Table of contents |
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परिचयः (Introduction) |
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धातुरूपाणि (Verb Forms) |
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सन्धयः (Sandhi) |
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शब्दकोशः |
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सुझावाः |
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अस्मिन् अध्याये, संस्कृतभाषायां धातुरूपाणां लकारानां च सामान्यं परिचयं च सन्धीनां परिचयः प्रदत्तः। धातवः संस्कृतवाक्यरचनायां महत्त्वपूर्णं स्थानं धारयन्ति। लकाराः धातूनां कालविशेषं दर्शयन्ति। सन्धयः वर्णसंनादनस्य नियमाः प्रददति येन वाक्यं सुसंनादति। अयं अध्यायः सप्तमश्रेण्याः छात्रान् संस्कृतस्य मूलभूतं व्याकरणं शिक्षति।
संस्कृतभाषायां धातवः मूलं भवन्ति येभ्यः क्रियापदानि निर्मीयन्ते। धातवः त्रिप्रकारकाः भवन्ति:
लकाराः धातूनां कालं (tense) वा भावं (mood) वा दर्शयन्ति। संस्कृतभाषायां दश लकाराः प्रचलिताः। अस्मिन् पाठे निम्नलिखिताः लकाराः प्रदत्ताः:
धातुरूपाणि त्रिषु पुरुषेषु भवन्ति:
प्रत्येकं पुरुषः त्रिषु वचनेषु भवति:
पठ् (पठति) - परस्मैपदिः, लट्-लकारः
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | पठति | पठतः | पठन्ति |
मध्यमपुरुषः | पठसि | पठथः | पठथ |
उत्तमपुरुषः | पठामि | पठावः | पठामः |
भाष् (भाषते) - आत्मनेपदिः, लट्-लकारः
पुरुषः | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | भाषते | भाषेते | भाषन्ते |
मध्यमपुरुषः | भाषसे | भाषेथे | भाषध्वे |
उत्तमपुरुषः | भाषे | भाषावहे | भाषामहे |
उच्चारणसमये यदा वर्णानां परस्परं सामीप्यं भवति, तदा संहिता भवति। संहितायां वर्णपरिवर्तनं सन्धिः कथ्यते।
संस्कृतं त्रयः प्रमुखसन्धयः:
स्वरसन्धयः सप्त प्रकाराः:
शब्दः | अर्थः (संस्कृतम्) | हिन्दी अर्थः | English Meaning |
---|---|---|---|
धातुः | मूलक्रियावाचकः | क्रिया का मूल | Verbal root |
तिङन्तः | तिङ्-प्रत्ययान्तं | तिङ् प्रत्यय वाला | Verb conjugated with तिङ् endings |
लकारः | कालवाचकः | काल या भाव को दर्शाने वाला | Tense or mood |
परस्मैपदिः | परस्मै समर्पितं | दूसरों के लिए क्रिया | Active voice (for others) |
आत्मनेपदिः | स्वस्मै समर्पितं | स्वयं के लिए क्रिया | Middle voice (for self) |
उभयपदिः | उभयोः समर्पितं | दोनों प्रकार की क्रिया | Both active and middle voice |
प्रथमपुरुषः | तृतीयपुरुषः | वह (तीसरा व्यक्ति) | Third person |
मध्यमपुरुषः | द्वितीयपुरुषः | तुम (दूसरा व्यक्ति) | Second person |
उत्तमपुरुषः | प्रथमपुरुषः | मैं/हम (प्रथम व्यक्ति) | First person |
एकवचनम् | एकसंख्या | एकवचन | Singular |
द्विवचनम् | द्विसंख्या | द्विवचन | Dual |
बहुवचनम् | बहुसंख्या | बहुवचन | Plural |
लट् | वर्तमानकालः | वर्तमान काल | Present tense |
लृट् | भविष्यत्कालः | भविष्य काल | Future tense |
लङ् | भूतकालः | भूत काल | Past tense |
लोट् | आज्ञार्थः | आज्ञा/प्रार्थना | Imperative mood |
विधिलिङ् | संभावनार्थः | संभावना/प्रार्थना | Optative mood |
संहिता | वर्णसामीप्यम् | वर्णों का निकटता | Proximity of letters |
सन्धिः | वर्णपरिवर्तनम् | वर्णों का संनादन | Sandhi (combination of letters) |
स्वरसन्धिः | स्वरैः संनादनम् | स्वरों का संनादन | Vowel sandhi |
व्यञ्जनसन्धिः | व्यञ्जनैः संनादनम् | व्यञ्जनों का संनादन | Consonant sandhi |
विसर्गसन्धिः | विसर्गेन संनादनम् | विसर्ग का संनादन | Visarga sandhi |
सवर्णदीर्घसन्धिः | समानस्वरयोः दीर्घः | समान स्वरों का दीर्घीकरण | Long vowel sandhi |
गुणसन्धिः | गुणाक्षरैः संनादनम् | गुण अक्षरों का संनादन | Guna sandhi |
वृद्धिसन्धिः | वृद्धाक्षरैः संनादनम् | वृद्धि अक्षरों का संनादन | Vriddhi sandhi |
यण्सन्धिः | यणवर्णैः संनादनम् | यण वर्णों का संनादन | Yan sandhi |
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2. सन्धि के नियम क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं ? | ![]() |
3. शब्दकोश का महत्व क्या है ? | ![]() |
4. कक्षा 7 के विद्यार्थियों के लिए धातुरूपाणि का अध्ययन कैसे करें ? | ![]() |
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