इस पत्र में रूपम अपने मित्र अभिषेक को नमस्ते कहकर पत्र की शुरुआत करता है। वह उसे और उसके परिवार को अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएँ देता है। इसके बाद, रूपम अपने नाना-नानी के घर पर छुट्टियाँ बिताने के अनुभवों के बारे में बताता है।
रूपम अपने दोस्त अभिषेक को नमस्ते कहकर अपनी चिट्ठी शुरू करता है और अभिषेक और उसके परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता है। रूपम अपने नाना-नानी के घर गुवाहाटी में छुट्टियाँ मना रहा है।
गुवाहाटी असम का एक बड़ा और सुंदर शहर है, जो ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित है। ब्रह्मपुत्र एक बहुत बड़ी नदी है, जिसमें माजुली नाम का भारत का सबसे बड़ा नदी द्वीप भी है।
माजुली द्वीप पर रूपम ने वैष्णव मठ 'सत्र' का दर्शन किया, जो असम के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यहाँ उसने सत्रिया नृत्य देखा, जो भारत के शास्त्रीय नृत्यों में से एक है। रूपम ने नीलांचल पर्वत पर स्थित कामाख्या देवी मंदिर का भी दौरा किया। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहाँ पूरे भारत से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
नानी ने रूपम को स्वस्थ रहने के लिए खेलकूद का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है, इसलिए पढ़ाई के साथ खेलना भी जरूरी है। रूपम ने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ अक्सर कई खेल खेलता है जैसे खो-खो, पिट्ठू, क्रिकेट और फुटबॉल। खेल की बात करते हुए रूपम को अभिषेक की याद आने लगी और उसने तय किया कि वह जल्द ही उसे अपने अनुभव साझा करेगा। पत्र के अंत में, रूपम ने अभिषेक से जल्द मिलने का वादा किया और सभी बड़ों को प्रणाम कहा।
रूपम ने अपने मित्र को गुवाहाटी यात्रा के अनुभवों और नानी की सीख के बारे में बताया। पत्र से यह सीख मिलती है कि पढ़ाई के साथ खेलना और अपने मित्रों से जुड़े रहना कितना जरूरी है।
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1. मित्र को पत्र लिखने का क्या महत्व है ? |
2. पत्र की रचना कैसे करनी चाहिए ? |
3. क्या हमें पत्र लिखते समय किसी विशेष भाषा का उपयोग करना चाहिए ? |
4. पत्र लिखने के लिए कौन-कौन से विषय हो सकते हैं ? |
5. मित्र को पत्र का अंत कैसे करना चाहिए ? |
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