खण्ड ‘अ’ वस्तुपरक-प्रश्न
अपठित गद्यांश
Q.1. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
गद्यांश- 1 यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश- 1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
गद्यांश-1
कर्म के मार्ग पर आनंदपूर्वक चलता हुआ उत्साही मनुष्य यदि अंतिम पल तक न पहुँचे तो भी उसकी दशा कर्म न करने वाले की अपेक्षा अधिकतम अवस्थाओं में अच्छी रहेगी, क्योंकि एक तो कार्यालय में उसका जो भी जीवन बीता वह संतोष या आनंद में बीता, उसवेळ उपरांतvफल की अप्राप्ति पर भी उसे यह पछतावा न होगा कि मैंने प्रयत्न ही नहीं किया। बु द्वारा पूर्ण रूप से निश्चित की हुई व्यापार परम्परा का नाम ही प्रयत्न है। प्रयत्न की अवस्था में मनुष्य का जीवन जितना संतोष, आशा और उत्साह में बीतता है, प्रयत्न की दशा में उतना ही शोक और दुख में कटता है। कर्म में आनंद अनुभव करने वालों का नाम कर्मण्य है। धर्म और उदारता वेळ उच्च कर्मों वेळ विधान में ही एक ऐसा दिव्य आनंद भरा रहता है कि कर्ता को वे कर्म ही फल स्वरूप लगते हैं। अत्याचार और क्लेश का दमन करने में लोकोपकारी कर्मवीर को सच्चे सुख की प्राप्ति होती है। कर्मवीर वेळ लिए सुख फलप्राप्ति तक रुका नहीं रहता बल्कि उसी समय से थोड़ा-थोड़ा करवेळ मिलने लगता है, जबसे वह कर्म की ओर हाथ बढ़ाता है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए
(i) कर्मवीर व्यक्ति का जीवन कर्मकाल में किस प्रकार बीतता है?
(क) कष्ट में
(ख) संशय में
(ग) संतोष और आनंद में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग)
(ii) बुद्धि द्वारा सुनिश्चित व्यापार परम्परा का नाम क्या है?
(क) संतोष
(ख) विफलता
(ग) सफलता
(घ) प्रयत्न
उत्तर: (घ)
(iii) अप्रयत्न की अवस्था में जीवन किसमें कटता है ?
(क) सुख और आराम में
(ख) शोक और दुःख में
(ग) निराशा में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख)
(iv) कर्ता को फल की प्राप्ति कब से होने लगती है ?
(क) जब से वह कर्म की ओर हाथ बढ़ाता है
(ख) जब से वह व्यापार में लग जाता है
(ग) जब वह मेहनत से जी चुराता है
(घ) जब वह परोपकार करता है
उत्तर: (क)
(v) गद्यांश का उचित शीर्षक है ?
(क) उत्साही
(ख) जीवन की राह
(ग) कर्मण्य
(घ) कर्म
उत्तर: (ग)
अथवा
गद्यांश-2
यदि आप इस गद्यांश का चयन करते हैं तो उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 1 में दिए गए गद्यांश- 2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
दूसरे हमारी क्षमता का विश्वास करें और हमारी सफलता को निश्चित मानें, इसके लिए आवश्यक शर्त यह है कि हमारा अपनी क्षमता और सफलता में अखंड विश्वास हो। हमारे भीतर उगा भय, शंका और अधैर्य ऐसे डायनामाइट हैं, जो हमारे प्रति दूसरों वेळ विश्वास को खंडित कर देते हैं। हमारे विद्यालय में, जो नगर से दूर जंगल में था, चैदह वर्ष का एक बालक अपने घर से अवेळला पढ़ने आया करता था। कुछ महीने बाद दूसरा बालक भी उसके साथ आने लगा। वह दूसरा बालक बहुत डरपोक था। वह भूतों और चोरों की कहानियाँ उसे सुनाया करता। इसका ऐसा प्रभाव पड़ा कि पहला बालक भी डरपोक हो गया और वे दोनों मेरी प्रतीक्षा करते रहते कि मैं चलूँ, तो वे भी साथ चलें। सूत्र यह बनता हैμहतोत्साहियों, निराशावादियों, डरपोकों और सदा असफलता का ही मर्सिया पढ़नेवालों वेळ संपर्वळ से दूर रहो। नीति का वचन है कि जहाँ अपनी, अपने वुळल की और अपने देश की निंदा हो और उसका मुँहतोड़ उत्तर देना संभव न हो, तो वहाँ से उठ जाना चाहिए। क्यों ? क्योंकि इससे हमारे आत्मगौरव और आत्मविश्वास की भावना खंड़ित होने का भय रहता है।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए
(i) दूसरे लोग हमारी सफलता और क्षमता पर कब विश्वास करने लगते हैं ?
(क) जब हम उनके मित्र हों
(ख) जब हम बलशाली हों
(ग) जब हमें अपनी सफलता और क्षमता पर पूर्ण विश्वास हो
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)
(ii) भय, शंका और अंधविश्वास को डायनामाइट क्यों कहा गया है ?
(क) ये हमारे प्रति दूसरों के विश्वास को खंडित कर देते हैं
(ख) ये हमारे मन में भय को जन्म देते हैं
(ग) ये हमें मन से शक्तिशाली बनाते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तरः (क)
(iii) जहाँ अपने वाले, देश आदि की निंदा हो वहाँ से क्यों उठ जाना चाहिए ?
