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Important Questions: आश्रम का अनुमानित व्यय | Hindi (Vasant II) Class 7 PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक)  


प्रश्न 1: आरंभ में आश्रम में कुल कितने लोग थे ?
उत्तर:
आरंभ में आश्रम में कुल चालीस लोग थे।

प्रश्न 2: हर महीने औसतन कुल कितने अतिथि आते थे ?
उत्तर:
हर महीने औसतन दस अतिथि आते थे।

प्रश्न 3: रसोई के सामग्री पर कुल कितने रुपये खर्च हुए थे ?
उत्तर:
रसोई के सामग्री पर कुल एक सौ रुपये खर्च हुए थे।

प्रश्न 4: बढ़ईगिरी के समान पर कितने रुपये खर्च हुए थे ?
उत्तर:
बढ़ईगिरी के सामान पर कुल पाँच सौ रुपये खर्च हुए थे।

प्रश्न 5: वर्ष में औसतन पचास लोगों का खर्च कितने रुपए था ?
उत्तर:
वर्ष में औसतन पचास लोगों का कुल खर्च छह हजार रुपये था।

लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक)


प्रश्न 6: मकान कुल कितने क्षेत्र में बना हुआ था ?
उत्तर:
लेखक के अनुसार मकान कुल पचास हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में बना हुआ था जिसमें लोगों के रहने के लायक पर्याप्त जगह थी और मकान का क्षेत्रफल खुला होना चाहिए ताकि उसमें काफी लोग और आसानी से रह सके।

प्रश्न 7: पुस्तकालय और अलमारियों के लिए कितनी जगह चाहिए थी ?
उत्तर:
लेखक चाहते थे कि पुस्तकालय और अलमारियों के लिए इतनी जगह होनी चाहिए कि तीन हजार पुस्तकें आसानी से रखी जा सके। काफी पुस्तके रखने के लिए काफी क्षेत्रफल चाहिए होता है एवं लेखक के पास तो पहले से ही इतनी पुस्तके होती हैं कि उसको अपनी पुस्तके रखने के लिए काफी क्षेत्रफल की जरूरत होती है।

प्रश्न 8: खेती के लिए कितनी जमीन जरूरी थी ?
उत्तर:
लेखक अर्थात् गांधी जी कहते हैं कि कम से कम पाँच एकड़ जमीन खेती करने के लिए जरूरी है। जितने ज्यादा क्षेत्रफल पर खेती की जाती है उतना ही ज्यादा अनाज होता है और एक किसान के पास ज्यादा से ज्यादा भूमि होनी चाहिए खेती करने के लिए।

प्रश्न 9: खेती के लिए क्या-क्या औजार और कितने लोग चाहिए होते हैं ?
उत्तर:
खेती करने के लिए कुदालियों, फावड़ों और खुरपों की जरूरत होती है क्योंकि खेती औजारों के बिना नहीं की जा सकती है और खेती के लिए ज्यादा से ज्यादा औजारों की आवश्यकता होती है। खेती करने के लिए लगभग तीस लोगों की आवश्यकता पड़ती है।

प्रश्न 10: शिक्षण के सामान में गांधी जी ने किसकी आवश्यकता व्यक्त की थी ?
उत्तर:
गांधी जी ने शिक्षण के सामान के लिए कम से कम पाँच से छह देसी हथकरघों की आवश्यकता व्यक्त की थी। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग काम कर सकें।

लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक)


प्रश्न 11: आश्रम में आने वाले अतिथियों के लिए क्या-क्या सुविधाएं थी ?
उत्तर:
आश्रम में आने वाले अतिथियों के लिए संभवत सारी बातों का ख्याल रखा गया था। उनको स्टेशन से लेने के लिए बैलगाड़ी, परिवार वालों के लिए एक अलग , एक साथ रहने वालों के लिए अलग कमरा और पढ़ने के लिए पुस्तकालय आदि सभी सुविधाओं का ख्याल रखा गया था I

प्रश्न 12: गांधी जी ने किस हिसाब में किन चीजों को शामिल नहीं किया था ?
उत्तर:
गांधी जी का ख्याल था कि हमें राजमिस्त्री और लुहार के औजारों की भी जरूरत होगी। हमें दूसरे बहुत से और भी औजार चाहिए और इसी हिसाब से मैंने राजमिस्त्री और लुहार का खर्च और शिक्षण संबंधी सामान का खर्च शामिल नहीं किया है।

प्रश्न 13: प्रमुख लोगों का क्या मत था ?
उत्तर:
प्रमुख लोगों की इच्छा यह थी कि आश्रम बनाने का एक प्रयोग एक वर्ष तक अहमदाबाद में किया जाए और यदि ऐसा होता है तो ऊपर बताया गया सभी खर्च अहमदाबाद को उठाना चाहिए। अहमदाबाद में स्थापित आश्रम का संविधान स्वयं गांधीजी ने तैयार किया था और इस संविधान के मसविदे से पता चलता है कि वह भारतीय जीवन का निर्माण किस प्रकार करना चाहते थे।

प्रश्न 14: अहमदाबाद में स्थापित आश्रम के संविधान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
अहमदाबाद में स्थापित आश्रम का संविधान स्वयं गांधीजी ने तैयार किया था और इस संविधान के मसविदे से पता चलता है कि वह भारतीय जीवन का निर्माण किस प्रकार करना चाहते थे। संविधान में हर एक छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखा गया है। कम से कम खर्च में अच्छी सुविधा करने की कोशिश की गई थी। उत्तम कोटि के बर्तन जैसे तांबा,  पीतल आदि का प्रयोग किया गया था।

