जिस पर दुनिया दीवानी है, वह क्या है?a)स्वदेशb)संस्कृतिc)साहित्यd)प्रकृ...
कवि गर्व से कहते हैं कि हमारा देश इतना समृद्ध है कि पूरी दुनिया उसकी प्रशंसा करती है, उसकी संस्कृति, कला, ज्ञान पर मोहित है — इसलिए ‘दुनिया दीवानी है’।
जिस पर दुनिया दीवानी है, वह क्या है?a)स्वदेशb)संस्कृतिc)साहित्यd)प्रकृ...
स्वदेश: दुनिया की दीवानगी
स्वदेश का अर्थ है वह भूमि जहाँ हम जन्म लेते हैं, और जहाँ हमारी जड़ें होती हैं। यह केवल भौगोलिक स्थान नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान, परंपराएँ और भावनाएँ भी हैं। आइए, समझते हैं कि स्वदेश क्यों है दुनिया की दीवानगी का केंद्र:
संस्कृति की गहराई
- स्वदेश में हमारी संस्कृति की जड़ें होती हैं, जो हमें हमारी पहचान देती हैं।
- विभिन्न परंपराएँ, त्योहार, और रीति-रिवाज़ हमारे स्वदेश का हिस्सा होते हैं, जो हमें एकजुट करते हैं।
भावनात्मक संबंध
- स्वदेश से हमारा भावनात्मक संबंध होता है, जो हमें अपने लोगों और इतिहास से जोड़ता है।
- जब हम अपने स्वदेश के बारे में सोचते हैं, तो हमें गर्व और अपनापन अनुभव होता है।
विकास और प्रगति
- स्वदेश का विकास हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमारी भविष्य की पीढ़ियों के लिए अवसर पैदा करता है।
- जब हम अपने स्वदेश को आगे बढ़ाते हैं, तो यह सामाजिक और आर्थिक प्रगति की दिशा में एक कदम होता है।
विश्व समुदाय में पहचान
- स्वदेश का गर्व हमें वैश्विक मंच पर एक पहचान देता है।
- जब हम अपने स्वदेश को दुनिया के सामने रखते हैं, तो यह हमारी संस्कृति और विरासत को साझा करने का माध्यम बनता है।
इस प्रकार, स्वदेश केवल एक स्थान नहीं है, बल्कि यह हमारी पहचान, संस्कृति और भावनाओं का प्रतीक है। यही कारण है कि दुनिया स्वदेश के प्रति दीवानी है।