(क) इससे हमारा अपमान होता
(ख) ऐसी बातें हानिकारक होती
(ग) इन बातों से हमें दुख पहुँचता
(घ) हमारा आत्मविश्वास और आत्म गौरव खंडित होने का भय होता
उत्तरः (घ)
(iv) इस गद्यांश से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
(क) हमें बुद्धिमान लोगों से दूर रहना चाहिए
(ख) हमें शक्तिशाली लोगों से दूर रहना चाहिए
(ग) हमें निराशावादी और डरपोक लोगों से दूर रहना चाहिए
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)
(v) इसका ऐसा प्रभाव पड़ा कि पहला बालक भी डरपोक हो गया रेखांकित अंश के उपवाक्य का भेद लिखिए।
(क) विशेषण उपवाक्य
(ख) इनमें से कोई नहीं
(ग) क्रिया विशेषण उपवाक्य
(घ) संज्ञा उपवाक्य
उत्तरः (घ)
Q.2 नीचे दो पद्यांश दिए गए हैं। किसी एक पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
पद्यांश- 1 यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो ड्डपया उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश- 1 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
पद्यांश-1
प्रेरित करो इतना प्राणों को
निज चरित्र के बल से,
भरो पुण्य की किरण प्रजा में
अपने तप निर्मल से’
मत सोचो दिन - रात पाप में
मनुज निरत होता है
हाय ! पाप के बाद वही तो
पछताता रोता है
नहीं एक अवलंब जगत का
आभा-पुण्यवती की
तिमिर-व्यूह में फंसी किरण भी
आशा है धरती की
फूलों पर आँसू के मोती
और अश्रु में आशा
मिट्टी जीवन की छोटी
नपी-तुली परिभाषा।
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए
(i) मनुष्य को किस प्रकार सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया जा सकता है ?
(क) उसके साथ बल का प्रयोग करके
(ख) उसे दंड देकर
(ग) प्रेम से समझा कर
(घ) अपने सुचरित्र का उदाहरण देकर
उत्तरः (घ)
(ii) पाप-दुष्कर्म करने के उपरांत व्यक्ति को क्या अनुभव होता है ?
(क) मनुष्य बहुत खुश होता है
(ख) मनुष्य पछताता है, रोता है
(ग) वह अभिमान से भर उठता है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)
(iii) ‘तिमिर व्यूह में फंसी किरण भी आशा है धरती की“पंक्ति का क्या अभिप्राय है ?
(क) अज्ञानी मनुष्य भी पृथ्वी के लिए उपयोगी है
(ख) अंधकार में फसी हुई किरण धरती की आशा है
(ग) अज्ञानता से मुक्त मनुष्य भी पृथ्वी के लिए उपयोगी हो सकता है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग)
(iv) ”आँसू के मोती“ में कौन सा अलंकार है?
(क) रूपक अलंकार
(ख) उपमा अलंकार
(ग) यमक अलंकार
(घ) अनुप्रास अलंकार
उत्तरः (क)
(v) उपर्युक्त काव्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा ?
(क) आँसू मोती
(ख) चरित्र का बल
(ग) अश्रु में आशा
(घ) जीवन की परिभाषा
उत्तरः (घ)
अथवा
पद्यांश-2
यदि आप इस पद्यांश का चयन करते हैं तो कृप्या उत्तर-पुस्तिका में लिखें कि आप प्रश्न संख्या 2 में दिए गए पद्यांश- 2 पर आधारित प्रश्नों के उत्तर लिख रहे हैं।
फिर से नहीं आता समय, जो एक बार चला गया,
जग में कहो बाधा-रहित कब कौन काम हुआ भला।
‘बहती नदी सूखे अगर उस पार मैं इस के चलूँ’
इस सोच में बैठा पुलिन पर, पार जा सकता भला ?
किस रीति से क्या काम, कब करना, बनाकर योजना,
मन में लिए आशा प्रबल, दृढ़ जो वही बढ़ जाएगा।
उसको मिलेगा तेज, बल, अनुकूलता सब ओर से,
वह कर्मयोगी, वीर, अनुपम, साहसी सुख पाएगा।
वह वीरभोग्या, जो हृदयतल में बसी वसुधा सदा
करती रही आववान है, युग वीर का पुरुषत्व का
कठिनाइयों में खोजकर पथ, ज्योति पूरित जो करे,
विजयी वही होता धरणि-सूत वरण कर अमरत्व का-
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए-
(i) जीवन में कैसे व्यक्ति उन्नति करते हैं ?
(क) वीर
(ख) कर्मयोगी
(ग) साहसी
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः (घ)
(ii) वसुंधरा किसका आवाहन करती है ?
(क) युगवीर का
(ख) कायरों का
(ग) पुरुषत्व का
(घ) क और ग दोनों
उत्तरः (घ)
(iii) दृढ़ निश्चयी को क्या प्राप्त होता है ?
(क) बल
(ख) तेज
(ग) अनुकुलता
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तरः (घ)
(iv) इस कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है ?
