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Important Questions: भोर और बरखा | Hindi (Vasant II) Class 7 PDF Download

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)


प्रश्न 1: "ग्वाल-बाल सब करत  ................ सबद उचारै"
निम्न पंक्ति को पूरा करो ।
उत्तर: 
ग्वाल-बाल सब करत  कुलाहल, जय-जय  सबद उचारै।।

प्रश्न 2: निम्न का विलोम शब्द लिखिए |
शीतल , भोर
उत्तर: 

  • शीतल - गरम
  • भोर - संध्या


प्रश्न 3: निम्न शब्दों का शब्दार्थ लिखिए |
मथत, सरण
उत्तर: 

  • मथत - अच्छी तरह से मिलाना
  • सरण - पास आना


प्रश्न 4: निम्न शब्दों का पर्यायवाची लिखिए।
शीतल, भनक
उत्तर: 

  • शीतल - शीत, ठंडा, सर्द
  • भनक - संकेत, सूत्र, सुराग


प्रश्न 5: इस कविता के रचयिता का नाम लिखो ?
उत्तर: 
इस कविता की रचयिता मीरा बाई है ।

लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)


प्रश्न 1: कविता का शीर्षक भोर और बरखा क्या प्रदर्शित करता है ?
उत्तर:
भोर प्रदर्शित करता है ब्रज प्रदेश की सुबह को और बरखा प्रदर्शित करता भवन में आने की प्रसन्नता को।

प्रश्न 2: कविता में कुल कितने पद है? पदों में क्या भिन्नता है?
उत्तर: 
कविता में कुल दो पद है। प्रथम पद भोर अर्थात सुबह का वर्णन है और दूसरा पद बरखा अर्थात वर्षा ऋतु का वर्णन है ।

प्रश्न 3: मीरा बाई के अनुसार यशोदा जी क्या करती हैं ?
उत्तर:
मीरा बाई कहती हैं कि माता यशोदा कान्हा को तरह - तरह के प्रलोभन देकर जगाने की कोशिश कर रही है।

प्रश्न 4: “जागो बंसीवारे ललना ! मोरे प्यार !" यशोदा माँ क्या- क्या कह कर और किसको जगा रही हैं ?
उत्तर:
यहाँ यशोदा माँ अपने पुत्र कान्हा को जगा रही है और उनको 'बंसीवारे ललाना', 'मोर प्यारे', 'लाल जी' जैसे प्यारे शब्दों से बुलाती हैं।

प्रश्न 5: "माखन-रोटी हाथ मँह लीनी
गउवन के रखवारे।'
निम्न पंक्ति का आशय लिखो।
उत्तर: 
इन पक्तियों के माध्यम से यशोदा जी कहती है कि ग्वाल बाल अपने हाथों में माखन-रोटी ले कर गाय चराने के लिए जाने की तैयारी में हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न (3 अंक)


प्रश्न 1: मीरा बाई ने कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन किस पद में किया है ? इससे सम्बंधित कुछ पक्तियों को लिखो ।
उत्तर: 
दुसरे पद में उन्होंने श्री कृष्ण के प्रति अपने प्यार का वर्णन भी किया है।
नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।

प्रश्न 2: कविता के अनुसार ब्रज कि सुबह का वर्णन करो ।
उत्तर:
कविता के अनुसार ब्रज में सुबह होते ही हर एक घर के द्वार खुल जाते हैं। ग्वालिन दही तथा मक्खन बनाना आरंभ कर देती है । उनके कंगन की ध्वनि हर घर में गूंजती रहती है । ग्वाल लड़के अपने हाथों में मक्खन और रोटी लेते हैं और गायों को चराने के लिए तैयार हो जाते हैं।

प्रश्न 3: मीरा बाई को सावन क्यों अच्छा लगा ?
उत्तर:
मीराबाई को सावन अच्छा इसलिए लगता है क्योंकि सावन से श्री कृष्ण के आने का अहसास होता है। इस मौसम में प्रकृति बेहद सुंदर हो जाती है और मीराबाई का मन खुशी व उमंग से भर जाता है ।

प्रश्न 4: पाठ के आधार पर सावन की विशेषता लिखो ।
उत्तर:
 
(क) सावन का दृश्य और अनुभव बहुत खूबसूरत होता है।
(ख) सावन में मन उमंग और खुशी से भर उठता है
(ग) सावन में मानव और पशु-पक्षी सभी प्रसन्न हो जाते हैं।

प्रश्न 5: जागो बंसीवारे ललना!
जागो मोरे प्यारे!
रजनी बीती, भोर भयो है , घर-घर खुले किंवारे।
 निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर: 
निम्न पक्ति में यशोदा जी कहती है कि उठ जाओ मेरे बंसीवारे ललना' उठ जाओ मेरे प्यारे रात समाप्त हो गयी है और सुबह हो चुकी है । सभी के घरों के द्वार भी खुल गये हैं ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( 5 अंक)


1: मीराबाई का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिए ।
प्रश्न उत्तर: 
मीराबाई का जन्म सन् 1498 में राजस्थान के मेड़ता में हुआ। इनकी मृत्यु के बारे में किसी को सही जानकारी प्राप्त  नहीं है। ऐसा माना जाता है कि ये अंतिम क्षणों में श्री कृष्ण भगवान की मूर्ति में ही समा गई थीं। मीरा बाई श्री कृष्ण की परम भक्त थी । ये शादी के कुछ वर्ष के बाद ही विधवा हो गईं और कृष्ण-भक्ति में लीन हो गईं। इनकी प्रमुख रचनाएं नरसी का मायरा, राग सोरठा के पद, राग गोविंद आदि हैं। मीरा के पद एक ग्रन्थ में भी संकलित हैं।

