Table of contents | |
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक) | |
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक) | |
लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक) | |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 अंक) |
प्रश्न 1: दक्षिण भारत का मुख्य व्यंजन क्या था ?
उत्तर: दक्षिण भारत के मुख्य व्यंजन इडली-ढोसा-बड़ा -सांभर-रसम इत्यादि है।
प्रश्न 2: एक गुजराती व्यंजन का नाम बताइये जिसका जिक्र लेखक ने पाठ में किया है ?
उत्तर: लेखक ने पाठ में ढोकला-गठिया का जिक्र किया है जो एक गुजराती व्यंजन है।
प्रश्न 3: खानपान की संस्कृति में पिछले कितने वर्षो से बदलाव आने शुरू हुए ?
उत्तर: खानपान की संस्कृति में पिछले दस-पंद्रह वर्षो से बदलाव आने शुरू हुए।
प्रश्न 4: अंग्रेजी राज में साहबी ठिकानों पर कौनसा व्यंजन प्रचलन में था ?
उत्तर: ब्रेड को सेक कर खाने का रिवाज़ अंग्रेजी राज में प्रचलन में था।
प्रश्न 5: बम्बई और दिल्ली के पुराने मुख्य व्यंजनों के नाम बताइये।
उत्तर: बम्बई की पाव-भाजी और दिल्ली का छोला-कुलचा पुराने व मुख्य व्यंजन में से है।
प्रश्न 1: दोपहर का टिफ़िन विभिन्न प्रदेशो को कैसे जोड़ देता है।
उत्तर: दोपहर के समय मध्यमवर्गीय स्कूलों में लंच के समय सभी बच्चे जो अलग अलग राज्यों से आये होते है एकसाथ अपने घर के टिफ़िनो को एक साथ खोलते है तो इस तरह कई राज्यों के व्यंजनों की खुशबू आपस में मिलकर मिश्रित रूप से सभी प्रदेशो को जोड़ती है।
प्रश्न 2: 'एथनिक' से आप क्या समझते है ?
उत्तर: आधुनिक पॉंच सितारा होटलों में पुराने समय से बनते आ रहे स्थानीय व्यंजनों को एथनिक नाम से पुकारा जाता है।
प्रश्न 3: बंगाली मिठाइयों के बारे में बताइये।
उत्तर: बंगाली मिठाइयाँ रस से भरी मीठी मिठाइयाँ होती है जिनका प्रचलन अब न केवल बंगाल में है बल्कि पूरे भारत में हो गया है।
प्रश्न 4: भागमभाग की स्थिति से क्या चीज़े स्वाभाविक लगने लगी है ?
उत्तर: शहरों की तेज़ रफ़्तार वाली ज़िन्दगी में समय का अभाव होने की वजह से जल्दी और तुरंत तैयार होने वाले व्यंजनों का प्रचलन में आजाने से यह स्थिति स्वाभाविक ही प्रतीत होती है।
प्रश्न 5: उत्तर भारत में खानपान में उपयोग किये जाने वाले व्यंजनों के बारे में बताइये।
उत्तर: उत्तर भारत के लोगो को खाने में दाल-रोटी-साग अधिक पसंद है और यहाँ के ढाबे का प्रचलन अब पुरे भारत में फ़ैल चुका है।
प्रश्न 1: फ़ास्ट फ़ूड से आप क्या समझते है टिप्पणी करे।
उत्तर: फ़ास्ट फ़ूड एक प्रकार का व्यंजन ही होता है जो बहुत जल्दी तैयार हो जाता है। शहरों की दौड़ती भागती जिंदगी में इसका प्रचलन काफ़ी बढ़ गया है। आलू की चिप्स और चाइनीस नूडल्स फ़ास्ट फ़ूड में काफी प्रचलन में है और यह स्थानीय भोजन की जगह भी काफ़ी तेजी से लेते जा रहे है।
प्रश्न 2: खानपान की संस्कृति से राष्ट्रिय एकता का क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर: स्कूलों में लंच के समय जब बच्चे घर से लाये टिफ़िनो को साथ में खोलते है तो अलग अलग राज्यों के व्यंजनों की खुशबू आपस में मिलकर मिश्रित रूप से राष्ट्र की खुशबू देती है। लेखक ने इस खानपान की संस्कृति को ही राष्ट्रिय एकता का प्रतिक बताया है।
प्रश्न 3: नयी पीढ़ी के भोजन में क्या फर्क है ?
उत्तर: नयी पीढ़ी के व्यंजनों में काफ़ी बदलाव आया है इसका कारण खानपान की बदलती संस्कृति है जिससे नयी पीढ़ी काफ़ी प्रभावित हुई है जो कि स्थानीय व्यंजन के बारे कम और नए व्यंजन के बारे में अधिक जानकारी रखती है इससे स्थानीय व्यंजन की माँग में भी कमी आयी है।
प्रश्न 4: मंहगाई ने स्थानीय व्यंजनों को कैसे प्रभावित किया है ?