(क) सही अवसर की तलाश करने का
(ख) समय पर काम न करने का
(ग) कठिनाइयों की परवाह किए बिना योजना बनाकर कार्य करने का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)
(v) इस काव्यांश का उचित शीर्षक होगा-
(क) साहस और शक्ति
(ख) समय लौटता नहीं
(ग) आगे बढ़ो
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)
व्यावहारिक व्याकरण
Q.3 निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए-
(i) जो गुणी होते हैं उन्हें सभी सम्मान देते हैं। (वाक्य-भेद लिखिए)
(क) सरल वाक्य
(ख) मिश्र वाक्य
(ग) संयुक्त वाक्य
(घ) आश्रित उपवाक्य
उत्तरः (ख)
(ii) साँझ हुई और पक्षी घोंसलों में लौटने लगे। ;सरल वाक्य में बदलिए
(क) साँझ होते ही पक्षी घोंसलों में लौटने लगे
(ख) ज्यों ही शाम हुई पक्षी घोंसलों में लौटने लगे
(ग) जैसे ही शाम हुई पक्षी घोंसलों में लौटने लगे
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)
(iii) जब उसने मुझे देखा, तो खिसक गया। ;संयुक्त वाक्य में बदलिए
(क) वह मुझे देखते ही खिसक गया
(ख) जैसे ही उसने मुझे देखा वह खिसक गया
(ग) ज्यों ही उसने मुझे देखा वह खिसक गया
(घ) उसने मुझे देखा और खिसक गया
उत्तरः (घ)
(iv) मैंने एक व्यक्ति को देखा जो बहुत विद्वान था। ;आश्रित उपवाक्य छांटिए
(क) मैने एक व्यक्ति को देखा
(ख) जो बहुत विद्वान था
(ग) एक व्यक्ति को देखा
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ख)
(v) वह कवि है, जो कल यहाँ आया था। ;रेखांकित उपवाक्य का भेद लिखिए
(क) संज्ञा उपवाक्य
(ख) विशेषण उपवाक्य
(ग) क्रिया विशेषण उपवाक्य
(घ) प्रधान उपवाक्य
उत्तरः (ख)
Q.4 . निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए- 4 अंक
(i) इस वाक्य का वाच्य लिखिए-‘अशोक ने विश्व को शांति का संदेश दिया।’ 1 अंक
(क) कर्मवाच्य
(ख) भाव वाच्य
(ग) कर्तृवाच्य
(घ) करणवाच्य
उत्तर: (ग)
(ii) ‘हम इस खुले मैदान में दौड़ सकते हैं।’-उपर्युक्त वाक्य को भाव वाच्य में बदलिए। 1 अंक
(क) हम दौड़ सकते हैं, इस खुले मैदान में
(ख) हम इस खुले मैदान में दौड़ सकेंगे
(ग) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जाएगा
(घ) हमसे इस खुले मैदान में दौड़ा जा सकता है
उत्तरः (घ)
(iii) ‘सुमन जल्दी नहीं उठती।’-प्रस्तुत वाक्य को भाववाच्य में बदलिए। 1 अंक
(क) सुमन जल्दी नहीं उठ पाती
(ख) सुमन जल्दी से नहीं उठ सकेगी
(ग) सुमन जल्दी नहीं उठ पाएगी
(घ) सुमन से जल्दी नहीं उठा जाता
उत्तरः (घ)
(iv) निम्नलिखित वाक्यों में से कर्तृवाच्य वाला वाक्य छांटिए- 1 अंक
(क) अरविंद द्वारा कल पत्र लिखा जाएगा
(ख) बच्चों द्वारा नमस्कार किया गया
(ग) सरकार द्वारा लोक कलाकारों का सम्मान किया गया
(घ) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया
उत्तरः (घ)
(v) निम्नलिखित में से कौन-सा भाग वाच्य का सही विकल्प नहीं है? 1 अंक
(क) मुझसे अब देखा नहीं जाता
(ख) आइए चला जाए
(ग) हमें धोखा दिया जा रहा है
(घ) राधा से बोला नहीं जाता
उत्तरः (ग)
Q.5 निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए
(i) मधुरिमा दिल्ली जा रही है।
(क) जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
(ख) व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ग) व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ताकारक
(घ) भाववाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
उत्तर: (ख)
(ii) राघव मुझे यहीं मिला था।
(क) क्रिया अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग एकवचन, कर्तृवाच्य
(ख) क्रिया, सकर्मक, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग एकवचन, कर्मवाच्य
(ग) क्रिया, अकर्मक, वर्तमान काल, स्त्रीलिंग एकवचन, कर्तृवाच्य
(घ) क्रिया, अकर्मक, पूर्ण भूतकाल, पुल्लिंग एकवचन, भाववाच्य
उत्तर: (क)
(iii) मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूँ।
(क) विशेषण, संख्यावाचक, आवृत्तिसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(ख) विशेषण, परिमाणवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(ग) विशेषण, संख्यावाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
(घ) विशेषण, निश्चयवाचक, क्रमसूचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, ‘कक्षा’ विशेष्य
उत्तर: (ग)
(iv) हम पेड़ के नीचे बैठे हैं।
(क) अव्यय, संबंधबोधक, ‘पेड़’ से संबंध
(ख) अव्यय, समुच्चय बोधक, विभाजक
(ग) अव्यय, योजक, हमें और पेड़ को जोड़ रहा है।
(घ) अव्यय, व्रिळया विशेषण
उत्तर: (क)
(v) तुम किसे देख रहे हो ?
(क) सर्वनाम, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक
(ख) सर्वनाम, पुल्लिंग, एकवचन, कर्ता कारक
(ग) सर्वनाम, पुल्लिंग, बहुवचन, कर्ताकारक
(घ) सर्वनाम, प्रश्नवाचक, एकवचन, कर्म कारक
उत्तर: (घ)
Q.6 निम्नलिखित पाँच भागों में से किन्हीं चार भागों के उत्तर दीजिए
(i) शांत रस का स्थाई भाव क्या है ?
