"दशानन" का समास किस प्रकार का है?a)कर्मधारय समासb)द्विगु समासc)तत्पुरु...
"दशानन" का समास तत्पुरुष समास है, क्योंकि यहाँ पहला पद "दश" (दस) संख्या वाचक है और दूसरा पद "आनन" (मुख) है।
"दशानन" का समास किस प्रकार का है?a)कर्मधारय समासb)द्विगु समासc)तत्पुरु...
दशानन का अर्थ
दशानन का शाब्दिक अर्थ है "दश" (दस) और "आनन" (मुख) का संयोजन। यह शब्द रावण के लिए प्रयुक्त होता है, जो दस मुखों वाला था।
समास की परिभाषा
समास वह प्रक्रिया है जिसमें दो या दो से अधिक शब्दों को मिलाकर एक नया शब्द बनाया जाता है। समास के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें कर्मधारय, द्विगु, तत्पुरुष और बहुव्रीहि शामिल हैं।
तत्पुरुष समास
इस समास में पहला पद दूसरे पद का विशेषण होता है। जैसे "दशानन", यहाँ "दश" (दस) रावण के मुखों की संख्या को दर्शाता है और "आनन" उसका विशेषण है। इस प्रकार, "दशानन" का अर्थ होता है "जिसके दस मुख हैं"।
अन्य समास के प्रकार
- कर्मधारय समास: इसमें दोनों पद एक साथ मिलकर एक सामान्य अर्थ देते हैं, जैसे "नीलकंठ" (नीला + कंठ)।
- द्विगु समास: इसमें संख्यात्मक पद होता है, जैसे "त्रिभुवन" (तीन + लोक)।
- बहुव्रीहि समास: इसमें पहले पद का अर्थ दूसरे पद से जुड़ा नहीं होता, बल्कि यह किसी अन्य वस्तु का गुण बताता है, जैसे "पञ्चतन्त्र" (पाँच + तंत्र)।
निष्कर्ष
इस प्रकार, "दशानन" का समास एक तत्पुरुष समास है, क्योंकि यह रावण के दस मुखों को दर्शाता है।