प्रेमचंद के जूते की हालत देखकर लेखक को कैसा महसूस हुआ?a)खुशीb)गुस्साc)...
प्रेमचंद के जूते की हालत देखकर लेखक को दुःख और व्यंग्य का अनुभव हुआ, जो उनकी स्थिति को दर्शाता है।
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प्रेमचंद के जूते की हालत देखकर लेखक को कैसा महसूस हुआ?a)खुशीb)गुस्साc)...
प्रेमचंद के जूते की हालत
प्रेमचंद का जूते की हालत देखकर लेखक को जो भावना हुई, वह दुःख और व्यंग्य का मिश्रण थी।
दुःख की भावना
- लेखक ने प्रेमचंद के जूतों को देखकर यह महसूस किया कि उनके जीवन में कई कठिनाइयाँ हैं।
- जूते की जर्जर स्थिति उनके आर्थिक और सामाजिक स्थिति का प्रतीक थी।
- यह दर्शाता है कि एक महान लेखक होते हुए भी, प्रेमचंद को साधारण जीवन जीना पड़ा।
व्यंग्य की भावना
- लेखक ने प्रेमचंद के जूते की स्थिति पर व्यंग्य किया, जो समाज की दोहरी नीति को उजागर करता है।
- यह स्थिति उस समय की सामाजिक असमानता और लेखक की वास्तविकता को दर्शाने का एक तरीका था।
- लेखक ने यह दिखाने का प्रयास किया कि कैसे एक प्रतिभाशाली व्यक्ति को अपनी साधारणता और गरीबी का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष
- इस प्रकार, लेखक का भावनात्मक अनुभव प्रेमचंद के जूते की हालत के माध्यम से दुःख और व्यंग्य के रूप में प्रकट हुआ।
- यह न केवल प्रेमचंद के व्यक्तिगत जीवन की कठिनाइयों को उजागर करता है, बल्कि उस समय की सामाजिक स्थिति पर भी एक तीखा व्यंग्य है।
इसलिए, सही उत्तर है "दुःख और व्यंग्य"।