(क) उत्साह
(ख) निर्वेद
(ग) भय
(घ) आश्चर्य
उत्तरः (ख)
(ii) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए
जगी उसी क्षण विद्युज्ज्वाला, गरज उठे होकर वे क्रुद्ध
‘आज काल भी विरूद्ध है, -युद्धध बस मेरा युद्धध
(क) वात्सल्य रस
(ख) अद्धत रस
(ग) रौद्र रस
(घ) वीर रस
उत्तरः (ग)
(iii) विभाव वेळ दो भेद हैं
(क) आलंबन और उद्दीपन
(ख) आलंबन और आश्रय
(ग) आश्रय और उद्दीपन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)
(iv) ‘आश्चर्य’ किस रस का स्थाई भाव है ?
(क) भयानक रस
(ख) अद्धत रस
(ग) हास्य रस
(घ) करुणा रस
उत्तरः (ख)
(v) स्थाई भावों की संख्या कितनी है ?
(क) नौ
(ख) आठ
(ग) छः
(घ) दस
उत्तरः (क)
पाठ्य-पुस्तक
Q.7. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए-
हम गौर कर रहे थे, खीरा इस्तेमाल करने के इस तरीके को खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से संतुष्ट होने का सूक्ष्म, नफीस या एब्सट्रैक्ट तरीका जरूर कहा जा सकता है परन्तु क्या ऐसे तरीके से उदर की तृप्ति भी हो सकती है ?
नवाब साहब की ओर से भरे पेट के ऊँचे डकार का शब्द सुनाई दिया और नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कह दिया, ‘खीरा लजीज होता है लेकिन होता है सकील, नामुराद मेदे पर बोझ डाल देता है।’
ज्ञान-चक्षु खुल गए। पहचाना - ये हैं नई कहानी के लेखक!
खीरे की सुगंध और स्वाद की कल्पना से पेट भर जाने का डकार आ सकता है, तो बिना विचार, घटना और पात्रों के, लेखक की इच्छा मात्र से ‘नयी कहानी’ क्यों नहीं बन सकती ?
(i) लेखक किस बात पर गौर कर रहा था ?
(क) नवाब साहब द्वारा खीरा छीलने के नए तरीके पर
(ख) नवाब साहब द्वारा सीट पर बैठने के तरीके पर
(ग) नवाब साहब द्वारा खीरा इस्तमोल करने के नए तरीके पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)
(ii) नवाब साहब का खीरा खाने का तरीका कैसा था ?
(क) अनजाना
(ख) नफी़स या एबस्टैंक्ट
(ग) कल्पना भरा
(घ) संतुष्ट करने वाला
उत्तरः (ख)
(iii) नवाब साहब द्वारा ऊँचा डकार लेना किस बात का सूचक था ?
(क) भरे पेट का
(ख) भूख का
(ग) अधभरे पेट का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (क)
(iv) नवाब साहब वेळ अनुसार खीरा शरीर के किस अंग पर बोझ डालता है ?
(क) जिगर पर
(ख) मेदे पर
(ग) पेट पर
(घ) फेंफड़ों पर
उत्तरः (ख)
(v) ज्ञान-चक्षु खुलने पर लेखक नवाब साहब के बारे में किस निष्कर्ष पर पहुंचे ?
(क) नवाब साहब बहुत ज्ञानी हैं
(ख) ये हैं नई कहानी के लेखक
(ग) नवाब साहब सनकी हैं
(घ) उपरोक्त सभी बातें
उत्तरः (ख)
Q.8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर लिखिए- 2 × 1 = 2
(i) ‘नेताजी का चश्मा’ कहानी में कैप्टन कौन था? 1 अंक
(क) हालदार साहब
(ख) पान वाला
(ग) चश्मे बेचने वाला
(घ) अध्यापक
उत्तरः (ग)
(ii) फादर कामिल बुल्के का हिन्दी प्रेम किस प्रसंग से प्रकट होता है? 1 अंक
(क) उन्होंने प्रामाणिक अंग्रेजी-हिन्दी शब्दकोश तैयार किया
(ख) भारत आकर पढ़ना
(ग) ‘परिमल’ के सदस्यों से गहरा लगाव
(घ) भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग थे
उत्तरः (क)
Q.9 निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए
हमारे हरि हारिल की लकरी।
मन वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत-सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जकरी।
सुनत जोग लागत है ऐसो, ज्यों करुई ककरी।
सु तौ व्याधि हमकौं लै जाए, देखी सुनी न करी।
यह तौ ‘सुर’ तिनहिं लै सौंपो, जिन मन चकरी।।
(i) गोपियों ने श्रीकृष्ण को किसके समान कहा?
(क) हारिल पक्षी वेळ समान
(ख) व्याधि के समान
(ग) हारिल पक्षी की लकड़ी के समान
(घ) इनमें से किसी के समान नहीं
उत्तर: (क)
(ii) गोपियों को योग का संदेश कैसा लगता है ?
(क) कड़वी ककड़ी के समान
(ख) कड़वे करेले के समान
(ग) व्याधि के समान
(घ) इन तीनों के समान
उत्तर: (ख)
(iii) गोपियाँ किसे व्याधि मानती हैं ?
(क) हारिल पक्षी को
(ख) योग को
(ग) मधुकर को
(घ) श्रीकृष्ण को
उत्तर: (ख)
(iv) गोपियों ने योग की शिक्षा किन लोगों को देने की बात कही है ?