प्रश्न 15: मदों के तैयारी में गांधीजी ने भूल होने की बात क्यों कहीं ?
उत्तर:
गांधी जी कहते हैं कि मैंने खर्च का अनुमान जल्दबाजी में तैयार किया था इसलिए हो सकता है कि कुछ मदें छूट भी गई हो और कहते हैं कि खाने के खर्च के अलावा स्थानीय स्थिति का ज्ञान नहीं है तो हो भी सकता है कि मेरा अनुमान गलत हो।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक)


प्रश्न 16: अहमदाबाद के खर्च उठाने से विभिन्न मदों पर होने वाले खर्चों का ब्यौरा दीजिए।
उतर:
गांधी जी कहते हैं कि यदि अहमदाबाद सब खर्च उठाए तो विभिन मदों में खर्च कुछ इस तरह होना चाहिए:            
1) खेत की ज़मीन-पाँच एकड़ ज़मीन होनी चाहिए जिसमें तीस लोग काम कर सकें।
2) किताबें और अलमारियों का खर्च- तीन हज़ार पुस्तकें रखनें लायक पुस्तकालय और अलमारियाँ होनी चाहिए।              
3) बढ़ई के औज़ार-पाँच बड़े हथौड़े, तीन बसूलें,पाँच छोटी हथौड़ियाँ आदि।
4) रसोई का खर्च-रसोई के लिए आवश्यक समान पर एक सौ पचास रुपये-पैसे का खर्च होगा।            
5) एक वर्ष के लिए खाने का खर्च छह हज़ार होना चाहिए।

प्रश्न 17: आश्रम की प्रस्तावित संरचना कैसी थी ?
उत्तर:
शुरुआत में आश्रम में चालीस लोग होंगे। कुछ समय बाद इस संख्या का पचास हो जाने की संभावना है। हर महीने औसतन दस अतिथियों के आने की संभावना होती है। इनमें तीन या पाँच सपरिवार होंगे , इसलिए स्थान की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि परिवारवाले लोग अलग रह सकें और शेष एक साथ।
1) घर में तीन रसोईघर हो और मकान कुल पचास हज़ार वर्ग फुट क्षेत्रफल में बने तो सब लोगों के लायक जगह हो।
2) तीन हज़ार पुस्तकें रखनें लायक पुस्तकालय और अलमारियाँ होनी चाहिए।              
3) कम-से-कम पाँच एकड़ ज़मीन खेती करने के लिए होनी चाहिए ताकि कम-से-कम तीस लोग काम कर सकें, और खेती के औज़ार होने चाहिए। इनमें कुदालियों, फावड़ों और खुरपों की भी ज़रुरत होगी।

प्रश्न 18: बढ़ईगिरी के लिए क्या-क्या औजार होने चाहिए थे ?
उत्तर:
बढ़ईगिरि के लिए निम्नलिखित समान होने चाहिए-                          
1. पांच बड़े-बड़े हथोड़े , तीन बसुले , पांच छोटी-छोटी हथोड़ियाँ ,दो एरन,  बम, दस छोटी-छोटी छेनिया ,चार रंदे, एक सालानी, चार केतिया,चार छोटी- बड़ी बेधनिया, चार आरिया, एक मोंगरा, बीस रतल कीलें छोटी और बड़ी और मोची का औजार।
2. सभी समान उपलब्ध होने से किसी को कोई परेशानी नही होगी।

प्रश्न 19: गांधीजी ने बजट कैसे और क्यों पेश किया ?
उत्तर:
गांधीजी कोई भी काम ऐसे ही नहीं करते थे हर काम को बहुत सावधानी से करते थे और गांधीजी अधिकतर कामों को लिखित रूप में करते थे और गांधीजी सभी पक्षों को ध्यान में रखकर अपना कार्य करते थे और गांधी जी ने जो बजट पेश किया था वह भी लिखित रूप में ही किया था और गांधीजी चाहते थे कि जो अहमदाबाद में जो आश्रम बनना है उसके सभी खर्च का अनुमान सभी लोगों को लग जाए और इसी उद्देश्य से गांधी जी ने बजट भी पेश किया था।

प्रश्न 20: आश्रम के बारे में क्या-क्या चीजें बताई गई हैं ?
उत्तर:
1.आश्रम में खर्च कम करने के लिए बजट बनाया गया हैं जिससे सभी की जरूरतों को पूरा किया जा सके तथा आश्रम के द्वारा बजट भी बनाया गया हैं।
2. आश्रम में अतिथियों के लिए तीन रसोईघर बनाये गये हैं व खेती का भी इंतजाम किया गया हैं जिससे सभी को शुद्ध खाना मिल सके।
3. आश्रम में अलग-अलग कमरों का भी इंतजाम हैं कुछ कमरे परिवार वालो के लिये बनाये गये हैं तथा कुछ शेष व्यक्तियों के लिये।
4. मजदूरों को उनकीं योग्यता के अनुसार कार्य व वेतन भी दिया जाता हैं तथा रसोईघर में उच्चतम बर्तनों का भी इस्तेमाल किया गया हैं।
5. अतिथियों को व उनके समान को स्टेशनों से लाने के लिये बैलगाड़ी का उपयोग भी किया जाता हैं।
6.आश्रम में खेती के लिए औजारों जेसे - कुल्हाड़ी,फावड़ा का प्रयोग किया जाता हैं। 

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