Table of contents | |
अति लघु उत्तरीय प्रश्न: (1 अंक ) | |
लघु उत्तरीय प्रश्न: (2 अंक) | |
लघु उत्तरीय प्रश्न: (3 अंक) | |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: (5 अंक) |
प्रश्न 1: तौत्तो - चान ने यासुकी - चान को किस लिए न्योता दिया था?
उत्तर: तौत्तो - चान ने यासुकी - चान को अपने पेड़ पर चढ़ने लिए न्योता दिया था।
प्रश्न 2: तोत्तो - चान का पेड़ कहाँ था?
उत्तर: तोत्तो - चान का पेड़ मैदान के बाहरी हिस्से में कृहाँबृत्सू जानेवाली सड़क के पास था।
प्रश्न 3: तौत्तो - चान के पेड़ पर चढ़ना क्यों मुश्किल था?
उत्तर: तोत्तौ - चान का पेड़ बहुत बड़ा और फिसलन भरा था, इसलिए उस पर चढ़ना मुश्किल था।
प्रश्न 4: तोत्तो - चान अक्सर खाने छुट्टी में कहाँ जाती थी?
उत्तर: तोत्तो - चान खाना खाने छुट्टी में अक्सर अपने पेड़ पर जाती थी।
प्रश्न 5: लेखिका के अनुसार बच्चों की सम्पति क्या थी ?
उत्तर: एक - एक पेड़ जिसपर बच्चे चढ़ते थे, उसी को अपनी सम्पति मानते थे।
प्रश्न 6: यासुकी-चान पेड़ पर नहीं क्यों चढ़ पाता था?
उत्तर: यासुकी-चान को पोलियो था इसलिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न किसी पेड़ को निजी संपत्ति मानता था।
प्रश्न 7: किसी दुसरे के पेड़ पर चढ़ने का क्या नियम था?
उत्तर: किसी दूसरे के पेड़ पर चढ़ना हो, तो उससे पहले पूरी शिष्टता से, माफ कीजिए, क्या मैं अंदर आ जाऊँ? उससे ऐसा पूछना पड़ता था।
प्रश्न 8: तोत्तो - चान, क्यों अपने माँ से नज़र नहीं मिला पा रही ची?
उत्तर: तौत्तो - चान अपने माँ से झूठ बोल रही थी। इसलिए वह अपने माँ से नजर मित्राकर बात नहीं कर पा रही थी।
प्रश्न 9: तात्तो - चान का पीछा स्टेशन तक कौन करता है और क्यॉ?
उत्तर: रॉकी तोत्तो - चान का पीछा स्टेशन तक करता था क्योंकि उसको पता चल्र गया था कि तोत्तो - चान अपने माँ से झूठ बोलकर निकली है।
प्रश्न 10: “वे दौनों आज कुछ ऐसा करनेवाले थे जिसका भेद किसी को ओ पता न था। “ वै दौनों कौन है और क्या करने वाले थे?
उत्तर: वै दोनों अभिष्राय तात्तो - चान और यासुकी - चान से है। वह दोनों आज पेड़ पर चढ़ने जा रहे थे।
प्रश्न 11: तौत्तो - चान ने बड़ो से क्या छुपाया था और क्यों ?
उत्तर: तौत्तो - चान ने अपने यासुकी - चान को अपने पेड़ पर चढ़ने के लिए आमंत्रित किया था। यह बात उसने किसी को नहीं बताई थी, क्योंकि यासुकी - चान को पोलियो था । अगर यह बात बड़ों को पता चल जाती, तो उसको डांट पड़ती। उसके यह बात छुपाने का कारण उसका डर था ताकि बड़े लोग उसको डांटे ना।
प्रश्न 12: तौत्तौ - चान अपने माँ से क्यों झूठ बोलती है?
उत्तर: तौत्तो - चान अपने मित्र यासुकी - चान को पेड़ पर चढाने के लिए आमंत्रित की रहती है , यह बात अपने माँ से छुपाती है ,ताकि उसको डांट न पड़े। घर से निकलते समय उसने अपने माँ से झूठ बोला कि वह यासुकी-चान के घर डैनेनचौफु जा रही है। क्यूँकि उसको बार बार डर लग रहा था, कि कोई उसकी बात ननहीं समझेगा।
प्रश्न 13: यासुकी - चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए तौतो-चान ने क्या तरकीब निकाली ?
उत्तर: यासुकी - चान को पेड़ पर चढ़ाने के लिए तौत्तो .- चान खुद पेड़ से उतरकर उसको पीछे से धक्के दिए और उसके बाद वो सीढ़ी लेकर आई । फिर तोतो- चान ने उसे पीछे से सहारा दिया और यासुकी चेन को पेड़ पर चढाने में सफल हो गया इस प्रकार उसकी तरकीब सफल हो गयी।
प्रश्न 14: लेखिका ऐसा क्यों कहती है, यासुकी - चान का पेड़ पर चढ़ाने का पहला और आखिरी मौका था?
