक है। रामायण में सीता की स्थिति को समझने के लिए उनके चेहरे के रंग और उसके पीछे की कहानी को जानना आवश्यक है।
मुख का वर्णन
- सूखा मुख: सीता का मुख सूखा हो गया था, जिसका संकेत उसके दुख और यातनाओं से है। जब वह रावण के captivity में थी, तो उसकी मानसिक स्थिति और भावनाएँ अत्यंत कठिन थीं।
- दुख का प्रतीक: सूखे चेहरे का अर्थ है कि वह अपनी स्थिति से बहुत परेशान और दुखी थी। उसकी आँखों में आंसू और चेहरे पर उदासी उसके दर्द को बयां करती है।
भावनात्मक स्थिति
- वियोग और चिंता: सीता अपने पति राम से दूर थी, जिससे उसके चेहरे पर चिंता और वियोग की छाया दिखाई देती थी। उसका सूखा मुख उसकी भावनाओं की गहराई को दर्शाता है।
- आत्मबल की कमी: सीता की स्थिति उसके आत्मबल को भी दर्शाती है। जब मनुष्य कठिनाइयों का सामना करता है, तो उसका चेहरा भी उस अनुभव को दर्शाता है।
निष्कर्ष
सीता का सूखा मुख न केवल उसकी शारीरिक स्थिति का वर्णन करता है, बल्कि यह उनकी आंतरिक भावनाओं और स्थिति का भी प्रतीक है। यह हमें यह समझाता है कि कठिनाइयों में मनुष्य की आंतरिक स्थिति कैसे प्रभावित होती है।