(क) श्रीकृष्ण भक्तों के को
(ख) स्थिर मन वालों को
(ग) चचंल (अस्थिर मन वालों को)
(घ) इनमें से किसी को नहीं
उत्तर: (ग)
(v) काव्यांश की भाषा और कवि हैं
(क) ब्रज भाषा - तुलसीदास
(ख) खड़ी बोली - जयशंकर प्रसाद
(ग) अवधी - तुलसीदास
(घ) ब्रजभाषा - सूरदास
उत्तर: (घ)
Q.10 निम्नलिखित में से निर्देशानुसार विकल्पों का चयन कीजिए
(i) ‘नाथ संभुधनु भंजनिहारा होइहि वेळउ एक दास तुम्हारा’ अर्थात्-शिव धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई दास ही होगा यह पंक्ति किसने, किससे कही है ? ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ वेळ आधार पर बताइए।
(क) लक्ष्मण ने परशुराम से
(ख) लक्ष्मण ने श्रीराम से
(ग) श्री राम ने परशुराम से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तरः (ग)
(ii) ‘अट नहीं रही है’ कविता में किस ऋतु का वर्णन है ?
(क) फागुन का
(ख) शीत का
(ग) ग्रीष्म का
(घ) वैशाख का
उत्तरः (क)
खण्ड ‘ब’
वर्णनात्मक प्रश्न
पाठ्य-पुस्तक एवं पूरक पाठ्य-पुस्तक
Q.11 निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए-
(i) ”वो लँगड़ा क्या जाएगा प़ळौज में। पागल है पागल।“ - कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर: कैप्टन के प्रति पान वाले की यह टिप्पणी उसकी संकीर्ण मानसिकता को प्रकट करती है। कैप्टन अपनी छोटी सी दुकान सेदेश भक्त नेताजी सुभाषचंद्र बोस की चश्मा विहीन मूर्ति पर चश्मा लगा कर उनके प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करता था। वह शारीरिक रूप से दिव्यांग और कमजोर होते हुए भी मन में देशभक्ति और राष्टंभक्तों के प्रति सम्मान की भावना रखता था इस दृष्टि से कैप्टन सहानुभूति एवं सम्मान का पात्र था। पानवाले द्वारा कैप्टन का इस तरह मज़ाक उड़ाना उचित नहीं है। अतः पान वाले की उक्त टिप्पणी निंदनीय है।
(ii) आपकी दृष्टि में भगत वेळ कबीरदास जी के प्रति अगाध श्रद्धा भाव के क्या कारण रहे होंगे ?
उत्तर: भगत कबीर के आदर्श साधु जीवन से प्रभावित हुए होंगे क्योंकि उन्हीं के समान बालगोबिन भगत जी भी गृहस्थ जीवन में रहते हुए साधु थे। कबीर समाज में प्रचलित रूढ़िवादी सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। वे सबवेळ प्रति निष्पक्ष व्यवहार करतेथे। वे ईश्वर के निराकार रूप के समर्थक थे। जहाँ मृत्यु वेळ उपरांत आत्मा का परमात्मा से मिलन होता है। भगत भी इसी मान्यताको स्वीकार करते थे।
कबीर के समान ही भगत भी अपने व्यवहार में खरापन रखते थे। वे उनके समान ही आडंबर रहित सादगी पूर्ण जीवन व्यतीत करते रहे। संक्षेप में कबीर के जीवन की सरलता, सादगी, खरापन और उनका वैराग्य भाव भगत की उनके प्रति आस्था का प्रमुख कारण रहा होगा।
(iii) क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप भी हो सकता है ? यदि हाँ तो ऐसी कुछ संकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: सनक सवार होने का अभिप्राय है किसी चीज़ की धुन लग जाना या उसको प्राप्त करने का जुनून छा जाना। सनक का केवल नकारात्मक रूप ही नहीं होता बल्कि वह सकारात्मक भी होती है। कई बार कि सी की सनक दूसरों को भी सुधारने लिए मजबूर कर देती है। जैसे किसी को हर काम समय पर करने की सनक होती है तो कोई बहुत सफाई पसंद होता है। किसी आविष्कारक को किसी नई खोज वेळ लिए भी सकारात्मक सनक ही सवार होती है। सकारात्मक सनक का यह रूप विद्यार्थियों, व्यवसायियों और कलाकारों में भी देखा जाता है।
(iv) फ़ादर की मृत्यु का क्या कारण था ? लेखक ऐसी मृत्यु को अनुचित क्यों मानता है ?
उत्तर: फ़ादर की मृत्यु जहरबाद जैसे कष्टदायक रोग से हुई। फ़ादर जीवन भर दूसरों को स्नेह और ममता का अमृत बाँटते रहे। ऐसे व्यक्ति के लिए ऐसी कष्टदायक मृत्यु का विधान लेखक को अनुचित प्रतीत होता है। वह ईश्वर से पूछना चाहता है कि ऐसे मधुर विनम्र, सहयोगी व्यक्तित्व का अंत इतना पीड़ादायक क्यों रहा
Q.12. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए- 2 × 3 = 6
(i) ‘उत्साह’ कविता में कवि निराला ने ‘नवजीवन वाले’ विशेषण का प्रयोग किसके लिए किया है और क्यों?