उत्तर: लेखिका ने ऐसा इसलिए लिखा होगा ,क्योंकि यासुकी- चान के लिए अपने आप और अपने बल पर पेड़ पर चढ़ना संभव नहीं था और तोत्तौ-चान हर एक बार झूठ बोलकर इतनी मेहनत से हमेशा उसकी मदद नहीं कर सकती। अतः लेखिका का कथन उचित है।
प्रश्न 15: पेड़ पर चढ़ने के प्रथम असफलता के बाद क्या हुआ?
उत्तर: पेड़ पर चढने के प्रथम असफलता के बाद यासुकी-चान उस पेड़ पर चढ़े यह उसकी हार्दिक इच्छा थी। लेकिन प्रथम असफलता के बाद उसका चेहरा लटका गया और उदास हो गया था। तब तोत्तो-चान को उसे हँसाने के लिए गाल फुलाकर तरह-तरह के चेहरे बनाने पड़े। ताकि वह अपनी असफल कि बात से परेशान ना हो।
प्रश्न 16: यासुकी-चान को पेड़ पर चढ़ाने मैं तोत्तौ-चान को क्या कष्ट हुआ?
उत्तर: तोत्तो - चान को बहुत अधिक कष्ट हुआ क्योंकि, यासुकी - चान को पोलियो था। इसलिए वह किसी पेड़ पर नहीं चढ़ पाता था। तोत्तो - चान के यह दिल की तम्मना थी ,कि वह उसको पेड़ पर चढ़ाये । यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमज़ोर थे, कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के नहीं चढ़ पाता था। यासुकी कि इस स्थिति को वह सहन नहीं कर पा रहा था , इसी कारण तोत्तो - चान को उसको पेड़ पर चढ़ाने में बहुत कष्ट हुआ।
प्रश्न 17: तोत्तो-चान का पेड़ क्यों अच्छा था ?
उत्तर: तोत्तो-चान का पेड़ मैदान. के बाहरी हिस्से में कुहोन्बुत्सु जानेवाली सड़क के पास था। उस पर चढ़ने जाओ 'तो पैर फिसल-फिसल जाते थे। मगर ठीक से चढ़ने पर जमीन से कुछ फुट की ऊंचाई पर एक दो शाखा तक पहुँचा जा सकता था। यह बिल्कुल किसी झूले-सी आरामदेह जगह थी। तौत्ती-चान अकसर खाने की छुट्टी के समय या स्कूल के बाद ऊपर चढ़ी मिल्राती थी। वहाँ से उसको सब कुछ देखने को मिलता था, ऊपर आकाश और नीचे जमीन। इसलिए उसको पेड़ बहुत अच लगता था।
प्रश्न 18: पेड़ पर चढ़ने के प्रथम प्रयास के दौरान क्या हुआ?
उत्तर: यासुकी-चान के हाथ-पैर इतने कमजोर थे, कि वह पहली सीढ़ी पर भी बिना सहारे के चढ़ नहीं पाया था। इस पर तौत्तौ-चान नीचे उतर आई और यासुकी-चान. को पीछे से धकेलने लगी। मगर तोत्तौ-चान छोटी और नाजुक सी थी, इससे अधिक सहायता क्या करती! यासुकी-चान ने अपना पैर सीढ़ी पर से हटा लिया और हताशा से सिर झुकाकर खड़ा हो गया। तौत्तो-चान को पहली बार लगा कि काम उतना आसान नहीं है, जितना वह सोच बैठी थी।
प्रश्न 19: तौत्तो - चान अपने माँ से क्या झूठ बोलती है. ?और क्यों? उसके झूठ को कौन पकड़ता है?
उत्तर: तोतो चान अपनी माँ से झूठ बोल कर अपने मित्र यासुकी - चान को पेड़ पर चढने के लिए आमंत्रित करता है। यह बात वह घर में सबसे छुपता है, ताकि उसको डांट न पड़े। उसके झूठ बोलने का कारण केवल बड़ो से डांट से बचना थाऔर घर से निकलते समय उसने माँ से कहा कि वह यासुकी-चान के घर डैनेनचोफु जा रही है। तौत्तो - चान का झूठ रॉकी ने पकड़ा था। तौत्तो - चान यह बात खुद रॉकी को बताती है, क्योंकि वह एक सच्ची और अच्छी लड़की थी। इस प्रकार रॉकी उसका झूठ पकड़ता है।
प्रश्न 20: तौत्तो - चान का पेड़ कहाँ था? तोत्तो - चान के पेड़ पर चढ़ना क्यों मुश्किल था ? यासुकी-चान क्यों पेड़ र नहीं चढ़ पाता था?
उत्तर: तौत्तो - चान का पेड़ मैदान के. बाहरी हिस्से में कुहाबुत्सू जानेवाली सड़क के पास था। तौत्तो - चान का पेड़ बहुत बड़ा और फिसलन से भरा रहता था, इसलिए उस पर चढ़ना मुश्किल था। यासुकी-चान को पोलियो था। इसल्रिए वह न तो किसी पेड़ पर चढ़ पाता था और न॒ही किसी पेड़ को अपनी निजी संपत्ति मानता था। वह जनता था, कि किसी भी पेड़ को अपना मन कर कुछ नहीं होगा ,जब मैं पेड़ पर चढ़ ही नहीं सकता।
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