उत्तर: महंगाई का प्रभाव स्थानीय व्यंजनों पर भी पड़ा है स्थानीय व्यंजनों में कई व्यंजन ऐसे भी होते है जिनमें मेवा डलता है और लोग मंहगाई के कारण ऐसे व्यंजन को नहीं बना पाते है जिससे धीरे धीरे ये व्यंजन विलुप्त होते जा रहे है और इस तरह महंगाई ने स्थानीय व्यंजनों को प्रभावित किया है।
प्रश्न 5: गृहणियों और महिलाओ को खानपान में आये आधुनिकीकरण से क्या लाभ हुआ ?
उत्तर: खानपान में आये आधुनिकीकरण से गृहणियों और महिलाओं को काफ़ी राहत मिली है अब उन्हें घंटो रसोई घर में गर्मी के अधिक समय नहीं बिताना पड़ता है वह आजकल फ़ास्ट फ़ूड या जल्दी तैयार होने वाले व्यंजनों को पका कर आराम कर सकती है।
प्रश्न 1: खानपान के संदर्भ में मिश्रित संस्कृति का तात्पर्य स्पष्ट करे ?
उत्तर: मिश्रित संस्कृति बाहरी और स्थानीय व्यंजनों का मिश्रण है। मिश्रित संस्कृति में स्थानीय व्यंजनो और बाहर की पद्धति से पकाये जाने वाले व्यंजन के साथ जोड़ कर भोजन का एक नया प्रारूप तैयार किया जाता है जो कि नई पीढ़ी द्वारा काफ़ी अपनाया जा रहा है। इस संस्कृति में इस तरह का नया भोजन काफ़ी प्रचलन में है। पार्टियों में और प्रतिभोज में भी इसी तरह के भोजन की अधिक माँग हो रही है जो कि विपरीत स्वभाव के होते हुए भी ढेर सारे व्यंजनों को एक साथ एक ही थाली में परोसा जाता है।
प्रश्न 2: खानपान के संदर्भ में मिश्रित संस्कृति का तात्पर्य स्पष्ट करे ?
उत्तर: मिश्रित संस्कृति बाहरी और स्थानीय व्यंजनों का मिश्रण है। मिश्रित संस्कृति में स्थानीय व्यंजनो और बाहर की पद्धति से पकाये जाने वाले व्यंजन के साथ जोड़ कर भोजन का एक नया प्रारूप तैयार किया जाता है जो कि नई पीढ़ी द्वारा काफ़ी अपनाया जा रहा है। इस संस्कृति में इस तरह का नया भोजन काफ़ी प्रचलन में है। पार्टियों में और प्रतिभोज में भी इसी तरह के भोजन की अधिक माँग हो रही है जो कि विपरीत स्वभाव के होते हुए भी ढेर सारे व्यंजनों को एक साथ एक ही थाली में परोसा जाता है।
प्रश्न 3: विविध संस्कृतियों से पार्टियों में होने वाली गद्दमद्द क्या और क्यों है ?
उत्तर: खानपान की मिश्रित संस्कृति के कारण हम व्यंजन का वास्तविक स्वाद नहीं ले पाते है। अक्सर पार्टियों और प्रतिभोज में एकसाथ सभी व्यंजन रख दिए जाते है जिससे उनका स्वाद मिश्रित हो जाता है और कई बार लोग एक ही थाली में कई तरह के विपरीत प्रकृति वाले व्यंजन परोस लेते है। ऐसे मिश्रित विविध संस्कृति वाले व्यंजनों को समय समय पर जाँच करते रहना जरूरी हो जाता है।
प्रश्न 4: "आधुनिक भोजन से नई पीढ़ी बहुत प्रभावित है" टिप्पणी करे।
उत्तर: आधुनिक भोजन विविध और मिश्रित संस्कृति से ही बना है। आजकल जल्दी और घंटो तक पकाये जाने वाले भोजन मिश्रित श्रेणी में ही आते है। नई पीढ़ी जो शहर की दौड़ भाग वाली जिंदगी में इतने व्यस्त है और समय की कमी होने के कारण आधुनिक भोजन उनके लिए सटीक और ठीक बैठता है नई पीढ़ी का झुकाव स्थानीय व्यंजन की ओर कम और मिश्रित व्यंजन की ओर अधिक बढ़ रहा है।
प्रश्न 5: लेखक प्रयाग शुक्ल के जीवन पर प्रकाश डालि।
उत्तर: 28 मई 1940 , कोलकत्ता में लेखक प्रयाग शुक्ल का जन्म हुआ था। वह हिंदी के प्रसिद्ध लेखक थे। उन्होंने अनेक विधाओं से मातृभाषा हिंदी को सींचा। कविता, उपन्यास ,कहानी, निबंध, यात्रा वृतांत ,कला समीक्षा सहित बाल साहित्य में भी उनका एक बेहतरीन योगदान रहा है। वह नवभारत टाइम्स ,हिंदी फेमिना , पराग आदि में सम्पादक मंडल के सदस्य भी रहे।
17 videos|166 docs|30 tests
|
|
Explore Courses for Class 7 exam
|