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पाठ का सार: डायरी का एक पन्ना | Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

पाठ का सार 

इस पाठ में सीताराम सेकसरिया ने 26 जनवरी 1931 को कलकत्ता में मनाए गए स्वतंत्राता दिवस का विवरण प्रस्तुत किया है।
26 जनवरी 1930 को भारत में पहला स्वतंत्राता दिवस मनाया गया था। इस समारोह के लिए पहले से तैयारियाँ की गई थीं। इसके प्रचार में काफी खर्च आया था। कार्यकर्ता जी-जान से इसे सफल बनाने में जुटे थे। बड़े बाज़ार के प्रायः सभी मकानों पर राष्ट्रीय झंडा फहरा रहा था। कई मकानों को भली प्रकार सजाया गया था। कलकत्ता का नज़ारा देखने लायक था। सभी तरफ झंडे लहरा रहे थे। पुलिस पूरे शहर में गश्त कर रही थी। प्रत्येक मोड़ पर पुलिस तैनात थी। घुड़सवारों का भी प्रबंध् था। बड़े-बड़े पार्कों तथा मैदानों को पुलिस ने घेर लिया था। मोनूमेंट के नीचे जहाँ सभा होने वाली थी, उस जगह को पुलिस ने सुबह से घेर लिया था। कई जगह प्रातः ही झंडा पफहराया गया। श्रद्धानंद पार्क में बंगाल प्रांतीय विद्यार्थी संघ के मंत्राी अविनाश बाबू ने झंडा गाड़ा तो उन्हें पुलिस ने गिरफतार कर लिया। तारा सुंदरी पार्क में बड़ा-बाज़ार कांग्रेस कमेटी के युद्ध मंत्राी हरिश्चंद्र सिंह झंडा फहराने गए, पर वे भीतर न जा सके। वहाँ काफी मारपीट हुई और दो-चार आदमियों के सिर फट गए। गुजराती सेवक संघ की ओर से निकाले गए जुलूस में से बहुत-सी लड़कियों को गिरफतार कर लिया गया।

11 बजे मारवाड़ी बालिका विद्यालय की लड़कियों ने अपने विद्यालय में झंडोत्सव मनाया। इसमें जानकी देवी, मदालसा आदि भी गई थीं। यहाँ अच्छा प्रबंध् किया गया था। दो-तीन बजे कई आदमियों को गिरफ्रतार कर लिया गया। इनमें पूर्णोदास तथा पुरुषोत्तम राय भी थे। पूर्णोदास ने सुभाष बाबू के जुलूस का प्रबंध् किया था। स्त्राी समाज भी अपनी तैयारी कर रहा था। वे जुलूस बनाकर आगे बढ़ रही थीं। तीन बजे से ही मैदान में भीड़ जमा होने लगी थी।

यह सभा बहुत विचित्रा थी क्योंकि इतनी बड़ी सभा इस मैदान में पहले कभी नंही  हुई थी। पुलिस कमिश्नर के नाेि टस के अतं गर्त अमकु -अमकु धारा के अनुसार कोई भी सभा नहीं हो सकती थी। भाग लेने वाले व्यक्तियों को दोषी समझा जाना था। कौंसिल के नोटिस के तहत चार बजकर चैबीस मिनट पर झंडा फहराया जाना था तथा स्वतंत्राता की प्रतिज्ञा पढ़ी जानी थी। ठीक चार बजे सुभाष बाबू जुलूस लेकर आए। भीड़ की अधिकता होने के कारण पुलिस उन्हें रोक न पाई। पुलिस ने लाठियाँ चलाईं। बहुत आदमी घायल हुए, सुभाष बाबू पर भी लाठियाँ पड़ीं। वे ज़ोर-ज़ोर से ‘वंदे मातरम्’ बोल रहे थे। वे आगे बढ़ने के लिए तत्पर थे। पुलिस भयानक रूप से लाठियाँ चला रही थी। क्षितीश चटर्जी का सिर पफट गया था। स्त्रिायाँ भी बड़ी संख्या में वहाँ पहुँच गईं। सुभाष बाबू को गिरफ्रतार करके लाल बाज़ार लाॅकअप में भेज दिया गया। स्त्रिायाँ जुलूस बनाकर चलीं। पुलिस के डंडों से अनेक लोग घायल हो गए। विमल प्रतिभा स्त्रिायों के जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं। वे सभी स्त्रिायाँ बहू बाज़ार के मोड़ पर बैठ गईं। बाद में पुलिस उन्हें लारी में बिठाकर लाल बाज़ार ले गई। वृजलाल गोयनका को भी गिरफ्रतार कर लिया गया। दो सौ आदमियों के जुलूस को भी लाल बाज़ार में गिरफ्रतार कर लिया गया था। मदालसा भी पकड़ी गई। कुल 105 स्त्रिायाँ पकड़ी गई थीं। रात में नौ बजे सबको छोड़ दिया गया। रात आठ बजे खादी भंडार से कांग्रेस आॅफिस में फोन आया कि अनेक लोग घायलावस्था में यहाँ पड़े हैं। उनके लिए गाड़ी चाहिए। डाॅ. दासगुप्ता उनकी देखभाल कर रहे थे। वहाँ जाने पर मालूम हुआ कि कुल 160 आदमी अस्पतालों में पहुँचे। लगभग दो सौ लोग घायल हुए थे। लाॅकअप में स्त्रिायों की संख्या 105 थी। उस दिन की घटना अपूर्व है। इस घटना से बंगाल या कलकत्ता के नाम पर लगा हुआ यह कलंक धुल गया कि यहाँ काम नहीं हो रहा है।

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FAQs on पाठ का सार: डायरी का एक पन्ना - Hindi Class 10 (Sparsh and Sanchayan)

1. What is the article about?
Ans. The article is about a page from a diary.
2. What is the importance of maintaining a diary?
Ans. Maintaining a diary is important as it helps in introspection, improves writing skills, helps in preserving memories, and provides a record of one's life events.
3. How can diaries be used for self-improvement?
Ans. One can use diaries for self-improvement by reflecting on their actions, identifying their weaknesses, and making a conscious effort to work on them. Regularly writing in a diary can also help in developing a positive mindset.
4. What are some benefits of writing regularly in a diary?
Ans. Regularly writing in a diary helps in improving writing skills, preserving memories, reducing stress, and gaining clarity about one's thoughts and emotions.
5. How can maintaining a diary be useful for students?
Ans. Maintaining a diary can be useful for students as it can help in improving their writing skills, tracking their progress, setting goals, and reflecting on their academic and personal growth.
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