प्रश्न 2: "बरसे बदरिया सावन की।
सावन की, मन-भावन की।।"
सावन में उमग्यो मेरो मनवा , भनक सुनी हरि आवन की।
निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर:
निम्न पक्तियों में मीरा बाई सावन की खूबसूरती का चित्रण कर रही है | मीरा बाई को सावन का मौसम बहुत ही प्रिय है । सावन में उनका मन उमंग व खुशी से भर जाता है। मीरा बाई को सावन का मौसम हरी अर्थात कृष्ण के आने का संदेश लगता है ।

प्रश्न 3: उमड़-घुमड़ चहुँदिस से आया
दामिन दमकै झर लावन की।।
नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।।
निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर: 
इन पक्तियों में मीरा बाई कहती है कि उमड़-घुमड़ कर बादल आसमान में सभी दिशाओं में बिखर जाते हैं और आसमान में बिजली भी गरज रही है। आसमान से बारिश की छोटी छोटी बूंदें गिर रही हैं। ठंडी पवन चल रही हैं जो मीराबाई को ऐसा महसूस करवाती हैं कि मानो श्रीकृष्ण स्वयं चलकर उनके निकट चले आ रहे हैं।

प्रश्न 4: गोपी दही मथत, सुनियत हैं कंगना के झनकारे।।
उठो लालजी! भोर भयो है, सुर-नर ठाढ़े द्वारे।
ग्वाल-बाल सब करत कुलाहल
जय-जय सबद उचारै।।
निम्न पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर: 
निम्न पक्तियों में यशोदा जी कहती है कि उठो और देखो कान्हा सभी गोपियाँ माखन मथ रही है | उनके कंगना कि ध्वनि सुनो यह सब तुम्हारे लिए ही मक्खन बना रही है। हमारे द्वार पर देवता और सभी मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं।

प्रश्न 5: माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर , सरण आयाँ को तारै।। निम्न
पक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर
: यशोदा माता कान्हा जी से कहती हैं कि उठो कान्हा और देखो तुम्हारे सभी मित्र हाथ में माखन और रोटी लिए द्वार पर प्रतीक्षा कर रहे हैं और तुम्हारी जय-जयकार कर रहे हैं। वह सब गाय चराने जाने के लिए तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं। इसलिए उठ जाओ कान्हा ।

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FAQs on Important Questions: भोर और बरखा - Hindi (Vasant II) Class 7

1. भोर और बरखा कक्षा 7 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न हैं?
उत्तर: भोर और बरखा कक्षा 7 के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न हैं: 1. भोर और बरखा की कहानी में कौन-कौन से मुख्य पात्र हैं? 2. भोर और बरखा कहानी का क्या संदेश है? 3. भोर और बरखा में कैसे दिखाई गई हैं भोर और बरखा की मित्रता? 4. भोर और बरखा कहानी में कौन-कौन से सामाजिक संदेश समाविष्ट हैं? 5. भोर और बरखा की कहानी से हमें कौन-कौन सी सीख मिलती हैं?
2. भोर और बरखा कहानी में कौन-कौन से मुख्य पात्र हैं?
उत्तर: भोर और बरखा कहानी में निम्नलिखित मुख्य पात्र हैं: 1. भोर - एक छोटा और अकेला बादल जो बरखा के साथ दोस्ती करता है। 2. बरखा - एक बड़ा और ताकतवर बादल जो भोर के साथ दोस्ती करता है। 3. लोग - भोर और बरखा के बारे में ताकतवर बादलों के बीच में उनकी मित्रता को देखकर हैरान हो जाते हैं।
3. भोर और बरखा कहानी का क्या संदेश है?
उत्तर: भोर और बरखा कहानी का संदेश है कि दोस्ती और सहयोग की महत्ता बहुत अधिक होती है। यह कहानी हमें दिखाती है कि दो अलग-अलग ताकतवर बादल भोर और बरखा के मित्र बनने का निर्णय लेते हैं और उनका सहयोग करते हैं। इससे हमें यह समझ में आता है कि कोई भी ताकतवर या छोटा हो, जब हम सहयोग करते हैं तो हम सबको मदद मिलती है और हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
4. भोर और बरखा में कैसे दिखाई गईं हैं भोर और बरखा की मित्रता?
उत्तर: भोर और बरखा की मित्रता को भोर और बरखा कहानी में बहुत अच्छी तरह से दर्शाया गया है। इन दोनों बादलों के बीच में एक गहरी मित्रता होती है जहां वे एक-दूसरे के साथ खुशी, दुःख, और सभी परिस्थितियों में सहयोग करते हैं। भोर और बरखा एक-दूसरे की जरूरतों को समझते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं। इस प्रकार, यह कहानी हमें मित्रता के महत्व को समझाती है और हमें यह सिखाती है कि अगर हम एक-दूसरे की मदद करते हैं तो हमें वास्तविक खुशी मिलती है।
5. भोर और बरखा कहानी में कौन-कौन से सामाजिक संदेश समाविष्ट हैं?
उत्तर: भोर और बरखा कहानी में निम्नलिखित सामाजिक संदेश समाविष्ट हैं: 1. मित्रता का महत्त्व - कहानी हमें यह सिखाती है कि मित्रता का बहुत महत्त्व होता है और हमें अपने मित्रों की मदद करनी चाहिए। 2. सहयोग की महत्त्व - भोर और बरखा की मित्रता दिखाती है कि सहयोग करने से हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। 3. दूसरों की जरूरतों को समझना - भोर और बरखा एक-दूसरे की जरूरतों को समझते हैं और एक-दूसरे की मदद क
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