उत्तरः कवि ‘निराला’ ने ‘नवजीवन वाले’ बादलों के लिए प्रयोग किया है। बादलों की विशेषता है कि तप्त धरती के ताप को शांत कर प्रकृति को नया जीवन देते हैं। प्रकृति की प्रफुल्लता के साथ-साथ इनके द्वारा पशु-पक्षी, मानव सभी में नवीन उत्साह का संचार होता है।
व्याख्यात्मक हलः
‘उत्साह’ कविता में कवि ने नवजीवन वाले ‘विशेषण’ का प्रयोग बादलों के लिए किया है। बादल नवसृजन का प्रतीक हैं। बादल बरस कर अपनी शीतल फुहारों से ग्रीष्म ऋतु की तपन से त्रस्त जनमानस एवं जीव-जंतुओं को राहत पहुँचा कर उनमें उत्साह, स्फूर्ति और प्रसन्नता का संचार करते हैं। वे धरती के ताप को शांत कर सूखी हुई वनस्पतियों को फिर से हरा-भरा कर उन्हें नवजीवन प्रदान करते हैं।
(ii) ‘अट नहीं रही है’ कविता के आधार पर फागुन में उमड़े प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तरः फागुन मास में चारों ओर प्राकृतिक सौंदर्य और उल्लास दिखाई पड़ता है। सरसों के पीले फूलों की चादर बिछ जाती है। लताएँ और डालियाँ रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती हैं। पर्यावरण स्वयं प्रफुल्लित हो उठता है।
व्याख्यात्मक हलः
फागुन मास में प्राकृतिक सौन्दर्य का परमोत्कर्ष देखा जा सकता है। यह मास बसंत ऋतु का स्वागत मास होता है। वृक्षों की डालियों पर हरे पत्तों और लाल कोंपलों के मध्य सुगन्धित रंग-बिरंगे पुष्पों की शोभा ऐसी प्रतीत होती है जैसे वृक्षों के गले में सुगन्धित पुष्पों की मालाएँ पड़ी हों। सर्वत्र उल्लास, उत्साह और प्रफुल्लता का वातावरण छा जाता है। मानव मन पर भी इस सौन्दर्य का व्यापक प्रभाव पड़ता है और फागुन मास के सौन्दर्य से अभिभूत हो उसे अपलक निहारने का मन करता है।
(iii) धनुष भंग करने वाली सभा में एकत्रित जन ‘हाय-हाय’ क्यों पुकारने लगे थे? ‘राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद’ पाठ के आधार पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः सभा में परशुराम और लक्ष्मण के मध्य बहुत तीखी नोंक-झोंक हो गई। परशुराम तो स्वभाव से क्रोधी थे ही। लक्ष्मण ने बालक होने पर भी अपने व्यंग्य-वचनों से उनके क्रोध को भड़का दिया। लक्ष्मण द्वारा बहुत तीखे कटाक्ष करने पर सभा में एकत्रित लोग ‘हाय-हाय’ कहने लगे।
व्याख्यात्मक हलः
राजा जनक की सभा में श्री राम द्वारा शिव-धनुष के भंग होने के पश्चात् क्रोधित परशुराम एवं लक्ष्मण के मध्य बहुत तीखी नोंक-झोंक और बहस होने लगी। परशुराम तो अत्यंत क्रोधी स्वभाव के थे ही, वहीं लक्ष्मण भी अपने व्यंग्य बाणों से उनकी क्रोधाग्नि को और भड़का रहे थे। परशुराम की गर्वोक्तियाँ सुनकर लक्ष्मण भी तीखे कटाक्ष करने लगे जिन्हें सुनकर परशुराम क्रोध में अपना फरसा सँभालने लगे, यह देखकर सभा में हाहाकार मच गया। वहाँ उपस्थित सभी लोग हाय-हाय पुकारने लगे।
Q.13 निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो के उत्तर लगभग 40-50 शब्दों में लिखिए
(i) बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्यार को केसे अभिव्यक्त करते हैं ?
उत्तर: माता-पिता के समान ही बच्चे भी उन्हें बहुत प्यार करते हैं। माता-पिता के प्रति अपना प्रेम अभिव्यक्त करने के लिए वे अनेक बाल-सुलभ व्रळीड़ाएँ करते हैं। बच्चे मुस्कराकर, उनकी गोद में बैठकर, उनवेळ साथ खेलकर, सोकर, कभी प्यार भरी जिद करके तो कभी उनकी आज्ञा का पालन करके माता-पिता वेळ प्रति अपने प्रेम को प्रकट करते हैं।
(ii) जाॅर्ज पंचम की नाक’ पाठ के आधार पर मूर्तिकार का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर: मूर्तिकार बहुत चतुर, लोभी, वाव्ळ पटु, और अवसरवादी था। उसे सरकारी तंत्र की गहरी समझ थी। वह जानता था कि इस नाजुक समय में मनचाहा लाभ कमाया जा सकता है, इसीलिए अधिकारियों को मूर्ख बनाकर वह सरकारी पैसे पर पूरे देश का भ्रमण करता है। वह अत्यंत चालाक, सुयोग्य और धूर्त भी था। जहाँ एक ओर लाट पर जिंदा नाक लगाने की सलाह देकर वह सरकारी सोच को समाज के सामने लाता है वहीं जाॅर्ज की नाक से सबकी नाक को बड़ी या ऊँची बताकर वह देशभक्तों का गौरव भी बढ़ाता है।
(iii) गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है ?
