Vyakti ki pehchan uski poshak see hotii es vishay par kaksha me parich...
व्यक्ति की पहचान उसकी पौशाक से होती है ।
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यह कहना किस हद तक सही है ,या गलत इसे जानने के लिए कुछ दैनिक जीवन में घटित होने वाले उदाहरण को लेते हैं ।
आप कभी सरकार द्वारा चालित विद्यालय जाइए , आप देखेंगे कि कुछ विद्यार्थी के पोशाक अच्छे हैं , तो कुछ मैले -गंदे पहने हुए । आप अगर पुरा दिन , इन दोनो विद्यार्थिंयों पर नजर रखेंगे तो आपको कुछ विभिन्नताएँ स्पस्ट दिखाई देगी ।
➡ आप देखोगे कि वह विद्यार्थी जो गंदा पौशाक पहने है उसके कम सहपाठी हैं , उसके साथ कोई अच्छी तरह से बात नहीं करता, कोई भी उसे सांत्वना या प्यार के दो मीठे बोल नही बोल रहा ।
वहीं दसरी और जो अच्छा चमकदार पौशाक पहन रखा है , उसके साथ सभी दोस्ती करते हैं, उसकी इज्जत इस तरह होती है मानो वह कलेक्टर हो, या उसका बेटा ।
ऐसा क्यो हुआ ??
इसका एक मात्र कारण है और वह है- पौशाक ।
यही वह कारण है जो एक को इज्जत दिला रही है, तो दुसरे को उपहास ।
अगर ये सही नही है तो सामान्यत: सभी गैर सरकारी और सरकारी विद्यालयों में एक प्रकार के पौशाक रखे जाते हैं । कारण है इससे सभी बच्चे एक समान दिखते हैं कोइ न गरीब , न धनी , न छोटा और न ही बड़ा दिखता है। सभी को एक समान इज्जत मिलती है ।
इस उदाहरण से आप अच्छी तरह अवगत हो गये होंगे , और आप समझ गये होंगे कि पौशाक हमारे दैनिक जीवन मे क्या मायने रखती है ।
अत: यह सच है ।
व्यक्ति को इज्जत दिलाने मे पौशाक का अहम योगदान होता है ।
पौशाक व्यक्ति की पहचान भी करवाता है । - कैसे?
- मान लो आप मुख्यमंत्री हो ,और आप कार्यालय जिंस -टी शर्ट पहनकर गये । वैसे ये गलत नही है पर आप का पद और कपड़ा दोनो एक -दुसरे से काफी अलग है ।
अत: यह कुछ हद तक सही है कि -
व्यक्ति की पहचान उसके पौशाक से होती है ।
लेकिन अब जमाना बदल रहा है , सभी आयु वर्ग के पौशाक एक ही समान गिखने लगे हैं । जिंस -टी शर्ट जैसे विदेशी कपड़ों का चलन बढा है, अब काम दामों मे अच्छे पौशाक मिलते हैं इसिलिए गरीब भी अच्छे कपड़े पहनने लगे हैं।
सभी पौशाक के आधार पर एक समान दिखने लगे हैं। अत: व्यक्ति की पहचान उसके पौशाक से करना थोड़ा मुश्किल हो गया है ।
वैसे आप पढे -लिखे है , मुझे विश्वास है कि व्यक्ति को उनके पौशाक के आधार पर नही पहचानेंगे बल्कि उनके ज्ञान और बुद्धि के आधार पर परखेंगे