प्रश्न 1. अयोध्या सिंह उपाध्याय. 'हरिऔध' का जीवन परिचय दीजिये
उत्तर: महान हिंदी लेखक और कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध' का जन्म 15 अप्रैल 1865 को उत्तर प्रदेश राज्य के आज़मगढ़ जिले में निज़ामाबाद नामक स्थान पर हुआ था। माना जाता है, कि सन् 1947 में निज़ामाबाद में ही इन्होंने अपनी अंतिम साँसें लीं। उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था । लेकिन बाद मैं उन्होंने सिख धर्म अपना लिया और खुद का नाम भोला सिंह रख लिया। इनकी प्रमुख रचनाओं में प्रिय प्रवास , कवि सम्राट, वैदेही वनवास, बाल विभव, फूल पत्ते आदि शामिल हैं।
प्रश्न 2. “मैं घमण्डों में भरा ऐँठा हुआ ।
एक दिन जब था मुण्डेरे पर खड़ा |
आ अचानक दूर से उड़ता हुआ ।
एक तिनका आँख में मेरी पड़ा “।॥॥
उत्तर: एक तिनका कविता' की इन पंक्तियों में कवि हरिऔध जी कहते है, कि मैं घमंड से भरा हुआ मुंडेर पर खड़ा था । अचानक कहीं से उड़ती हुए एक तिनका उनकी आँखों में गिरता है और कवि तिलमिला उठते है।
प्रश्न 3.”जब किसी ढब से निकल तिनका गया |
तब 'समझ' ने यों मुझे ताने दिए ।
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा ।
एक तिनका है बहुत तेरे लिए” ॥3॥
उत्तर: कवि हरिऔध जी ने तिनका निकलने के बाद अपनी स्थिति का वर्णन किया है। वह इन पंक्तियों में कहते है, कि जैसे ही उसकी आँखों से एक धब्बा निकला। इसके बाद उनके दिमाग में एक विचार आया ,कि उन्हें घमंड नहीं करना चाहिए क्यों कि उनका अभिमान एक छोटे से तिनके से टूट गया था।
प्रश्न 4. कवि को सरल जीवन जीने का महत्व कैसे समझ आ जाता है?
उत्तर: कवि हरिऔध जी घमंड के भरे एक मुंडेर पर खड़े थे, तभी एक तिनका उनके आँख में पड़ जाता है, और वह तिलमिला उठते है । तिनका निकलने के बाद उनका घमंड भी निकल जाता है, और उनको सरल जीवन का महत्व भी समझ आ जाता है|
प्रश्न 5 “. मैं झिजक उठा, हुआ बेचैन-सा ।
लाल होकर आँख भी दुखने लगी ।
मूँठ देने लोग कपड़े की लगे |
ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी” ||
उत्तर: इन पंक्तियों में कवि अपनी आंखों में तिनका गिरने के बाद अपनी स्थिति का वर्णन करते है, और कहते है, कि आंख में तिनके के कारण वह बहुत घबरा गये उनकी आंख लाल हो गई और दर्द होने लगा। लोग कपड़े का उपयोग करके उनके आँख से तिनका निकला | इस दौरान उनका दुःख और अभिमान भाग गया|
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