उत्तर: गंतोक एक सुरम्य, रमणीय पर्वतीय स्थल है जहाँ की सुबह, शाम और रात अत्यंत मनोहारी प्रतीत होती है। यहाँ के निवासियों ने दिन-रात कठिन परिश्रम करके इस शहर को यह सुंदर रूप प्रदान किया है। ये मेहनतकश लोग विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए भी अपनी आजीविका चलाने वेळ लिए कठोर परिश्रम करते हैं। इसलिए गंतोक को ‘मेहनतकश बादशाहों का शहर’ कहा गया है।
Q.14. निम्नलिखित में किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर लगभग 80.100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए
(i) बढ़ती बेरोजगारी: एक ज्वलंत समस्या
उत्तरः जब कोई व्यक्ति काम करने योग्य एवं इच्छुक हो किंतु उसे कार्य करने के अवसर प्राप्त न हो सके उस अवस्था को ‘बेरोजगारी कहते हैं। यह आज हमारे देश की प्रमुख समस्या बन गई हैं जो उसकी प्रगति में बाधक है। निरंतर बढ़ती जनसंख्या और उपलब्ध सीमित साधनों ने इस संकट को और भी विषम बना दिया है। शिक्षित बेरोजगार कई बार रोजगार न मिलने पर अवसाद ग्रस्त हो जाते हैं या अपराध करने को विवश हो जाते हैं। ग्रामीण युवक भी पलायन करवेळ शहरी बेरोजगारी को बढ़ावा दे रहे हैं। यद्यपि इस समस्या का समाधान इतना सरल नहीं है किंतु शिक्षा प्रणाली में सुधार करके व्यवसायीकरण को बढ़ावा देकर, लोगों को उनके पैतृक व्यवसाय से जोड़कर, ग्रामीण क्षेत्रों में वुळटीर उद्योग धंधों की स्थापना करवेळ, जनसंख्या पर नियंत्रण तथा ग्रामीणों में वृळषि वेळ प्रति अभिरुचि जाग्रत करके इस समस्या का समाधान पाया जा सकता है। हमें ग्रामीण कुटीर उद्योगों को पुनः स्थापित करना होगा और वहाँ की आवश्यकता के अनुसार उद्योग धंधे लगाने की योजना बनानी होगी।
(ii) हमारे राष्ट्रीय पर्व
उत्तरः पर्व या त्योहार हमारे जीवन में उल्लास, उमंग, आनंद तथा सफलता पाने के साथ ही हमें अनेक प्रकार के संदेश भी देते हैं। ऐसे पर्व जिसका संबंध संपूर्ण राष्ट्र से होता है, राष्ट्रीय पर्व कहलाते हैं। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती आदि हमारे प्रमुख राष्ट्रीय पर्व हैं। इनके अतिरिक्त शहीद दिवस, शिक्षक दिवस, बाल दिवस आदि भी राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किए जाते हैं। गणतंत्र दिवस 26 जनवरीद्ध’ को भारत का संविधान लागू हुआ तथा भारत एक संप्रभुता संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य बना था। 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। गांधी जयंती ;2 अक्टूबर पर सब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को भावपूर्ण श्रद्धांजलि देकर सत्य और अहिंसा को अपनाने का संकल्प लेते हैं। हमारे राष्ट्रीय पर्व हमारी अमूल्य धरोहर हैं। इनमें इन पर्वों का महत्व समझते हुए उन्हें पूरी श्रद्धांजलि एकता और धार्मिक सद्भाव के साथ मनाना चाहिए।
(iii) मधुर वचन है औषधि कटु वचन है तीर / ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए.......
उत्तरः मधुर वचन है औषधि अमरत मधुर वाणी अमृत के समान होती है। जगत को शीतल और शांत बनाने के लिए मधुर वचनों से अधिक कुछ भी लाभदायक नहीं है। कहा भी गया है मधुर वचन है औषधि कटु वचन है तीर’ अर्थात मीठी वाणी औषधि के समान है, वहीं कटु वचन तीर के समान चुभ जाते हैं। वाणी की मधुरता व्यक्ति का आभूषण है। मृदुभाषी समाज में आदर एवं प्रतिष्ठा प्राप्त करता है तथा सभी का प्रिय हो जाता है। मधुर वचनों के द्वारा कोई भी बिगड़ा हुआ काम बन सकता है। कटु वक्ता सर्वत्र निंदा का पात्र होता है। कटु वचन हमारे अंतर्मन को बांध देते हैं। शस्त्र का घाव भर सकता है पर कटु वचनों का घाव कभी नहीं भरता। मधुर वचनों से व्यक्ति में विनम्रता आती है, जो मानव का प्रमुख गुण है। जिस प्रकार एक पुष्प की सुगंध अपने आसपास के वातावरण को सुवासित करती है उसी प्रकार मधुर वचन बोलने वाला व्यक्ति भी अपने चारों ओर प्रेम और सौहार्द का वातावरण निर्मित करता है। अतः हमें सदैव मधुर वचन बोलने चाहिए।
Q.15 फिल्मी जगत में बढ़ती हिंसा प्रधान फिल्मों को देखकर युवा-मन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों की चर्चा करते हुए किसी प्रसिद्ध दैनिक समाचार पत्र के संपादक को 80.100 शब्दों में एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में
संपादक
नवभारत टाइम्स
नई दिल्ली
विषय किशोर वर्ग पर हिंसा प्रधान फिल्मों वेळ बढ़ते दुष्प्रभावों के सदंर्भ में
महोदय
मैं आपके लोकप्रिय समाचार पत्र के माध्यम से सरकार और समाज का ध्यान हिंसा प्रधान फिल्मों के युवाओं पर पढ़ते दुष्प्रभावों की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। आजकल सिनेमा जगत में हिंसा प्रधान फिल्में बनाने की होड़ सी लग गई है। दूरदर्शन के विभिन्न चैनलों से भी समय-समय पर उन फिल्मों का प्रदर्शन होता रहता है। ऐसा लगता है कि सरकार का इन पर कोई नियंत्रण ही नहीं रह गया है। युवा वर्ग पर इसका कितना दुष्प्रभाव पड़ रहा है शायद इसकी कल्पना भी कार्यक्रम प्रसारणकर्ताओं को नहीं है। कई बार कुछ ऐसे उदाहरण सामने आए हैं, जिनमें लूटपाट, चोरी-डकैती और हिंसक घटनाओं का मुख्य कारण इन फिल्मों में दी गई जानकारी ही रही है। युवा वर्ग बुराई की ओर जल्दी आकर्षित होता है। इस प्रवृत्ति पर रोक लगाना अत्यंत आवश्यक है। आपके विश्वसनीय समाचार पत्र के माध्यम से मेरा सरकार के ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ से अनुरोध है कि वह अपनी नीति में उपयुक्त सुधार कर इन बढ़ती हिंसा प्रधान फिल्मों पर रोक लगाएँ।
धन्यवाद सहित
भवदीय
अ ब स
साकेत नगर
नई दिल्ली
दिनांक.............
अथवा
छात्रावास में रहने वाले अपने छोटे भाई को एक पत्र 80-100 शब्दों में लिखकर प्रातः काल नियमित रूप से योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करने के लिए प्रेरित कीजिए।
उत्तरः
12/34 साकेत नगर
नई दिल्ली
23 मार्च, 20xx
प्रिय अनुज
सस्नेह आशीर्वाद
तुम्हारे पत्र से ज्ञात हुआ कि तुम छात्रावास में रहकर पूरे मनोयोग से अध्ययन कर रहे हो तथा उसका
परिणाम भी बहुत अच्छा मिल रहा है। मुझे पता है कि तुम अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण सजग हो परन्तु कई बार
तुम अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाते हो, यह उचित नहीं है। मेरी सलाह है कि तुम प्रातःकाल छात्रावास के प्रांगण में भ्रमण करने जाया करो। प्रातःकाल खुली हवा में भ्रमण करने से मन में स्फूर्ति का
संचार होता है। इसके बाद अपने कमरे में या यदि संभव हो तो प्राकृतिक वातावरण में कुछ यौगिक क्रियाओं और ध्यान मुद्रा का अभ्यास किया करो। योगाभ्यास तन और मन दोनों के लिए लाभ होता है।
मुझे आशा है कि तुम मेरी सलाह पर गंभीरता से विचार करके अवश्य उस पर अमल करोगे। माताजी व पिताजी भी तुम्हें बहुत याद करते हैं। अपने स्वास्थ्य का पूर्ण ध्यान रखना।
तुम्हारा अग्रज
क.ख.ग
Q.16. पर्यावरण विभाग की ओर से जल-संरक्षण का आग्रह करते हुए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए। 1 × 5 = 5
उत्तरः
जल ही जीवन का आधार, संरक्षण से होगा उद्धार
पृथ्वी की सतह पर जो दो-तिहाई जल है उसमें से बहुत कम मात्रा में ही पीने योग्य शेष है। इसलिए आइए हम सब जल के संरक्षण के लिए संकल्प लें कि-अधिक से अधिक वृक्षारोपण करेंगे तथा जल-स्त्रोतों की रक्षा करेंगे। पानी की एक भी बूँद व्यर्थ नहीं गँवाएँगे।
‘जल की हर एक बूँद अनमोल
जल बचाएँ, अपना जीवन बचाएँ
पर्यावरण विभाग द्वारा जनहित में जारी
‘जल की हर एक बूँद अनमोल
जल बचाएँ, अपना जीवन बचाएँ
पर्यावरण विभाग द्वारा जनहित में जारी
अथवा
‘समर वूळल’ पंखों वेळ प्रचार वेळ लिए 25-50 शब्दों में एक आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए। समर कूल पंखे
उत्तर:
Q.17. अपने मित्र को जन्मदिन की बधाई देते हुए 30-40 शब्दों में एक शुभकामना संदेश लिखिए।
उत्तर:
अथवा
किसी प्रियजन वेळ आकस्मिक निधन पर सांत्वना देते हुए अपने किसी संबंधी को 30-40 शब्दों में एक संदेश लिखिए।
उत्तर:
303 docs|7 tests
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1. कक्षा 10 हिंदी ए: सीबीएसई नमूना प्रश्न पत्र (2020-21) - 2 कक्षा 10 के इस शीर्षक और परीक्षा से संबंधित 5 मतलबपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (FAQs) के साथ विस्तृत उत्तर प्रदान करें, जो कि अधिकांशतः खोजे जाने वाले हैं और लेख के सामग्री के संगत हों। प्रश्नों और उत्तरों की जटिलता पाठ या परीक्षा से अधिक नहीं होनी चाहिए। विषय के लिए गूगल पर अधिकतर खोजे जाने वाले प्रश्नों को ध्यान में रखें। कृपया प्रश्न के बाद हर प्रश्न के बाद |
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